सोमवार, 24 जनवरी 2011

ब्यूटी टिप्स

1. तेज गंघवाले शैंपू का इस्तेमाल करने के बजाय अपने हेअर ब्रश के दांतो का परफ्यूम छिडकें और इससे कंघी करें। सारे दिन आपके बालों से गजब की महक आएगी। तेज गंघवाले शैंपू बालों को हानि पहुँचाते है। बाल भी सलामत रहेंगे और दिनभर आपको मनपसंद खुशबू भी मिलती रहेगी।
2. एडियों पर नियमित पेट्रोलियम जैली लगाने के बाद 20 मिनट तक सूती मोजे पहन कर रखें। आपकी एडियां कभी नहीं फटेंगी।
3. गहरे रंग की लिपस्टिक सादी रूई से पोंछने के बाद भी नहीं निकलती। रूई की बजाय टिशू पेपर का पेकअप रिमूवर में डुबों कर इस्तेमाल करें।
4. रात को सोते समय भवों पर भी आईस्क्रीम लगाएं। भवों में खुश्की नहीं होगी और वे मुलायम रहेंगी।
5. अगर लगता है कि हेअर स्ट्रीकिंगवाले में चमक नहीं आ रही हो, लूफा पर थोडा सा बेकिग सोडा छिडके और स्ट्रीकिंगवाले बालों पर इसे थोडा सा स्क्रब करें। हेअर स्ट्रीकिंग चमक उठेंगे।
6. बालों को ब्लो ड्राई का फाइनल टच देते वक्त हेअर ब्रश क दांतो पर हेअर स्प्रे करें। फिर बालों की जडो से 1 मिनट के लिए ब्रश करें। इससे बालों पर हेअर स्पे्र की मोटी परत नहीं चढेगी, लेकिन बालों का वॉल्यूम और चमक देखते ही बनेगी।
7. बॉडी लोशन लगाने के बाद भी हाथ-पैरों पर चमक नहीं आती हो, तो बॉडी लोशन में थोडा सा बेबी ऑइल डालकर इस्तेताल करें।
8. बाल काफी तैलीय हों, तो इसके लिए मोटे मेकअप ब्रश को लूज पाडडर में डिप करें और बालों की जडो पर लगाएं। यह बालों से अतिरिक्त तेल सोख लेगा। कंघी के दांतो में रूई फंसा कर बालों में ब्रश करें। बाल महक उठेंगे। पहले की तुलना में साफ और तेल रहित दिखायी देंगे।
9. अपने क्यूटिकल को मजबूत, मुलायम और स्वस्थ्य बनाने के लिए एप्रिकॉट ऑइल (आड का तेल) का प्रयोग करें। यह किसी फूड स्टोर में मिल सकता है।
10. बिना मेकअप के भी बरौनियों के आकर्षक बनाया जा सकता है। उंगनियों पर हल्का बादाम या जैतून का तेल मल कर बरौनियों पर लगाएं। यह किसी नेचुरल मस्कारा से कम नहीं।
11. बच्चों की क्रीम से फटी व रूखी कोहनियां व पैर मुलायम बनाए जा सकते हैं।
12. घुलाई का साबुन अगर अलमारी में रख दिया जाएं, तो पूरी अलमारी उसी से महक जाती है। अपने अंडरगारमेंट रखने की जगह पर तेज महकवाले बाथिंग सोप बिना रेपर खोले रख कर देखिए। यकीनन आप फे्रश महसूस करेगी।
13. टूथब्रश पर थोडा सा हेअर स्पे्र कर अपनी भवों पर इससे कंघी करें। भवों पर चमक दिखायी देगी और वे सजी-संवरी भी रहेंगी।
14. मुंहासे बहुत परेशान कर रहे हैं, तो प्रभावित स्थान पर थोडा बिना जैलवाला टूथपेस्ट 15 मिनट तक लगा कर रखिएं और फिर ठंडे पानी से वह स्थान घो डालिए। फर्क महसूस करेगी।
15. आई लाइनर पेसिंल की टिप अगर शार्प हो, तो पलकों पर लाइनर बढिया लगता है। इसके लिए आप आई लाइनर पेंसिल प्रयोग करेने से पहले कुछ देर उसे फ्रीजर में रख दें।
