रविवार, 18 सितंबर 2011

बिस्तर ऐसे छोड़े तो कभी नहीं होगी कब्ज

स्वस्थ रहने के नियमों में सबसे पहला स्थान नींद का रहा है। इंसानी शरीर की यही खासियत है कि दिनभर की शारीरिक थकान की भरपाई रातभर की नींद में पूरी हो जाती है। जो लोग रात में नहीं सोते उन्हें किसी न किसी तरह दिन में इसकी भरपाई करना जरूरी होता है। लेकिन सिर्फ नींद लेने के बाद ही नहीं बल्कि उठने से पहले भी कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो शरीर लंबी उम्र तक स्वस्थ बना रहता है।

नींद पूरी होने के बाद बिस्तर छोडऩे से पूर्व सभी को सीधे बिस्तर नहीं छोडऩा चाहिए। बिस्तर छोडऩे से पहले सभी को अपने शरीर को पूरी तरह फैलाकर कुछ समय लेटे रहें। उसके बाद सारे शरीर पर धीरे-धीरे दोनों हाथ मालिश करने के ढंग से घुमाने चाहिए। इससे रक्तसंचार बढऩे में सहायता मिलती है। उठने से पहले कुछ देर व्यक्ति को बिस्तर पर पेट के बल लेटना चाहिए क्योंकि रात्रि के समय व्यक्ति दायीं या बायीं करवट सोता है। पेट के बल लेटने से पेट खुलकर साफ होता है। शरीर को भी आराम मिलता है। रीढ़ की हड्डी भी सीधी रहती है।

पेट के बल लेटने के बाद व्यक्ति पुन: बिस्तर पर लेटकर अपने दोनों पांव सिकोड़कर घुटने छाती तक ले जाने चाहिए। दोनों हाथों से घुटने पकड़कर धीरे-धीरे नीचे के दबाने चाहिए। इससे भी पेट साफ रहता है। बिस्तर छोडऩे से पहले यह जरूरी है कि हम अपने हाथ पैर हवा में घुमाते हुए हल्का व्यायाम करें। पैरों को इस प्रकार चलाये जैसे साइकिल चला रहे हों। इन उपायों से शरीर में और अधिक स्फूर्ति और चेतना का संचार होगा साथ ही स्वस्थ रहने में विशेष सहायता मिलेगी।

चश्में के नंबर बढ़ रहे हैं, तो ये करों फिर देखो कमाल

कम्प्यूटर वर्किंग के दौरान जो लोग अपनी आंखों का ध्यान नहीं रखते उन्हें बहुत जल्द चश्मा लग जाता है और जिन लोगों को चश्मा लगा होता है उनके नंबर बढ़ जाते हैं या आंखों संबंधी और कई अन्य समस्याएं उन्हें घेर लेती हैं। ऐसे में आंखों की सुरक्षा के लिए सभी को सावधानी बरतनी चाहिए। यहां हम कुछ टिप्स बता रहे हैं जिनसे आपकी आंखों की रोशनी तेज रहेगी और आंखे थकेगी नहीं।



- सबसे पहले यह ध्यान रखें कि लगातार स्क्रीन की ओर ना देखे। ज्यादा से ज्यादा 10 मिनिट में कुछ क्षण के लिए आंखें स्क्रीन से हटा लें।



- हर दस मिनिट में कुछ पल आंखों को बंद रखें।



- दिन में कम से कम 5-10 बार आंखों को ठंडे साफ पानी से अवश्य धोएं।



- हर दस मिनिट में स्क्रीन से नजर हटाकर दस फीट दूर तक दस सेकंड तक देखें।



- प्रतिदिन सुबह आंखों की एक्सरसाइज करें।



- प्रतिदिन सुबह आंखें बंद करके ध्यान लगाएं।



- हरी पत्तेवाली सब्जियां अधिक से अधिक खाएं।



- प्रतिदिन सुबह नंगे पैर घास पर चलें इससे आपकी आंखों की रोशनी बहुत तेज होगी।



- स्क्रीन और आंखों के मध्य कम से कम दो ट की दूरी अवश्य रखें। स्क्रीन आंखों से एकदम करीब भी ना हो ता ज्यादा दूर भी न रखें।

केले में होती हैं इतनी सारी खुबियां की आप सोच भी नहीं सकते!

