रविवार, 11 अगस्त 2024
जीवन की दशा और दिशा बदल सकते हैं यह मंत्र
कभी कभी जीवन में बहुत कष्ट बाधा आती है, हम लाख अच्छा कर लेवें, लोग हमसे खुश नही रहते, हमारे कार्य से संतुष्ट नही होते, पीठ पीछे हमारी बुराइयां करते हैं, हमारे कार्यों में बाधा करते हैं । हमारी पूरी ज़िंदगी अपने आपको दूसरे लोगों को मनाने समझाने उनके सामने अपने आपको सही साबित करने में पूरी हो जाती है, हमारे कई शुभ कार्य अनेक लोगों की वजह से अटके पड़े होते हैं, हम ऐसे कार्यक्षेत्र में होते हैं जहाँ हमारी वाणी और व्यक्तित्व ही सब कुछ है , किसी वजह से हम अगर अपना प्रभाव जमाने में नाकाम होते हैं तब सामने वाला हमपर हावी होता है, हमारी अच्छी बातें किसी के सामने नही आ पाती और लोगों में सिर्फ हमारी बुराइयां ही प्रचलित हो जाती है , कई बार ग्रह-गोचर की वजह से भी कई बार ऐसी विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थितियों से उबरने के लिए आज मैं आपको 2 अति तीव्र प्रभावकारी मन्त्र बता रहा हूँ, जो आपकी किसी भी कार्य सिद्धि के लिए सहायक है और लोगों पर अपना प्रभाव व आकर्षण जमाने में बेहद असरकारक है । इन मंत्रों को जप करने का कोई कठोर नियम नही है, यह स्वयं सिद्ध मन्त्र हैं, इसीलिए इनको सिद्ध करने की आवश्यकता नही है, थोड़ी संख्या में जप करने से यह प्रभाव दिखाने लगते हैं । शुरुआती दौर में आप इसे 21 बार प्रति मन्त्र ही प्रतिदिन करते हैं, तब भी यह अपना प्रभाव दिखाने में सक्षम हैं। आप इन्हें अपनी नित्य पूजा में शामिल कीजिये, यह आपको लाभ देंगे । मंत्र इस प्रकार हैं :
सर्व कार्यसिद्धि तंत्रोक्त उपाय
पी. ए. बाला
आज आपको ऐसे सरल तंत्रोक्त यांत्रिक उपाय बता रहा हूँ जो कि सर्व कार्यसिद्धि के लिए है, यह करने में बेहद सरल और सात्विक है। एक सफेद कागज़ पर हरे रंग की स्याही से चित्र में बताया यंत्र बना लीजिए, उसे फोल्ड करके एक मिट्टी की छोटी कलसी (लोटा) में आधा सेंधा नमक भर लेवें, फिर यह यंत्र उसमें रख देवें, उसके ऊपर फिर सेंधा नमक डाल कर पूरा भर देवें , ऊपर मिट्टी के बने ढक्कन से उसका मुँह बन्द करके, काले कपड़े से उसका मुँह बांध देवें , और संध्या समय किसी सुनसान जगह पर गाढ़ देवें , पलट कर आ जाएं , पीछे मुड़ कर न देखें । इस प्रयोग को किसी भी दिन किया जा सकता है । यह यंत्र मैंने हिंदी की गणित में बनाया है, आप चाहें तो आप यह अंग्रेजी गणित में भी बना सकते हैं । यह प्रयोग सभी प्रकार की कामनाओं की सिद्धि अभिलाषा पूर्ण करने में सहायक है , करके देखें अवश्य लाभ मिलेगा ।
पति पत्नी की समस्याओं के लिए यंत्र
पी. ए. बाला
