लेखक: पी. ए. बाला
तो आइये आपको ऐसे उपाय के बारे में बताता हूँ जो अपने आप में ही सर्वश्रेष्ठ है ।
जिनको भी पितरों के दोष से संबंधित समस्या है उनको चाहिये कि अपने पितरों के निमित अपने घर के निकट शिवालय में बेल का पेड़ लगाएं और उसका नित्य सींचन करें ये नही कि लगाया और भूल गये । उसका नित्य सार संभाल , देख भाल करें । उसको अपने परिवार के सदस्य की तरह मानें अगर आप किराए पर रहते हैं या किसी कारण घर बेच के दूसरी जगह चले गये या ट्रांसफर हो गया तो कोई बात नही जहां रहें वहां नया पेड़ लगायें । इसमें दो मुख्य आपको फायदे होंगे एक तो बेल के पेड़ में लक्ष्मी का वास होता है तो इस पेड़ को सींचने से आपके घर लक्ष्मी का वास होगा , दूसरा ये कि वृक्ष बड़ा होगा तब कई लोग जो उस मंदिर में आते हैं उस वृक्ष से बेलपत्र लेकर शिवजी को चढ़ाएंगे जितना बेलपत्र शिवजी को चढ़ेगा उतना पितर आपसे प्रसन्न रहेंगे , लोगों की दुआ मिलेगी सो अलग क्योंकि उनको बेलपत्र के लिए भटकना नही पड़ेगा । आप स्वयं भी बेलपत्र शिवजी को अर्पण कर प्रार्थना करें कि मेरे सभी तृप्त अतृप्त पूर्वजों और पितरों को मुक्ति दो अपनी शरण में उनको जगह दो । उस वृक्ष की छांव में बैठें उसके तने को सहलाएं । श्राद्ध वाले दिन अमावस्या पर बेलपत्र शिवजी को अर्पित करें । इसके साथ ही मंदिर में एक आम एक नीम का पेड़ भी अवश्य लगाएं । वैसे भी इंसान को अपने जीवन काल में आम , नीम, बेल, पीपल , केले का वृक्ष लगाना चाहिये , इससे सिर्फ पितर दोष की समाप्ति नही होगी बल्कि नवग्रह से संबंधित परेशानियां दूर होंगी । जहां आप लोग हज़ारों लाखों खर्च करके भी शांति नही पा रहे तो एक बार ये उपाय कीजिये इससे सरल सस्ता प्रभावी उपाय आपको नही मिलेगा । आप और कुछ नही तो प्रकृति की सेवा के निमित ही ये वृक्ष लगाइये । इस प्रकृति से हम इतना कुछ ले रहे हैं ,इस उपाय से हम प्रकृति को कुछ लौटा कर अपनी आने वाली पीढ़ी के लिये कुछ छोटा सा योगदान ही करके जाएंगे । कुछ वृक्ष विशेष मौसम में लगते हैं उनकी जानकारी आप अपने नजदीकी नर्सरी से लीजिये । बारिश के बाद पितर पक्ष आता है अपने पूर्वजों के श्राद्ध वाले दिन वृक्ष लगाये, आप यकीन मानिये जैसे जैसे वृक्ष बढ़ेगा । आपका यश सम्मान उन्नति कीर्ति बढ़ेगी । वैसे एक कहावत भी है कि एक वृक्ष सौ पुत्रों के समान होता है । आजमा के देखिये नुकसान तो कोई है नही ।
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