लेखक - पी. ए. बाला
पांच मोगरे के फूलों को दही में डूबा कर निकाल लेवें और धूप में पूर्ण तरीके से सुखा लेवें, जब यह पूरी तरह सूख जाए तब आप इसका चूरा कर लें व एक रुई की लंबी बत्ती बना लेवें , उसमें यह चूरा थोड़ा लपेट लेवें, सफेद मक्खन में उसी रुई की बत्ती से दीपक जलावें, बाकी चूरा उसी दीपक में डाल देवें । आसन बिछा कर सामने यह दीपक प्रज्ज्वलित करके एक टक लौ को देखते हुए अपने इष्ट के मन्त्र जिसमें आपकी रुचि हो बोलते जाएं, पूरी एकाग्रता के साथ लौ को देखते हुए जप करते जाएं, जब दीपक बुझ जाए तो अपने इष्ट को आज्ञा देकर कि यह अमुक कार्य पूरा करो, फिर तीन ताली ठोक कर आसन को थोड़ा फोल्ड कर के उठ जाएं (आसन को उठाना नही है) पूरे घर का चक्कर लगाएं, आकर आसन उठा लेवें और अपने कार्य में लग जाएं, कैसा भी साफ नीयत का कार्य होगा 100% सफल होगा ।
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