जिन भी पति-पत्नि के संबंध परस्पर खराब हैं, नित्य क्लेश हो किसी न किसी बात पर लड़ाई चलती रहती हो, आपस में सामंजस्य की कमी हो, मामला तलाक तक पहुंच रहा हो, और आप अपना परिवार बचाना चाहते हों, तो यह यंत्र-मन्त्र प्रयोग करके देखिए , आपको निश्चित लाभ होगा । यंत्र आप किसी भी दिन किसी भी समय बना सकते हैं, इसके लिए आपको सफेद रंग के कागज़ पर हरे स्याही के पेन से चित्र में दिखाया यंत्र बनाना है, यंत्र में मन्त्र और शीर्षक (टाइटल) भी लिखा है, वह आपको नही लिखना है, कागज़ पर आपको सिर्फ यंत्र बनाना है, यंत्र बनाने के बाद आप इसे फोल्ड करके अपने पर्स, बैग में रख सकते हैं , साथ में दिया गया मन्त्र आपको नित्य 7-7 बार सवेरे उठने के तुरंत बाद और और रात को सोते समय करना है । पति अगर अपनी पत्नि के लिए मन्त्र जप कर रहे हैं तो मन्त्र जपने से पहले पत्नि का नाम लेवें व पत्नियां अपने पति का नाम लेवें । जप से पूर्व नाम सिर्फ एक बार लेना है, फिर 7 बार मन्त्र का जप करना है ।
नौकरी पाने का यंत्र
शुक्रवार, 26 जुलाई 2024
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र की साधना व उपाय
दुर्गा सप्तशती में वर्णित सिद्ध कुंजिका का पाठ हम सब ने सुना व किया भी होगा । अलग अलग समस्याओं के लिये अलग अलग साधना व उपाय वर्णित हैं , लेकिन सिद्ध कुंजिका स्तोत्र को हम भली भांति जानते हैं , और सिद्ध कुंजिका स्तोत्र की महत्ता इसलिये और बढ़ जाती है क्योंकि सप्तशती पाठ में वर्णित अन्य सभी जैसे स्वयं सप्तशती पाठ, कवच, अर्गला, कीलक इत्यादि के लिये एक पूरी नियमावली है , जो आम इंसान नही कर पाता या उसे पता नही होता । ऐसे में जाने अनजाने में कोई गलती न हो जाये इसके लिये भी सप्तशती में इसका भी उपाय है और वो है सिद्ध कुंजिका स्तोत्र जिसके लिये किसी नियम की आवश्यकता नही है । इसके लिये विनियोग की भी आवश्यकता नही है । मैं समझता हूं कि सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का निर्माण ही शायद इसलिये हुआ था कि जो लोग नियम व तरीके नही जानते उनके लिये ये सुलभ हो सके । कहते हैं कि सिर्फ सिद्ध कुंजिका स्तोत्र को पढ़ने मात्र से सम्पूर्ण सप्तशती का फल मिल जाता है । हम सभी सिद्ध कुंजिका स्तोत्र को एक पाठ की तरह बेहद साधारण नियम से पढ़ते हैं आज आपको एक खास नियम के बारे में बताऊंगा जिसको करने से सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के पाठ का फल तो मिलेगा ही वरन ये जागृत होकर आपके लिये रक्षा कवच का कार्य भी करेगा । पाठ इस प्रकार करें :-
सभी प्रकार के दोष इससे समाप्त होते हैं मंजुघोष मंत्र से
मंजुघोष का सामान्य रूप से प्रचार कम है इसीलिए इनकी साधना पद्वति गोपनीय रही है इसलिये इनका प्रचार प्रसार कम ही रहा है । इनका 6 अक्षरों का मंत्र है और इसके बहुत सारे प्रयोग हैं । आम इंसान व गृहस्थ व्यक्ति के लिये इस मंत्र के सात्विक व कर सकने लायक प्रयोग इस प्रकार हैं :-
पितृ दोष निवारण बेहद सरल हैं और प्रभावी उपाय
हर व्यक्ति अपने अनुसार या श्रद्धा के हिसाब से पितरों की संतुष्टि के लिये भोग लगता है दान-पुण्य करता है , ब्राह्मणों को भोजन करवाता है । जिसकी जैसी श्रद्धा और जेब होती है वो वैसा ही करता है । मुझे हैरानी होती है पितरों से संबंधित या अन्य ज्योतिषीय उपाय बताने पर लोग बोलते हैं कि कब तक करना है ? सोचने की बात तो ये है कि अगर इससे आपको लाभ मिलता है तो निरंतर करने में क्या हर्ज है ? क्यों