गुरुवार, 14 सितंबर 2023
मंगलवार, 5 जुलाई 2022
#Aquarius #Ascendant कुम्भ लग्न
#Aquarius Ascendant कुम्भ लग्न
For Aquarius lagna, the #Moon, #Mars and #Jupiter are evil, only #Venus is auspicious. Mars produces #RajYoga, when gets related to Venus. Jupiter and Mars kill when endowed with Maraka powers. Thus, one should guess the results for Aquarius lagna native.
Jupiter is inauspicious because he owns the 2nd house (Maraka) and 11th house. If he acquires killing powers to a great extent, then he would surely be the killer.
Mars owns the 10th house and as natural malefic owning a Kendra leaves his maleficence and becomes neutral. Again by owning the 3rd house, he becomes inauspicious.
Venus owns the 4th house (Kendra) hence neutral. Venus also owns the 9th house (Trikona) and becomes auspicious. Thus, Venus becomes single lord of a Kendra and Trikona. Hence he is declared #RajYogaKaraka.
#Mercury owns the 8th house therefore he is evil but then he is also the 5th house (Trikona) lord, hence auspicious.
The Moon as the 6th house lord is inauspicious in her #Dasha.
The Sun as the 7th lord turns neutral and #Kendradhipatya Dosha does not occur to him. As a 7th house lord, he is essentially a Maraka, but not endowed with as much Maraka powers as a natural benefic like Jupiter or Venus owns.
#Saturn as the Lagna and 12th house lord gives results only as the Lagna Lord. Saturn placed in the 12th house is more a 12th house lord and hence less auspicious.
यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.
Facing Problem in Conceiving #Baby ? गर्भ धारण में समस्या
Reason #1 #Bedroom in East-South-East or Bedroom in South-South-West or Bedroom in West-North-West
What to do ? Shift your bedroom to South-West or South-East or North-North-West.
Reason #2 #Kitchen in North-East
What to do ? Place Jaisalmer Yellow Slab under Burner.
Reason #3 #Cut in North-East
What to do ? Space Enlightening Technique is required.
Reason #4 Long #Corridor in South-West
What to do ? Space Filling Technique as per Vāstu Bar Chart.
यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.
शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022
How to quickly open your third eye
आप जब भी किसी से पूछते हैं, कि क्या आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं। तो यकीन मानिये उसका उत्तर हां ही होगा। हम अपना भविष्य जान सकते हैं, इस बात को सोच कर ही एक अजीब सी गुदगुदाहट शरीर में पैदा होती है। हर इंसान, अपनी आने वाली जिंदगी के बारे में जानना चाहता है। वह पता करना चाहता है, कि उसके साथ क्या होने वाला है। हर किसी की चाहत अपने भविष्य को देखने की होती है। अपनी इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए, वैसे तो कई माध्यम है। उनमें से सबसे ज्यादा प्रचलित है, तीसरे नेत्र को जागृत करना। जिसे हम थर्ड आई भी कहते हैं। थर्ड आई का सम्बन्ध आपके आज्ञा चक्र से होता है। जो आपको भविष्य में घटने वाली घटनाओं के बारे में इनट्यूशन मिलने लगता है।
आज्ञा या अजना चक्र का संबंध पीनियल ग्रंथि से होता है। जो हमारी दोनों भौहों के बीच में होती है। इसी कारण इसे “तीसरी आंख” थर्ड आई भी कहा जाता है। यहां स्थित आज्ञा चक्र को स्पष्टता और बुद्धि का केंद्र माना जाता है। यह चक्र हमारी इच्छा शक्ति को कंट्रोल करने में मदद करता हैं।
थर्ड आई जागृत होने या इनट्यूशन पावर बढ़ने से, इंसान को कई लाभ मिलते हैं। व्यक्ति का दिल और दिमाग एक ही तरीके से काम करना शुरू कर देता है। यह इंसान को किसी भी चीज के बारे में स्पष्टता प्रदान करता हैं। व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ जाती है। व्यक्ति का अंतर्ज्ञान बढ़ जाता है। व्यक्ति चीजों को लेकर अधिक स्पष्ट हो जाता है। व्यक्ति अंदर से खुश होता है। इनट्यूशन पावर बढ़ने से व्यक्ति के हर काम में निश्चितता और स्पष्टता बढ़ जाती है। व्यक्ति मानसिक रूप से संतुलित होने लगता है। ऐसे व्यक्ति तनाव पूर्ण स्थिति में भी अपना आपा नहीं खोते हैं। इनटूशन पावर बढ़ने से व्यक्ति किसी भी घटना के बारे में पूर्वानुमान लगाने में सफल होने लगता है। थर्ड आई जागृत होने से व्यक्ति के अदंर सवेंदनशीलता बढ़ जाती है। वो सकारात्मक या नकारात्मक एनर्जी को आसानी से समझने लगते हैं।