16. ठंड के मौसम में कई बार हाथ-पैरों की उंगलियों पर कोल्ड सोर (ठंड से घाव) हो जाते है। माँइशराइजर में डुबो कर प्रभावित स्थान पर लगाएं। इससे घाव नहीं होगा।
17. अगर आपकी बरौनियां सीघी है, लेकिन आप कर्ल लुक चाहती है, तो आई लैश कर्लर को कुछ सेकेंड के लिए हेअर ड्रायर से गरम कर बरौनियां आसानी से कर्ल हो जाएंगी। उसके बाद वॉटरप्रूफ मस्कारा का इस्तेमाल करें।
18. अगर आप अपनी टांगों को शेव करती है, तो शेविंग क्रीम के साथ थोडे हेअर कंडीशनर का प्रयोग करें।
19. बॉडी सॉफ्टर लोशन ना हो, तो एवोकैडो फल को किसी बरतन में कदूकस कर लें। इसे अपने बदन में 20 मिनट तक मलें और शावर बाथ लें। एवोकैडो प्राकृतिक मॉइpराइजर है।
20. प्रदूषण से प्रभावित बालों में नयी जान डालने के लिए 1 कप पानी मे 3 बडे चम्मच सफेद सिरका मिलाएं और बालों में लगा कर 15 मिनट तक छोड दें। शैंपू से बाल घो लें।
21. स्लीवलेस ब्लाउज पहनने से पहले नहाते समय बांहों और बगलों पर फेस स्क्रबर का इस्तेमाल करें। इससे बांहे और बगलें पहले की तुलना में साफ और मुलायम दिखायी देंगी।
22. रात को पार्टी से लौटने बाद ब्रश करने का समय ना हो, तो माउथवॉश से कुल्ला करने के बाद बिना पेस्ट लगाए टूथपेश से दांत और मसूडों पर ब्रश करें। आप फ्रेश महसूस करेंगी।
23. थकी और निस्तेज त्वचा की आभा लौटाने के लिए अंडेके सफेदी में बिना कुछ मिलाए त्वचा पर 10 मिनट तक लगा कर रखें और ठंडे पानी से चेहरा घो लें।
24. शादी समारोह मे जा रही हों, तो खुले अंगों पर भी हल्का मेकअप करें। इसके लिए हैंड एंड बॉडी लोशन में थोडा सा बॉडी ब्रोंजर मिला कर लगाएं।
25. फटाफट फ्रेश महसूस करने के लिए ज्यादा पसीना आनेवाले स्थान पर बेबी पाउडर लगाएं।
26. पलकों पर आई लाइनर देर तक टिके रहें, इसके लिए पलकों पर प्राइमर का एक कोट लगाएं मैट बेस आई मेकअप का भी प्रयोग आई लाइनर या आई पेंसिल को पलकों पर देर तक टिकाए रखने में मदद करता है।
27. बहुत देर तक सांसे महकती रहे, इसके लिए हाइड्रोजन पैराक्साइड टूथपेस्ट का प्रयोग करें। यह मुंह के अंदर बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करता है।
28. हेअर डाई करती हो, तो बार- बार शैंपू करने से बचें। डाई में मौजूद अमोनिया बालों को रूखा और हेअर क्यूटिकल्स को हानि पहुंचाता है। डाई के बाद बार-बार शैंपू करने से बालौं की जडों का रहा-सहा नेचुरल ऑईल खत्म हो जाता है। हफ्ते में एक बार कंडीशनर युक्त शेपू का प्रयोग करें।
29. कई बार बहुत पसीना आने की शिकायत होने पर डियोडरेंट भी प्रभावी नहीं होता। तनाव और गरमी के अलावा हाइपहाइड्रोसिस भी पसीने की वजह हो सकती है। इसके लिए अल्यूमीनियम युक्त एंटीपर्सपिरेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
30. नेचुरल मेकअप के लिए फाउंडेशन लगाने के बाद उसे 2 मिनट तक त्वचा पर सोखने दें। उसके बाद पाउडर लगाएं। इससे फाउंडेशन के चकत्ते नहीं दिखेंगे।
 

