सोमवार, 29 जनवरी 2024

गठिया वात चर्मरोग तथा तथा बाल झड़ने रोगों में बहुत ही लाभदायक है

 एक अरंडी का बीज लेकर छिलका निकाल कर अच्छी तरह से चबाकर 300ml चाय के जैसे गर्म पानी के साथ पहले दिन एक बीज, दूसरे दिन दो बीज इसी प्रकार 7 दिन लगातार एक बीज बढ़ाते हुए खाना है फिर आठवें दिन से 6 बीज नॉर्वे दिन 5 बीज यानी की 7 दिन क्रम अनुसार बढ़ाते हुए खाना है फिर 7 दिन क्रम अनुसार घटाना है। यह नुकसा आजमाइसी है, लगभग बहुत से लोगों को लाभ हुआ है।

अरंडी के बीजों में ओलिक एसिड, रिकिनोइलिक एसिड, लिनोलिक एसिड और अन्य फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, गठिया, जोड़ों के दर्द वात रोग दाद खाज खुजली तथा अगर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में रुकावट हो दूर होती है , कब्ज की हर प्रकार की बीमारी का दुश्मन है। मासिक धर्म संबंधित दोष तथा दर्द दूर होते हैं। परंतु जिन स्त्रियों को अभी और संतान की इच्छा हो ऐसी स्त्रियां लेने से बच्चे मेरे निजी सुझाव के अनुसार यह एक गर्भनिरोधक का कार्य करता है - स्त्रियों के द्वारा सेवन करने से संतान उत्पत्ति बाधा उत्पन्न कर सकता है।
जोड़ों के दर्द तथा वात रोग के लिए तथा चमड़े की बीमारी और बालों में लगे कीड़े या बाल झड़ना संबंधित बीमारियों के लिए बहुत ही उपयोगी आजमायसी तम्बाकू का तेल
ढाई किलो तंबाकू के पत्ते लेकर या तंबाकू लेकर साढ़े 7 लीटर पानी में शाम के समय आधा घंटा पीकर छोड़ दे और सुबह में पानी में अच्छी तरह से तंबाकू के पत्तों को मलकर पानी को निचोड़ लें किसी कपड़े की मदद से तत्पश्चात 1 लीटर तिल का तेल लेकर हल्की-हल्की मीठी आज में तेल और तंबाकू के पानी को पकाएं जब पानी खत्म हो जाए तेल को किसी मिट्टी के बर्तन में या कांच के बर्तन में स्टोर करके रख ले यह तेल गठिया वात चर्मरोग तथा तथा बाल झड़ने जैसे इत्यादि रोगों में बहुत ही लाभदायक है। हालांकि मेरे धर्म रीति अनुसार मैं इसका स्वप्रयोग तो नहीं किया परंतु अन्य को प्रयोग करवाया है.

Najoomiji

सर्दियों में होने वाले समस्त रोगों की शांति

 सर्दियों के दिन में 5 ग्राम तुलसी के पत्ते 5 ग्राम काली मिर्च तथा 5 ग्राम देसी घी इन सभी का एक साथ एक साथ पीसकर लुग्दा बनाकर दूध या गर्म पानी से सर्दी के दिनों में सप्ताह में एक बार ही सेवन करने से पूरे सप्ताह भर वात दोष से लेकर सर्दियों में होने वाले समस्त रोगों की शांति होती है। यह साधु संतों का नुक्सा है सीमित संसाधन तथा आश्रमों में रहने वाले या फिर विहंगम इसका प्रयोग करते हैं.

गुरुवार, 14 सितंबर 2023

बुधवार, 20 जुलाई 2022

Eknath Shinde : CM of Maharashtra

 

देवेंद्र फडणवीस क्यों महाराष्ट्र के सीएम नहीं बन पाए ?



