शुक्रवार, 26 जुलाई 2024

शारीरिक मानसिक समस्या से निजात दिलाता है यह पौधा

 लेखक - नजूमी जी

हालांकि आधुनिक दौर में इन बातों का कोई मूल्य नहीं है परंतु फिर भी कई बार जिनकी शरीर की और आभामंडल कमजोर होती है और जब भी वह कभी नकारात्मक जगह से गुजरते हैं तो ऐसे समय में कुछ लोगों में कुछ शारीरक तथा मानसिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। उनमें से एक समस्या यह है कि शरीर का रक्तचाप या तो अत्यधिक धीमा हो जाना या फिर शरीर का रक्तचाप अत्यधिक उच्च हो जाना और तथा आंखों में लाली शरीर में कंपन और अत्यधिक तेज बुखार हालांकि यह अचानक से ही आता है और फिर चला जाता है दवाइयां ली जाती हैं परंतु फिर भी जैसे ही अचानक किसी प्रकार की नकारात्मक विचारों का अनुभव हो इस समय तुरंत तेज बुखार उठना है और इसे देसी गांव की बोली में भूतिया बुखार भी कह देते हैं यानी की दवाई इत्यादि बहुत करने के बाद भी अचानक से तेज बुखार उठ जाना चेहरे पर लाल लाल रंग के धब्बे तथा बेवजह मुंह से कुछ ना कुछ बोलने लग जाना जो की शरीर की समस्या के साथ-साथ ही मानसिक समस्या भी प्रतीत होती है यह एक प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का ही प्रभाव होता है।

इस पौधे को अपा मार्ग या फिर चिरचिटामूल कहते हैं और यह उत्तर भारत में लगभग हर जगह पर सड़क के किनारे देखने को मिल जाता है आयुर्वेद में कम से कम 20 बीमारियों में जैसे की पेट की चर्बी अत्यधिक मोटापा लीवर की बीमारियां पित्त की पथरी तथा गुर्दे के रोग इत्यादिक मैं प्रयोग होता है और इसके साथ ही तंत्र में भी प्रयोग होता है तंत्र का मतलब यह नहीं है कि कि किसी प्रकार का सिर्फ कोई खास अनुष्ठान परंतु दर्द का अर्थ यकि किसी प्रकार का सिर्फ कोई खास अनुष्ठान परंतु तंत्र का अर्थ यह है कि जो यह संसार की प्रकृति है यह एक तंत्र है और प्रकृति द्वारा उपलब्ध चीजों को किस प्रकार से प्रयोग ला सके असल में यही तंत्र है और इस तंत्र के अंतर्गत संसार का वह प्रत्येक काम जो मनुष्य की भलाई के लिए है वह सभी के सभी तंत्र ही हैं जैसे की खेती किसानी आयुर्वेद या फिर प्रकृति द्वारा उत्पन्न खनिजों का प्रयोग करके उन्हें लोहा सोना पत्थर इत्यादि में दवाइयां में मनुष्य की भलाई में प्रयोग लाना असल में तंत्र की परिभाषा मूल रूप से यह है, लेकिन लेकिन हम तंत्र को कुछ अलग ही नाम से मानकर बैठे हैं मूल रूप से देखा जाए और एक अलग नजरिए से देखा जाए प्रकृति द्वारा प्राप्त लोहा एक प्रकार का तंत्र है और उसका प्रयोग करके जो चीज बनाई जाती हैं वह यंत्र है और उसे जिस प्रकार की ऊर्जा जैसे मनुष्य प्रयोग में लाता है मनुष्य की प्रयोग की शक्ति ही मंत्र है या अगर वह स्वचालित है तो वह सॉफ्टवेयर की ऊर्जा शक्ति ही मंत्र है यानी की तंत्र मंत्र यंत्र की यह एक सरल परिभाषा जो कि आम एक इंसान को समझ आ सके मैं पेश करने की कोशिश की है।

हालांकि अपने मूल बात पर चलें जिसे मैं जिक्र किया था अगर किसी व्यक्ति को उपरोक्त प्रकार की शारीरिक मानसिक समस्या जिसमें की तेज बुखार और आंखों में लाली और मानसिक विकार जिसकी मैं चर्चा सबसे पहले की है, ऐसे में अपामार्ग
 इस पौधे के 7 पत्ते परमपिता परमात्मा प्रकृति को विनय पूर्वक आज्ञा लेकर पत्ते तोड़कर थोड़ा सा हल्का सा जैसे तंबाकू मसला जाता है ऐसे ही मसलते हुए जब हल्का सा रस निकल स्त्री की बाई कलाई पर और पुरुष हो तो दाईं कलाई पर सीधे हाथ की तरफ थोड़ा सा रगड़े अगर ऐसे किसी प्रकार की समस्या होगी तो नसों में बहुत ही तेज सी महसूस होती है, रगड़ना के पश्चात किसी भी सफेद रंग के रुमाल से रगदे हुए पत्तों को कलाई की नसों पर ही रखकर बांध देने से इस समस्या का समाधान हो जाता है यह प्रयोग दिन में तीन बार जब अत्यधिक समस्या हो और अगर समस्या कम है तो तीन दिन लगातार एक बार बांध देने से समस्या से निजात मिलती है। बढ़ने के लिए कोई तिथि या दिन समय मुहूर्त विचार करने की जरूरत नहीं है समस्या हो तो कभी भी कर सकते हैं।

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