बुधवार, 19 जनवरी 2011

डायबिटीज(मधुमेह) पर विजय के कुदरती नुस्खे

मधुमेह रोग में खून में शर्करा स्तर बढ जाता है भारत में शुगर रोगियों की संख्या में बडी तेजी से  वृद्धि देखने में आ रही है।इस रोग का कारण प्रमुख रूप से इन्सूलिन हार्मोन की की गड्बडी को माना जाता है।तनाव और अनियंत्रित जीवन शैली से इस रोग को बढावा मिलता है।इस लेख में मैं कुछ घरेलू सरल नुस्खे प्रस्तुत कर रहा हूं जो इस रोग को पूरी तरह नियन्त्रित करने मे कारगर साबित हुए हैं।
१॥आंवला और हल्दी का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम ५ ग्राम की मात्रा में पानी के साथ लें। बढे हुए रोग में भी अच्छे परिणाम मिलते हैं।

 २॥मैथी के बीज ५ ग्राम रात भर पानी में भिगो दें ,फ़िर मिक्सर में चलाकर छानकर पियें। अवश्य लाभ होगा।

३॥करेला का ५० ग्राम रस नित्य पीना अति गुणकारी माना गया है।

४॥दाल चीनी४० ग्राम एक लिटर पानी में रात भर भिगो दें , फ़िर मिक्सर में चलाकर छानकर दिन में पियें। यह नुस्खा शुगर कम करने की महौषधि है। जरूर आजमाएं।

 ५॥जमुन के ताजा ५ पत्ते पानी में पीसकर छानकर सुबह-शाम पीने से मधुमेह में बेहद फ़ायदा होता है।

६॥तुलसी,नीम और बेल के सूखे पत्ते बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनालें और शीशी में भर लें  यह चूर्ण ५ ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम पानी के साथ लेने से अधिकांश रोगियों को लाभ मिलता है।

 ७॥ अंगूर  का रस और पके टमाटर का रस नियमित लेने से मधुमेह में लाभ होताहै।

८॥सोयाबीन,जौ और चने के मिश्रित आटे की रोटी खावें,इससे शुगर का स्तर कम करने में काफ़ी मदद मिलती है।

९॥मांस और वसायुक्त भोजन हानिकारक है।

१०॥प्रतिदिन २४ घन्टे में ३-४ लिटर पानी पीने की आदत डालें।

११॥हरी सब्जीयां,फ़ल और रेशे वाली चीजें भोजन में प्रचुर मात्रा में लें। शकर, मीठे फ़ल से परहेज करें।

१२॥अपनी आयु के हिसाब से २ से ४ किलोमिटर नित्य घूमना जरूरी है।

    उपरोक्त जीवन चर्या अपनाकर आप मधुमेह से होने वाले हानिकारक प्रभावों से बच सकते हैं। जिन मधुमेह  रोगियों को नित्य इन्सुलिन के इन्जेक्शन लग रहे है उनके लिये हर्बल चिकित्सा उपादेय होती है। मार्ग दर्शन हेतु नि:संकोच संपर्क करें।

पित्त-पथरी? बिना आपरेशन सफ़ल चिकित्सा

 १) गाजर और ककडी का रस प्रत्येक १०० मिलिलिटर की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीयें। अत्यन्त लाभ दायक उपाय है।

 २)  नींबू  का रस ५० मिलिलिटर की मात्रा में सुबह खाली पेट पीयें। यह उपाय एक सप्ताह तक जारी रखना उचित है।

