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बुधवार, 20 जुलाई 2022

Eknath Shinde : CM of Maharashtra

 

देवेंद्र फडणवीस क्यों महाराष्ट्र के सीएम नहीं बन पाए ?



24 जून को मैंने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा था कि 27 जून से 29 जून के बीच महाराष्ट्र सरकार का फैसला हो जाएगा और उद्धव सरकार गिर जाएगी । बिल्कुल वैसा ही हुआ । 29 तारीख को उद्धवजी ने इस्तीफा दे दिया । एकनाथ शिंदे को कामयाबी मिली  और शिवसेना भाजपाकी नई सरकार बनाने की घोषणा 29 जून की रात को हुई । 

मेरे पास एकनाथ शिंदेका सही जन्म समय नहीं है इसलिए उनके बारे में तो मैं कोई ठोस प्रिडिक्शन नहीं दे सकता था । लेकिन देवेंद्र फडणवीसकी कुंडली देखकर मैंने अपने सर्कल में 29 तारीख को बोल ही दिया था कि मुझे लगता है फडणवीस इस बार सीएम नहीं बन पाएंगे और वही हुआ । 

मुझे ऐसा क्यों लगता था ? आज हम उसी विषय के बारे में हम आपके साथ अपने विचार शेयर कर रहे हैं । 

कन्या लग्न । तुला राशि का गुरु । कुंभ राशि के चंद्र राहु । अष्टम में मेष राशि का शनि । लाभ स्थानमें सूर्य मंगल और बुध । 12वे स्थान में शुक्र केतु ।

देवेंद्र फडणवीसजी की कुंडली इतनी पावरफुल नहीं है । नवांश कुंडली में सूर्यको छोड़कर किसी भी ग्रह को बल नहीं मिल रहा । सिर्फ सूर्य सिंह नवांश में होने से और अच्छी दशा गोचर के हिसाब से 2014 में वह महाराष्ट्र के सीएम बन चुके थे । 

लेकिन 2019 में भी उनको कोई चांस नहीं मिला और 2022 का जो गोचर अभी चल रहा है और केतुमें राहु की जो दशा चल रही है उसके हिसाब से चीफ मिनिस्टर का पद मुझे नहीं दिख रहा था । साढ़ेसाती भी चालू है, मंगल और राहु अष्टम भाव में चल रहे हैं और चंद्र के ऊपर शनि भी है । 

12 जुलाई से शनि भी सूर्य के सामने आएगा तो मेरा तो यही मानना है कि अभी जनवरी 2023 तक डेप्युटी सीएम बनने के बावजूद भी वह खुश नहीं होंगे और चीफ मिनिस्टर के साथ कोई न कोई मतभेद चलते रहेंगे । 

इतना ही नहीं उनकी कुंडली में छठे स्थान में चंद्र राहु है और चंद्र केमद्रुम योग में है तो 2023 भी उनके लिए इतना अच्छा नहीं है । 2024 में शायद महाराष्ट्र का दूसरा इलेक्शन आएगा उस वक्त भी मुझे नहीं लगता कि वह महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर बन पाएंगे ।अगर भाजपा की सरकार आई तो भी सीएम का चेहरा बदल सकता है ।

Ashwin Rawal         4.7.2022

ILLICIT AFFAIRS WITH MARRIED GUYS



During my long astro journey I have come across 11 female charts who are not yet married only due to their love affairs with married guys.  The details of such cases is are under :

1. Some not yet married due to their crazy love with  wealthy married guys who exploit them and give false promises and dreams. 

2.Some are in a Live in relationship with  married persons 

3.Some living as a  secret second wife  of a married man without legal marriage

4. Some are still in love with  married persons and waiting for divorce of their boyfriends. 

Something I found very common in all these 11 charts so we will discuss today to see what force creates mad love and dedication of their youth  to the married man.

1. 20.04.1987 Aquarius Lagna. In the love with much elder married man. Want to be loyal to him only and strong determination not to marry with anyone else. Refused 2 good candidates shown by parents.

