यह लेख आपकी उस समस्या की और इंगित करता है जिसकी वजह से आपकी जिन्दगी नरक बन सकती हैं. एक शादीशुदा जिन्दगी खुशहाल हो तो जीवन में आनद आता हैं. इसमें किसी भी प्रकार की परेशानी आपको कई समस्या लेकर आती हैं. इस समस्या पर यह आलेख है विश्वजीत जी का. जिन्होंने अपना अनुभव शेयर किया है.
पति महोदय ने तीन बरस पहले मुझसे दो मसलों पे राय ली थी - शादी और खुद का मकान. शादी का बताया कि जिस लड़की से ब्रेकअप-सा हुआ है, उसी से होगी, २०१६ में होगी और उसके बाद अपने मकान में शिफ्ट होगा. मकान कभी भी ख़रीद सकता था, लेकिन तथाकथित स्वयंभू महान पण्डितों के अनुसार, उसे कभी भी अपने खरीदे हुए मकान में नहीं रहना चाहिए था. खैर... मैं जनवरी २०१६ में हुई इस शादी को अटेंड नहीं का सका और न ही उसके बाद हुए गृहप्रवेश पर जा सका. साक्षात् महालक्ष्मी स्वरूपा भाग्याशालनी से विवाह हुआ.
अब बच्चा नहीं हो रहा है...
देश की सेकंड बेस्ट महंगी IVF स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने 7-8 लाख लगवा दिये, जिसकी कतई ज़रूरत ही नहीं थी. दोनों की कुण्डली में निसंतान्ता-योग ही नहीं है, बीज-स्फुट भी पर्याप्त हैं. दिक्कत सिर्फ प्रॉपर टाइमिंग की थी, घर के बेतरह पटरी से उतरे वास्तु दोष् की थी. ज़ोन बलेंसिंग की थी. म्यूच्यूअल अंडरस्टैंडिंग की थी. ये वो मसले थे, जिनको थोड़ी सी मेहनत से ही संभाला जा सकता था.
दोनों को पहले साथ-साथ, फिर अलग-अलग अक्ल दी. अब उनके घर जाकर बेबी कन्सीव करने योग्य वास्तु सम्मत परिवेश बनाना है, एक वैदिक कैलेन्डर भी बना कर देना है, कब-कब संतान-सुख हेतु अग्रसर होना है, जिसमें एक स्वस्थ दीर्घायु कुलदीपक किलकारियां मारने पधारे. अगर इसी महीने मैंने वो घर संभाल लिया, तो दिसम्बर तक #खुशखबरी पक्की !!
इनके साले जी की पिछले बरस १८ अप्रैल को टिपिकल पंजाबी-मुल्तानी स्टाइल में शादी हुई. रोके से शादी वाले दिन तक ये रिश्ता तीन बार टूटते-टूटते बचा. क़ुदरत तो हमेशा की तरह अपना काम कर ही रही थी, लेकिन कोई समझदार वहां नहीं था, जो उसका इशारा समझता....आखिरकार, शादी हो ही गई !
अब लड़की के घरवाले लड़के पर माँ-बाप से अलग रहने का दबाव बनाने लगे. लड़का पुष्य नक्षत्र प्रथम पद का जन्म. मैं बता नहीं सकता कि ऐसा गऊ समान लड़का मैंने आखरी बार कब देखा होगा. मुझसे बात करते हुए उसकी आवाज़ में एक रुआँसा कम्पन था जो तब बंद हुआ जब मैंने उसकी डायमंड रिंग उतरवा कर उसकी बहन को संभलवा दी. ऐसी तंत्रित करवाई हुई थी वो सवा लाख टकी अंगूठी. लड़की भाग्यहीना, घर की दुश्मन, अवगुणों की खान, अमावस्या की पैदाइश, घर का कामकाज़ तो छोड़ो, पति को एक ग्लास पानी भी न पूछे. फ़ुल नौटंकीबाज़, दो बार में सब कुछ समेट के मायके जाकर बैठी हुई है अब २५ दिनों से....ये सब बेहाल-परेशां, अब आगे क्या करें ! लड़के का खानदान निहायत शरीफ़ और इज्ज़तदार.
शराफ़त का अंदाज़ा सिर्फ़ इसी बात से लगा सकते हैं, कि बावजूद मेरे ये बताने के, कि इस केस में कोई होप नहीं है, डाइवोर्स ही एकमात्र उपाय है, अगले 6 बरस तक उस लड़की के ग्रह-नक्षत्र भयानक विपरीत हैं, तुम सबका जीना मुहाल कर देगी, सब कुछ हड़प भी सकती है, वो बार-बार मुझसे सिर्फ़ यही पूछता रहा, हुकुम - मैं छ साल भुगत लूँगा, फिर तो ठीक हो जायेगा ना !
उसकी इस करुण याचना के सामने मैं बेबस था. उस लड़की की मंशा ये सीधे-सादे बन्दे समझ नहीं पा रहे थे. और खुद कबूतर बनकर सामने झपटने को तैयार बैठी बिल्ली को देख कर आंख मूँदे बैठे थे कि बिल्ली चली गई....ऐसे खुर्राट बिल्लियाँ भागी हैं कभी !
इन्हें मार-भगाया जाता है....
अब इसके घर को आने वाले कोरट-कचहरी के लिए सक्षम करना है. इस लड़के को इसके हाल पे छोड़ दिया तो ये कहीं का नहीं रहेगा.
किसना की गाय है ये....
यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.
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