लोगों को लगता है कि बस काम निकल गया अब करने की क्या जरूरत है ? इसी तय मानसिकता को लेकर जब लोग उपाय करते हैं तो उनको उपाय फलित नही होते उसका दोष भी लोग ज्योतिष व ज्योतिषी को देते हैं । ये सर्व विदित है कि हम अपनी परेशानियों से मुक्ति के लिये अपने स्वार्थ वश ही ये उपाय करते हैं .. देवताओं व पितरों को भोग लगाते हैं उनके निमित दान करते हैं अन्यथा तो हम ये सब करें नही न हम माने इन सब को ..फिर भी भगवान की व्यवस्था में इतनी छूट मनुष्य को दी है कि ये सब जानते हुए भी सब कुछ ग्रहण करते हैं और इच्छा स्वरूप फल देते हैं । बहराल ये तो इंसान की प्रकृति की बात हो गई अब बात करते हैं कि इन सब का उपाय क्या है ? हम कैसे जानें कि पितरों से संबंधित उपाय फलित हो रहे हैं या नही ? इसकी बहुत आसान पद्वति आपको बताता हूँ ।
इच्छापूर्ति हेतु पुष्पदंत देव का यंत्र
देखिये सबसे पहले हम जान लेते हैं कि पुष्पदंत जी कौन हैं , इनका कार्य क्या है ... क्योंकि कई लोग हो सकता है जैन मुनि पुष्पदंत महाराज जी से इसे जोड़ कर देखें , जबकि यह ऐसे नही है । पुष्पदंत देव शिव जी और विष्णु जी के सहायक हैं । शिव जी व विष्णु जी को कोई भी कार्य या इच्छा पूरी करवाना होता है तो वे इनको बोलते हैं । पुष्पदंत जी मुख्यतः इच्छापूर्ति के देवता हैं , यह आपकी इच्छाओं को जो भी हैं जैसी भी हैं को पूरा करने में सहायता करते हैं । चित्र में दिया यंत्र इनका यंत्र है । यह तीन रंगों के समावेश से बनता है सफेद, पीला व नीला ... इसमें एक 4 अंकों का इच्छापूर्ति कोड है जो नीले सियाही से लिखा जाता है । यह कोड आपकी इच्छा को संबंधित देवता तक पहुंचाने का कार्य करता है । सबसे पहले इस यंत्र को बनाने की विधि जान लेते हैं जो बेहद सरल है :-
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सबसे पहले आपको एक सफेद कागज पर स्केच पेन से चित्र में दिखाये अनुसार एक मोटी पट्टी द्वारा सर्कल बनाना है । चित्र में जहां संख्या 1176 लिखी हैं , वहां नीली स्याही /बॉल पेन/स्केच पेन की मदद से उसी जगह संख्या लिखनी है । अब पीले सर्कल के बाहरी एक्स्ट्रा सफेद आवरण को कैंची के माध्यम से हटा देना है , तत्पश्चात सर्कल के अंदर व लिखी हुई संख्या के ऊपर खाली स्थान पर नीली ही स्याही से अपनी इच्छा को लिखेंगे । ध्यान रहे आपको इच्छा मांगने के हिसाब से नही लिखनी है बल्कि इच्छा पूरी हो गयी है इस हिसाब से लिखनी है । उदाहरण के लिये जैसे आपको शादी की इच्छा है तो आप इसमें लिखेंगे की फलानी तारीख तक मेरी शादी हो गयी है । जैसे आपने लिखा कि 31/12/2022 तक मेरी शादी हो गयी है । तो आप देखेंगे कि उस तारीख तक आपका काम बन जायेगा । इसी तरह आप अपने अन्य कार्यों को भी इसी हिसाब से लिखेंगे । अब कुछ महानुभाव यह उपहास करेंगे कि हम कल की या दो दिन की बाद तारीख लिख देंगे तो क्या 2 दिन में कार्य हो जाएंगे ? देखिये ... इसमें बुद्धि और विवेक भी जरूरी है ।
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इस यंत्र को कहां लगाना है ?
