लेखक - पी. ए. बाला
कुंडली के मुख्य दोष में एक दोष पितृ दोष की समस्या है । जिनके कुल के पितृ नाराज हैं, अतृप्त हैं उस कुल में सर्वाधिक समस्या देखने को मिलती है , यहाँ हम लक्षणों की बात नही करेंगे क्योंकि सभी लोग जानते हैं कि पितृ दोष के लक्षण क्या होते हैं । पितृ दोष कुंडली जनित होने के साथ आपके कुल के पूर्वजों का अंतिम क्रियाक्रम सही न होने से व पितरों की उपेक्षा से भी होता है । इसमें मुख्य समस्या यह है कि कई लोगों को पता भी नही होता कि उनको पितृ दोष की समस्या है, दूसरी बात अगर पता हो तो इसकी शांति बेहद महंगी और खर्चीली प्रक्रिया है । यह सब करने के बाद भी इस बात की गारंटी नही है कि यह सब करवाने के बाद भी पितृ तृप्त और संतुष्ट हुए भी हैं या नही ... ऐसी स्थिति में आपको पितरों को संतुष्ट करने और प्रसन्न करने के लिए एक दिव्य और अद्भुत मंत्र बता रहा हूँ (साथ दिए चित्र में संलग्न है) , जो करने में सरल है , इसे आप पितृ पक्ष में , अमावस्या तिथि में ज्यादा से ज्यादा जप करें व नित्य स्नानादि के बाद 21 बार जप करें व रात्रि को सोने से पहले भी इसका 21 बार जप कर सकते हैं । यह तीन मन्त्र का एक कॉम्बिनेशन है, जिसे आप एक साथ पूरे एक मंत्र की तरह जप करें । आप कुछ ही दिन में अद्भुत और चमत्कारी सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे ।
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