वैवाहिक जीवन विकट अवस्था में पहुँच गया है, प्रतिदिन की कलह ने घर का वातावरण दूषित कर रखा है, अमंगल ने डेरा ही जमा लिया है, दोनों एक-दूजे को काट खाने को दौड़ते हैं लेकिन बच्चों और कमाई की खातिर इकट्ठे रहना मजबूरी हो, तो मन मार कर मत रहिये.
दोनों में से, बस एक समझदार हो तो एक आशा की किरण हमेशा दीप्त रहती है, ग़र नज़र हो...
अपने ज्योतिषी जी से पूछिए कि नवांश कुण्डली (D-9 Chart) का स्वामी कौन है ?
यदि नवांश कुण्डली मेष, कर्क, तुला अथवा मकर राशि की है, तो ब्रह्मा जी की स्तुति टाइटैनिक डूबने नहीं देगी, नैय्या पार लग जाएगी.
यदि नवांश कुण्डली वृषभ, सिंह, वृश्चिक अथवा कुम्भ राशि की है तो महादेव आपके तारणहार हैं, उनकी स्तुति कीजिये.
यदि नवांश कुण्डली मिथुन, कन्या, धनु अथवा मीन राशि की है तो श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम् जप वैवाहिक नैय्या ही नहीं, सब दारुण दुखों से पार लगा देगा.
उपाय अचूक हैं, अटल हैं, स्वयंसिद्ध हैं..
तो दिक्कत कहाँ आएगी ?
दिक्कत आएगी शुद्धतम गणना से कुण्डली निर्माण करने में. बेस तो यही बनेगा न. लेकिन हम तो भेड़चाल वाले हैं. किसी भी फ्री ऐप से कुण्डली क्रिएट कर, डाउनलोड कर लेंगे. लाहिरी अंकल, जगत-अंकल हैं हीं. फिर जब उपाय फलीभूत नहीं होंगे, तो बताने वाले को कोस लेंगे. सूर्य-सिद्धांतीय गणना करके अब कौन अपनी आँखें फोड़े!!
नवांश कुण्डली कैसे बनती है, महर्षि पाराशर जी ने बृहत्पाराशरहोरा में स्पष्ट बताया हुआ है, और सबसे बड़ी बात, कॉपीराइट-मुक्त ज्ञान है..
आचार्य श्री विनय झा जी ने एक बार फ़रमाया था कि जैसा चेला होता है, उसे गुरु भी वैसे ही मिलते हैं. सो, सर्वप्रथम तो आपको, अपनी ही मनोवृत्ति सुधारनी है...
(अगर उचित समझें कि अन्यान्य सनातनजन में भी जाग्रति हो, तो शेयर करें. धन्यवाद्)
यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.

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