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पुष्पदंत देव पश्चिम दिशा के स्वामी हैं , उसमें भी विशेष 260° से 270° का स्थान .... आपके घर की पश्चिम दिशा की दीवार पर कंपास की मदद से 260° से 270° का स्थान ढूँढिये , मिलने पर इस यंत्र को उस स्थान पर लगा देना है । यह बेहद असरदार व आजमाया उपाय है । करके देखिये निश्चित रूप से आपको शीघ्र सफलता मिलेगी ।
धन व शीघ्र विवाह और सुखी वैवाहिक जीवन के लिये अनुभूत उपाय
शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शुक्र की होरा में अपनी अनामिका उंगली की नाप का छल्ला खरीद कर लायें । इसे गंगाजल, दूध , शहद से पवित्र करके...केले के पेड़ में चाकू से चीरा लगा कर अंदर फंसा देवें, छल्ले को तने में इतना फंसा देवें की बाहर से दिखाई न देवे । इस कटे भाग पर हल्दी से स्वास्तिक बना कर केले के पेड़ में जल देवें और धूप दीप जला कर केले के पेड़ की पूजा करें । यह पूजा नित्य पूर्णिमा तक करें व केले के पेड़ को जल नित्य देवें । पूर्णिमा को पूजा करने के बाद छल्ले को तने से निकाल कर घर ले आयें और विधिवत पूजा करके चन्द्र की होरा में उंगली में धारण कर लेवें ।
बहुत कठिन सघन विपत्ति आ गयी हो
बहुत कठिन सघन विपत्ति आ गयी हो , बात एक दम गले तक आ गई हो , जान पर बन आयी हो तब यह उपाय करें , आप निश्चित ही उस समस्या से निकल जाएंगे । यह प्रयोग उनके लिये खास है जो सघन बीमारी झेल रहे हों , अचानक कोई दुर्घटना हो गयी हो, पुलिस कोर्ट-कचहरी का मामला हो गया हो । किसी का विवाह या अन्य कोई शुभ कार्य होना है उसमें धन या अन्य वजह से रुकावट आ रही हो , कर्ज से गला घुट रहा हो , कर्जदार बहुत परेशान कर रहें हो, शत्रु परेशान कर रहा हो..नौकरी नही लग रही हो या कोई भी मनोकामना सिद्धि के लिए यह एक उपाय विधि कीजिये तुरंत समाधान व राहत मिल जायेगी । यह प्रयोग विधि 3 दिन मंगलवार-शनिवार-मंगलवार की है । विधि इस प्रकार है :-
कालसर्प योग/दोष व इसका सटीक उपाय
ये उपाय आप वैसे तो किसी भी दिन कर सकते हैं पर सोमवार हो या मास शिवरात्रि हो या मुख्य शिवरात्रि हो या नागपंचमी को करें तो सबसे बढ़िया है । इसके लिये आपको चाहिये बालू मिट्टी ... मिट्टी कहीं खुदाई में नीचे के मिल जाये तो अति उत्तम वरना सही जगह से ज़मीन खोद के मिट्टी लेवें , नदी किनारे की हो या समुद्र किनारे की हो तो भी कोई हर्ज नही । उस मिट्टी को छान कर घर ले आएं जो लोग किसी पोखर, तालाब, नदी या समंदर के किनारे पूजा करना चाहते हैं तो कोई नही बल्कि सर्वश्रेष्ठ है । इस मिट्टी में थोड़ा दूध, गंगाजल, गौमूत्र का छांटा दे देवें और एक शिवलिंग का निर्माण करें ।सभी धातुओं, पदार्थों में मिट्टी का शिवलिंग सर्वश्रेष्ठ होता है । स्वयं श्रीराम जी ने मिट्टी की शिवलिंग की स्थापना की थी जो अब रामेश्वरम के नाम से प्रसिद्ध है । ऐसी शिवलिंग की विधिवत पूजा करें । बिल्कुल थोड़ा दूध या जल ही चढ़ाएं । पूजा करने के बाद जब शाम को या अगले दिन वह शिवलिंग की मिट्टी सूख कर मिट्टी के ढेर में बदल जायेगी , अब आप चाहें तो इस मिट्टी को एक गमले में डाल कर कोई भी पौधा लगा सकते हैं या तुलसी के पौधे को छोड़कर अन्य पौधों में डाल सकते हैं ।