2. 20.04.1987 Taurus Lagna. In relationship with married boss and waiting for his divorce. Spoils her life in waiting. 

3. 14.02.1988 Taurus Lagna. In the madly love with a married old man. The man is supporting him financially and she want to be faithful to him only. 

4. 14.03.1989 Cancer Lagna. In the relationship with a  much elder married man and now thinks to register Live in relationship.

5. 28.02.1992 Sagittarius  Lagna. In relationship with a married guy who is not happy with his first wife and thinking for divorce but wife is stubborn and not want to give divorce at all 

6. 15.01.1995. Libra Lagna. Very beautiful girl.  In madly love with very old man. Rejecting all rich proposals coming for marriage. 

7. 20.021980. Leo Lagna. Not married yet. Lives alone as a secret second wife of a Guy with full dedication and waiting for the divorce of his boyfriend.

These are some latest  7 examples. Other 4 data not saved.

The common thing  in all 11 charts I have seen have Rahu either in Lagna or with Venus. In some few cases Rahu is with Jupiter. All have connection between Mars and Saturn. Moon is connected with Saturn either in main (D1) chart or in navamsha (D9) chart. 

Let us understand this. Rahu has madness, keeps one in dreams and makes one crazy. When Rahu is in Lagna or with Venus in girl chart,  it creates madly love from her side whatever the caste may be. Rahu never cares for what other think or say. They are mad in their love. And the important thing is  sexual relations starts  within few days after attraction. 

One more thing in all 11 charts I have noticed that they all were impressed with the married person's personality or wealth and fallen in love when they were between 18 to 22,  the silly, innocent and ignorant age. This age is most vulnerable to wrong attractions some time. 

When Saturn joins Moon either in main or navmasha chart the girl after first sex want to be loyal to the same guy and don't want to betray the trust of the boyfriend and also some inner fear of blackmail occupies in the sub conscious mind.  Boyfriends take advantage of such fear, feelings and loyality. 

Mars and Saturn when connected creates strong determination and stubbornness in the mind of the girl and they don't listen to the advise of others. 

Mixtures of such combinations creates such undesired secret love affairs.   Victim girls don't want to open such relations publicly and remain unmarried. 

Ashwin Rawal        10.10.2021

secret of 12th house in horoscope कुंडली के बारहवें भाव का रहस्य



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हम सभी अच्छी तरहसे जानते हैं कि जन्म कुंडली में हर भावका अपना एक प्रभाव होता है।  हर भावमें लग्न के हिसाब से अलग-अलग राशियां सेट होती है । लग्नका स्वामी लग्नेश कहलाता है जो कुंडली में प्रधानमंत्री की तरह एक प्रमुख शासक होता है।  उसके पास सभी भावों से उत्तम फल प्राप्त करने की पूरी ताकत होती है।  

लेकिन छठे, आठवें और बारहवें भाव के स्वामी विपक्षी दल के समान होते हैं।  वे कुछ मामलों में प्रधान मंत्री का समर्थन भी करते हैं और कभी नहीं भी करते । 

उदाहरण के लिए आध्यात्मिक यात्रा करने या शुरू करने के लिए अष्टमेश हमेशा साथ देगा।  विदेश जाना हो या संन्यासी बनना हो तो 12वें भावका स्वामी सदैव सहयोग देगा।  कोर्ट केस जीतने के लिए छठे भाव का स्वामी हमेशा साथ देगा ।  लेकिन सभी मामलों में नहीं देते ।   

सभी ग्रह हमारे पिछले जन्मोंसे जुड़े हुए हैं और हमारे अच्छे बुरे कर्म को जानते हैं,  साक्षी हैं तो अपना फर्ज तो निभाएंगे ही । 6 8 12 के स्वामी हमारे पाप कर्मों के फल देने के लिए अपनी भूमिका निभाते हैं ।