केला विश्च के लोकप्रिय फलों में से एक है। केले का नियमित सेवन कई रोगों से बचाकर रखता है। केले में मैग्नीशियम की काफी मात्रा होती है जिससे शरीर की धमनियों में खून पतला रहने के कारण खून का बहाव सही रहता है। इसके अलावा पूर्ण मात्रा में मैग्नीशियम लेने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है।दिमागी ताकत तथा कामशक्ति बढ़ती है, स्त्रियों का प्रदर रोग ठीक होता है। यदि दो केले दो चम्मच शहद के साथ रोज सुबह खाए तो दिल को ताकत मिलती है, हाई ब्लड प्रेशर में सुधार होता है। मूत्र समस्या हो तो ठीक होती है।केले में विटामिन बी पाया जाता है जो की शरीर की नसों को स्वस्थ रखता है। केले में लौह तत्व की प्रचुर मात्रा होती है जो रक्त निर्माण में सहायक होती हैं। जिन लोगों के शरीर में रक्त की कमी होती है उन्हें केला नियमित रूप से खाना चाहिए।

- दस्त लग जाने पर दही में एक केला मिलाकर खाये, लाभ होगा।

-पीलिया में भी केला लाभदायक है। पीलिया पीडि़त मरीज को दो पके हुए केलों में एक चम्मच शहद मिला कर अच्छी तरह फेंट कर दें।

- अल्सर के रोगियों के लिए तो केला बहुत ही अच्छा होता है।

- केले को खाने से शरीर का तनाव कम होता है।

- एक पका केला छिलके सहित सेंकें। इसके बाद इसका छिलका हटा दें व केले के टुकड़े कर लें। इस पर 15 काली मिर्च पीसकर बुरक दें व गरम-गरम ही दमा रोगी को खिलाए।

-  एक पके केले में आठ साबुत काली मिर्च भर दें, वापस छिलका लगाकर खुले स्थान पर रख दें। शौच जाने के पूर्व प्रातः काली मिर्च निकालकर खा जाएँ , फिर ऊपर से केला भी खा जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने से हर तरह की खाँसी ठीक हो जाती है।

फीट रहने का आसान फंडा जैसी बीमारी हो बजाएं वैसी ताली

अच्छी सेहत का मालिक होना करोडों की दौलत से ज्यादा मूल्यवान होता है। तभी तो इंसान बेहतर स्वास्थ्य पाने के लिये तमात तरह की कोशिशें करता है। आप इतना कुछ कर ही रहे हैं तो क्यों न आजमाएं इस बेहद कारगर तालीयोग को, जो पूरी तरह से सुरक्षित और बेहद आसान भी है।

गैस, कब्ज, अपच, मानसिक तनाव, एकाग्रता में कमी, चिड़चिड़ापन से पीडि़त हैं तो दायें हाथ की चार अंगुलियों को बाएं हाथ की हथेलियों पर जोर-से मारना चाहिए और इस अभ्यास को सुबह-शाम कम-से-कम 5 मिनट करना चाहिए। धीरे-धीरे हम इन रोगों से मुक्त हो जाएंगे।



निम्न रक्तचाप यानी लो बीपी के रोगियों को खड़े होकर दोनों हाथों को सामने लाकर ताली बजाते हुए नीचे से ऊपर की ओर गोलाकार घुमाएं और दिशा नीचे से ऊपर की ओर होनी चाहिए। यह निम्न रक्तचाप को सामान्य करने में बहुत ही लाभदायक तरीका है। ताली योग के द्वारा हृदय रोग, कमर दर्द, सरवाइकल जैसे रोग भी दूर होते हैं।कैसे करें ताली योग दोनों हाथों की दसों अंगुलियों और हथेली को जोर-जोर से मारते हुए एक साथ एक ही जैसी आवाज में ताली योग का अभ्यास करें।शुरू-शुरू में इसका अभ्यास कम-से-कम 2 मिनट अवश्य करना चाहिए और फि र इसको बढ़ाते हुए लगभग रोज 10 मिनट तक अभ्यास करना चाहिए।

ठंडा-ठंडा बर्फ है हर मर्ज का इलाज

अक्सर हम बर्फ का उपयोग गर्मी से राहत पाने के लिए करते हैं। लेकिन बर्फ के कई औषधीय गुण भी हैं। आइए जानते हैं इन्हीं गुणों के बारे में

- फांस चुभने पर बर्फ  लगाकर उतना हिस्सा सुन्न कर ले फांस आसानी से निकल जाएगी।

- अधिक खाने की वजह से अजीर्ण हो रहा हो तो बर्फ खाएं, खाना शीघ्र पच जाएगा।

- तेज बुखार में बर्फ का उपयोग शीघ्र राहत देता है।

- शरीर के घमौरियों से प्रभावित भाग पर बर्फ मलने से शीघ्र आराम मिलता है।

- लू लग जाने पर बर्फ के टुकड़े हाथ-पैरों पर मलने से तुरन्त लाभ मिलता है।

- रोजाना चेहरे पर बर्फ मलने से झुर्रिंयों का आगमन रुकता है और त्वचा भी कान्तिमय बनी रहती है।

-  पेट की गड़बड़ यानी जलन, उबकाई आदि परेशानी होने पर पेट पर बर्फ की पट्टी रखने से लाभ मिलता है।

