दाग धब्बों की समस्या किशोर उम्र की सबसे आम परेशानी है। इनसे छुटकारा पाने के कुछ आसान हर्बल उपचार हैं : लेकिन सर्वोत्तम तरीका यूनानी चिकित्सा पद्धति के अनुसार सुझाया गया हर्बल उपचार ही है।
आप अपनी त्वचा को कैसे कील-मुँहासों और दाग-धब्बों से दूर रख सकते हैं, इसके आसान से उपाय यहाँ बताए जा रहे हैं। 25 मिली ग्लिसरीन और 25 मिली शुद्ध गुलाब जल में 5 ग्राम सल्फर पावडर मिलाए। इस लेप को रात में चेहरे के दाग-धब्बे, मुँहासे पर लगाकर छोड़ दें। सबेरे पानी से चेहरा धोएँ। इस लेप से एक हफ्ते में आप एक्ने की प्रॉब्लम से निजात पा सकते हैं। बेहतरीन रिजल्ट पाने के लिए सप्ताह में 3 बार इसे लगाएँ।
संतरे के 20 ग्राम सूखे छिल्के, 5 ग्राम सूखे नीम के पत्ते लें और इन्हें पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में 5 ग्राम चूर्ण, चंदन चूर्ण और आटा मिलाएँ। इस मिश्रण में 5 मिली बादाम तेल और इतनी ही मात्रा में तिल का तेल मिलाएँ। अब इस उबटन को रातभर चेहरे पर लगाए रखें और सबेरे पानी से धो दें। इस उबटन को हफ्ते में 3-4 बार लगाएँ।
गुलाब पत्तियों, सेना, नीम, तुलसी और कासनी की 3 ग्राम (प्रत्येक) पत्तियों को उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें चीनी मिलाएँ। इस मिश्रण को छानकर इसमें चीनी मिलाएँ। इस मिश्रण को हर रात सोने से पहले पिएँ और आपको 15 दिनों में ही फर्क दिखाई देने लगेगा।
सोमवार, 21 मार्च 2011
असरकारी उपाय, अवश्य आजमाएँ
* यदि जामुन ज्यादा खा लिया हो व इससे जी मिचला रहा हो तो आम की एक फाँक खा लेने से तत्काल राहत महसूस होने लगती है।
* मूली ज्यादा खा ली हो तो चौथाई चम्मच अजवायन फाँक लें या मूली का ऊपरी मुलायम पत्ता खा लेने से गैस या अपच नहीं होती।
* मूली के तीन-चार पत्ते से खाने से हिचकी दूर होती है।
* केले ज्यादा खा लिए हों तो एक इलायची चबा लें, केला हजम हो जाएगा।
* बदन में थकावट का दर्द होने पर सरसों के तेल में नमक मिलाकर गुनगुना कर लें व पूरे बदन पर मालिश करके गर्म पानी से नहा लें। इससे राहत मिलेगी।
* जी मिचला रहा हो और उल्टी हो रही हो तो 4-5 लौंग, एक चम्मच चीनी में बारीक पीसकर चुटकी-चुटकी भर जीभ पर रखकर चाटने से आराम मिलता है।
* मूँग की दाल रात को भिगोकर सुबह उसमें 2 लौंग डालकर बनाया जाए तो ज्यादा पाचक होती है व गैस भी नहीं बनती।
* मेथी को अजवायन के संग बराबर मात्रा में लेकर पीस लें व खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ फाँक लें। गैस-अपच नहीं होगी और कब्ज भी नहीं रहेगा।
* साबुत काली मिर्च व मिश्री चबाने से गले की खराश तत्काल दूर हो जाती है।
* खुश्की के कारण फट रहे पाँव व फटी बिवाइयों में सरसों का तेल व मोम पिघलाकर सूखी मेहँदी बुरक दें व गुनगुना ही बिवाइयों में भरें, दो-तीन बार के प्रयोग में ही लाभ होगा।
* मूली ज्यादा खा ली हो तो चौथाई चम्मच अजवायन फाँक लें या मूली का ऊपरी मुलायम पत्ता खा लेने से गैस या अपच नहीं होती।
* मूली के तीन-चार पत्ते से खाने से हिचकी दूर होती है।
* केले ज्यादा खा लिए हों तो एक इलायची चबा लें, केला हजम हो जाएगा।
* बदन में थकावट का दर्द होने पर सरसों के तेल में नमक मिलाकर गुनगुना कर लें व पूरे बदन पर मालिश करके गर्म पानी से नहा लें। इससे राहत मिलेगी।
* जी मिचला रहा हो और उल्टी हो रही हो तो 4-5 लौंग, एक चम्मच चीनी में बारीक पीसकर चुटकी-चुटकी भर जीभ पर रखकर चाटने से आराम मिलता है।