हनुमान चालीसा व उसको करने का असरकारी तरीका
हनुमान चालीसा एक ऐसा पाठ है जो अधिकांश व्यक्ति अपनी नित्य पूजा में करते ही हैं। पर अधिकांश व्यक्तियों को इसका समुचित लाभ नही मिल पा रहा है ,उसका कारण है कि हम हनुमान चालीसा को गलत तरीके से पढ़ रहे हैं । इसकी एक छोटी सी विधि है जिसको करने से हनुमान चालीसा का लाभ आपको मिलेगा वरन इसकी शक्ति का भी आभास होने लगेगा ।यह विधि इस प्रकार है कि जब भी आप हनुमान चालीसा का पाठ करें उससे पूर्व 108 बार श्रीराम नाम का उच्चारण करें फिर हनुमान चालीसा व उसके बाद फिर 108 बार श्रीराम नाम का उच्चारण करें । इस तरह से ये कवच का कार्य करता है । कहा जाता है कि सीधे हनुमान चालीसा का पाठ करने से इसकी शक्ति भटक जाती है , इधर उधर फैल जाती है । इसको एकत्र करने के लिये हनुमान चालीसा के आगे व पीछे 108-108 बार श्रीराम नाम लगाना चाहिये । ये एक कैप्सूल की तरह काम करता है । एक कवच एक ताबीज़ की तरह ..इससे चालीसा की शक्ति ऊर्जा आपके शरीर में ही समाने लगती हैं । करके देखें अवश्य लाभ मिलेगा ।
गुरु की महादशा प्रयोग
वे सभी व्यक्ति जिनकी गुरु की महादशा अच्छी नही चल रही है , और जिनका गुरु नीच का हो, पीड़ित हो अथवा पापी हो वह सभी व्यक्ति गुरु की दशा सुधारने के लिये प्रयोग कर सकते हैं । एक पीतल के लोटे में दूध लेवें उसमें केसर की कुछ पत्तियां डाल देवें , एक चुटकी बेसन, थोड़ा बूरा मिला लेवें और बृहस्पतिवार के दिन शिवलिंग पर चढ़ा आएं । ध्यान रहे शिवलिंग के अलावा किसी और पर यह न चढ़ावें , चढ़ाने के बाद मंदिर में न रुकें न प्रार्थना करें न चढ़ाते हुए किसी मंत्र का जप करें । सीधे शब्दों में कहूँ तो ये आपको शिवलिंग पर ढोल के आ जाना है । बृहस्पतिवार के अलावा ये प्रयोग न करें ।
दुर्गा बीसा यंत्र : एक चमत्कारी यंत्र उसके महत्व और लाभ
हिंदू धर्म शास्त्रों में बड़े पैमाने पर यंत्र विद्या का जिक्र मिलता है। ग्रंथों में तंत्र, मंत्र और यंत्र, इन तीनों मार्गों को जीवन सुखमय बनाने का मार्ग बताया गया है। इनमें से आम लोग तंत्र से दूर ही रहना पसंद करते हैं और मंत्र सिद्ध करना आसान नहीं है। ऐसे में तीसरा मार्ग बचता है यंत्र। यंत्र कुछ विशेष प्रकार की ज्यामितिय आकृतियों का संयोजन होता है, जिसे किसी देवी या देवता विशेष के लिए बनाया जाता है। शास्त्रों में यंत्रों को साक्षात देवी-देवता का स्वरूप कहा गया है। शास्त्रों में मंत्र को देवी-देवताओं की आत्मा कहा गया है तो यंत्र को उनका शरीर। यह बात इस मंत्र से सिद्ध हो जाती है 'यंत्र देवानां गृहम्" अर्थात यंत्र देवताओं का निवास स्थान है।
धन संबंधी और कर्ज़ संबंधी परेशानी का सरल उपाय
लेखक - पी. ए. बाला