यदि आपकी थर्ड आई जागृत, आपकी इनट्यूशन पावर बढ़ गई है, तो आप भविष्य में होने वाली चीजों को आसानी से समझने लगेंगे। आपको पहले से ही पता चलने लगेगा, की कौनसी घटना घटने वाली हैं। इस घटना का क्या प्रभाव व्यक्ति पर होगा। यह सब आपको समझ आने लगता है। आपका फोकस जितना ज्यादा होगा। आपकी इनटूशन पावर भी उतनी ही ज्यादा होगी। बिना देरी किये, अब हम आपको बताने वाले हैं, की कैसे अपनी थर्ड आई को जागृत कर सकते हैं। अपनी इनट्यूशन पावर को बढ़ा सकते है। जिससे भविष्य में होने वाली घटनायों के बारें में आप पहले से जान सकें।
· थर्ड आई को जागृत करने और इनट्यूशन पावर को बढ़ाने के लिए जो सबसे सरल और आसान उपाय हैं, वो है अपनी भोहों के मध्य दवाब देना। यदि कोई व्यक्ति रोज 5 से 10 मिनिट तक अपने आज्ञा चक्र पर, तर्जनी ऊँगली से दवाब डालता है। तो उसकी थर्ड आई जागृत होना शुरू हो जाती है। इनट्यूशन पावर बढ़ने लगती है। ध्यान रखें यह उपाय आपको रोज करना है। तभी इसका असर आपको दिखाई देगा।
· अपनी इनट्यूशन पावर को बढ़ाने का एक और आसान तरीका है। वो है दोनों भोह के बीच, आज्ञा चक्र पर तर्जनी ऊँगली से ऊपर से नीचे की और रगड़ना। एक बार में कम से कम, 100 बार इस प्रकिया को दोहराए। ऐसा माना जाता है, व्यक्ति जितना अधिक इस जगह को रगड़ता हैं। उसकी इनट्यूशन पावर बढ़ती जाती है।
· यदि कोई भी व्यक्ति शांत जगह बैठकर सुबह के समय लम्बी और गहरी साँसों का अभ्यास नियमित रूप से 15 से 20 मिनिट करता है, तो भी उसकी इनटूशन पावर बढ़ने लगती है, और थर्ड आई ओपन होने लगती है।
· “ॐ” मन्त्र का गुंजन भी इनटूशन पावर बढ़ाने और थर्ड आई को खोलने में बहुत मदद करता हैं। यदि व्यक्ति रोज “ॐ” का गुंजन करते हुए, आज्ञा चक्र पर ध्यान केन्द्रित करता हैं। तो उसकी थर्ड आई खुलने लगती है।
· मौन रहना भी इनट्यूशन पावर बढ़ाने और थर्ड आई को जागृत करने में मदद करता हैं। मौन रहने से व्यक्ति कि एनेर्जी बर्बाद नहीं होती है। यदि व्यक्ति रोज, सिर्फ जितना जरूरत हो, उतना ही बोले तो इंसान की इनटूशन पावर बढ़ने लगती है। मौन रहने का कुछ दिन अभ्यास करने से व्यक्ति यह समझने लगता हैं कि उसे कहां कितना और क्या बोलना है, और क्या नहीं बोलना है। जब व्यक्ति को यह समझ होने लगती है, तो आपके मौन का सीधा प्रभाव थर्ड आई पर पड़ता है। वह सक्रिय होने लगती है। जिसकी वजह से आपकी इनटूशन पावर बढ़ने लगती है।
· इनटूशन पावर बढ़ाने के लिए, सफेद या लाल चन्दन में कपूर मिलाकर,अनामिका ऊँगली से दोनों भोहों के बीच में तिल लगाने से भी इनटूशन पावर बढ़ने लगती है।
· थर्ड आई को जागृत करने के लिए, सबसे आसान और सरल चीज है। वो है ध्यान। ध्यान एक ऐसी विधा है, जो न केवल आपके इनटूशन पावर को बढ़ाता है, बल्कि थर्ड आई को खोलने में भी मदद करता हैं। ध्यान व्यक्ति को सेहत से जुड़ा हुआ लाभ भी देता है। यह व्यक्ति के दिमाग को मजबूत बनाता हैं। ब्रेन पावर बढ़ाता है। वैसे जो लोग लम्बे समय तक, कंप्यूटर पर बैठकर काम करते हैं, या फिर मेंटली वर्क लोड जिन पर ज्यादा होता है। उन्हें अपनी दिनचर्या में ध्यान को जरूर शामिल करना चाहिए। दोनों भौहों के मध्य ध्यान लगाने से व्यक्ति की थर्ड आई को जागृत होने लगती है। उसकी इनटूशन पावर बढ़ने लगती है। कम से कम 15 मिनिट तक रोज ध्यान लगाने से, आपको इसका लाभ मिलने लगता है। ध्यान करने के लिए आप त्राटक का भी सहारा ले सकते हैं।
· इनटूशन पावर बढ़ाने और थर्ड आई को खोलने के लिए आप योग का भी सहारा ले सकते हैं। नियमित रूप से योग का किया गया अभ्यास भी आपको इसमें बहुत मदद करता हैं। आप नाड़ी शोधन प्राणायाम, भुमी पाद मस्तकासन, शशांकासन, शिरसासन और कपालभाति प्राणायाम को शामिल कर सकते हैं।
· शाम्भवी मुद्रा भी थर्ड आई खोलने में भी बहुत मदद करती है। इसे किसी योग्य गुरु की देखरेख में ही करें। क्योंकि यह मुद्रा बहुत ही प्रभावी है, गलत तरीके से करने की वजह से आपको नुकसान भी हो सकता है।
· जैसा कि हम सभी जानते हैं, रंग हमारे शरीर पर बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं। कुछ रंग चक्रों से भी जुड़े होते हैं। यही वजह है कि बैगनी रंग को थर्ड आई से जोड़ा गया है। बैगनी रंग का प्रयोग इनटूशन पावर बढ़ाने और थर्ड आई को जागृत करने में मदद करता है। यदि व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में अधिक से अधिक इस रंग का प्रयोग करता हैं, तो भी उसकी थर्ड आई जागृत होने लगती है।
वैसे तो हमारे धर्म ग्रंथों में थर्ड आई को जागृत करने और इनटूशन पावर बढ़ाने के लिए कई उपाय बताएं गये हैं। लेकिन हमने यहाँ पर सिर्फ वही टिप्स बताई है, जो बहुत ही असरकारक हैं। जिनको करना भी बहुत आसान है। यदि आप भी अपनी इनटूशन पावर बढ़ाना चाहते हैं, तो इन्हें जरुर अपनाए। कमेंट्स में अपना अनुभव भी जरुर बताये।
बुधवार, 5 अगस्त 2020
SILVER WILL TOUCH 89000
Now some members have requested me to check the price of Silver in future time.