* मूँग की दाल रात को भिगोकर सुबह उसमें 2 लौंग डालकर बनाया जाए तो ज्यादा पाचक होती है व गैस भी नहीं बनती।
* मेथी को अजवायन के संग बराबर मात्रा में लेकर पीस लें व खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ फाँक लें। गैस-अपच नहीं होगी और कब्ज भी नहीं रहेगा।
* साबुत काली मिर्च व मिश्री चबाने से गले की खराश तत्काल दूर हो जाती है।
* खुश्की के कारण फट रहे पाँव व फटी बिवाइयों में सरसों का तेल व मोम पिघलाकर सूखी मेहँदी बुरक दें व गुनगुना ही बिवाइयों में भरें, दो-तीन बार के प्रयोग में ही लाभ होगा।
डायबिटीज के लिए घरेलू नुस्खे
आँवला ज्यूस 10 मिली. की मात्रा में दो ग्राम हल्दी पावडर मिला कर दिन में दो बार लें। यह रक्त में शकर की मात्रा को नियंत्रित करता है।
औसत आकार का एक टमाटर, एक खीरा और एक करेला, इन तीनों का ज्यूस निकाल कर रोज खाली पेट सेवन करें।
सौंफ के सेवन से भी डायबिटीज पर नियंत्रण संभव है।
काले जामुन डायबिटीज के मरीजों के लिए अचूक औषधि मानी जाती है।
शतावर रस और दूध समान मात्रा में लेने से डायबिटीज में लाभ होता है।
नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस और चार चम्मच केले के पत्ते का रस लेना चाहिए। चार चम्मच आँवले का रस, गुडमार की पत्ती का काढ़ा भी मधुमेह नियंत्रण के लिए रामबाण है।
गेहूँ के पौधों में रोगनाशक गुण होते हैं। गेहूँ के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी जड़ से मिटा डालता है। इसका रस मनुष्य के रक्त से चालीस फीसदी मेल खाता है। इसे ग्रीन ब्लड भी कहते हैं। रोगी को प्रतिदिन सुबह और शाम में आधा कप जवारे का ताजा रस दिया जाना चाहिए।
औसत आकार का एक टमाटर, एक खीरा और एक करेला, इन तीनों का ज्यूस निकाल कर रोज खाली पेट सेवन करें।
सौंफ के सेवन से भी डायबिटीज पर नियंत्रण संभव है।
काले जामुन डायबिटीज के मरीजों के लिए अचूक औषधि मानी जाती है।
नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस और चार चम्मच केले के पत्ते का रस लेना चाहिए। चार चम्मच आँवले का रस, गुडमार की पत्ती का काढ़ा भी मधुमेह नियंत्रण के लिए रामबाण है।
गेहूँ के पौधों में रोगनाशक गुण होते हैं। गेहूँ के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी जड़ से मिटा डालता है। इसका रस मनुष्य के रक्त से चालीस फीसदी मेल खाता है। इसे ग्रीन ब्लड भी कहते हैं। रोगी को प्रतिदिन सुबह और शाम में आधा कप जवारे का ताजा रस दिया जाना चाहिए।
लहराती जुल्फों के घरेलू शैंपू
1. बेसन का बना शैम्पू : बेसन को पानी में घोलकर इस घोल को सिर के बालों में लगाएँ। एक घन्टे बाद पानी से बालों को धो डालें। एक हफ्ते में दो बार इस क्रिया को करने से बाल घने, काले और मुलायम तो होते ही हैं साथ ही बालों की गंदगी दूर होती है जिससे बाल मुलायम और चमकदार बनते हैं। इस क्रिया से सिर की खाज और फुन्सियाँ भी ठीक होती हैं।
2. मुल्तानी मिट्टी का बना शैम्पू : 100 ग्राम मुल्तानी मिट्टी को एक कटोरे पानी में भिगो दें। दो घन्टे बाद जब मुल्तानी मिट्टी पूरी तरह घुल जाए तो इस घोल को सूखे बालों में लगा कर हल्के हाथ से बालों को रगड़े। पाँच मिनट तक ऐसा ही करें। अगर सर्दियाँ हैं तो गुनगुने पानी में और अगर गर्मियाँ हैं तो ठन्डे पानी से सिर को धो लें। अगर बालों मे ज्यादा गंदगी मौजूद है, तो इस क्रिया को दोबारा फिर करें।