24 जून को मैंने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा था कि 27 जून से 29 जून के बीच महाराष्ट्र सरकार का फैसला हो जाएगा और उद्धव सरकार गिर जाएगी । बिल्कुल वैसा ही हुआ । 29 तारीख को उद्धवजी ने इस्तीफा दे दिया । एकनाथ शिंदे को कामयाबी मिली  और शिवसेना भाजपाकी नई सरकार बनाने की घोषणा 29 जून की रात को हुई । 

मेरे पास एकनाथ शिंदेका सही जन्म समय नहीं है इसलिए उनके बारे में तो मैं कोई ठोस प्रिडिक्शन नहीं दे सकता था । लेकिन देवेंद्र फडणवीसकी कुंडली देखकर मैंने अपने सर्कल में 29 तारीख को बोल ही दिया था कि मुझे लगता है फडणवीस इस बार सीएम नहीं बन पाएंगे और वही हुआ । 

मुझे ऐसा क्यों लगता था ? आज हम उसी विषय के बारे में हम आपके साथ अपने विचार शेयर कर रहे हैं । 

कन्या लग्न । तुला राशि का गुरु । कुंभ राशि के चंद्र राहु । अष्टम में मेष राशि का शनि । लाभ स्थानमें सूर्य मंगल और बुध । 12वे स्थान में शुक्र केतु ।

देवेंद्र फडणवीसजी की कुंडली इतनी पावरफुल नहीं है । नवांश कुंडली में सूर्यको छोड़कर किसी भी ग्रह को बल नहीं मिल रहा । सिर्फ सूर्य सिंह नवांश में होने से और अच्छी दशा गोचर के हिसाब से 2014 में वह महाराष्ट्र के सीएम बन चुके थे । 

लेकिन 2019 में भी उनको कोई चांस नहीं मिला और 2022 का जो गोचर अभी चल रहा है और केतुमें राहु की जो दशा चल रही है उसके हिसाब से चीफ मिनिस्टर का पद मुझे नहीं दिख रहा था । साढ़ेसाती भी चालू है, मंगल और राहु अष्टम भाव में चल रहे हैं और चंद्र के ऊपर शनि भी है । 

12 जुलाई से शनि भी सूर्य के सामने आएगा तो मेरा तो यही मानना है कि अभी जनवरी 2023 तक डेप्युटी सीएम बनने के बावजूद भी वह खुश नहीं होंगे और चीफ मिनिस्टर के साथ कोई न कोई मतभेद चलते रहेंगे । 

इतना ही नहीं उनकी कुंडली में छठे स्थान में चंद्र राहु है और चंद्र केमद्रुम योग में है तो 2023 भी उनके लिए इतना अच्छा नहीं है । 2024 में शायद महाराष्ट्र का दूसरा इलेक्शन आएगा उस वक्त भी मुझे नहीं लगता कि वह महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर बन पाएंगे ।अगर भाजपा की सरकार आई तो भी सीएम का चेहरा बदल सकता है ।

Ashwin Rawal         4.7.2022

ILLICIT AFFAIRS WITH MARRIED GUYS



During my long astro journey I have come across 11 female charts who are not yet married only due to their love affairs with married guys.  The details of such cases is are under :

1. Some not yet married due to their crazy love with  wealthy married guys who exploit them and give false promises and dreams. 

2.Some are in a Live in relationship with  married persons 

3.Some living as a  secret second wife  of a married man without legal marriage

4. Some are still in love with  married persons and waiting for divorce of their boyfriends. 

Something I found very common in all these 11 charts so we will discuss today to see what force creates mad love and dedication of their youth  to the married man.

1. 20.04.1987 Aquarius Lagna. In the love with much elder married man. Want to be loyal to him only and strong determination not to marry with anyone else. Refused 2 good candidates shown by parents.

2. 20.04.1987 Taurus Lagna. In relationship with married boss and waiting for his divorce. Spoils her life in waiting. 

3. 14.02.1988 Taurus Lagna. In the madly love with a married old man. The man is supporting him financially and she want to be faithful to him only. 

4. 14.03.1989 Cancer Lagna. In the relationship with a  much elder married man and now thinks to register Live in relationship.

5. 28.02.1992 Sagittarius  Lagna. In relationship with a married guy who is not happy with his first wife and thinking for divorce but wife is stubborn and not want to give divorce at all 

6. 15.01.1995. Libra Lagna. Very beautiful girl.  In madly love with very old man. Rejecting all rich proposals coming for marriage. 

7. 20.021980. Leo Lagna. Not married yet. Lives alone as a secret second wife of a Guy with full dedication and waiting for the divorce of his boyfriend.

These are some latest  7 examples. Other 4 data not saved.

The common thing  in all 11 charts I have seen have Rahu either in Lagna or with Venus. In some few cases Rahu is with Jupiter. All have connection between Mars and Saturn. Moon is connected with Saturn either in main (D1) chart or in navamsha (D9) chart. 