अब आज हम 12वें भाव पर चर्चा करेंगे ।  बारहवा भाव क्या बताता है?  आम तौर पर हम बताएंगे कि मोक्ष, कैद, अस्पताल, विदेशगमन, आर्थिक नुकसान आदि ।  लेकिन ये शब्द बारहवें भाव का वर्णन करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

बारहवा भाव जिंदगीमें अकेलापन पैदा करता है । इंसान को भीड़ से अलग कर देता है।  दिन-प्रतिदिन के जीवन में कुछ मर्यादाएं, कुछ सीमाएँ बन जाती है।  एक प्रकार का कार्मिक नियंत्रण आ जाता है ।  जीवन में अज्ञात प्रदेश या वातावरणमें जाना पड़ता है।  

यह अचेतन मन का स्थान, ट्रांस स्थिति का स्थान, ध्यान अवस्था का स्थान, नींद का स्थान और सपनों का भाव भी है । बारहवें भाव में ग्रहों की जो भी हलचल होती रहती है उसके हिसाब से हमें सपने आते हैं ।

बारहवां भाव सक्रिय होने पर व्यक्ति विदेश जाता है और इस प्रकार  नए प्रदेश और वातावरण में अपने आपको ढालना पड़ता है। 12वा भाव  सक्रिय होने पर व्यक्ति को कोई नई जगह पर या कहीं दूर  नौकरी मिलती है।  12वा भाव सक्रिय होता है तो इंसान ट्रांसफर हो जाता है।  कोई जेल जाता है और खुद को एक बंधन में रखना पड़ता है और कार्मिक दंड भुगतना पड़ता है ।  कोई  अस्पताल में भर्ती होता है और खुद को डॉक्टरों और नर्सों के बीच बिस्तर पर लेट जाना पड़ता है।

एक बच्चा बारहवीं की उम्र में पूरी तरह से बदल जाता है और बच्चे में पूर्ण परिवर्तन आने लगता है क्यों कि उसका  12वां भाव सक्रिय हो जाता है ।  व्यक्ति को अपनी पहली नौकरी या स्थानांतरण तब मिलता है जब वह 23 वर्ष पूरा करता है और अपनी आयु के 24वें वर्ष में प्रवेश करता है।  व्यक्तिको टर्निंग पॉइंट तब मिलता है जब वह 35 वर्ष की आयु पूरी करता है और 36वें वर्षमें प्रवेश करता है।  

12वा भाव ट्रांसफर, पदोन्नति, नई जिम्मेदारी, नए वातावरण, विदेश यात्रा, किसी करीबी रिश्तेदारकी बिदाई  या आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत का भाव है । 

याद रखें कि 12वां 24वां 36वां 48वां 60वां 72वां और 84वां रनिंग वर्ष 12वे भाव का एक्टिवेशन है इसलिए इन सभी रनिंग वर्षमें ऐसी कोई ना कोई घटना बनेगी ही । 60वां साल लंबे समय तक चलने वाली जॉब का आखिरी साल होता है।  सभी साथियों से अलग पड़ना होता है ।  72वां वर्ष हमेशा खराब स्वास्थ्य या पैरों की समस्याओं के कारण चलने की सीमाएं देता है।  यह उम्र से जुड़ी 12वे स्थानकी सक्रियता का फल है । 

अब जब बृहस्पति शनि राहु या केतु जैसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह इस स्थानसे गुजरते हैं  तो भी बारहवां स्थान सक्रिय हो जाता है। 

जब बारहवें भाव के स्वामीकी महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तब भी 12वा भाव प्रबल रूप से सक्रिय हो जाता है।अंतर्दशा का प्रभाव अधिक होता है।  साथ ही बारहवें भाव की छिपी शक्ति का पता लगाने के लिए शनि का 12वें भाव में गोचर भी अधिक महत्वपूर्ण है।

नैसर्गिक राशि चक्र में मीन बारहवीं राशि है इसलिए बृहस्पतिमें बारहवें घर के छिपे हुए गुण हैं ।  बारहवें घर में बृहस्पति का गोचर सांसारिक मामलों में नकारात्मक हो सकता है, लेकिन इसमें एक चिंगारी है जो किसी को भी अपने भीतरकी दुनिया में धकेल सकती  है । 