हफ्ते में दो बार इस क्रिया को करने से बालों में बहुत ज्यादा निखार आ जाता है। बाल लम्बे, रेशमी और मुलायम हो जाते हैं। इस क्रिया को करने के बाद सिर में हल्केपन के साथ शीतलता का अहसास होता है। ऐसी शीतलता किसी भी शैम्पू में नहीं मिल सकती है।
2. मुल्तानी मिट्टी का बना शैम्पू : 100 ग्राम मुल्तानी मिट्टी को एक कटोरे पानी में भिगो दें। दो घन्टे बाद जब मुल्तानी मिट्टी पूरी तरह घुल जाए तो इस घोल को सूखे बालों में लगा कर हल्के हाथ से बालों को रगड़े। पाँच मिनट तक ऐसा ही करें। अगर सर्दियाँ हैं तो गुनगुने पानी में और अगर गर्मियाँ हैं तो ठन्डे पानी से सिर को धो लें। अगर बालों मे ज्यादा गंदगी मौजूद है, तो इस क्रिया को दोबारा फिर करें।
हफ्ते में दो बार इस क्रिया को करने से बालों में बहुत ज्यादा निखार आ जाता है। बाल लम्बे, रेशमी और मुलायम हो जाते हैं। इस क्रिया को करने के बाद सिर में हल्केपन के साथ शीतलता का अहसास होता है। ऐसी शीतलता किसी भी शैम्पू में नहीं मिल सकती है।
जायफल : सुगंधित औषधि
उपयोग : शोथ हर, वेदना नाशक, वातशामक और कृमिनाशक होने से स्नायविक संस्थान के लिए उपयोगी होता है तथा रोचक, दीपक, पाचक, यकृत को सक्रिय करने वाला और ग्राही होने से पाचन संस्थान के लिए उपयोगी होता है। अनिद्रा, शूल, अग्निमांद्य, कास (खाँसी), श्वास, हिचकी, शीघ्रपतन और नपुंसकता आदि व्याधियाँ दूर करने में उपयोगी होता है। इसके चूर्ण और तेल को उपयोग में लिया जाता है।
त्वचा की झाइयाँ : पत्थर पर पानी के साथ जायफल को घिसें और लेप तैयार कर लें। इस लेप को नेत्रों की पलकों पर और नेत्रों के चारों तरफ लगाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है, चेहरे की त्वचा की झाइयाँ और धब्बे आदि दूर होते हैं। लगातार कुछ दिनों तक लेप लगाना चाहिए।
दूध पाचन : शिशु का दूध छुड़ाकर ऊपर का दूध पिलाने पर यदि दूध पचता न हो तो दूध में आधा पानी मिलाकर, इसमें एक जायफल डालकर उबालें। इस दूध को थोडा ठण्डा करके कुनकुना गर्म, चम्मच कटोरी से शिशु को पिलाएँ, यह दूध शिशु को हजम हो जाएगा।
जोड़ों का दर्द : शरीर के जोड़ों में दर्द होना गठिया यानी सन्धिवात रोग का लक्षण होता है। गठिया के अलावा चोट, मोच और पुरानी सूजन के लिए जायफल और सरसों के तेल के मिलाकर मालिश करने से आराम होता है। इसकी मालिश से शरीर में गर्मी आती है, चुस्ती फुर्ती आती है और पसीने के रूप में विकार निकल जाता है।
उदर शूल : पेट में दर्द हो, आद्यमान हो तो जायफल के तेल की 2-3 बूँद शकर में या बताशे में टपकाकर खाने से फौरन आराम होता है। इसी तरह दाँत में दर्द होने पर जायफल के तेल में रूई का फाहा डुबोकर इसे दाँत-दाढ़ के कोचर में रखने से कीड़े मर जाते हैं और दर्द दूर हो जाता है। इस तेल में वेदना स्थापना करने का गुण होता है, इसलिए यह तेल उस अंग को थोड़े समय के लिए संज्ञाशून्य कर देता है और दर्द का अनुभव होना बन्द हो जाता है।
त्वचा की झाइयाँ : पत्थर पर पानी के साथ जायफल को घिसें और लेप तैयार कर लें। इस लेप को नेत्रों की पलकों पर और नेत्रों के चारों तरफ लगाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है, चेहरे की त्वचा की झाइयाँ और धब्बे आदि दूर होते हैं। लगातार कुछ दिनों तक लेप लगाना चाहिए।
दूध पाचन : शिशु का दूध छुड़ाकर ऊपर का दूध पिलाने पर यदि दूध पचता न हो तो दूध में आधा पानी मिलाकर, इसमें एक जायफल डालकर उबालें। इस दूध को थोडा ठण्डा करके कुनकुना गर्म, चम्मच कटोरी से शिशु को पिलाएँ, यह दूध शिशु को हजम हो जाएगा।