Let us understand this. Rahu has madness, keeps one in dreams and makes one crazy. When Rahu is in Lagna or with Venus in girl chart,  it creates madly love from her side whatever the caste may be. Rahu never cares for what other think or say. They are mad in their love. And the important thing is  sexual relations starts  within few days after attraction. 

One more thing in all 11 charts I have noticed that they all were impressed with the married person's personality or wealth and fallen in love when they were between 18 to 22,  the silly, innocent and ignorant age. This age is most vulnerable to wrong attractions some time. 

When Saturn joins Moon either in main or navmasha chart the girl after first sex want to be loyal to the same guy and don't want to betray the trust of the boyfriend and also some inner fear of blackmail occupies in the sub conscious mind.  Boyfriends take advantage of such fear, feelings and loyality. 

Mars and Saturn when connected creates strong determination and stubbornness in the mind of the girl and they don't listen to the advise of others. 

Mixtures of such combinations creates such undesired secret love affairs.   Victim girls don't want to open such relations publicly and remain unmarried. 

Ashwin Rawal        10.10.2021

RISHI SUNAK will be NEXT PM of UK



Rishi Sunak 12 May 1980 12.50 pm Southampton UK

Why rishi sunak has the maximum chances to win the election and to be the next prime minister of UK ? Let us study his chart. 

He has Leo Lagna and Sun, the lord of Lagna is exalted in the 9th house, the house of kingdom. 

Mars and Jupiter are the lords of both the trine  house and seated in the Lagna with political  planet Rahu. Mars is exchanging his energy with Sun. 

Mars Jupiter  Saturn and Rahu are seated in the Lagna so energy of all these 4 planets is  transfered to 9th house  and Sun has become the dispositor. 

Fortunately sub period of Sun will be running in Moon main period from 24 July 2022. Sun is the power house in this chart and also the dispositor of Rahu. So Sun can bestow him Prime minister post. 

Mahadasha of Moon is running. Moon is vargottami  in Aries in 9th house. Moon is also with Rahu in Navamsha so political rise is confirmed in his dasha. Moon is at zero degree and when the lord of 12th house is  at zero degree then he gives name and fame in his Mahadasha.  

At the time of final announcement of Prime Minister name  on 5th September 2022 Mars will be in his 10th house and will be aspecting the Lagna and natal  Mars too. Sun will be  crossing the natal Rahu and Rahu will be crossing natal Sun. Moon will be in Sagittarius in trine to natal Jupiter. 

In my view nobody can stop Rishi Sunak to become the Prime Minister of UK. 

Ashwin Rawal.         21.7.2022

secret of 12th house in horoscope कुंडली के बारहवें भाव का रहस्य



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हम सभी अच्छी तरहसे जानते हैं कि जन्म कुंडली में हर भावका अपना एक प्रभाव होता है।  हर भावमें लग्न के हिसाब से अलग-अलग राशियां सेट होती है । लग्नका स्वामी लग्नेश कहलाता है जो कुंडली में प्रधानमंत्री की तरह एक प्रमुख शासक होता है।  उसके पास सभी भावों से उत्तम फल प्राप्त करने की पूरी ताकत होती है।  

लेकिन छठे, आठवें और बारहवें भाव के स्वामी विपक्षी दल के समान होते हैं।  वे कुछ मामलों में प्रधान मंत्री का समर्थन भी करते हैं और कभी नहीं भी करते । 

उदाहरण के लिए आध्यात्मिक यात्रा करने या शुरू करने के लिए अष्टमेश हमेशा साथ देगा।  विदेश जाना हो या संन्यासी बनना हो तो 12वें भावका स्वामी सदैव सहयोग देगा।  कोर्ट केस जीतने के लिए छठे भाव का स्वामी हमेशा साथ देगा ।  लेकिन सभी मामलों में नहीं देते ।   

सभी ग्रह हमारे पिछले जन्मोंसे जुड़े हुए हैं और हमारे अच्छे बुरे कर्म को जानते हैं,  साक्षी हैं तो अपना फर्ज तो निभाएंगे ही । 6 8 12 के स्वामी हमारे पाप कर्मों के फल देने के लिए अपनी भूमिका निभाते हैं ।

अब आज हम 12वें भाव पर चर्चा करेंगे ।  बारहवा भाव क्या बताता है?  आम तौर पर हम बताएंगे कि मोक्ष, कैद, अस्पताल, विदेशगमन, आर्थिक नुकसान आदि ।  लेकिन ये शब्द बारहवें भाव का वर्णन करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

