ये उपाय आप वैसे तो किसी भी दिन कर सकते हैं पर सोमवार हो या मास शिवरात्रि हो या मुख्य शिवरात्रि हो या नागपंचमी को करें तो सबसे बढ़िया है । इसके लिये आपको चाहिये बालू मिट्टी ... मिट्टी कहीं खुदाई में नीचे के मिल जाये तो अति उत्तम वरना सही जगह से ज़मीन खोद के मिट्टी लेवें , नदी किनारे की हो या समुद्र किनारे की हो तो भी कोई हर्ज नही । उस मिट्टी को छान कर घर ले आएं जो लोग किसी पोखर, तालाब, नदी या समंदर के किनारे पूजा करना चाहते हैं तो कोई नही बल्कि सर्वश्रेष्ठ है । इस मिट्टी में थोड़ा दूध, गंगाजल, गौमूत्र का छांटा दे देवें और एक शिवलिंग का निर्माण करें ।सभी धातुओं, पदार्थों में मिट्टी का शिवलिंग सर्वश्रेष्ठ होता है । स्वयं श्रीराम जी ने मिट्टी की शिवलिंग की स्थापना की थी जो अब रामेश्वरम के नाम से प्रसिद्ध है । ऐसी शिवलिंग की विधिवत पूजा करें । बिल्कुल थोड़ा दूध या जल ही चढ़ाएं । पूजा करने के बाद जब शाम को या अगले दिन वह शिवलिंग की मिट्टी सूख कर मिट्टी के ढेर में बदल जायेगी , अब आप चाहें तो इस मिट्टी को एक गमले में डाल कर कोई भी पौधा लगा सकते हैं या तुलसी के पौधे को छोड़कर अन्य पौधों में डाल सकते हैं ।
शुक्रवार, 26 जुलाई 2024
कालसर्प योग/दोष व इसका सटीक उपाय
अब आप सोचेंगे कि इतने छोटे से कार्य से कालसर्पयोग हट जायेगा । तो बताना चाहूंगा कि भले देखन में छोटे लगे, पर घाव करे गंभीर है ये प्रयोग .... सबसे पहली बात तो मिट्टी का शिवलिंग सब धातुओं और पदार्थों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है । जैसा मैं पहले बता चुका हूं ।दूसरा ये कि शिवलिंग का निर्माण अपने हाथों। से करना ही बहुत बड़ी बात है , आपके हाथों की लकीरों में जो अशुभता है उसको शुभता में बदलने का साहस है इस प्रयोग में ... इसे आप हर साल भी कर सकते हैं । इससे भोलेनाथ की असीम कृपा प्राप्त होती है । भोलेनाथ का निवास घर में बना रहता है । करके देखिये ये प्रयोग आपको असीम कृपा की प्राप्ति होगी ।
जिन व्यक्तियों ने हजारों लाखों रुपये कालसर्प योग/दोष की शांति में खर्च कर दिये हैं फिर भी उनको लाभ नही मिला व जो भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए ये प्रयोग करते हैं, उनको हज़ार शिवलिंग की हज़ार पूजा करने का पुण्य इस एक बार की पूजा में मिलेगा । वैसे भी मैं तो व्यक्तिगत रूप से कालसर्प योग/दोष को नही मानता मैंने ये उपाय सिर्फ भोलेनाथ की कृपा प्राप्ति के लिये बताया है पर अगर जो लोग कालसर्प योग/दोष को मानते हैं या इसको लेकर असमंजस में हैं या जो लोगों को लगता है हम महंगी पूजा afford नही कर सकते , वो एक बार ये प्रयोग कर के देखें ।
अंत मे मेरा अनुरोध उन विद्वानों से है जो कसलसर्प योग/दोष के पक्ष में हैं वो वाद-विवाद न करें । हर किसी के तथ्य व विचार अलग हैं , तो किसी तरह का विवाद न करते हुए भोलेनाथ जी की जय बोलें ।
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