Today the Silver price is 71510.
Now what will be maximum price of Silver till Diwali is my question at this moment.
It is 08.48 am at Ahmedabad today on 6.08.2020. The ruling planets are as under :
Day - Thursday Jupiter
Moon - Sat Rah Moon Merc
Lagna - Sun Venu Merc Ketu
Now see that Ketu is at very key point as sub sub lord. Sun is also Lagna lord. So as per KP table silver will easily enter Ketu zone starting from 84000 price. This price is possible before 12 September 2020.
Now Rahu is present in ruling planets. Rahu is with Venus so Rahu is also the representative of Venus.
This means Silver will sure touch Rahu level of 89000. In short Silver will touch 84000 first and then 89000 anytime before Diwali .
My this exercise is just my experiment with KP ruling planets so please don't take any risk to invest money in Silver just because of my prediction. I may be wrong. Just enjoy astrology !!!
Ashwin Rawal 06.08.2020
सोमवार, 3 अगस्त 2020
CHECK YOUR 24th YEAR
बुधवार, 15 जुलाई 2020
जब शादीशुदा जिन्दगी बनती जा रही हो नर्क तो करें यह उपाय
गुरुवार, 9 जुलाई 2020
WHICH ENGINEERING IS THE BEST FOR YOU ? 1
We have already discussed in the last post that Mars is the main planet of Science Technology and Engineering.
So to opt for Engineering line .....
1. Aries or Scorpio Lagna must be there.
2. Whatever Lagna is there Lagnesh must be in Aries or Scorpio.
3. Mars must be in Lagna or aspecting Lagna from 6th 7th or 10th house.
4. Mars must join the Lagnesh anywhere in the chart or Mars should aspect Lagnesh through his 4th 7th or 8th aspect.
Any ONE of the above 4 conditions is must to be an Engineer.
Now we will discuss various courses in the Engineering wing. Mercury is the software and Mars rules hardware of Brain so...
(A) If Aries or Scorpio is the Lagna and the Mars if joined with Mercury anywhere in the chart or Mars in Gemini or Virgo sign or if Mars aspecting Mercury by his 4th 7th or 8th aspect or Mars and Mercury exchanges their signs OR
(B) If Gemini or Virgo is the Lagna, the Mercury if joined with Mars or if Mercury placed in Aries or Scorpio or if Mercury and Mars joined anywhere in the chart or both are aspecting each other then.....
Software Engineering, Computer Science Engineering, Information Technology, Electronics and Communications, Architecture Engineering etc. are the best options
(A) If Aries or Scorpio is Lagna and Mars joins Moon anywhere in the chart or Mars is in Cancer or if Mars aspects strong Moon by his 4th 7th or 8th aspect or if Mars and Moon exchanges their signs OR
(B) If Cancer is the Lagna and Moon joins Mars anywhere in the chart or Moon and Mars are in opposition or Moon and Mars exchanges their signs then .....
Electrical and Electronics Engineering, Electrical Engineering, Automobile Engineering, Textile Engineering, Marine Engineering, Aerospace Engineering, Aeronautical Engineering are the best options
(A) If Aries or Scorpio is Lagna and Mars is joined with Venus anywhere in the chart or aspecting Venus by his 4th 7th or 8th aspect or Mars Venus exchanging their signs OR
(B) If Taurus or Libra is Lagna and Venus joins Mars or both are opposit to each other or Venus and Mars exchanges their signs then.....
Biomedical Engineering, Chemical Engineering, Biotechnology and Biochemical Engineering, Fashion Technology, Food Technology, Pharmacology, Pharmacy, Media and Film Industry related courses are the best options.
(In the above rules both the related planets must have strong connection with each other. Mutual Exchange of signs and conjunction is more stronger then just aspect. Strength of planet is also to be considered. So we have to study very deep to come to any final line.)
For other Engineering lines see next post.
Ashwin Rawal 09.07.2020
Some important things for farmers किसानों के लिए फसल से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण कहावतें
मंगलवार, 15 जनवरी 2019
व्यापार में हो रहा है नुकसान तो करें यह उपाय
अपरिहार्य परिस्थितिवश यदि ऋण लेना ही है तो बुद्धवार को बुद्ध की होरा में ले सकते हैं. बहुत ही जल्दी उतर भी जायेगा.
किसी भी मंगलवार से मंगल की होरा में अपने कर्ज़े उतारने के शुरुआत कीजिये. आपको पता भी नहीं चलेगा कि कैसे और कब आप ऋणमुक्त हो भी गये.
गुरु अकेला द्वितीय, पंचम और सप्तम भावस्थ हो तो धन, पुत्र और स्त्री के लिए सर्वदा अनिष्टकारक होता है. जिस भाव का जो ग्रह माना गया है, यदि वह अकेला उस भाव में हो तो उस भाव को बिगाड़ता है.
