गुरुवार, 25 जुलाई 2024

बहुत चमत्कारी और तीव्र सिद्धि कर्ता प्रयोग

 लेखक - पी. ए. बाला

जीवन मे बहुत से कार्य हैं जो नही होते कुछ देर सवेर हो ही जाते हैं, पर कभी कभी हम ऐसी स्थिति में आ जाते हैं जहां हमको कार्य सिद्धि त्वरित चाहिए होती है, बाकी कार्यों के लिए तो हम कुछ न कुछ उपाय कर ही रहे होते हैं पर कई ऐसे कार्य होते हैं जो अति आवश्यक करने होते हैं, वो चाहे कोई अच्छा रिश्ता पक्का करना हो, कोई जॉब इंटरव्यू हो, कोई कोर्ट का फैसला हो, कोई डील कोई सौदा तय करना हो ऐसे बहुत से कार्य होते हैं , जिसके लिए हमें अर्जेंट कोई उपाय ऐसा चाहिए होता है कि तुरंत कार्य सिद्धि हो ही जाए । ऐसा ही एक सरल उपाय है जो बेहद तीव्र तरीके से कार्य करता है, वैसे यह कार्य बेहद सरल है, पर आजकल के समय में थोड़ा मुश्किल यूँ हो जाता है कि इस उपाय में आपको गौरैया (देसी चिड़िया) की जरूरत होती है, जो आजकल बहुत मुश्किल से मिलती है, शहरों में तो लगभग गायब ही हो गयी है , फिर भी अगर आपके आस पास हो तो आप यह प्रयोग कर सकते हैं , प्रयोग इस प्रकार है 


यह प्रयोग आपको शनिवार या सोमवार को करना है, आप जिस भी दिन यह प्रयोग करें उसके एक रात्रि पहले एक कटोरी में एक मुट्ठी किणकी (टूटा हुआ चावल) ले लेवें , रात को सिरहाने रख कर सो जाएं, अगले दिन सुबह जल्दी नहा कर बिना कुछ खाये यह चावल गोरैया को खिलावें , ध्यान रहे कि जब आप गोरैया को चावल खिला रहे हों तो कोई दूसरा पक्षी इसे नही खाये, खिलाते हुए गोरैया को देखते हुए अपने कार्य को मन ही मन बोलिये जो आपको करवाना हो, फिर पलट कर आ जाइये, बाद में कोई और पक्षी भी आकर खा ले तो कोई बात नही है । अब यह है तो बहुत सरल पर फिर भी कुछ ध्यान देने योग्य बातें हैं : 

आप पहले जगह तय कर लीजिए कि गोरैया कहाँ मिलेगी तभी आप यह प्रयोग करें 

अगर आपके आस पास गोरैया नही है तो यह प्रयोग न करें, किसी और पक्षी पर यह प्रयोग न करें ।

कई बार ऐसा होता है कि आप जगह तय कर लिए कि यहाँ गोरैया मिल जाती है, पर आप जिस दिन प्रयोग करने निकले उस दिन उस जगह आपको गोरैया नही मिली , बहुत ढूंढने पर भी नही मिली तब आप अन्य पक्षी को चावल डाल कर आ जाएं । यह प्रयोग गोरैया पर ही सिद्ध है, इसीलिए यह न समझें कि किसी और पक्षी को खिला दिए तो कार्य सिद्ध होगा, हाँ वैसे ही आपका भाग्य प्रबल हो और कार्य सिद्ध हो जाये तो अलग बात है ।

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यह प्रयोग बहुत चमत्कारी और तीव्र सिद्धि कर्ता है, पहले गोरैया बहुत थी हर सुबह हर घर पर आ जाती थीं, पर अब यह प्रजाति धीरे-धीरे गायब हो रही है , इसीलिए आज के समय यह प्रयोग थोड़ा मुश्किल हो जाता है, पर जहाँ गोरैया सर्व सुलभ है, वहाँ यह प्रयोग कीजिये , कोई दूसरा प्रश्न ही नही उठता कि आपके कार्य की सिद्धि न हो ... करके देखिए और लाभ प्राप्त कीजिये ।

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