जीवन की वास्तविकता को समझने के लिए, ध्यान शुरू करने के लिए, मन को मोड़ देने के लिए बृहस्पति  शनि या केतु का 12वें भाव में गोचर बहुत महत्व का होता है । 

यह सिर्फ 12वें भाव का एक स्केच है । इसके सिवा भी 12वे स्थान में बहुत रहस्य छुपे हुए  हैं । 

अश्विन रावल           20.7.2022

शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

How to quickly open your third eye

 आप जब भी किसी से पूछते हैं, कि क्या आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं। तो यकीन मानिये उसका उत्तर हां ही होगा। हम अपना भविष्य जान सकते हैं, इस बात को सोच कर ही एक अजीब सी गुदगुदाहट शरीर में पैदा होती है। हर इंसान, अपनी आने वाली जिंदगी के बारे में जानना चाहता है। वह पता करना चाहता है, कि उसके साथ क्या होने वाला है। हर किसी की चाहत अपने भविष्य को देखने की होती है।  अपनी इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए, वैसे तो कई माध्यम है। उनमें से सबसे ज्यादा प्रचलित है, तीसरे नेत्र को जागृत करना। जिसे हम थर्ड आई भी कहते हैं।  थर्ड आई का सम्बन्ध आपके आज्ञा चक्र से होता है। जो आपको भविष्य में घटने वाली घटनाओं के बारे में इनट्यूशन मिलने लगता है।

आज्ञा या अजना चक्र का संबंध पीनियल ग्रंथि से होता है। जो हमारी दोनों भौहों के बीच में होती है। इसी कारण इसे “तीसरी आंख” थर्ड आई भी कहा जाता है। यहां स्थित आज्ञा चक्र को स्पष्टता और बुद्धि का केंद्र माना जाता है। यह चक्र हमारी इच्छा शक्ति को कंट्रोल करने में मदद करता हैं।

थर्ड आई जागृत होने या इनट्यूशन पावर बढ़ने से, इंसान को कई लाभ मिलते हैं। व्यक्ति का दिल और दिमाग एक ही तरीके से काम करना शुरू कर देता है। यह इंसान को किसी भी चीज के बारे में स्पष्टता प्रदान करता हैं। व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ जाती है। व्यक्ति का अंतर्ज्ञान बढ़ जाता है। व्यक्ति चीजों को लेकर अधिक स्पष्ट हो जाता है। व्यक्ति अंदर से खुश होता है। इनट्यूशन पावर बढ़ने से व्यक्ति के हर काम में निश्चितता और स्पष्टता बढ़ जाती है। व्यक्ति मानसिक रूप से संतुलित होने लगता है। ऐसे व्यक्ति तनाव पूर्ण स्थिति में भी अपना आपा नहीं खोते हैं। इनटूशन पावर बढ़ने से व्यक्ति किसी भी  घटना के बारे में पूर्वानुमान लगाने में सफल होने लगता है। थर्ड आई जागृत होने से व्यक्ति के अदंर सवेंदनशीलता बढ़ जाती है। वो सकारात्मक या नकारात्मक एनर्जी को आसानी से समझने लगते हैं।

यदि आपकी थर्ड आई जागृत, आपकी इनट्यूशन पावर बढ़ गई है, तो आप भविष्य में होने वाली चीजों को आसानी से समझने लगेंगे। आपको पहले से ही पता चलने लगेगा, की कौनसी घटना घटने वाली हैं। इस घटना का क्या प्रभाव व्यक्ति पर होगा। यह सब आपको समझ आने लगता है। आपका फोकस जितना ज्यादा होगा। आपकी इनटूशन पावर भी उतनी ही ज्यादा होगी। बिना देरी किये, अब हम आपको बताने वाले हैं, की कैसे अपनी थर्ड आई को जागृत कर सकते हैं। अपनी इनट्यूशन पावर को बढ़ा सकते है। जिससे भविष्य में होने वाली घटनायों के बारें में आप पहले से जान सकें।