बारहवा भाव जिंदगीमें अकेलापन पैदा करता है । इंसान को भीड़ से अलग कर देता है।  दिन-प्रतिदिन के जीवन में कुछ मर्यादाएं, कुछ सीमाएँ बन जाती है।  एक प्रकार का कार्मिक नियंत्रण आ जाता है ।  जीवन में अज्ञात प्रदेश या वातावरणमें जाना पड़ता है।  

यह अचेतन मन का स्थान, ट्रांस स्थिति का स्थान, ध्यान अवस्था का स्थान, नींद का स्थान और सपनों का भाव भी है । बारहवें भाव में ग्रहों की जो भी हलचल होती रहती है उसके हिसाब से हमें सपने आते हैं ।

बारहवां भाव सक्रिय होने पर व्यक्ति विदेश जाता है और इस प्रकार  नए प्रदेश और वातावरण में अपने आपको ढालना पड़ता है। 12वा भाव  सक्रिय होने पर व्यक्ति को कोई नई जगह पर या कहीं दूर  नौकरी मिलती है।  12वा भाव सक्रिय होता है तो इंसान ट्रांसफर हो जाता है।  कोई जेल जाता है और खुद को एक बंधन में रखना पड़ता है और कार्मिक दंड भुगतना पड़ता है ।  कोई  अस्पताल में भर्ती होता है और खुद को डॉक्टरों और नर्सों के बीच बिस्तर पर लेट जाना पड़ता है।

एक बच्चा बारहवीं की उम्र में पूरी तरह से बदल जाता है और बच्चे में पूर्ण परिवर्तन आने लगता है क्यों कि उसका  12वां भाव सक्रिय हो जाता है ।  व्यक्ति को अपनी पहली नौकरी या स्थानांतरण तब मिलता है जब वह 23 वर्ष पूरा करता है और अपनी आयु के 24वें वर्ष में प्रवेश करता है।  व्यक्तिको टर्निंग पॉइंट तब मिलता है जब वह 35 वर्ष की आयु पूरी करता है और 36वें वर्षमें प्रवेश करता है।  

12वा भाव ट्रांसफर, पदोन्नति, नई जिम्मेदारी, नए वातावरण, विदेश यात्रा, किसी करीबी रिश्तेदारकी बिदाई  या आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत का भाव है । 

याद रखें कि 12वां 24वां 36वां 48वां 60वां 72वां और 84वां रनिंग वर्ष 12वे भाव का एक्टिवेशन है इसलिए इन सभी रनिंग वर्षमें ऐसी कोई ना कोई घटना बनेगी ही । 60वां साल लंबे समय तक चलने वाली जॉब का आखिरी साल होता है।  सभी साथियों से अलग पड़ना होता है ।  72वां वर्ष हमेशा खराब स्वास्थ्य या पैरों की समस्याओं के कारण चलने की सीमाएं देता है।  यह उम्र से जुड़ी 12वे स्थानकी सक्रियता का फल है । 

अब जब बृहस्पति शनि राहु या केतु जैसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह इस स्थानसे गुजरते हैं  तो भी बारहवां स्थान सक्रिय हो जाता है। 

जब बारहवें भाव के स्वामीकी महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तब भी 12वा भाव प्रबल रूप से सक्रिय हो जाता है।अंतर्दशा का प्रभाव अधिक होता है।  साथ ही बारहवें भाव की छिपी शक्ति का पता लगाने के लिए शनि का 12वें भाव में गोचर भी अधिक महत्वपूर्ण है।

नैसर्गिक राशि चक्र में मीन बारहवीं राशि है इसलिए बृहस्पतिमें बारहवें घर के छिपे हुए गुण हैं ।  बारहवें घर में बृहस्पति का गोचर सांसारिक मामलों में नकारात्मक हो सकता है, लेकिन इसमें एक चिंगारी है जो किसी को भी अपने भीतरकी दुनिया में धकेल सकती  है । 

जीवन की वास्तविकता को समझने के लिए, ध्यान शुरू करने के लिए, मन को मोड़ देने के लिए बृहस्पति  शनि या केतु का 12वें भाव में गोचर बहुत महत्व का होता है । 

यह सिर्फ 12वें भाव का एक स्केच है । इसके सिवा भी 12वे स्थान में बहुत रहस्य छुपे हुए  हैं । 

अश्विन रावल           20.7.2022

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