गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

नारियल एक गुण अनेक

मानव के दैनिक जीवन में नारियल का अत्यधिक महत्व है। यह कहना सर्वथा उचित होगा कि नारियल अनेक गुणों का भंडार होने के अतिरिक्त कार्यों में भी शुभ माना जाता है। भारत, मलाया, गुवाना नारियल के मूलत: जन्मस्थान माने जाते हैं। नारियल को उसके विभिन्न गुणानुसार निम्न प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है।

1. नारियल का तेल बालों के लिए बहुत उपयोगी है। यह बालों की जड़ों में प्रवेश कर बालों को जड़ से ही सुदृढ़ करते हुए घने लम्बे बालों का पोषण करता है। नारियल तेल के निरंतर उपयोग से सिर की रूसी समाप्त होकर बालों का झड़ना रूक जाता है।
2. औषधीय गुणों की खान नारियल में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, आयरन और विटामिन होते हैं, जिनसे आवश्यक शक्ति एवं प्रतिशोधात्मक ऊर्जा शरीर को प्राप्त होती है। नारियल में विद्यमान खनिज, प्रोटीन एवं विटामिन- ए की प्रचुर मात्रा मानव जीवन को उच्च स्तरीय औषधीय गुण प्रदान करती है, जिससे शरीर स्वस्थ, सुंदर बना रहता है।
3. पौष्टिक तत्वों एवं औषधीय गुणों का भंडार नारियल तेल, चेहरे के दाग-धब्बे मिटाने में गुणकारी प्रमाणित हो रहा है। नारियल तेल लगाने से शरीर पर होने वाली पित्त ठीक हो जाती है। नारियल से बनी खाद्य सामग्री स्वादिष्ट एवं पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है। नारियल की चटनी दक्षिण भारतीय भोजन इडली-डोसा को पूर्णता प्रदान करती है।
4. कच्चे नारियल के गूदे के प्रयोग से अपच ठीक हो जाती है, जिससे पाचन क्रिया ठीक-ठाक बनी रहती है।
5. कच्चे नारियल के पानी को खनिज जल (मिनरल वाटर) कहा जाए तो उचित प्रतीत होगा, क्योंकि इसके सेवन से हैजा, बुखार में स्वास्थ्य लाभ होता है और शरीर में गैस बनने व उल्टी होने की स्थिति में राहत महसूस होन लगती है। नारियल पानी पीने से गर्मी में राहत मिलती है, जिससे शरीर सदैव तरोताजा व स्वस्थ बना रहता है।
6. नींद न आने का स्थिति में नारियल के दूध का उपयोग बहुत गुणकारी एवं लाभदायक है। सूखे नारियल का सेवन एसिडिटी के उपचार में सहायक है।
7. स्वादिष्ट भोजन-मिष्टान्न में सूखे कटे एवं पिसे हुए नारियल के प्रयोग के अतिरिक्त शुध्दता के कारण धार्मिक कार्यों और प्रसाद वितरण में यह शुभ माना जाता है।
इस प्रकार नारियल के विभिन्न उपयोगों से प्रमाणित हो जाता है कि नारियल अनेक गुणों का धारक है, जिसका अन्य कोई विकल्प नहीं है।

100 साल जीना चाहते हैं, तो रोज खाएं ये पांच चीजें

आज की दौड़भाग वाली जिंदगी में हर आदमी अपने खाने पीने को लेकर बेहद लापरवाह होता जा रहा है। जब कभी उसका ध्यान इस ओर जाता है तो उसे ये समझ नहीं आता कि ऐसा क्या खाया जाए जो उनकी सेहत के लिए लाभकारी हो।

आईए हम बताते हैं आपको कि खाने की कुछ चीजें ऐसी हैं जिनको अगर रोज के खानें में इस्तेमाल किया जाए तो आपकी सेहत हमेशा तन्दरुस्त रहेगी।



रोज सुबह अंकुरित चना या मूंग खाली पेट या नाश्ते के साथ खाने से आपके शरीर को ताकत मिलेगी।
अगर आप रोज अपने खानें में एक सेब इस्तेमाल करें तो इससे आपके शरीर को ताकत तो मिलेगी ही साथ ही आपका माइण्ड भी एक दम कूल रहने लगेगा।
रोजाना सुबह नाश्ते में या रात को सोने से पहले दूध पीना सेहत के लिए विशेष रूप से फायदेमंद रहता है।
रोज के खाने में हरी सब्जियों का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए इनसे हमारे शरीर को भरपूर विटामिन और आयरन मिलता है।
हरी सब्जियों के साथ-साथ आपके खानें में सलाद एक अहम हिस्सा है। राज खाने के साथ या जब भी आपको ठीक लगे सलाद जरूर खाना चाहिए।

रसोईघर- से सौंदर्य सुझाव

  • टमाटर की लुगदी को चेहरे पर लगाकर लगभग बीस मिनट बाद धो देने से मुँहासे व अन्य धब्बे दूर होते है।

  • बालों से रूसी दूर करने और उन्हें चमकदार बनाने के लिए १ एक नीबू का रस बालों में माँग बनाकर लगाएँ और दस मिनट बाद धो दें।

  • रात में सोने से पहले नाभि में तीन बूँद जैतून का तेल डालें तो सर्दियों में ओंठ नहीं फटते और सामान्य त्वचा भी स्वस्थ होती है।

  • रोज़ रात में सोने से पहले आँखों में एक-एक बूँद गुलाबजल डालने से आँखें स्वस्थ और सुंदर बनी रहती हैं।

