बुधवार, 13 जुलाई 2011

ये है चारोली का कमाल... दादी मां के 3 शानदार नुस्खे!!

सबकुछ नया और फटाफट की चाहत में हम कई बार खर्चे के साथ-साथ मुसीबत भी मोल ले लेते हैं। चेहरे की खूबसूरती के लिये आधुनिक कोस्मेटिक्स का प्रयोग करना खुद समस्याओं को न्योता देने के समान जोखिम भरा होता है। 

इसीलिये अनुभवियों और जानकारों की सीख होती है कि किसी को सिर्फ इसलिये गले मत लगाओ कि वह नया है, और पुराना सोचकर ही किसी को ठुकरा देना भी जायज नहीं है। 

हमारे यहां घर-परिवारों में परंपरागत रूप से कई कार्य होते रहें हैं जिनमें से कुछ वाकई आज भी बेहद कारगर और कीमती होते हैं। यहां हम दादी-नानी के कुछ ऐसे ही बहुत काम के नुस्खों को बता रहें हैं, जो प्रयोग करने पर आपको भी यकीनन पसंद आएंगे... 

चेहरे पर लेप:

चारोली को गुलाब जल के साथ सिलबट्टे पर या मिक्सर में बारीक पीस कर लेप तैयार कर चेहरे पर लगाएं। लेप जब सूखने लगे तब उसे अच्छी तरह मसलें और बाद में चेहरा धो लें। इससे आपका चेहरा चिकना, सुंदर और चमकदार हो जाएगा। इसे एक सप्ताह तक हर रोज प्रयोग में लाए। बाद में सप्ताह में दो बार लगाते रहें। इससे आपका चेहरा लगेगा हमेशा चमकदार व खिला-खिला और हरदम ताजातरीन भी।

मुहांसों से मुक्ति:

नारंगी और चारोली के छिलकों को दूध के साथ पीस कर इसका लेप तैयार कर लें और चेहरे पर लगाए। इसे अच्छी तरह सूखने दें और फिर खूब मसल कर चेहरे को धो लें। इससे चेहरे के मुहंासे गायब हो जाएंगे। अगर एक हफ्ते तक प्रयोग के बाद भी असर न दिखाई दे तो लाभ होने तक इसका प्रयोग जारी रखें। 

खुजली का खात्मा:

अगर आप गीली खुजली की बीमारी से पीडि़त हैं तो 10 ग्राम सुहागा पिसा हुआ, 100 ग्राम चारोली, 10 ग्राम गुलाब जल इन तीनों को साथ में पीसकर इसका पतला लेप तैयार करें और खुजली वाले सभी स्थानों पर लगाते रहें। ऐसा करीबन 4-5 दिन करें। इससे खुजली में काफी आराम मिलेगा व आप ठीक हो जाएंगे।

मंगलवार, 12 जुलाई 2011

ऐसे बचें जवानी में गंजेपन से...

प्रदूषित हवा, पानी और भोजन के  साथ जीना आधुनिक मानव की नियति है जिसे वह चाहकर भी बदल नहीं सकता। इस प्रदूषित वातावरण ने कई शरीर को कई बीमारिया उपाहार में दी हैं। ऐसा ही एक रोग है बालों झडऩा या असमय सफेद होना।

बालों को झडऩे से बचाने के लिये व्यक्ति तरह-तरह क तैलों का इस्तेमाल करता है। तैल से सिर की त्वचा तैलीय हो जाती है। तैलीय त्वचा न सिर्फ चेहरे की खूबसूरती को प्रभावित करते हैं बल्कि बाल भी ज्यादा टूटते हैं। बालों को स्वस्थ बनाना है तो बार-बार तेल बदलने की बजाय नीचे दिये कुछ आसान उपायों को अपनाकर टेंशन फ्री हो जाएं...

