लेखक - पी. ए. बाला
दिव्य तांत्रिक उपाय : बहुत वर्ष पूर्व मैं एक बहुत सघन समस्या में घिर गया, उससे निकलने के लिए मैंने एक साधनागत उपाय प्राप्त किया, अब चूंकि यह साधनागत उपाय था तो सफल होने की गारंटी तो थी, पर इतनी जल्दी असर करेगा, यह मैंने नही सोचा था, वह इस प्रकार है : एक मुट्ठी गेहूं लेकर एक कटोरी में रख कर रात भर सिरहाने रख कर सोएं, सुबह उठते ही पलंग से उतरें नही और इस कटोरी को दोनों हाथों से पकड़ कर एकटक दृष्टि से उसे देखते रहें, और अपनी पूरी नकारात्मक ऊर्जा यानी अपनी समस्या उसमें उड़ेल देवें अर्थात ऐसा देखते हुए सोचें कि इसमें मैं अपनी सारी समस्या भर रहा हूँ, और फिर स्नानादि करके, बिना कुछ खाये अपने शहर के किसी भी बड़े मुख्य मंदिर के मुख्य दरवाजे के सामने सड़क पर यह गेहूं फेंक कर चले आएं । उस समय मैं जयपुर रहता था तो यह प्रयोग मैंने जयपुर के गोविंददेवजी जी जो कि जयपुर का मुख्य मंदिर है के मुख्य द्वार के सामने सड़क पर किया था, यह प्रयोग मैंने सांय 4 बजे किया था, और सात बजे वह समस्या हल भी हो गयी थी । इसमें यह ध्यान रखें कि इस प्रयोग को जिस मन्दिर के सामने करें , उस मंदिर के दर्शन उस दिन प्रयोग करने से पहले और बाद में न करें ।
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