भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेने से लेकर उनकी मृत्यु तक अनेक रोमांचक कहानियां है। इन्ही श्री कृष्ण के जन्मदिन को हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले और भगवान श्री कृष्ण को अपना आराध्य मानने वाले जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव है। योगेश्वर कृष्ण के भगवद्गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमी को भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था से मनाते हैं. श्रीकृष्ण से जुड़े ऐसे 7 अद्भुत रहस्य ऐसे हैं, जिसे आज हर व्यक्ति जानना चाहेगा। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को जन्माष्टमी मनाई जाती है। कहते हैं कि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की काली रात हो श्रीकृष्ण का कंश के कारागार में जन्म हुआ था।
शुभ मुहूर्त -
भगवान कृष्ण का जन्म भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए उनके जन्मदिवस को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस साल जन्माष्टमी 2 और 3 सितंबर को मनाई जा रही है। इस वर्ष जन्माष्टमी का पर्व 02 सितम्बर रविवार को पड़ रहा है। भाद्रपद तिथि अष्टमी दिन रविवार नक्षत्र रोहिणी का अद्भुत संयोग है। सोने में सुहागा यह है कि भारतीय स्टैण्डर्ड समयानुसार रविवार रात्रि को 08 बजकर 48 मिनट से लेकर अगले दिन सोमवार को सायं 07 बजकर 20 मिनट तक अष्टमी तिथि रहेगी। रविवार को ही रोहिणी नक्षत्र रात्रि 08/49 से लेकर सोमवार को रात्रि 08/05 तक रहेगा। इसमे रविवार को रात्रि 10/00 बजे से लेकर रात्रि 11/57 तक वृष लग्न का समावेश रहेगा.
जन्माष्टमी के पर्व पर करें यह उपाय
जन्माष्टमी के पर्व पर जब आप कृष्ण पूजन करें तो उस समय कुछ सिक्के पूजा स्थल पर रख दें और उसके बाद पूजा करें. पूजा समाप्त होते ही इन सिक्कों को अपने पर्स में रख दें. ऐसा करने से लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा. जन्माष्टमी की शाम तुलसी के पौधे पर लाल चुनरी ओढ़ाएं और साथ ही एक दीया भी जला दें. इसके बाद वहीं बैठकर मंत्र “ॐ वासुदेवाय नम:” का 2 माला जाप करें. आपकी धन से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी. आपको लाभ भी होगा.
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