३)  सूरजमुखी या ओलिव आईल ३० मिलि खाली पेट पीयें।इसके तत्काल बाद में १२० मिलि अन्गूर का रस या निम्बू का रस पीयें। यह विधान कुछ हफ़्तों तक जारी रखने पर अच्छे परिणाम मिलते हैं।
 
 ४)  नाशपती का फ़ल खूब खाएं। इसमें पाये जाने वाले रसायनिक तत्व से पित्ताषय के रोग दूर होते हैं।

  ५)  विटामिन सी याने एस्कोर्बिक एसिड के प्रयोग से शरीर का इम्युन सिस्टम मजबूत बनता है।यह कोलेस्ट्रोल को पित्त में बदल देता है। ३-४ गोली नित्य लें।

 ६)  पित्त पथरी रोगी भोजन में प्रचुर मात्रा में हरी सब्जीयां और फ़ल शामिल करें। ये कोलेस्ट्रोल रहित पदार्थ है।

 ७)  तली-गली,मसालेदार चीजों का परहेज जरुरी है।

 ८)  शराब,चाय,काफ़ी एवं शकरयुक्त पेय हानिकारक है।

९)  एक बार में ज्यादा भोजन न करें। ज्यादा भोजन से अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रोल निर्माण होगा जो हनिकारक है।

१०) गाल ब्लाडर की बडी पथरियां हर्बल इलाज से नष्ट हो जाती हैं।

हार्ट अटैक के बाद जीवन शैली और घरेलू उपचार.

हार्ट अटैक के बाद की जीवन शैली और घरेलू उपचार
    एक बार हार्ट अटैक झेल चुके हृदय के मरीजों को अत्यन्त सावधानी के साथ अपनी जीवन शैली में ऐसे बदलाव अपनाने चाहिये जिससे दूसरी बार अटैक से बचे रहें। मैं ऐसे रोगियों के लिये परामर्ष के तौर पर कुछ लाभदायक बातें और निर्देश यहां प्रस्तुत कर रहा हूं। अपने चिकित्सक के परामर्श से अमल में लाकर लाभ उठावें।
१) हार्ट अटैक के बाद रोगी २-३ सप्ताह पूर्ण विश्राम करें।
२)  विश्राम अवधि के बाद धीरे-धीरे चलने का अभ्यास  करें। हां ,ज्यादा थकावट मेहसूस नहीं होनी चाहिय। शारीरिक सक्रियता लगातार बढाते जाएं। तकलीफ़ मालुम ना  हो तो तेज चलने का उपक्रम भी करते रहें।
३)  मन में निराशा,चिंता,टेंशन बिल्कुल न आने दें। प्रसन्न रहना हार्ट रोगियों के लिये टानिक का काम करता है। अटैक पडने के एक दो माह बाद तबीयत  ठीक हो  तो सेक्स करने मे भी  कोइ अडचन नही है।
४)  अपने ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाते रहना चाहिये। खून में कोलेस्ट्रोल के लेविल की जांच भी नियमित अंतराल पर करवाते रहें।
५)  हार्ट  के मरीजों के भोजन में हरी सब्जीयां और फ़लों की अधिकता जरूरी है। अंकुरित किये हुए मैथी बीज सोयाबीन बीज मूंग,अलसी बीज खाने की आदत डालना आवश्यक है।
६)  आंवला विटामिन सी का उत्तम स्रोत है। यह हृदय के लिये अमृत समान फ़ल है।  नित्य १० मिलि. आंवला रस पीना लाभदायक है।
७)  अदरक का हार्ट पर उत्तम प्रभाव देखा गया है।  इससे कोलेस्त्रोल का लेविल घटता है। और अदरक के प्रभाव से खून में  थक्का भी नहीं जमता है।
८)   नींबू  के नियमित सेवन से खून की नलियों मे कोलेस्ट्रोल नहीं जम पाता है। एक नींबू का रस मामूली गरम जल में रोजाना लेते रहें।
९)  आयुर्वेदिक चिकित्सक हृदय रोगियों में अर्जुनारिषट का बहुतायत से प्रयोग करते हैं ।
इससे परिसंचरण तन्त्र मजबूत होता है। हार्ट की सुरक्छा के लिये यह औषधि प्रसिद्ध हो चुकी है।
१०)  शहद १५ ग्राम एक नींबू के रस में मिलाकर लेने से हृदय की ताकत में इजाफ़ा होता है।
११)  ताजा अनुसंधान में पता चला है कि लहसुन की ४ कली चाकू से बारीक काटकर १०० ग्राम दूध में उबालकर लेने से  खून  में थक्का नहीं जमता है और कोलेस्ट्रोल का लेविल भी कम हो जाता है।
     हार्ट के मरीज ऊपर बताये गये उपाय अपनाकर अपने हृदय को सुरक्छित रखते हुए दूसरे हार्ट अटैक से  बचे रहेंगे और उनका इम्युन सिस्टम भी शक्तिशाली बन जाएगा।