·         थर्ड आई को जागृत करने और इनट्यूशन पावर को बढ़ाने के लिए जो सबसे सरल और आसान उपाय हैं, वो है अपनी भोहों के मध्य दवाब देना।  यदि कोई व्यक्ति रोज 5 से 10 मिनिट तक अपने आज्ञा चक्र पर, तर्जनी ऊँगली से दवाब डालता है। तो उसकी थर्ड आई जागृत होना शुरू हो जाती है। इनट्यूशन पावर बढ़ने लगती है। ध्यान रखें यह उपाय आपको रोज करना है। तभी इसका असर आपको दिखाई देगा।

·         अपनी इनट्यूशन पावर को बढ़ाने का एक और आसान तरीका है। वो है दोनों भोह के बीच, आज्ञा चक्र पर तर्जनी ऊँगली से ऊपर से नीचे की और रगड़ना। एक बार में कम से कम, 100 बार इस प्रकिया को दोहराए।  ऐसा माना जाता है, व्यक्ति जितना अधिक इस जगह को रगड़ता हैं। उसकी इनट्यूशन पावर बढ़ती जाती है।

·         यदि कोई भी व्यक्ति शांत जगह बैठकर सुबह के समय लम्बी और गहरी साँसों का अभ्यास नियमित रूप से 15 से 20 मिनिट करता है, तो भी उसकी इनटूशन पावर बढ़ने लगती है, और थर्ड आई ओपन होने लगती है।

·         “ॐ” मन्त्र का गुंजन भी इनटूशन पावर बढ़ाने और थर्ड आई को खोलने में बहुत मदद करता हैं। यदि व्यक्ति रोज “ॐ” का गुंजन करते हुए, आज्ञा चक्र पर ध्यान केन्द्रित करता हैं। तो उसकी थर्ड आई खुलने लगती है।

·         मौन रहना भी इनट्यूशन पावर बढ़ाने और थर्ड आई को जागृत करने में मदद करता हैं। मौन रहने से व्यक्ति कि एनेर्जी बर्बाद नहीं होती है। यदि व्यक्ति रोज, सिर्फ जितना जरूरत होउतना ही बोले तो इंसान की इनटूशन पावर बढ़ने लगती है।  मौन रहने का कुछ दिन अभ्यास करने से व्यक्ति यह समझने लगता हैं कि उसे कहां कितना और क्या बोलना हैऔर क्या नहीं बोलना है। जब व्यक्ति को यह समझ होने लगती हैतो आपके मौन का सीधा प्रभाव थर्ड आई पर पड़ता है। वह सक्रिय होने लगती है। जिसकी वजह से आपकी इनटूशन पावर बढ़ने लगती है।

·          इनटूशन पावर बढ़ाने के लिए, सफेद या लाल चन्दन में कपूर मिलाकर,अनामिका ऊँगली से दोनों भोहों के बीच में तिल लगाने से भी इनटूशन पावर बढ़ने लगती है।

·         थर्ड आई को जागृत करने के लिए, सबसे आसान और सरल चीज है। वो है ध्यान। ध्यान एक ऐसी विधा है, जो न केवल आपके इनटूशन पावर को बढ़ाता है, बल्कि थर्ड आई को खोलने में भी मदद करता हैं। ध्यान व्यक्ति को  सेहत से जुड़ा हुआ लाभ भी देता है। यह व्यक्ति के दिमाग को मजबूत बनाता हैं। ब्रेन पावर बढ़ाता है। वैसे जो लोग लम्बे समय तक, कंप्यूटर पर बैठकर काम करते हैं, या फिर मेंटली वर्क लोड जिन पर ज्यादा होता है। उन्हें अपनी दिनचर्या में ध्यान को जरूर शामिल करना चाहिए।  दोनों भौहों के मध्य ध्यान लगाने से व्यक्ति की थर्ड आई को जागृत होने लगती है। उसकी इनटूशन पावर बढ़ने लगती है।  कम से कम 15 मिनिट तक रोज ध्यान लगाने से, आपको इसका लाभ मिलने लगता है। ध्यान करने के लिए आप त्राटक का भी सहारा ले सकते हैं।   

