शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

किस राशि में विराजे है आपकी कुंडली में सूर्य देव जाने उसका फल


यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें. 
 https://www.facebook.com/TheVedicCounselor/




अधिकतर विश्लेषणकर्ताओं ने व्यय स्थान अर्थात #द्वादश भाव में सामान्यतः प्रत्येक ग्रह के फल अशुभ ही बताये हैं, फिर #सूर्य अपवाद कैसे हो सकते हैं! द्वादश भाव में सूर्य बालावस्था से कुमारावस्था में प्रवेश करते हैं. कुमार अवस्था की उद्दत प्रवृति, किसी की न सुनना, बढ़ता जोश, अपने मन की करना, अपने हित का ख्याल न रखते हुए लड़ाई झगड़े आदि करना ये बातें होती हैं. लेकिन कभी-कभी जोश में अच्छे काम भी हो जाते हैं.

यहाँ #सूर्यदेव यदि #कर्क, #वृश्चिक अथवा #मीन इन राशियों में हैं तो व्यक्ति खर्चीला, बेफ़िक्र, लोगों का उपकार करने वाला, बहादुर होता है लेकिन यदि राजनैतिक है तो कारावास भी जा सकता है.

#वृषभ, #कन्या और #मकर में अपने लक्ष्य साधने में सक्षम, खुद पे पड़ने वाली दुश्वारियों को निस्पृह भाव से सहने वाला, अपने अच्छे कामों से ख्याति प्राप्त करना, आज़ाद ख्यालों वाला, पैसा कमाने के जुगाड़ में हमेशा रहने वाला और मन ही मन कुढ़ने वाला होता है.

#मेष, #सिंह, #धनु में बड़ा कंजूस, घमंडी, खुद को फन्ने खां समझने वाला, बिना सोचे-विचारे कामों में कूद पड़ना और फिर उसका दंड भुगतना ऐसे फल मिलते देखे गए हैं.

#मिथुन, #तुला और #कुम्भ में खर्चीली प्रवृति का और अपने क्षेत्र में में नाम कमाता है.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured post

इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं

महिलाएँ ...इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं।   तो ये है इस फ़ार्मूले का राज... 👇 जन्म वर्ष के केवल आख़री दो अंकों क...