- नवजात शिशु न रोए और न सांस लेता लगे तो उसके गुदाद्वार पर 10-20 सेकण्ड के लिए बर्फ का टुकड़ा रखने पर स्थिति बदल जाती है।

- बर्फ लगाने से बहता खून भी शीघ्र ही रूक जाता है।

- नाक से खून बहने की स्थिति में नाक के पास बर्फ र खकर सांस लेने या सूंघने से खून बहना बन्द हो जाता है।

- हैजा होने पर बर्फ का टुकड़ा चूसने से बार-बार उल्टी होना रुक जाता है।

- सूजन और दर्द की रोकथाम के लिए बर्फ फायदेमंद होता है।

जिद्दी डेंड्रफ शर्मिंदा कर रही है तो आजमाएं ये टिप्स

डेंड्रफ हमारे सिर की त्वचा में स्थित मृत कोशिकाओं से पैदा होती है। साथ ही वात संबंधी दोषों के कारण भी डेंड्रफ हो जाती है। इसकी वजह से सिर में खुजली रहती है और बाल गिरने लगते हैं। शैंपू, तेल आदि से डेंड्रफ तब तक ही दूर रहती है जब तक कि उन उत्पादकों का उपयोग किया जाता है लेकिन इनका उपयोग बंद करने के बाद डेंड्रफ  वापस हो जाती है। इससे निजात पाने की घरेलू टिप्स-

- ग्लिसरीन और गुलाब जल का एक तीन के अनुपात में मिश्रण बना कर एक शीशी में रख लें। नहाने के बाद रोज थोड़ा हथेली पर लेकर बालों की जड़ों में उंगलियों की मदद से लगाएं। इससे भी डेंड्रफ चली जाती है।

- नारियल के तेल में कपूर मिलाएं और यह तेल अच्छी तरह बालों में तथा सिर पर लगाएं। कुछ ही दिनों डेंड्रफ की समस्या से राहत मिलेगी।

- नींबू के रस को बालों में लगाएं। कुछ समय बाद सिर धो लें।

- नींबू का रस नारियल के तेल में मिलाकर लगाएं।

- दही से सिर धोएं, इससे भी डेंड्रफ  से निजात मिलेगी।

- डेंड्रफ  होने पर त्रिफला के स्थान पर नीम की पत्तियों का पावडर लें एवं उपरोक्त विधि से ही प्रयोग करें।

-आंवले का पेस्ट बालों में लगाकर 20 मिनट रखें फिर शैंपू कर दें। बालों में मजबूती आएगी।

- बालों में सोने के पहले तेल लगाएं।

गुरुवार, 15 सितंबर 2011

सिरदर्द बन गया हो परेशानी का सबब तो आजमाएं नानी के नुस्खे

भागदौड़ भरी जिंदगी में सिरदर्द की आमतौर पर कोई गंभीर वजह नहीं होती। लाइफस्टाइल में बदलाव और रिलेक्सेशन न करने के कारण या अन्य कई वजहों से अक्सर सिरदर्द हो जाया करता है। ऐसे में ज्यादा पेन किलर खाने पर रिएक्शन का डर बना रहता है। इसीलिए अगर सिरदर्द दूर भगाने के लिए अपनाएं ये घरेलु टिप्स।

- सिरदर्द में नींबू, आलूबुखारा या इमली से बना शरबत पिलाने से काफी आराम मिलता है। सिर में ठंडे पानी की धार गिराने से भी दर्द में आराम मिलता है।

-नौशादर और बुझा चूना बराबर मात्रा में लेकर एक शीशी में भरकर रख लें। दर्द होने पर शीशी को हिलाकर सूघें। इससे दर्द में आराम मिलता है।

-सुबह खाली पेट प्रतिदिन एक सेब खाने से सिरदर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है।

-अदरक एक दर्द निवारक दवा के रूप में भी काम करती है। यदि सिरदर्द हो रहा हो तो सूखी अदरक को पानी के साथ पीसकर उसका पेस्ट बना लें और इसे अपने माथे पर लगाएं। इसे लगाने पर हल्की जलन जरूर होगी लेकीन यह सिरदर्द दूर करने में मददगार होती है।

- एक चम्मच मेथी दाना में चुटकी भर पिसी हुई हींग मिलाकर पानी के साथ फांखने से पेटदर्द में आराम मिलता है। मेथी डायबिटीज में भी लाभदायक होती है। मेथी के लड्डू खाने से सिरदर्द में लाभ मिलता है।

- दालचीनी को पानी के साथ महीन पीसकर ललाट पर पतला-पतला लेप करना चाहिए। लेप - सूख जाए तो उसे हटाकर पुन: नया लेप तैयार कर ललाट पर लगाना चाहिए।

- पुष्कर मूल को चंदन की तरह घिसकर लेप को कपाल पर लगाने से सिर दर्द ठीक होता है।

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