माईग्रेन(आधाशीशी) रोग का सरल उपचार

१)  बादाम १०-१२ नग प्रतिदिन खाएं। यह माईग्रेन का बढिया उपचार है।
२)  बन्ड गोभी को कुचलकर एक सूती कपडे में बिछाकर  मस्तक (ललात) पर बांधें। रात को सोते वक्त या दिन में भी सुविधानुसार कर सकते हैं। जब गोभी का पेस्ट सूखने लगे तो नया पेस्ट बनाककर पट्टी बांधें। मेरे अनुभव में यह माईग्रेन का सफ़ल उपाय हैं।
३)  अंगूर का रस २०० मिलि सुबह -शाम पीयें। बेहद कारगर नुस्खा है।
४)  नींबू के छिलके  कूट कर पेस्ट बनालें।  इसे ललाट पर बांधें । जरूर फ़ायदा होगा।
५)  गाजर का रस और पालक का रस दोनों करीब ३०० मिलि  पीयें आधाशीशी में गुणकारी है।
६) गरम जलेबी २०० ग्राम नित्य सुबह खाने से भी कुछ रोगियों को लाभ हुआ है।
७)   आधा चम्मच सरसों के बीज का पावडर ३ चम्मच पानीमें घोलक्रर नाक में रखें । माईग्रेन का सिरदर्द कम हो जाता है।
७) सिर को कपडे से मजबूती से बांधें। इससे खोपडी में रक्त का प्रवाह कम होकर सिरदर्द से राहत मिल जाती है।
८) माईग्रेन रोगी देर से पचने वाला और मसालेदार भोजन न करें।
९) विटामिन बी काम्प्लेक्स का एक घटक नियासीन है। यह विटामिन आधाशीशी रोग में उपकारी है। १०० मिलि ग्राम की मात्रा में रोज लेते रहें।
१०) तनाव मुक्त जीवन शैली अपनाएं।
 ११) हरी सब्जियों और फ़लों को अपने भोजन में प्रचुरता से शामिल करें।

