आज हम आपको राजिव दीक्षित जी की किताब के कुछ अंश लेकर आये हैं जो आपको मोटापा दूर करने में मदद करेगे, आपके बेडोल शरीर को शेप में लेकर आयेगे.
1 गिलास पानी में 4 बड़े चम्मच भर सिरका खाली पेट सेवन करते रहने से कमर का मोटापा दूर होता है। कुलथों को पकाकर खाने से शरीर की चर्बी छँटती है। सायंकाल के समय 6 माशा त्रिफला कोरे मिट्टी के पात्रा में लगभग छटाँक भर जल में भिगो दें। प्रातः मसल-छानकर तथा एक तोला शहद मिलाकर नियमित पिएं।
पेट, कमर व कूल्हों की चर्बी कम करने के लिए भाप सेंक करना चाहिए। यदि प्राकृतिक चिकित्सालय आदि में व्यवस्था न हो तो यह उपाय आप घर में भी कर सकते हैं। इसके लिए एक बड़े भगोने या पतीली में एक चम्मच नमक तथा तीन-चार चम्मच अजवायन डालकर पानी भर दें। बरतन पर जाली या चलनी आदि रखकर पानी को उबालें। जब भाप उठने लगे तो दो छोटे तौलिए ठण्डे पानी में भिगोकर निचोड़ लें तथा बारी-बारी से जाली पर रखकर भाप से गर्म करके पेट, कमर तथा कूल्हों की सेंक करें। इस उपाय से धीेरे-धीरे चर्बी छँटने लगेगी।
प्रातः शौच जाने से पूर्व एक गिलास ठण्डे पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर नियमित कुछ दिनों तक पीने से चर्बी कम होने लगती है। तुलसी के पत्तों के रस में शहद मिलाकर नियमित चाटते रहने से चर्बी कम होती है। 1 तोला मूली चूर्ण इतने ही शहद में मिलाकर पानी के साथ सेवन करने से चर्बी छँटती है। बड़ी हरड़, आँवला तथा बहेड़े का छिलका (त्रिफला) समान भाग लेकर चूर्ण बनाकर इसमें से 1 तोला चूर्ण शहद मिले पानी के साथ सेवन करने से 40 दिनों में मोटापा कम होने लगता है।
त्रिफला व गिलोय के काढ़े में 250 मि.ग्रा. लौह भस्म मिलाकर पीने से मोटापा बढ़ना रुक जाता है। 12 ग्राम शहद में 3 ग्राम चित्रकमूल का चूर्ण मिलाकर चाटने से पेट बढ़ना रुक जाता है। 1 तोला गिलोय, 3 तोला बायबिडंग, 2 तोला छोटी इलायची, 4 तोला इन्द्रजौ, ढाई तोला बहेड़ा, 5 तोला बड़ी हरड़, 7 तोला आँवला तथा 8 तोला शुद्ध गुग्गुल लें। गुग्गुल के अलावा पहले शेष सभी चीज़ों का चूर्ण बनाएं, इसके बाद गुग्गुल में मिलाकर अच्छी तरह कूटकर रख लें। आधा से 1 तोला यह चूर्ण शहद में मिलाकर सबेरे शाम पानी के साथ सेवन करना चाहिए.

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