गुरुवार, 23 अगस्त 2018

न करें ज्योतिष के अधिक उपायों को एक साथ हो सकता है नुकसान



कई देखा बार देखा होता है तो की कोई व्यक्ति बहुत अधिक परेशान होता है तो वो कई जगह हाथ-पैर मारता हैं. अपने जीवन में शान्ति लाने के लिए एक साथ कई ज्योतिष उपायों को एक साथ आजमाता रहता हैं. पर उसकी ये आदत उसको लाभ देने की वजाए हानि देने लगती है. ऐसा मानना है वैदिक काउंसलर विश्वजीत जी का. जो समय समय पर अपने अनुभव सांझा करते है. उन्ही अनुभव का यह निचोड़ हैं. 


यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें. 
 https://www.facebook.com/TheVedicCounselor/


कभी भी एक समय में सभी चीज़ों को व्यवस्थित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए. अपनी इच्छाओं की प्राथमिकता तय करनी चाहिए और उसी के अनुरूप कार्य करना चाहिए. आप देखेंगे कि बहुधा एक अकेली समस्या कई रूपों में नज़र आती है. ऐसे में समस्या के एक रूप के लिए किया गया उपचार समस्या के बाकी रूपों को भी ख़त्म कर देता है. अत्यधिक उपायों का प्रयोग भी असंतुलन पैदा कर सकता है. इसे ज्योतिषीय और वास्तु उपायों के परिप्रेक्ष्य में समझें.


तृतीय भावस्थ बुद्ध वाले व्यक्ति को अपना निवासस्थान बार-बार बदलना पड़ता है, कहीं एक परमानेंट ठिकाना बनना मुश्किल ही होता है. यदि यह तृतीय भावस्थ बुद्ध बलवान हो तो २४वें वर्ष में ही भाग्योदय हो जाता है. मध्यम बली हो तो ३०वें वर्ष में और यदि अनिष्ट ग्रह्युक्त हो, तो ३६वें वर्ष में तो भाग्योदय होता ही है. इसके बाद भी भाग्योदय न हो रहा हो तो किसी विद्वान को अपनी कुण्डली दिखवाएं और पता लगवाएं कि आपका भाग्यरथ कहाँ फंसा हुआ है.


षष्ट भावस्थ चन्द्र्मा का एक गुण विलक्षण है. आप ऐसे व्यक्ति को बिना मतलब कितना ही परेशान करते रहो, चाहे उस बेचारे ने स्वप्न में भी आपका कोई नुक्सान न किया हो, वो पलट कर आपको कभी जवाब नहीं देगा, पूछेगा भी नहीं कि आप उसे खामखाँ क्यों तकलीफ़ दे रहे हो. लेकिन ऐसे जातकों की आत्मबल शक्ति इतनी अधिक होती है कि ये जिसका बुरा चाहें, उसे फ़ौरन वैसा ही फल भुगतना पड़ता भी है. सास - बहु सावधान, पति - पत्नी सावधान, बॉस - अधीनस्थ सावधान





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