निवासकर्ता की नाम राशि से गांव की राशि यदि 2, 5, 9, 10, 11वीं हो तो उत्तम तथा 1, 3, 4, 7वीं हो तो सम तथा 6, 8 व 12वीं हो तो निषिद्ध समझना चाहिए। इसी तरह काकिणी, नराकृति आदि विचारों के द्वारा भी शुभकारक गांव का चयन करना चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति का व्यापार न चल रहा हो, या घाटे-नुकसान में घिसट रहा हो, तो यह उपाय शुक्लपक्ष के किसी भी शुक्रवार को सूर्योदय से दो घन्टे चौबीस मिनट के भीतर कर सकते हैं. प्रातः स्नान से निवृत होकर अपने इष्ट्देव अथवा देवी माँ की विधिवत पूजा करे और खोये के पेड़ों का भोग लगाये. इसके पश्चात् खोये के पेड़ों का प्रसाद स्वयं न खाकर, अपने कर्मचारिओं को एक रूपए के सिक्के सहित बांटे. प्रसाद, व्यक्ति की धर्मपत्नी अथवा माता जी बांटे. इस दिन घर के अन्य सदस्य अपना आहार-विहार पूर्णतयः सात्विक रखें. कैसा और कितना जल्द काया-कल्प होगा।
लग्न में राहु और सप्तम भाव में केतु हो और अन्य ग्रह इन दोनों के मध्य भावस्थ हों तो इसके कारण व्यक्ति निरन्तर मानसिक रूप से अशान्त रहता है. जीवन में अस्थिरता, कपट-बुद्धि, प्रतिष्ठा-हानि, वैवाहिक जीवन का दुःखमय होना, इत्यादि प्रभाव देखने को मिलते हैं. व्यक्ति को कामयाबी हासिल करने के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ता है.
उपाय : गले में हमेशा चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने क्षेम नक्षत्रानुसार पूर्ण विधि-विधान एवं अनुकूल मुहूर्त में अपने दैवज्ञ ज्योतिषी के निर्देशानुसार धारण करें. समय तो लगेगा, लेकिन इन दुश्वारियों से छुटकारा निश्चित ही मिल जायेगा.
यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.
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शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018
खेलना छोड़ किताबों से प्यार करने लगेगा आपका बच्चा जब करेगे यह उपाय
मकर का शनि, द्वादश भावस्थ हो, तब तो शुभ हो सकता है, नहीं तो घर-गृहस्थी वालों को तो खाने तक के लाले पड़ 'सकते' हैं.
आपके शुक्र से नवम में गुरु हो तो आपकी पत्नी की अपने मायके वालों से हमेशा अनबन रहेगी. न खुद जायेगी और न उनका ही आना पसंद करेगी.
अश्विनी नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति को पिता से ज्यादा, अपने मामा से सहारा मिलता है. वैसे अन्य बाहरी लोग भी मददगार होते हैं.
सप्तमस्थ शनि मकर या कुंभ में हो और सूर्य लग्नस्थ हो, तो विवाह में अवश्य ही बाधा आएगी एवं विलम्ब भी अपेक्षित है, वो भी खासा.
मकर का शनि, द्वादश भावस्थ हो, तब तो शुभ हो सकता है, नहीं तो घर-गृहस्थी वालों को तो खाने तक के लाले पड़ 'सकते' हैं.
ईस्ट फेसिंग है तो क्या तोप हो गया! एंट्रेंस E6 हो तो फॅमिली और धंधे, दोनों की गुडविल की धज्जियाँ उड़ा देता है ये प्रवेश द्वार.
N7 का प्रवेश द्वार जवाँ हो रही लड़कियां परिवार की परंपरा और आदर्शों के दायरे से मुक्त हो स्वछंदता के लिये विद्रोही आचरण करती हैं.
कोर्ट केस के लिये वकील तो करें ही, साथ में NW में अशोक स्तम्भ स्थापित करें और एक तलवार टांगें. ये तो विनिंग बेस रेडी हो गया अब.
बुद्ध से द्वादश भाव में राहु का होना एक विलक्षण योग है. तेज बुद्धि और सॉलिड स्मरणशक्ति के साथ किसी भी सब्जेक्ट में टॉपर बन सकता है.
मृगशिरा पुत्री का विवाह पूर्वाफाल्गुनी लड़के से फ़िक्स करने से पहले अपने दैवज्ञ से मशविरा करें. विवाह होते ही वैधव्य योग संभावित है.
पुष्य नक्षत्र वाला अपने विवेक बुद्धि को ताक पर रखकर और बिना अपनी कमियां जाने, अपनी पत्नी पर शक़ करेगा. सो कुण्डली पहले ही मिलवा लो.
गुरु, एकादश भावस्थ हो तो एक ओर तो बड़े भाई का पोषण करना पड़ सकता है, दूसरी ओर, औलाद के दुराचारी निकलने की सम्भावना भी बहुत होती है.
ग्रह-गोचर सब अनुकूल, लेकिन गर्भाधान में दिक्कत आ रही है तो बेडरूम चेक कीजिये ना. SSW या ESE या WNW में है क्या.
वृश्चिक लग्न वाले पुत्र का यदि चन्द्र्मा और मंगल, दोनों सप्तमस्थ हैं, तो बालिग होते ही ब्याह कर दीजिये और व्यापार शुरू करवाइये.
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बुधवार, 12 सितंबर 2018
आपके घर की सीढ़ी और सफलता से होता है नाता

सीढ़ी या सोपान किसी भवन के भिन्न-भिन्न ऊपरी तलों पर पहुँचने के लिए श्रेणीबद्ध पैड़ियाँ होती हैं। लकड़ी, बाँस आदि की सुवाह्य सीढ़ियाँ आवश्यकतानुसार कहीं भी लगाई जा सकती हैं। वास्तुशास्त्र के नियम के अनुसार सीढ़ियों का निर्माण उत्तर से दक्षिण की ओर अथवा पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर करवाना चाहिए।
लग्न में दक्षिणायन का सूर्य, अर्थात कर्क से धनु तक का रवि मनुष्य को भाग्यशाली बनाता है. उत्तरायण का सूर्य, अर्थात मकर से मिथुन तक का रवि व्यक्ति में झगड़ालू और अपना हक़ जमाने की प्रवृति को बढ़ावा देता है. दक्षिणायन में इसके विपरीत दैवीय वृत्तियाँ अपना अलौकिक आकार लेती हैं. वैसे, सामान्यतः लग्न का सूर्य व्यक्ति की उन्नति ही करता है क्योंकि वह स्वयं ऊँचे दशम स्थान की ओर बढ़ा होता है.