·         इनटूशन पावर बढ़ाने और थर्ड आई को खोलने के लिए आप योग का भी सहारा ले सकते हैं। नियमित रूप से योग का किया गया अभ्यास भी आपको इसमें बहुत मदद करता हैं। आप नाड़ी शोधन प्राणायाम, भुमी पाद मस्तकासन, शशांकासन, शिरसासन और कपालभाति प्राणायाम को शामिल कर सकते हैं।

·          शाम्भवी मुद्रा भी थर्ड आई खोलने में भी बहुत मदद करती है। इसे किसी योग्य गुरु की देखरेख में ही करें। क्योंकि यह मुद्रा बहुत ही प्रभावी है, गलत तरीके से करने की वजह से आपको नुकसान भी हो सकता है।

·         जैसा कि हम सभी जानते हैं, रंग हमारे शरीर पर बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं। कुछ रंग चक्रों से भी जुड़े होते हैं। यही वजह है कि बैगनी रंग को थर्ड आई से जोड़ा गया है।  बैगनी रंग का प्रयोग इनटूशन पावर बढ़ाने  और थर्ड आई को जागृत करने में मदद करता है। यदि व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में अधिक से अधिक इस रंग का प्रयोग करता हैंतो भी उसकी थर्ड आई जागृत होने लगती है।

वैसे तो हमारे धर्म ग्रंथों में थर्ड आई को जागृत करने और इनटूशन पावर बढ़ाने के लिए कई उपाय बताएं गये हैं। लेकिन हमने यहाँ पर सिर्फ वही टिप्स बताई है, जो बहुत ही असरकारक हैं। जिनको करना भी बहुत आसान है। यदि आप भी अपनी इनटूशन पावर बढ़ाना चाहते हैं, तो इन्हें जरुर अपनाए। कमेंट्स में अपना अनुभव भी जरुर बताये।

रविवार, 12 दिसंबर 2021

RAHU or KETU and date राहु और केतु की तारीख का प्रभाव

 


आपकी कुंडली में राहु और केतुकी डिग्री देख लो । और गोचर का सूर्य उस डिग्रीके ऊपर पर कौन सी तारीख को आता है वह डेट नोट कर लो ।  मान लो की राहु आपकी कुंडली में मेष राशि में 6 डिग्री का है और केतु तुला राशि में 6 डिग्री का है तो सूर्य हर साल 20 अप्रैल के आसपास मेष में राहु की 6 डिग्री पर आता है  और 23 अक्टूबर के आसपास तुलामें केतु की  6 डिग्री के ऊपर  आता है । 

तो उदाहरण कुंडली में  राहु वाली डेट  20 अप्रैल के आसपास मतलब 15 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच जिसका भी जन्म हो ऐसा इंसान अगर आपकी जिंदगी में आता है तो.....  फिर  चाहे वह पुरुष हो या स्त्री हो । बॉयफ्रेंड हो या गर्लफ्रेंड हो । पति हो या पत्नी हो । बेटा हो या बेटी हो ।  दोस्त हो या बिजनेस में पाटनर हो .... तो आने वाले  इंसान का आपके  पिछले जन्म से कोई न कोई लेन-देन जरूर होता है । वह अपना ऋण चुकाने आपकी  जिंदगी में आया है ।   

आपके जीवन में उसके आने के बाद आपका भाग्य खुलता है । तरक्की होती है आमदनी बढ़ती है स्वास्थ्य में सुधार होता है । कार्यों में सफलता मिलती है और आपके जीवन में खुशियां आती है ।