कान दर्द निवारक कुदरती उपचार

१)  दर्द वाले कान में हायड्रोजन पेराक्साइड की कुछ बूंदे  डालें। इससे कान में जमा मैल( वाक्स) नरम होकर बहार निकल जाता है।  अगर कान में कोइ संक्रमण होगा तो भी यह उपचार उपकारी रहेगा। हायड्रोजन में उपस्थित आक्सीजन जीवाणुनाशक होती है।
२)  लहसुन संस्कारित तेल कान पीडा में हितकर है। १० मिलि तिल के तेल में ३ लहसुन की कली पीसकर डालें और इसे  किसी बर्तन में गरम करें। छानकर शीशी में भरलें। इसकी  ४-५ बूंदें रुग्ण कान में टपकादें। रोगी १० मिनिट तक लेटा रहे। फ़िर इसी प्रकार दूसरे कान में भी दवा डालें। कान दर्द में लाभ प्रद नुस्खा है।
३)  जेतुन का तेल मामूली गरम करके कान में डालने से दर्द में राहत होती है।
४)  मुलहठी कान दर्द में उपयोगी है। इसे घी में भूनें । बारीक पीसकर पेस्ट बनाएं। इसे कान के बाह्य भाग में लगाएं। कुछ ही मिनिट में दर्द समाप्त होगा।
५)  बच्चों के कान में पीप होने पर स्वस्थ स्त्री  के दूध की कुछ बूंदें कान में टपकादें। स्त्री के दूध में प्रतिरक्छा तंत्र को मजबूत करने के गुण विध्यमान होते हैं। उपकारी उपचार है।
६)  कान में पीप होने पर प्याज का रस लाभप्रद उपाय है। प्याज का रस गरम करके कान में २-४ बूंदे डालें। दिन में ३ बार करें। आशातीत लाभकारी उपचार है।
७) अजवाईन का तेल  और तिल का तेल १:३ में मिक्स करें। इसे मामूली गरम करके कान में २-४ बूंदे टपकादें। कान दर्द में उपयोगी है।
८) पांच ग्राम मैथी के बीज एक बडा चम्मच तिल के तेल में गरम करें। छानकर  शीशी में भर लें। २ बूंद दवा और २ बूद दूध कान में टपकादें। कान पीप का उम्दा इलाज माना गया है।
९)  तुलसी की कुछ पत्तिया और लहसुन की एक कली पीसकर पेस्ट बनालें। इसे गरम करें। कान में इस मिश्रण का रस २-३ बूंद टपकाएं। कान में डालते समय रस सुहाता गरम होना चाहिये। कान दर्द का तत्काल लाभप्रद उपचार है।
१०)  कान दर्द और पीप में पेशाब की उपयोगिता सिद्ध हुई है। ताजा पेशाब ड्रापर में भरकर कान में डालें,उपकार होगा।
११)  मूली कान दर्द में हितकारी है। एक मूली के बारीक टुकडे करलें । सरसों के तेल में पकावें। छानकर शीशी में भर लें ।कान दर्द में इसकी २-४ बूंदे टपकाने से आराम मिल जाता है।
१२) गरम पानी में सूती कपडा भिगोकर निचोडकर ३-४ तहें बनाकर कान पर सेक के लिये रखें।  कान दर्द परम उपकारी उपाय है।
१३)  सरसों का तेल गरम करें । सुहाता गरम तेल की २-४ बूंदे कान में टपकाने से कान दर्द में तुरंत लाभ होता है।
१४)  सोते वक्त सिर के नीचे बडा तकिया रखें। इससे युस्टेशियन नली में जमा श्लेष्मा नीचे खिसकेगी और नली साफ़ होगी। मुंह में कोई चीज चबाते रहने से भी नली का अवरोध हटाने में मदद मिलती है।
१५)   केले की पेड की हरी छाल निकालें। इसे गरम करें  सोते वक्त इसकी ३-४ बूंदें कान में डालें । कान दर्द  की उम्दा दवा है।

शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम करने के कुदरती उपचार-

१)  चर्बी घटाने के लिये व्यायाम बेहद आवश्यक उपाय है।एरोबिक कसरतें लाभप्रद होती हैं। आलसी जीवन शैली से मोटापा बढता है। अत: सक्रियता बहुत जरूरी है।

२) शहद मोटापा निवारण के लिये अति महत्वपूर्ण पदार्थ है। एक चम्मच शहद आधा चम्मच नींबू का रस गरम जल में मिलाकर लेते रहने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी नष्ट होती है। यह दिन में ३ बार लेना कर्तव्य है।

३)  पत्ता गोभी(बंद गोभी) में चर्बी घटाने के गुण होते हैं। इससे शरीर का मेटाबोलिस्म ताकतवर बनता है। फ़लत: ज्यादा केलोरी का दहन होता है।  इस प्रक्रिया में चर्बी समाप्त होकर मोटापा निवारण में मदद मिलती है।

४)  पुदीना में मोटापा विरोधी तत्व पाये जाते हैं। पुदीना रस एक चम्मच २ चम्मच शहद में मिलाकर लेते रहने से  उपकार होता है।

