लेखक - पी. ए. बाला
यह योगिनी प्रयोग है, इसमें आपकी समस्या का समाधान स्त्री अथवा पुरुष कोई भी किसी भी रूप में आकर कर जाएगा, अब इस प्रयोग के कई प्रारूप सोशल मीडिया पर अपने अपने तरीके से बताये जाते हैं, कोई अपनी तरफ से कुछ बोलता है कोई अपनी तरफ से कुछ..पर इसका सरल और प्रामाणिक प्रयोग इस प्रकार से है :
यह प्रयोग 4 पहर यानी सूर्योदय से सूर्यास्त तक का है , आपको शनिवार को सूर्योदय से पूर्व सवा सेर( 1200 ग्राम) आटा , गाय का घी 250 ग्राम, चीनी 250 ग्राम लेकर इन सबको कसार (भून) लेना है, जैसे पंजीरी बनती है वैसे , सूर्योदय से पूर्व ही घर से उक्त सामग्री तैयार की हुई लेकर निकल जाएं, यह प्रयोग पूरा दिन बिना खाये करना होगा, पानी की बोतल साथ ले जा सकते हैं । आप यह सामग्री किसी जंगल या निर्जन स्थान में ले जाइए, और कीड़ी नगरा कीजिये, यह सामग्री चींटियों के बिल में डालिये, थोड़ा थोड़ा करके बिलों पर डालते जाइये और निम्नलिखित मन्त्र बोलते जाइये , आप पूरे जंगल में घूम घूम कर इसे डालिये, जब सामग्री खत्म हो जाये, और दिन हो जाये और आप थक जाएं तो किसी पेड़ के नीचे सो जाएं , निद्रावस्था प्राप्त होने पर आपके सामने कोई स्त्री अथवा पुरुष आके खड़ा हो जाएगा, और आपको स्पष्ट शब्दों में सब बताएगा, जो आपको अच्छी तरह सुनाई देगा और याद रहेगा । यह प्रयोग में पहले ही दिन आपको प्रश्नों के उत्तर दे देगा , कई दिनों तक करने पर तो मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाती है । सूर्यास्त के बाद घर आकर भोजन ग्रहण करना है । इस प्रयोग को कुछ नियम के साथ किया जाता है , जो इस प्रकार है :
यह प्रयोग 4 पहर यानी सूर्योदय से सूर्यास्त तक का है, कुछ विद्वान इसे एक दिन पहले रात से जोड़ते हैं जो सही नही है ।
यह प्रयोग निराहार करना है, पर पानी की बोतल साथ ले जा सकते हैं, साथ ही विश्राम के लिए एक चादर भी ले जा सकते हैं । कुछ विद्वानों का मत है कि यह बिना खाये पिये किया जाता है, पर ऐसा नही है, पानी आप पी सकते हैं ।
ऐसा बिल्कुल न हो कि आप सारी सामग्री एक या दो बिलों पर ही गिरा देवें, आपको यह सामग्री थोड़ी थोड़ी करके बिलों पर गिरानी है, और पूरा जंगल घूमना है, ताकि आप दोपहर तक इतना थक जाएं कि नींद आ जाये । आपको सूर्यास्त तक जंगल में ही रहना है । ऐसा जंगल न चुनें जहाँ खतरनाक जीव जंतु हों, यह निर्जन स्थान पर किया जा सकता है ।
कई विद्वानों का मत है कि यह प्रयोग 40 दिन अथवा 40 शनिवार का है, पर ऐसा नही है आपको पहले दिन ही आपके प्रश्नों के उत्तर किसी भी हाल में मिल जाएंगे, आपकी मर्जी पर निर्भर है कि आप 40 दिन या 40 शनिवार करना चाहें तो, इसमें कोई बाध्यता नही है , पर यह बहुत मुश्किल और अव्यवहारिक लगता है ।
कीड़ी नगरा यानी चींटियों को भोजन डालते समय यह मन्त्र का जप करते रहना है , जो देसी भाषा मे है :
जोजनगंधा जोगिनी ।
रिद्धि सिद्धि में भरपूर ।
मैं आयो तोय जांचणे ।
करजो कारज जरूर ।
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यह बहुत सफल और अनुभूत सिद्ध प्रयोग है, जो कभी खाली नही जाता, बस इसे पूरी श्रद्धा, विश्वास और संयम के साथ करना चाहिए, यह आपको अपनी समस्याओं से मुक्त करने का रास्ता जरूर दिखायेगा ।
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