उसी प्रकार उदाहरण कुंडलीमें  केतु वाली तारीख   23 अक्टूबर के आसपास  मतलब 18 अक्टूबर से 28 अक्टूबर के बीच  जिसका जन्म हो ऐसा कोई इंसान अगर आपकी जिंदगी में आता है तो समझ लो कि उसके साथ आपका पिछले जन्म का कोई ना कोई नेगेटिव  नाता है और वह पिछले जन्म के आपके  कर्मों का  बदला लेने और अपना  हिसाब चूकते करने और आपसे कुछ ना कुछ  लेने आया है । इसीलिए उसके आने के बाद  आपको नुकसान हो सकता है  । भाग्य हानि भी हो सकती है । उसके आने के बाद आपकी आमदनी कम होती है । जीवन में तनाव बढ़ता है । वह आपसे लेने के लिए ही आया है । बेटा बनकर आ सकता है या बीवी बनकर भी आ सकता है । बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड बन कर भी आ सकता है । 

कुंडली मैचिंग में या पार्टनर की पसंदगी में यह बात हमेशा याद रखें । बड़ी बड़ी कंपनी वाले अपना स्टाफ सिलेक्शन करने के लिए भी यह सिद्धांत का उपयोग कर सकते हैं ।

आपकी कुंडली में राहु की डिग्री और केतु की डिग्री को पकड़ो और उस डिग्री के ऊपर  कौन सी तारीख को सूर्य आता है वह तारीख को  पकड़ के चलो  । 5 दिन आगे 5 दिन पीछे चल सकते हैं ।

राहु और केतु की डिग्री बहुत ही सेंसिटिव होती है और उस डिग्री पर जब भी सूर्य आता है उस दिन आपको बहुत संभालना पड़ता है । एक्सीडेंट भी हो सकता है । कोई बुरी खबर भी आ सकती है । कोर्ट की नोटिस भी आ सकती है । किसी से झगड़ा भी हो सकता है । 

बहुत रिसर्च के बाद यह पोस्ट मैंने लिखी है । आप भी खुद अनुभव करें । 

अश्विन रावल                  25.11.2021

Death yog in kundli 8 -12 का कनेक्शन और अचानक मृत्यु

 



कभी-कभी हम देखते हैं कि इंसान 5 10 मिनट में ही दुनिया छोड़के हमेशाके लिए चला जाता है । कोई कहता है अभी आधे घंटे पहले तो मुझे मिला था या उसके साथ बात की थी । एकदम तंदुरुस्त था फिर अचानक ये क्या हो गया ? 

ज्योतिष में कोई भी घटनाके पीछे ग्रहों की कोई ना कोई वजह तो होती ही है । दुनियाकी कोई भी घटना ऐसे नहीं घटती । आज हम "अचानक मृत्यु योग "  के बारे में थोड़ी चर्चा करेंगे । 

अगर 12वे स्थान का अधिपति 8वे स्थान में बैठा हो  या 8वे स्थान का अधिपति 12वे स्थान में बैठा हो या फिर 8वे  स्थानका अधिपति और 12वे स्थानका अधिपति कहीं भी एक साथ बैठे हो तो उम्र चाहे कोई भी हो लेकर मृत्यु अचानक 2 मिनट में हो जाता है । फिर वह एक्सीडेंट हो  आत्महत्या हो या फिर मासिव हार्टअटैक । 

यहां डिग्रीको हमेशा ध्यानमें रखो ।  कभी-कभी क्या होता है की 8वे स्थानका अधिपति और 12वे स्थानका अधिपति एक साथ तो होते हैं लेकिन दोनों की डिग्रीमें बहुत अंतर होता है । ऐसे में ऐसी घटना नहीं होती । 5 7 डिग्री के अंतर में अगर यह युति होती है या प्रतियुति  होती है तो ही ऐसी आकस्मिक घटना बनती है । 

एक ग्रह 5 डिग्रीका हो और दूसरा 22 डिग्री का हो तो फिर एक दूसरेकी ऑर्बिट में  नहीं होते है ।  तो ऐसी अवस्थामें घटनाको अंजाम नहीं दे सकते । कुछ उदाहरण आपके सामने में दे रहा हूं