हम सब यह जानते हैं कि सीढ़ियों की ज़रूरत उपरी फ्लोर या छत पर जाने के लिए पड़ती है. किसी भी भवन में सीढ़ियों के निर्माण के समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये हमेशा पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण की ओर उपर जाने वाली हों. इन सीढ़ियों से निकलने वाली एनर्जी इतनी शक्तिशाली होती है कि वह सफलता के रास्ते को काफी हद तक प्रभावित करती है. विभिन्न दिशा क्षेत्रों में होने वाली सीढ़ियाँ अपने घुमाव के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रभाव छोड़ती हैं.
नॉर्थईस्ट में किचन है तो पीला जैसलमेर पत्थर गैस स्टोव के नीचे रखें. वास्तु दोष खत्म हो जाता है. पितृश्राप (पितृदोष) से मुक्ति हेतु गयाजी में श्राद्ध अथवा कन्यादान करके सवत्सा धेनु का दान करें. किसी भी वजह से बाहरी दुनिया से रिश्ते तोड़ने चाहते हैं तो घर के पूर्व में डस्टबिन रख दीजिये. ७ तारीख को जन्मे व्यक्ति नेचुरल बिजनेसमैन होते हैं. धंधे में सफलता चाहिये तो ३ को जन्मे व्यक्ति को पार्टनर बनाओ.
अभाव चार प्रकार का होता है - प्रागभाव, प्रध्वंसाभाव, अत्यन्ताभाव और अन्योन्याभाव. किसी वस्तु की उत्पत्ति से पूर्व उसका अभाव, प्रागभाव कहलाता है. किसी वस्तु के नाश के पश्चात् उसका अभाव, प्रध्वंसाभाव कहलाता है. किसी वस्तु का नितान्त अभाव, अत्यन्ताभाव कहलाता है. एक वस्तु में दूसरी वस्तु का अभाव, अन्योन्याभाव कहलाता है. वास्तु के यह उपाय विश्वजीत जी के है. उनके अनुभव आपकी भी मदद कर सकते हैं. आप भी अपने बच्चों को सुधारने के लिए इन वास्तु उपाय को अपना सकते हैं. आपको जरुर लाभ होगा.
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सोमवार, 10 सितंबर 2018
vastu tips for education in hindi
- यदि चन्द्र्मा, मकर अथवा कुम्भ राशिगत है, तो चन्द्र्मा की महादशा में जब सप्तमेश (लग्न से) की अन्तर्दशा होगी, तब व्यक्ति को अत्याधिक परेशानियों का अनुभव होगा. उपाय वारव्रत, वैदिक मन्त्रजप, स्तोत्रपाठ और रत्न हैं. If the Moon is posited in a sign, owned by the Saturn, extreme troubles will be felt by the native during the sub-period of the 7th lord counted from the Ascendant, in the Maha Dasha of the Moon. One should keep fast of that concerned day, recitation of Vaidik Mantra and Stotram and wear gemstone of AD planet.
- षष्ठ भावस्थ मंगल यदि मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु अथवा कुम्भस्थ हो, तो व्यक्ति के चरित्र में कामुकता बहुत होती है. अपराह्न-कालगत सम्भोग के समय तो अमानवीय और अमानुषिक व्यवहार करते हैं. इनकी संतान के भी धनार्जन-आयु से ठीक पूर्व क्षय होने का संशय है यदि अन्य दुर्योग भी संकेत कर रहे हों. इसको गंभीरता से लेने की जरूरत है. समय रहते बचाव हो जाये तो बेहतर वरना अब पछताये क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत वाली बात न हो जाये. सफलता बहुत-बहुत मेहनत करने से मिलती है, वो भी तब, जब सब तरफ से निराश हो जाते हैं तब कहीं जाकर सही राह पकड़ के अपने फाइनल ठिकाने लगते हैं.
- इच्छाएं ही जीवन की प्रेरणा होती हैं. हर पल जीवन आगे बढ़ रहा है क्योंकि यह इच्छाओं से प्रेरित है. आपके घर के ESE वास्तु ज़ोन में ब्रास निर्मित कामधेनु गाय वास्तु उपाय के रूप में स्थापित करने से यह चिंतन, चिंता और आंतरिक संघर्ष के लिए ज़िम्मेदार ऊर्जा को उत्पादक और उपयोगी कार्यवाई में परिवर्तित कर देता है और आपकी इच्छाओं को पूरा करने में मददगार भी होता है.
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- स्कूल की पढाई से जी चुराने वाली संतानों के माता-पिता इस चित्र का प्रिंटआउट वेस्ट-साउथ-वेस्ट (साउथ-वेस्ट और वेस्ट के बीच में) की दीवार पर चिपका दें और स्टडी टेबल भी वहीँ लगायें . स्टडी शुरू करने से पूर्व इस मंत्र का २१ बार जाप करें...प्रतिदिन
- Kind attention Parents of School-Going Children....Take a printout of this picture and paste it on the wall of WSW (in between SW & West) a bit above the study table in WSW. Recite this mantra 21 times daily before studying. All your assets, money, relations, and vital energies are either getting disposed off or getting drained without any apparent reasons ? You must be sleeping in the Vastu Zone of SSW. If you are not sleeping there but this zone is hyper-active or extended, even then, you start getting similar dismal results
- Place a brass Tortoise on the floor in the West and place another brass tortoise on the floor in the centre of the house. Both tortoise must face the North of the house. This vastu remedy helps excessively aggressive children to calm down and ensure that they use their energy in a creative and constructive manner. This remedy will help in controlling anger in children besides enhancing their personalities and making them more successful in life.