जो भी व्यक्ति धन संबंधी , कर्ज़ संबंधी परेशानियों से गुज़र रहे हैं । वह व्यक्ति नित्य प्रातः 3:00-3:30 बजे उठ कर अपने पलंग पर ही "वेंकटेश सुप्रभातम" सुनें । जो पढ़ सकते हैं वह पढ़ें , अन्यथा सुनें । एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी जी की आवाज़ में बेहद दिव्य है । इसके पश्चात आप वापिस सो सकते हैं । सुप्रभातम श्रीहरि को उठाने के लिये किया जाता है , कई विद्वान ये भी मत रखेंगे कि आप विष्णु जी को जगा कर खुद वापिस कैसे सो सकते हैं .. सच मानिये जब आप इस प्रयोग को करेंगे तो पाएंगे थोड़े दिन में आपकी दिनचर्या बदल गई है , आप स्वयं स्वेच्छा से ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाया करेंगे ।
मनोकामना इच्छापूर्ति के लिये हनुमान चालीसा राम बाण उपाय
लेखक - पी. ए. बाला
आज के युग में हर इंसान किसी न किसी मनोकामना ,इच्छा को लेकर जी ही रह होता है । वो किसी भी प्रकार की हो सकती है , और हर इंसान उस इच्छापूर्ति के लिये भरसक प्रयास भी करता है । चाहे वो ज्योतिष के माध्यम से हो या अन्य फिर भी सफल नही हो पा रहा , ऐसी स्थिति इंसान के लिये बड़ी कष्टदायक होती है, कि चाह कर भी वो कुछ नही कर पाता । ऐसी स्थिति से उबरने के लिये आपको एक राम बाण प्रयोग बताता हूं, जो कि बड़ा तीव्र है तुरंत फायदा देने वाला है चूंकि मैं उसे राम बाण उपाय कह ही रह हूँ तो इसका तात्पर्य यही है कि ये उपाय कभी असफल नही होता । ये उपाय प्रायः सभी जानते हैं पर तरीका क्या है इसका उससे लोग अनभिज्ञ हैं , तो आज हम उसी तरीके के बारे में जानेंगे । उपाय बेहद आसान है परन्तु ये परिश्रम मांगता है , अगर आपने जान लगा कर ये कर लिया तो निश्चित मत है कि आपके कार्य को सफल होने से कोई नही रोक सकता । उपाय इस प्रकार है :-
विवाह में देरी व बाधा, सुखी गृहस्थ जीवन का शुद्ध सात्विक उपाय
लेखक- पी. ए. बाला
आज के समय में विवाह में देरी होने भी एक विकट समस्या है। कई जातक स्वयं की शादी न होने के कारण परेशान रहते हैं । कई के माता-पिता अपने बच्चों की शादी को लेकर चिंतित रहते हैं ।इसके कई कारण है जैसे मांगलिक दोष या अन्य दोष.. इसके अतिरिक्त एक समस्या ये भी है कि शादी होने के बाद परिवार अच्छा मिले, जीवनसाथी अच्छा हो .. दाम्पत्य जीवन सुख से बीते व जिनकी शादी तो हो गई है पर दाम्पत्य जीवन में सुख नही है , पति-पत्नी में अनबन व क्लेश रहता है .. लड़ाई झगड़े बहुत रहते हैं । इन सभी समस्याओं से मुक्ति के लिये एक सुंदर सात्विक प्रयोग बता रहा हूँ , करके देखिये लाभ होगा । ये उपाय श्रद्धा के ऊपर हैं आप श्रद्धा रखते हैं और मानते हैं तो सब कुछ है अन्यथा तो कुछ नही है । जिनको लगता है बहुत कुछ करके देख लिया कुछ फायदा नही है तो उनसे कहना है बहुत कुछ में एक ये भी करके देख लीजिये , इसमें खर्चा भी कुछ खास नही है .. करके देखिये प्रार्थना कभी व्यर्थ नही जाती । उपाय इस प्रकार है :-
कोर्ट केस व वाद-विवाद में विजय प्राप्ति हेतु अचूक उपाय
लेखक - पी. ए. बाला