जोड़ों का दर्द : शरीर के जोड़ों में दर्द होना गठिया यानी सन्धिवात रोग का लक्षण होता है। गठिया के अलावा चोट, मोच और पुरानी सूजन के लिए जायफल और सरसों के तेल के मिलाकर मालिश करने से आराम होता है। इसकी मालिश से शरीर में गर्मी आती है, चुस्ती फुर्ती आती है और पसीने के रूप में विकार निकल जाता है।
उदर शूल : पेट में दर्द हो, आद्यमान हो तो जायफल के तेल की 2-3 बूँद शकर में या बताशे में टपकाकर खाने से फौरन आराम होता है। इसी तरह दाँत में दर्द होने पर जायफल के तेल में रूई का फाहा डुबोकर इसे दाँत-दाढ़ के कोचर में रखने से कीड़े मर जाते हैं और दर्द दूर हो जाता है। इस तेल में वेदना स्थापना करने का गुण होता है, इसलिए यह तेल उस अंग को थोड़े समय के लिए संज्ञाशून्य कर देता है और दर्द का अनुभव होना बन्द हो जाता है।
हल्दी के अनोखे नुस्खे
पेट में कीड़े होने पर 1 चम्मच हल्दी पाउडर रोज सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक ताजा पानी के साथ लेने से कीड़े खत्म हो सकते हैं। चाहें तो इस मिश्रण में थोड़ा नमक भी मिला सकते हैं। इससे भी फायदा होगा।
चेहरे के दाग-धब्बे और झाइयाँ हटाने के लिए हल्दी और काले तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएँ। हल्दी-दूध का पेस्ट लगाने से त्वचा का रंग निखरता है और आपका चेहरा खिला-खिला लगता है।
खाँसी होने पर हल्दी की छोटी गाँठ मुँह में रख कर चूसें। इससे खाँसी नहीं उठती।
त्वचा से अनचाहे बाल हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएँ। इसे त्वचा मुलायम रहती है और शरीर के अनचाहे बाल भी धीरे-धीरे हट जाते हैं।
सनबर्न की वजह से त्वचा झुलसने या काली पड़ने पर हल्दी पाउडर, बादाम चूर्ण और दही मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएँ। इससे त्वचा का रंग निखर जाता है और सनबर्न की वजह से काली पड़ी त्वचा भी ठीक हो जाती है। यह एक तरह से सनस्क्रीन लोशन की तरह काम करता है।
मुँह में छाले होने पर गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर कुल्ला करें या हलका गर्म हल्दी पाउडर छालों पर लगाएँ। इससे मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।
चेहरे के दाग-धब्बे और झाइयाँ हटाने के लिए हल्दी और काले तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएँ। हल्दी-दूध का पेस्ट लगाने से त्वचा का रंग निखरता है और आपका चेहरा खिला-खिला लगता है।
खाँसी होने पर हल्दी की छोटी गाँठ मुँह में रख कर चूसें। इससे खाँसी नहीं उठती।
त्वचा से अनचाहे बाल हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएँ। इसे त्वचा मुलायम रहती है और शरीर के अनचाहे बाल भी धीरे-धीरे हट जाते हैं।
सनबर्न की वजह से त्वचा झुलसने या काली पड़ने पर हल्दी पाउडर, बादाम चूर्ण और दही मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएँ। इससे त्वचा का रंग निखर जाता है और सनबर्न की वजह से काली पड़ी त्वचा भी ठीक हो जाती है। यह एक तरह से सनस्क्रीन लोशन की तरह काम करता है।
मुँह में छाले होने पर गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर कुल्ला करें या हलका गर्म हल्दी पाउडर छालों पर लगाएँ। इससे मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।
शहद के मधुर नुस्खे