- यदि आपको लगता है कि " सब कुछ ठीक सा है लेकिन हमारे हाथों में धन ही नहीं है " तो आपको अपने घर के दक्षिण-पूर्व दिशा क्षेत्र से नीले रंग को हटाने के ज़रूरत है.
- If you feel that you are stuck in your life; you don’t have the job or work that goes well with your skills and knowledge, or you just want to expand the horizons of your Karma (Actions for Contributing to the world – even for making more money), just book a visit for Enlightening Technique in North Vastu Zone. Wait for 2-3 weeks and see what series of opportunities life presents before you !!
शुक्रवार, 31 अगस्त 2018
किस राशि में विराजे है आपकी कुंडली में सूर्य देव जाने उसका फल
यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.
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अधिकतर विश्लेषणकर्ताओं ने व्यय स्थान अर्थात #द्वादश भाव में सामान्यतः प्रत्येक ग्रह के फल अशुभ ही बताये हैं, फिर #सूर्य अपवाद कैसे हो सकते हैं! द्वादश भाव में सूर्य बालावस्था से कुमारावस्था में प्रवेश करते हैं. कुमार अवस्था की उद्दत प्रवृति, किसी की न सुनना, बढ़ता जोश, अपने मन की करना, अपने हित का ख्याल न रखते हुए लड़ाई झगड़े आदि करना ये बातें होती हैं. लेकिन कभी-कभी जोश में अच्छे काम भी हो जाते हैं.
यहाँ #सूर्यदेव यदि #कर्क, #वृश्चिक अथवा #मीन इन राशियों में हैं तो व्यक्ति खर्चीला, बेफ़िक्र, लोगों का उपकार करने वाला, बहादुर होता है लेकिन यदि राजनैतिक है तो कारावास भी जा सकता है.
#वृषभ, #कन्या और #मकर में अपने लक्ष्य साधने में सक्षम, खुद पे पड़ने वाली दुश्वारियों को निस्पृह भाव से सहने वाला, अपने अच्छे कामों से ख्याति प्राप्त करना, आज़ाद ख्यालों वाला, पैसा कमाने के जुगाड़ में हमेशा रहने वाला और मन ही मन कुढ़ने वाला होता है.
#मेष, #सिंह, #धनु में बड़ा कंजूस, घमंडी, खुद को फन्ने खां समझने वाला, बिना सोचे-विचारे कामों में कूद पड़ना और फिर उसका दंड भुगतना ऐसे फल मिलते देखे गए हैं.
#मिथुन, #तुला और #कुम्भ में खर्चीली प्रवृति का और अपने क्षेत्र में में नाम कमाता है.
गुरुवार, 30 अगस्त 2018
Krishna Janmashtami 2018 muhurat कृष्ण जन्माष्टमी 2018 के अवसर पर इस मुहूर्त में करें पूजा
भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेने से लेकर उनकी मृत्यु तक अनेक रोमांचक कहानियां है। इन्ही श्री कृष्ण के जन्मदिन को हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले और भगवान श्री कृष्ण को अपना आराध्य मानने वाले जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव है। योगेश्वर कृष्ण के भगवद्गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमी को भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था से मनाते हैं. श्रीकृष्ण से जुड़े ऐसे 7 अद्भुत रहस्य ऐसे हैं, जिसे आज हर व्यक्ति जानना चाहेगा। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को जन्माष्टमी मनाई जाती है। कहते हैं कि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की काली रात हो श्रीकृष्ण का कंश के कारागार में जन्म हुआ था।
शुभ मुहूर्त -
भगवान कृष्ण का जन्म भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए उनके जन्मदिवस को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस साल जन्माष्टमी 2 और 3 सितंबर को मनाई जा रही है। इस वर्ष जन्माष्टमी का पर्व 02 सितम्बर रविवार को पड़ रहा है। भाद्रपद तिथि अष्टमी दिन रविवार नक्षत्र रोहिणी का अद्भुत संयोग है। सोने में सुहागा यह है कि भारतीय स्टैण्डर्ड समयानुसार रविवार रात्रि को 08 बजकर 48 मिनट से लेकर अगले दिन सोमवार को सायं 07 बजकर 20 मिनट तक अष्टमी तिथि रहेगी। रविवार को ही रोहिणी नक्षत्र रात्रि 08/49 से लेकर सोमवार को रात्रि 08/05 तक रहेगा। इसमे रविवार को रात्रि 10/00 बजे से लेकर रात्रि 11/57 तक वृष लग्न का समावेश रहेगा.
जन्माष्टमी के पर्व पर करें यह उपाय
जन्माष्टमी के पर्व पर जब आप कृष्ण पूजन करें तो उस समय कुछ सिक्के पूजा स्थल पर रख दें और उसके बाद पूजा करें. पूजा समाप्त होते ही इन सिक्कों को अपने पर्स में रख दें. ऐसा करने से लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा. जन्माष्टमी की शाम तुलसी के पौधे पर लाल चुनरी ओढ़ाएं और साथ ही एक दीया भी जला दें. इसके बाद वहीं बैठकर मंत्र “ॐ वासुदेवाय नम:” का 2 माला जाप करें. आपकी धन से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी. आपको लाभ भी होगा.
सोमवार, 27 अगस्त 2018
Dressing Table in Bedroom how does it affect you?