आज के माहौल में बहुत सारी समस्याओं में एक समस्या कोर्ट-कचहरी, वाद-विवाद इत्यादि की भी है । बहुत लोग मासूम व निर्दोष होते हुए भी कानून व कोर्ट के चक्करों में फंस जाते हैं , और चाह कर भी इससे निकल नही पाते । न्यायालय में किसी का मामला सालों से चल रहा है पर सुलझ नही रहा । कोर्ट और वकीलों के चक्कर लगाते हुए आम इंसान की माली हालत भी खराब हो जाती है । उनको समझ नही आता कि करें भी तो क्या करें । कई लोग छोटी सी गलती या गलत संगत की वजह से जेल भुगत रहे हैं । ये केस किसी भी प्रकार के हो सकते हैं चाहे वो तलाक का भरण पोषण का हो , जमीन व मकान का हो , पैसों के लेन देन इत्यादि का हो , लड़ाई झगड़े या अन्य इत्यादि भी हो सकते हैं । इनसे बचने या निकलने के लिये कई लोग ज्योतिष तंत्र मंत्र का सहारा लेते हैं । ज्योतिष और तंत्र में कई उपाय हैं जो आपकी रक्षा करते हैं । इनमें एक अति प्रभावशाली उपाय एक स्तोत्र या पाठ के रूप में आपको बताने जा रहा हूँ , जो कि माँ बगलामुखी से संबंधित है और अत्यंत सरल और प्रभावी है । इस उपाय को वही करें जो जानते हैं कि सही में निर्दोष हैं या इतनी बड़ी गलती नही है जिसकी वो सजा भुगत रहे हैं । क्योंकि जिससे भी पूछा जायेगा वो अपने को सही सामने वाले को गलत ही बतायेगा । यह तो आपका अंतर्मन जानता है कि आप दोषी हैं अथवा निर्दोष क्योंकि आप खुद से समाज से कानून से झूठ बोल सकते हो , उनको धोखा दे सकते हो पर माता को धोखा नही दे सकते, वो सब जानती है कि कौन क्या है अतः पूरा भरोसा रख कर पूरे विश्वास के साथ उपाय करें , निश्चित आपको सफलता मिलेगी । सारा खेल ही श्रध्दा और विश्वास का है ..मानो तो बहुत कुछ है न मानो तो कुछ नही है ।
सर्व मनोकामना सिद्धि के लिये त्रिधातु का अचूक रामबाण प्रयोग
लेखक: पी. ए. बाला
आज किसी भी प्रकार का ज्ञान न देते हुए आप सभी को ऐसे उपाय या प्रयोग के बारे में बताता हूँ जो कि सिद्ध है, आजमाया हुआ है । मैंने पेज पर कई लोगों को परेशान होते देखा है , कई प्रकार की परेशानियों से त्रस्त हैं । किसी न किसी पोस्ट पर अधिकतर अपने किसी ग्रह के कारण पूछताछ करते मिल जाते हैं। आज के समय में हर व्यक्ति किसी न किसी परेशानी से दुखी है .. चाहे वो कर्ज़ , बीमारी, ग्रह दशा, कुंडली के बहुत सारे बुरे योग, पित्र दोष, संतान प्राप्ति, विवाह, तलाक, लड़ाई झगड़े, नौकरी, तरक्की, ज़मीन जायदाद, कोर्ट कचहरी इत्यादि समस्याओं से जूझ रहा है । अब ऐसे में किस किस ग्रह का या क्या क्या उपाय करें कि सब सुचारू रूप से चल सके , वो भी तब जब आजकल के समय न तो किसी के पास पैसा है बार बार लगातार उपाय करने का , न समय है । हर किसी व्यक्ति को किसी न किसी रूप में त्वरित सुकून चाहिये ही ,ऐसे में आपको ऐसे सिद्ध उपाय के बारे में बताने जा रहा हूँ जो हल्का खर्चीला तो है परंतु अगर एक बार दुख सुख पाकर ये उपाय कर लिया तो फिर आपको वापिस पीछे मुड़ कर देखने की जरूरत नही पड़ेगी । उपाय इस प्रकार है :-
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PCOD की समस्या
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लेखक - पी. ए. बाला शत्रु बाधा मुक्ति के लिए कल मेरे द्वारा एक प्रयोग दिया गया था, जोकि सरल था..पर कई लोगों का कहना था कि शत्रु अगर दूर रहत...
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लेखक - पी. ए. बाला जो भी व्यक्ति धन संबंधी , कर्ज़ संबंधी परेशानियों से गुज़र रहे हैं । वह व्यक्ति नित्य प्रातः 3:00-3:30 बजे उठ कर अपने पलंग ...