आयुर्वेदिक उपचार:

1. कम से कम सप्ताह में एक दिन आंवला, रीठा और शंखपुष्पी से बना हुआ असली और शुद्ध चूर्ण थोड़े से पानी में मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं। इस आयुर्वेदिक ट्रिटमेंट से आपके बाल प्राकृतिक रूप से स्वस्थ एवं मजबूत बनेंगे।

2. शैम्पू करने से पहले बालों को हल्का गर्म ऑलीव ऑयल या कोकोनट ऑयल से मसाज करें।

3. बालों को प्रतिदिन गुनगुना पानी से धोएं।

4. बालों को धोने के लिए हल्के शैम्पू का इस्तेमाल करें।

5. यदि आपके बाल तैलीय हैं तो कंडीशनर का इस्तेमाल न करें।

6. बहुत कम अंतराल पर बालों में कंघी न करें इससे बाल ज्यादा तैलीय हो जाते हैं।

योगिक उपचार:

1. सूर्योदय के समय शुद्ध ताजी हवा में आसन बिछाकर प्राणायाम और शीर्षाशन व सर्वांगासन का नियमित अभ्यास करें।

2. बालों का सीधा संबंध पेट से होता है। यदि पाचन तंत्र और हाजमा ठीक नहीं है तो बालों की जड़ें कमजोर होंगी और वे टूटने झडऩे लगेंगे। इसलिये अपने खान-पान और हाजमे को हमेशा ठीक रखें।

3.यदि संभव हो तो चाय, कॉफी, पान-तंबाकू, मिर्च-मसाले आदि नशीले पदार्थों से दूर ही रहें।

 

सोमवार, 11 जुलाई 2011

आंखों के सामने अचानक अंधेरा हो जाए तो समझें...

आंखों के आगे अंधेरा होना, चक्कर आना, बाहरी दृश्य हिलते हुए, घूमते हुए या उल्टे सीधे नजर आना.....इसी तरह की जाने कितनी ही समस्याएं हैं जिनका सीधा संबंध हमारी आंखों से होता है। एकाएक खड़े होने, झुकने  या तेजी से घूम जाने पर अचानक आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है। प्रकाश होते हुए भी अंधेरा लगना या चक्कर आने के कई शारीरिक और मानसिक कारण होते हैं।

शरीर का किसी बिमारी से ग्रसित होना, कमजोरी और थकावट होना, क्षमता से अधिक शरीर से काम लेना,

नींद का पूरा न होना, आंखों के लिये आवश्यक प्राटीन्स औ विटामिन्स की कमी हो जाना आदि प्रमुख कारण हैं जिनके कारण यह समस्या पैदा होती है। नीचे दिये जा रहे कुछ कारगर उपायों को करने से इस रोग में तत्काल लाभ होता है-

-हरी पत्तेदार शब्जियों और सलाद का सेवन करें।

-प्रतिदिन 1 गिलास दूध में एक चम्मच घी डाल कर पीएं।

-रात को पानी में गलाकर रखी हुई दो बदाम सुबह खूब चबा-चबाकर खाएं।

-अंकुरित अन्न का प्रतिदिन नाश्ता करें।

-जितना संभव हो जल्दी सोएं और जल्दी उठें।

इन आसान घरेलु उपायों को तो अपनाना ही चाहिये पर साथ ही तुरंत ही चिकित्सक की सहाल भी अवश्य लेना चाहिये।

रविवार, 10 जुलाई 2011

पानी पीने से पहले इन बातों का रखें हमेशा ध्यान

सिर्फ तीन बातों का ही यदि कोई पूरी तरह से ध्यान रख ले, तो उसके बीमार होने की संभावना 90 फीसदी तक कम हो जाती है। वो तीन चीजें हैं- हवा, पानी और भोजन। यदि इन तीनों को हम सही समय पर, सही तरीके से तथा शुद्ध रूप में ग्रहण करने लगें तो निश्चित रुप से हमारा स्वास्थ हमेशा दुरुस्त बना रहेगा।चलिये पहली कड़ी में आज हम पानी पीने के उचित समय, तरीके और शुद्धता पर ध्यान दें-

- सुबह उठकर खाली पेट अपनी क्षमता अनुसार 1-2 गिलास पानी पीना स्वास्थ्य के लिये बेहद फायदेमंद रहता है।



- कभी खड़े होकर न पीएं।



- बाहर का पानी पीने से यथा संभव बचें।



- जल से जहां हमारे शरीर के दूषित पदार्थ बाहर निकल जाते हैं वहीं यह हमारे चेहरे की कांति बनाए रखता है।