अधिकतर हम और आप अपने बेडरूम में ड्रेसिंग टेबल रखते हैं. इक तो शहरों में घर बहुत छोटे होते हैं जगह कम होती हैं. तो लोग जगह की हिसाब से चीजे सेट करते हैं. पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं की आप अपने बेडरूम में ड्रेसिंग टेबल रखते हैं तो उसका क्या असर होता हैं. वास्तु शास्त्री मानते हैं कि सुख-समृद्धि के लिए सही दिशा में, उपयुक्त आकार के दर्पण का होना बहुत जरूरी है। इसलिए अगर आईना या ड्रेसिंग-टेबल रखना भी हो, तो इस तरह से रखा जाना चाहिए कि सोने वाले का अक्स उसमें न दिखाई दे।
यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.
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Many people approach me, confessing that they are confused about where to place their dressing table. They feel that their bed and their own reflection in the looking glass will cause misery in relationships and disorder sleep.
The position of a dressing table reflecting the bed does not create any such negative effect by itself. In fact, it is the location of the mirror in an incompatible zone that causes the problem that too, related with that zone only. Mirror as an object represent the water element. It also serves as a medium for extension of space.
If you place a mirror in the South-East direction, it is like having water in the zone of fire. As water put out fire, it will cause negative effects in the SE zone. As it will also extend the SE zone, it causes accidents and injuries to the inhabitants.
A dressing table in the SSW zone, gives extension to the zone of disposal. So, it creates increased wastage and loss of fertility for the people sleeping in these bedrooms.
For relationship problems in the bedroom, the responsible zone is the SW zone of the home. If a mirror is placed in this zone then due to its extension effect problems arise. Symptoms of such problems are over-expectations in relationships are caused due to the extended SW zone. So it is not merely the reflection of bed in the dressing table mirror that causes problem.
शनिवार, 25 अगस्त 2018
शनिदेव के सामने कभी भी न बोले यह बात हो सकता हैं नुकसान
जाने अनजाने में हम कभी कभी ऐसी गलती कर जाते हैं जिसका खामियाजा हमें भुगतना पडता हैं. हम और आप मंदिर जाते हैं पूजा करते हैं प्राथना करते हैं. पर कभी कही पर हमारी प्राथर्ना हमें हानि भी दे सकती हैं. बस आज हम आपको बता रहे हैं की जब भी शनि मंदिर जाएँ तो कैसे प्राथना करें.
कुछ लोग शनिदेव के समक्ष खड़े होकर दोनों हाथों से प्रणाम करते हुए अनजाने में प्रार्थना करते हैं कि हे शनिदेव, आप अपनी कृपा दृष्टि हम पर बनाये रखना. ऐसा भूलकर भी नहीं करना चाहिए. क्यूंकि शनिदेव की वक्र दृष्टि जिस पर पड़ जाती है, उसका तो अनर्थ हो जाता है. शनिदेव तो स्वयं ही अपनी दृष्टि झुकाकर रखते हैं.
शनि मंदिर में सूर्योदय से पूर्व या सूर्यास्त के पश्चात् ही जाना चाहिए.
शनिदेव को दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार या प्रणाम करने की जगह अपना सिर और धड़ शनिदेव के आगे झुकाते हुए दोनों हाथ कमर के पीछे ले जाकर उनको बांधकर नमन करना चाहिए. दोनों हाथों को जोड़ कर नमस्कार करने का अर्थ है या तो आप किसी का स्वागत कर रहे हैं अथवा उसको अपने यहाँ से विदा कर रहे हैं. इसलिए शनिदेव को दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार नहीं करना चाहिए.
शनिदेव के समक्ष प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि वे सब बुरे कार्य जो शनिदेव को पसंद नहीं है, उनको अब मैं नहीं करूँगा. यदि ऐसी प्रतिज्ञा करके उसका ईमानदारी से पालन नहीं करेंगे, तो भले ही कोई सैंकड़ों उपाए करते हुए लाखों रूपए खर्च कर देवे, वह शनिदेव के कोप से नहीं बच सकता.
शनिदेव को इस मन्त्र से प्रणाम करना चाहिए.
नीलांजन समाभासं सूर्यपुत्रं यमाग्रजम | छायामार्तण्ड संभूतं तं नमाति शनैश्चरं |
यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.
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गुरुवार, 23 अगस्त 2018
न करें ज्योतिष के अधिक उपायों को एक साथ हो सकता है नुकसान
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कभी भी एक समय में सभी चीज़ों को व्यवस्थित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए. अपनी इच्छाओं की प्राथमिकता तय करनी चाहिए और उसी के अनुरूप कार्य करना चाहिए. आप देखेंगे कि बहुधा एक अकेली समस्या कई रूपों में नज़र आती है. ऐसे में समस्या के एक रूप के लिए किया गया उपचार समस्या के बाकी रूपों को भी ख़त्म कर देता है. अत्यधिक उपायों का प्रयोग भी असंतुलन पैदा कर सकता है. इसे ज्योतिषीय और वास्तु उपायों के परिप्रेक्ष्य में समझें.
तृतीय भावस्थ बुद्ध वाले व्यक्ति को अपना निवासस्थान बार-बार बदलना पड़ता है, कहीं एक परमानेंट ठिकाना बनना मुश्किल ही होता है. यदि यह तृतीय भावस्थ बुद्ध बलवान हो तो २४वें वर्ष में ही भाग्योदय हो जाता है. मध्यम बली हो तो ३०वें वर्ष में और यदि अनिष्ट ग्रह्युक्त हो, तो ३६वें वर्ष में तो भाग्योदय होता ही है. इसके बाद भी भाग्योदय न हो रहा हो तो किसी विद्वान को अपनी कुण्डली दिखवाएं और पता लगवाएं कि आपका भाग्यरथ कहाँ फंसा हुआ है.