धनु लगन ।  मंगल और चंद्र अष्टम स्थान में 5 डिग्री के अंतर में । 77 वर्ष की आयुमें चाय पीते पीते और पत्नी के साथ बातें करते करते ही सर झुका दिया और अंतिम सांस ले ली । पत्नीको तो पता ही नहीं चला कि वह मर गए ।

मेष लगन ।  गुरु मंगल और सूर्य अष्टम स्थान में । 12वे स्थानमें केतु । गुरु और मंगल के बीच 5 डिग्री का फासला । 12वे स्थानका मालिक गुरु खुद 8वे स्थान के मालिक मंगल के साथ अष्टम स्थान में ही है ।  साथ में सूर्य है  और ऊपर से केतु की दृष्टि भी है। गुरु केतु का डिस्पोजिटर भी है ।  गैस फटने से आग लग गई और दो पांच मिनट में इस औरतकी मृत्यु । 

तुला लगन ।  बुध और शुक्र बारहवें स्थान में 2 डिग्री के अंतर में  पास पास । 40 साल की उम्र में नींद में ही अंतिम सांस ले ली । रात को 11:00 बजे तक तो परिवार के साथ बातें की थी । कर्क राशि का मंगल था इसलिए मासीव हार्ट अटैक आ गया । 

राजीव गांधी सिंह लगन । 8वे स्थान का अधिपति गुरु और 12वे स्थान का अधिपति चंद्र दोनों लग्न में अग्नि तत्व की राशिमें 6 डिग्री के अंतर में पास पास बैठे हैं । उनके साथ लग्नेश सूर्य खुद बैठा है । लग्न राहु और मंगल के बीच में पाप कर्तरी योग में है । Exploison  से 1 मिनट में डेथ हो गई । 

कन्या लगन । 8वे स्थानका अधिपति मंगल और 12वे स्थानका अधिपति सूर्य दोनो 12वे स्थानमें सिंह राशि में 28 डिग्री के है । दोनों एक ही डिग्री पर बैठे हैं । लगन पाप कर्तरी योग में है ।  21 नवंबर 2021 को 17 साल का ये लड़का मोबाइलमें शूटिंग करने के लिए  मालगाड़ी के डिब्बे के ऊपर चढ़ गया और डांस करने लगा । अचानक हाथ ऊपर के इलेक्ट्रिक वायर को टच हो गया ।  धड़ाके के साथ उस की डेड बॉडी नीचे गिर गई । अग्नि तत्व मैं बैठे हैं इसलिए इलेक्ट्रिक धड़ाके से एक ही मिनिटमें  मृत्यु । 

सिद्धांत को समझाने के लिए इतने उदाहरण काफी है । ऐसे टोटल 22 केस मैंने आज तक देखे हैं जहां 2 मिनट में मृत्यु हो गई है । और सभी 22  कुंडलीमें 8 और 12 के मालिकोंका डिग्रीकल कनेक्शन है । 

अगर यह संबंध या युति अग्नि तत्वमें है तो अग्निसे, इलेक्ट्रिसिटीसे या बिजली गिरनेसे  । पृथ्वी तत्व होता है तो मार्ग अकस्मात की संभावना बढ़ जाती है । वायु तत्व में आत्महत्या की या कहीं दब जाने की संभावना होती है । जल तत्व है तो पानीमें डूब जानेसे मृत्यु होता है । कर्क राशि में अगर मंगल या केतु है तो मासीव हार्टअटैक की संभावना बढ़ जाती है । ज्यादा संभावना अष्टम स्थान के मालिक की या 12वे स्थानके मालिककी दशा या अंतर्दशा चलती हो तब बढ़ जाती है । 

लेकिन हमेशा याद रखें की डिग्री का बहुत महत्व है । यह संबंध 5 7  डिग्री के अंदर होता है तो ही इतना आकस्मिक मृत्यु होता है ।

अश्विन रावल       24.11.2021

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