- अशुद्ध पानी से लीवर और गुर्दों का रोग हो जाता है इन दोनों में इंफेक्शन हुआ तो इसका असर दिल पर भी पड़ता है। 



- लगभग 70 प्रतिशत रोग जल की अशुद्धता से ही होते हैं। तो जल को जीवन में महत्व दें। 



- पानी  पीते वक्त सावधानी रखेंगे तो भोजन और प्राण में इसका भरपूर लाभ मिलेगा। 



- भोजन से पहले और तत्काल बाद में 1-2 घूंट से अधिक पानी न पीएं, क्योंकि ऐसा करने से भोजन के पचने में कठिनाई पैदा होती है।



- ध्यान रखें कि आपका आधा पेट भोजन से एक चोथाई भाग पानी से और शेष 25 फीसदी भाग हवा के लिये छोडऩा 

शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

बेजान बालों को निखारे बियर से...

हमारे शारीरिक सौन्दर्य में बालों की बेहद अहम् भूमिका होती है। और यह बात सभी जानते हैं कि सौन्दर्य और आत्मविश्वास का गहरा संबंध होता है। खूबसूरत और अच्छी पर्सनालिटी वाले स्त्री/ पुरुष में ओरों से अधिक कान्फीडेंस देखा जाता है। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे आसान और घरेलू उपायों के बारे में जो आपके बालों की खूबसूरती बढ़ाकर आपके व्यक्तित्व को और भी अधिक प्रभावशाली बना सकते हैं-
शानदार प्रयोग:
एक कप बियर को किसी बर्तन में गरम करें, तब तक गरम करें, जब तक आधा कप न रह जाए। गर्म करने से बियर में से अल्कोहल भाप बनकर उडऩा जरूरी है। अब इसे ठंडा होने दें, फि र उसमें एक कप अपना पसंदीदा शैम्पू मिला लें, याद
रखें शैम्पू जो भी वापरें, एक ही ब्रांड का वापरें। इस घोल को किसी शीशी में भरकर रख लें। जब भी बाल धोना हों इससे
बाल धोए, इससे बेजान बालों में भी निखार आ जाएगा। बाल चमकदार व खूबसूरत होंगे।
एक अन्य कारगर प्रयोग:
नारियल के तेल में नीम, तुलसी, शिकाकाई, मेथी, आंवले की पत्तियां डालकर उबाल लें व छानकार शीशी में भर लें। इस
तेल से पूरे सिर की मालिश करें व चमत्कार देखें।
दो महत्वपूर्ण बातें:
1. ज्यादा झाग देने वाले शैम्पू का मतलब यह नहीं कि वह केशों को साफ भी अच्छा करेगा। झागदार शैम्पू के निर्माण में केमिकल अधिक मिलाए जाते हैं, जो बालों को नुकसान पहुंचाते हैं व बालों की जड़ों को कमजोर करते हैं।
2. बाजारू कंडीशनर केवल बालों की बाहरी सतह यानी आवरण को ही चमकाने का काम करते हैं, उनकी संरचना को सही नियंत्रण में रखने और नष्ट हुए बालों की फि र से मरम्मत करने में मदद नहीं करते हैं।

कमर पतली बनाने व एक्ट्रा फेट हटाने का यह अचूक उपाय है

लड़कियों के लिए पतली होना एक सपना ही होता है और इसके लिए वे कई प्रकार के जतन भी करती हैं। ऐसी लड़कियों के लिए गरुड़ासन सबसे कारगर उपाय है। इस आसन से उनकी कमर पतली होगी ही साथ में कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं।

इस आसन में व्यक्ति का आकार गरुड़ की तरह हो जाता है, इसलिए इसे गरुड़ासन कहते हैं। गरुड़ासन में मस्तिष्क की एकाग्रता पर ध्यान देना आवश्यक होता हैं।

गरुडासन की विधि:

समतल और शांत तथा स्वच्छ वायु (हवा) के प्रवाह वाले स्थान पर गरुड़ासन करना चाहिए। इस आसन में पहले सामान्य स्थिति (सावधान की स्थिति) में खड़े हो जाएं। इस के बाद बाएं पैर को सीधा रखें और दाएं पैर को बाएं पैर में लता की तरह लपेट लें। अब दोनों हाथों को सीने के सामने रखकर हाथों को आपस में लता की तरह लपेट कर हाथों को थोड़े से आगे की ओर करें। इस स्थिति में दोनों हाथ गरुड़ की चोंच की तरह बना रहें। इसके बाद स्थिर पैर (बाएं पैर) को धीरे-धीरे नीचे झुकाते हुए दाएं पैर को पंजों पर सटाने की कोशिश करें। इस स्थिति में 1 मिनट तक रहें। इस के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं। फिर दाएं पैर को नीचे सीधा खड़ा रखकर बाएं पैर को उस लता की तरह लपेट लें। हाथों की स्थिति पहले की तरह ही रखें। इस तरह इस क्रिया को दोनों पैरों से 5-5 बार करें। इस के अभ्यास को धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं।

गंभीर रोगों में लाभ:

गरुड़ासन से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है, कमर पतली होती है तथा बाहों व टांगों की मांसपेशियां तथा नस नाडिय़ां चुस्त बनती है। इससे पैर, घुटने व जांघों को मजबूती मिलती हैं। यह कंधे, बाहें तथा कोहनियों आदि के दर्द व कम्पन को ठीक करता है। यह शरीर के कम्पन को दूर करता है। यह कमर दर्द, गठिया (जोड़ों का दर्द), और आंत उतरने की बीमारी (हर्निया) आदि रोग ठीक होता है। बवासीर, अण्डकोष वृद्धि (हाइड्रोसिल) तथा मूत्र सम्बन्धी रोग के रोगियों को यह आसन करना अधिक लाभकारी हैं।

सावधानी:

यदि आपको कोई गंभीर बीमारी है तो इस आसन को करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें। यह आसन थोड़ा कठिन है अत: धीरे-धीरे अभ्यास के साथ ही इसकी पूर्ण अवस्था प्राप्त की जा सकती है। इसलिए धैर्य के साथ इस आसन का अभ्यास करें और जल्द ही आपको सभी लाभ प्राप्त होने लगेंगे।

मुहं की सुंदरता के लिये नहीं होगा इससे अच्छा उपाय!!

चाहे कितनी ही मंहगाई बढ़ गई हो लेकिन नीबू आज भी लगभग 1 से 2 रुपयों के बीच ही मिल जाता है। नीबू की एक खाशियत यह भी है कि यह ऐसा फल है जो पूरे वर्ष भर मिलता है। यह एक ऐसा फ ल है जिसकी खुशबू मात्र से ही ताजगी का अहसास होता है। 



नींबू का अनोखा गुण यह है कि इसकी खट्टी खुशबू खाने से पहले ही मुंह में पानी ला देती है। चाट हो या दाल कोई भी व्यंजन इसके प्रयोग से और भी सुस्वादु हो जाता है। 

यह फ ल खट्टा होने के साथ-साथ बेहद गुणकारी भी है। आइए जानते हैं ऐसे कुछ आसान प्रयोगों के बारे में जिनके कुछ ही दिनों के प्रयोग से घर बैठे आप अपने चेहरे की सुन्दरता  को न केवल बढ़ा सकते हैं बल्कि लम्बे समय तक कायम भी रख सकते हैं-



प्रयोग1:


10 ग्राम नींबू का रस 10 बूंद ग्लिसरीन तथा 10 ग्राम गुलाबजल इन तीनों को मिलाकर रख लें। यह एक प्रकार से लोशन सा तैयार हो जाएगा। इस लोशन को प्रतिदिन सुबह स्नान के पश्चात तथा रात्रि सोने के पूर्व हल्के-हल्के मलने से चेहरा रेशम की तरह कोमल बन जाएगा।



प्रयोग 2:


नींबू के रस में बराबर की मात्रा में गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद ताजे जल से धो लें। चेहरे पर मुंहासे बिल्कुल साफ हो जाएंगे। यह प्रयोग करीब 10-15 दिनों तक करें।

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