षष्ट भावस्थ चन्द्र्मा का एक गुण विलक्षण है. आप ऐसे व्यक्ति को बिना मतलब कितना ही परेशान करते रहो, चाहे उस बेचारे ने स्वप्न में भी आपका कोई नुक्सान न किया हो, वो पलट कर आपको कभी जवाब नहीं देगा, पूछेगा भी नहीं कि आप उसे खामखाँ क्यों तकलीफ़ दे रहे हो. लेकिन ऐसे जातकों की आत्मबल शक्ति इतनी अधिक होती है कि ये जिसका बुरा चाहें, उसे फ़ौरन वैसा ही फल भुगतना पड़ता भी है. सास - बहु सावधान, पति - पत्नी सावधान, बॉस - अधीनस्थ सावधान
those GIRLS born IN 1979 year what happened his life
यह रिसर्च हमारे ज्योतिषी आश्विन रावल जी है. जो सशुल्क आपकी समस्या का समाधान कुंडली देखकर करते हैं. शादी, नौकरी, परिवारिक समस्या आदि परेशानियों का जबाब यह आपको दिन महीने और वर्ष के साथ समस्या का हल करके बताते हैं. उनको ज्योतिष का ४० वर्षों से ज्यादा अनुभव हैं. आप उनसे ऊपर दिए गये नम्बर पर whatsApp करके सशुल्क परामर्श ले सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें. यह मेटर कॉपीराइट है आश्विन रावल जी का.
It was perhaps 2007 when many parents were used to visit me to know the time of marriage of their 28 years old daughters. The girls were born in 1979. This flow continued for 10 years more with other issues too when girls were grown up 38 years old.
1. Some girls got divorce within 2 or 3 years.(11 cases )
2. Husband left the wives at their parents home and were not interested to live with them (7 cases)
3. Husbands were abroad and there was a kind of separation (2 cases )
4. Husband expired within 5 years (2 cases )
5. No marriage at all. (27cases)
6. Married but compromised married life. Compelled to live together with husband as no other option (12 cases)
All above cases are of 1979 birth. This made me research on this issue and found some planetary common reasons. Till November 1979 Saturn and Rahu were together in Leo Sign.
5th house and 5th sign of natural zodiac Leo represents true love and romance. Saturn and Rahu both are present in Leo almost whole year so source of love and romance blocked.
11th house and 11th sign Aquarius represents long term relationship and marriage bonding. A true friendship. Here Ketu is present almost whole year.
7th house and 7th sign of zodiac Libra, represents marriage and life partner. Saturn is throwing his third aspect. Saturn has delay and denial effect in his aspect. Rahu has separative force which is mixed with Saturn aspect. So Libra sign is badly affected.
One thing I will add in conclusion that not all females born within 1979 has marital problems. So many other positive aspects are also working in the individual chart which may save the marriage and married life but this is what I have noticed in some cases of 1979 birth which I am sharing today.
This problem I have noticed in the male charts also but percentage are low. This write up is just my observation in my astrological journey.
ASHWIN RAWAL 22.08.2018
बुधवार, 22 अगस्त 2018
vastu tips this is really work वास्तु के वे सुझाव जो बदल दे आपका जीवन
Any textile or ready-made garments showroom, the walls should be off-white or pink.
A high building in the South-West or South is good as it blocks all the negative solar rays coming from the direction.
The upper story of a building should be a little less in height than the lower one to avoid family disintegration.
No hole should be left in the back wall as it leads to thefts and ghost scares.
यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.
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साउथ-वेस्ट ख़राब हो तो बहुत केयरिंग और आज्ञाकारी औलाद भी रत्ती भर रेस्पेक्ट नहीं करती. जब देखो हर वक़्त काट खाने को दौड़ती रहती है..
21 को जन्मे अपने एकतरफा विचारों की वजह से अहंकारी समझे जाते हैं, जिसके कारण 13 और 17 को जन्मे लोगों से दुश्मनी खामखाँ पनपती है.
शनि द्वितीय भावस्थ हों तो व्यक्ति की माँ की सेहत कभी भी सुखद नहीं रहेगी. अपने जीवनकाल में 3 से ज्यादा मकान बदलेगा.
राहु पञ्चम भावस्थ या पन्च्मेश संग युति तो सर्पश्राप होता है. केतु पञ्चम भावस्थ या पन्च्मेश संग युति तो ब्रह्मश्राप होता है.
बैंक से फण्ड चाहिये ? बेडरूम नार्थ-वेस्ट को बनाओ, साउथ-ईस्ट में रेड बल्ब ऑन रखो और प्रवेशद्वार को वास्तु-सम्मत करवाओ. बस ये ३ काम.
बुद्ध वक्री से मार्गी हो रहे हैं सो लीगल पेपर वर्क, प्रॉपर्टी नेगोशिएशन, रजिस्ट्री, जॉब एप्लीकेशन और मतभेद सुलझाने का दौर आ गया है.
यदि पंचमेश या नवमेश, दोनों में से किसी का भी संबंध, दशमेश के साथ है, और फिर भी सुख-समृद्धि नहीं है, तो वास्तुपुरुष ही रुष्ट हैं.
अगर सूर्य अथवा राहु, शुक्र से 12th भाव में हैं, मैरिड लाइफ में फिर सुपर क्लेश है. ज़्यादातर मामलों में डाइवोर्स ही होता देखा गया है
रोहणी नक्षत्र वाले व्यक्ति को सफलता 38 के बाद मिलती है. उससे पहले का टाइम टफ होता है. ब्लाइंड फेथ करने की वजह से डाउनफॉल आते हैं..
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