मंगलवार, 7 अगस्त 2018

Very important tips of numerology अंक शास्त्र के बहुत ही महत्वपूर्ण सूत्र


आज अपने ब्लॉग पर चर्चा करेगे अंक शास्त्र की. हर किसी के जीवन में अंको का बहुत महत्व होता हैं. आपका जन्म, मृत्यु, जीवन की अच्छी बुरी घटनाएं सब अंको पर ही आधारित होती हैं. क्योकिं समय भी अंकों का ही रूप है. ग्रहों के अंश भी अंकों का ही रूप है. इसलिए आप अख सकते है की जीवन में हर घटना किसी भी अंक से जुडी होती हैं. जैसे में अपना जीवन देखू तो मेरी जीवन की महत्वपूर्ण चीजों में ७ अंक बहुत ही ख़ास है. जून का महीना ख़ास है. आज अंक ज्योतिष के कुछ महत्त्वपूर्ण टिप्स लेकर आये हैं.


यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें. 
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If your name begin from "E" alphabet, then you should know that this vibration is quite versatile and inspirational. Holding onto freedom, it embraces travel, movement, and flexibility. It is straightforward and direct. It is usually interested in spiritual matters. It likes to learn and enjoys words, whether in written context or in speaking. It holds within it a lot of energy and vitality. With the amount of energy that moves through an 'E', it usually remains fairly calm. Too many 'E's' can bring on impulsiveness and restlessness. numerology

सिंगल डिजिट याने 1 से 9 के बीच बर्थ डेट होना काफ़ी फ़ायदेमंद होता है बजाये डबल डिजिट डेट्स पर जन्म लेने के. जैसे 6 को जन्मे Vivek Singh का शुक्र ही प्रधान होगा लेकिन 15 को जन्मे का सूर्य (1), बुद्ध (5) और शुक्र (6) - तीन-तीन ग्रह को बड़ी बुद्धिमत्ता से कंसीडर करना पड़ेगा या जो 24 को जन्मे, उनका चन्द्र्मा (2), राहु (4) और शुक्र (6) - फिर तीन-तीन ग्रहों को बड़ी सूक्ष्मता से विश्लेषित कीजिये.

अब वेस्टर्न लोग तो मामा चचा ताऊ सबको अंकल बना देते है लेकिन धन्य है हमारे महर्षि, जिन्होंने वैदिक अंक ज्योतिष की रचना कर हमारा दिशा निर्धारण किया. वैदिक अंक ज्योतिष में 15 या 24 का अर्थ केवल 6 ही होता तो हम भी फिरंगियों की भांति कुएँ के मेंडक होते.

व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए हर डिजिट को और वो भी अत्यंत सावधानीपूर्वक. अर्थ का अनर्थ होने में देर कभी न लगती भाया...

जैसे मेरी बर्थ डेट 17 है. अब वेस्टर्न न्यूमेरोलोजी तो इसे, आव देखा न ताव और 1+7=8 यानि शनि मेरा मूलांक स्वामी होना चाहिये. इतना भर तो सही है, लेकिन केवल शनि ही माइबाप नहीं न होंगे, सूर्य (1) और केतु (7) भी तो अपना समानुपाती (proportional) प्रभाव रखेंगे ता-उम्र...

इसे ही वैदिक अंक ज्योतिष कहते हैं.

4 तारीख को जन्मे व्यक्ति की 3 और 5 तारीख को जन्मे व्यक्ति से पार्टनरशिप सहज नहीं चलती, बहुत कटुतावश अलग होते हैं..

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