शहद जल्दी पचकर खून में मिल जाता है। इसे हम दूध, दही, चाय, मलाई, पानी, सब्जी, फलों के रस आदि में मिलाकर ले सकते हैं। यही नहीं सर्दी में गर्म पेय के साथ व गर्मी में ठंडे पेय के साथ भी इसका सेवन कर सकते हैं। शहद को गर्म कभी नहीं करना चाहिए।
कब्ज : सुबह-शाम दो चम्मच शहद पानी में पीने से लाभ होता है।
कमजोरी : शहद में विटामिन 'ए'और 'बी' के होने से यह आँखों की ज्योति बढ़ाता है व भूख बढ़ाकर कमजोरी दूर करता है।
स्फूर्ति : प्रातः नींबू व शहद गर्म पानी में लेने से स्फूर्ति आती है।
गर्भावस्था : गर्भवती महिला द्वारा दो चम्मच शहद रोजाना लेने से उसे रक्त की कमी नहीं होती।
दाँत आना : बच्चों को मसूडों पर शहद लगाने से दाँत आसानी से आते हैं।
मोटापा : सुबह गुनगुने पानी में शहद मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है और मोटापा बढ़ाने के लिए इसे दूध में मिलाकर पिएँ।
नींद : शहद को नींबू के रस में लेने से नींद अच्छी आती है।
गला बैठना : गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर गरारे करने से आवाज खुल जाती है।
त्वचा : तिल्ली का तेल, बेसन, शहद व नींबू मिलाकर उबटन करने से त्वचा निखर जाती है।
उल्टी और हिचकी : दो चम्मच प्याज के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर खाने से उल्टी और हिचकी में आराम मिलता है।
पोषण : शहद स्वास्थ्यवर्धक होता है क्योंकि इसमें लोहा, ताँबा, सोडियम, कैल्शियम, आयोडीन आदि तत्व होते हैं।
कब्ज : सुबह-शाम दो चम्मच शहद पानी में पीने से लाभ होता है।
कमजोरी : शहद में विटामिन 'ए'और 'बी' के होने से यह आँखों की ज्योति बढ़ाता है व भूख बढ़ाकर कमजोरी दूर करता है।
स्फूर्ति : प्रातः नींबू व शहद गर्म पानी में लेने से स्फूर्ति आती है।
गर्भावस्था : गर्भवती महिला द्वारा दो चम्मच शहद रोजाना लेने से उसे रक्त की कमी नहीं होती।
दाँत आना : बच्चों को मसूडों पर शहद लगाने से दाँत आसानी से आते हैं।
मोटापा : सुबह गुनगुने पानी में शहद मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है और मोटापा बढ़ाने के लिए इसे दूध में मिलाकर पिएँ।
नींद : शहद को नींबू के रस में लेने से नींद अच्छी आती है।
गला बैठना : गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर गरारे करने से आवाज खुल जाती है।
त्वचा : तिल्ली का तेल, बेसन, शहद व नींबू मिलाकर उबटन करने से त्वचा निखर जाती है।
उल्टी और हिचकी : दो चम्मच प्याज के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर खाने से उल्टी और हिचकी में आराम मिलता है।
पोषण : शहद स्वास्थ्यवर्धक होता है क्योंकि इसमें लोहा, ताँबा, सोडियम, कैल्शियम, आयोडीन आदि तत्व होते हैं।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ (Atom)
Featured post
इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं
महिलाएँ ...इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं। तो ये है इस फ़ार्मूले का राज... 👇 जन्म वर्ष के केवल आख़री दो अंकों क...
-
*त्वचा का रंग निखारने मे सबसे महत्वपूर्ण काम केसर का होता है*किसी भी पैक या उबटन मे केसर चुटकी भर डालें त्वचा मे निखार आयेगा . *प्रति दिन कि...
-
धनिये की हरी-हरी पत्तियों की सुगंध किसी भी व्यंजन की सुंगध और उसके स्वाद को कई गुना बढ़ा देती है। सब्जियों में हरे धनिये के साथ ही सुखे धनिय...
-
महिलाएँ ...इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं। तो ये है इस फ़ार्मूले का राज... 👇 जन्म वर्ष के केवल आख़री दो अंकों क...