५)  सुबह उठते ही २५० ग्राम टमाटर का रस २-३ महीने तक पीने से  शरीर की वसा  में कमी होती है।

६) गाजर का रस मोटापा कम करने में उपयोगी है। करीब ३०० ग्राम गाजर का रस दिन में किसी भी समय लेवें।

७) एक अध्ययन का निष्कर्ष आया है कि वाटर थिरेपी मोटापा की समस्या हल करने में कारगर सिद्ध हुई है। सुबह उठने के बाद प्रत्येक घंटे के फ़ासले पर २ गिलास पानी पीते रहें। इस प्रकार दिन भर में कम से कम २० गिलास पानी पीयें। इससे विजातीय पदार्थ शरीर से बाहर निकलेंगे और चयापचय प्रक्रिया(मेटाबोलिस्म) तेज होकर ज्यादा केलोरी का दहन होगा ,और शरीर की चर्बी कम होगी। अगर २  गिलास के बजाये ३ गिलास पानी प्रति घंटे पीयें तो और भी तेजी से मोटापा निवारण होगा।

८)  कम केलोरी वाले खाद्य पदार्थों का उपयोग करें। जहां तक आप कम केलोरी वाले भोजन की आदत नहीं डालेंगे ,मोटापा निवारण दुष्कर कार्य रहेगा। अब मैं ऐसे भोजन पदार्थ निर्देशित करता हूं जिनमें नगण्य केलोरी होती है। अपने भोजन में ये पदार्थ ज्यादा शामिल करें--

नींबू
जामफ़ल (अमरुद)
अंगूर
सेवफ़ल
खरबूजा
जामुन
पपीता
आम
संतरा
पाइनेपल
टमाटर
तरबूज
बैर
स्ट्राबेरी
सब्जीयां जिनमें नहीं के बराबर केलोरी होती है--
पत्ता गोभी
फ़ूल गोभी
ब्रोकोली
प्याज
मूली
पालक
शलजम
सौंफ़
लहसुन
९)  कम नमक,कम शकर उपयोग करें।

१०) अधिक वसा युक्त भोजन पदार्थ से परहेज करें।  तली गली चीजें इस्तेमाल करने से चर्बी बढती है। वनस्पति घी हानिकारक है।

११) सूखे मेवे (बादम,खारक,पिस्ता) ,अलसी के बीज,ओलिव आईल में उच्चकोटि की वसा होती है। इनका संतुलित उपयोग उपकारी है।

१२)  शराब और दूध निर्मित पदार्थ का उपयोग वर्जित है।

१३)  अदरक चाकू से बरीक काट लें ,एक नींबू की चीरें काटकर  दोनो पानी में ऊबालें। सुहाता गरम पीयें। बढिया उपाय है।

१४)  रोज  पोन किलो फ़ल और सब्जी का उपयोग करें।

१५)  ज्यादा कर्बोहायड्रेट वाली वस्तुओं का परहेज करें।शकर,आलू,और चावल में अधिक कार्बोहाईड्रेट होता है। ये चर्बी बढाते हैं। सावधानी बरतें।

१६)  केवल गेहूं के आटे की रोटी की बजाय गेहूं सोयाबीन,चने के मिश्रित आटे की रोटी ज्यादा फ़यदेमंद है।

१७)  शरीर के वजने को नियंत्रित करने में योगासन का विशेष महत्व है। कपालभाति,भस्त्रिका का  नियमित अभ्यास करें।।

१८) सुबह आधा घंटे तेज चाल से घूमने जाएं।  वजन घटाने का सर्वोत्तम तरीका है।

१९) भोजन मे ज्यादा रेशे वाले पदार्थ शामिल करें। हरी सब्जियों ,फ़लों  में अधिक रेशा होता है। फ़लों को छिलके सहित खाएं। आलू का छिलका न निकालें। छिलके में कई  पोषक तत्व होते हैं।

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