फरवरी २०१०

  • एक गिलास पानी में एक चाय का चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन बिना मुँह धोए पीने से पेट साफ होता है और चेहरे पर निखार आता है।

  • तैलीय त्वचा से मुक्ति के लिए एक बड़ा चम्मच बेसन, एक छोटा चम्मच गुलाबजल, और चुटकी भर हल्दी में आधा नीबू मिलाकर बनाए गए लेप को चेहरे पर बीस मिनट तक लगाएँ और सादे पानी से धो दें।

  • चाय के पानी में चुकंदर का रस मिलाकर ओंठों पर लगाने से उनका रंग गुलाबी होता है और वे फटते नहीं।

  • १० लीटर पानी में दो बड़े चम्मच गुलाबजल मिलाकर नहाने से त्वचा स्वस्थ और सुंदर बनती है।

मार्च २०१०

  • होली खेलने से पहले बालों में अगर तेल लगा लिया जाए और चेहरे पर क्रीम तो होली का रंग आसानी से छूट जाता है।

  • एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नीबू और दो चम्मच शहद मिलाकर रोज़ सुबह खाली पेट पीने से पेट ठीक रहता है, रक्त शुद्ध होता है और चेहरे पर निखार आता है।

  • टमाटर के रस को मट्ठे में मिलाकर लगाने से धूप में जली हुई त्वचा को आराम मिलता है और वह जल्दी स्वस्थ हो जाती है।

  • पिसी हुई दो बड़े चम्मच मसूर की दाल में चुटकी भर हल्दी और दस बूँद नीबू मिलाकर दूध में बनाया गया उबटन चेहरे पर लगाने से मुहाँसे और उसके दाग दूर होते हैं।

  • एक बाल्टी पानी में चुटकी भर पिसी हुई फिटकरी मिलाकर नहाएँ तो त्वचा से पसीने की गंध दूर रहती है।

अप्रैल २०१०

  • रोज़ दोपहर में खाने के साथ एक गाजर सलाद की तरह कच्ची खाने से आँखों के चारों और पड़े काले निशान दूर हो जाते हैं।

  • कच्चे आलू को पीसकर चेहर पर दस मिनट तक लगाएँ और फिर सादे पानी से धो दें। इससे हर प्रकार के दाग धब्बे और झांईं दूर हो कर त्वचा पर निखार आता है।

  • टमाटर के गूदे में मट्ठा मिलाकर लगाने से धूप से जली हुई त्वचा को आराम मिलता है और वह जल्दी स्वस्थ हो जाती है।

  • एक गिलास पानी में दो चम्मच चाय डालकर अच्छी तरह उबालें और छानकर ठंडा होने के बाद फ्रिज में रखें। धूप में बाहर निकलने पहले चेहरे और हाथों-पैरों में यह पानी लगा लेने से त्वचा झुलसेगी नहीं।

मई २०१०

  • गेंदे और गुलाब की पंखुड़ियाँ व नीम की पत्तियों को एक कटोरी पानी में उबालकर चेहरे पर लगाने से मुहाँसे दूर होते हैं।

  • प्रतिदिन एक बाल्टी पानी (दस लीटर) में दो बड़े चम्मच गुलाबजल मिलाकर नहाने से त्वचा स्वस्थ व सुंदर होती है।

  • नारियल के तेल में नीबू का रस मिलाकर सिर में लगाएँ और एक घंटे बाद धो दें। इससे सिर की खुश्की को आराम मिलता है।

  • तुलसी के पत्तों का रस निकाल कर उसमें बराबर मात्रा मे नीबू का रस मिला कर चेहरे पर लगाने से झाईं दूर होती है।

  • दो चम्मच सोयाबीन का आटा, एक बड़ा चम्मच दही व शहद मिलाकर बनाए गए लेप को चेहर पर लगाने से झुर्रियाँ कम होती हैं।

जून २०१०

  • प्रतिदिन नाखूनों पर जैतून के तेल की हल्की मालिश करने से नाखूनों का टूटना रुक जाता है।

  • आँखों के काले घेरों से छुटकारा पाने के लिए मिल्क पाउडर में नीबू का रस मिलाकर आँखों के चारों ओर हल्की मालिश करें।

  • कमल की पत्तियों को पीस कर झुलसी त्वचा पर लगाने से त्वचा की जलन दूर होती है और झुलसने का निशान भी चला जाता है।

  • उड़द की छिलके वाली दाल को उबालकर उसके पानी से बाल धोने पर वे सुंदर और आकर्षक दिखाई देते हैं।

जुलाई २०१०

  • एक एक-एक चम्मच ग्लिसरीन, गुलाबजल और नींबू का रस मिलाकर हाथों से मलें और सूख जाने पर धो दें। इससे सख्त हाथ मुलायम हो जाएँगे।

  • उँगलियों पर ज़रा-सा बादाम या जैतून का तेल लेकर नियमित रूप से भौंहों और बरौनियों पर लगाने से वे घनी और चमकदार बन जाती हैं।

  • बालों में चमक लाने के लिए १ प्याला पानी मे ३ बडे चम्मच सफेद सिरका मिलाकर लगाएँ और १५ मिनट बाद धो दें।

  • आँखों के पास गहरे घेरों और सूजन के लिए खीरे के पतले टुकड़ों को आँखों पर रखकर बीस मिनट आराम करें, फिर चेहरा धो दें।

अगस्त २०१०

  • मुहाँसों से मुक्ति पाने के लिये चुटकी भर कपूर में पुदीने और तुलसी की पत्तियों का रस मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएँ।

  • कोमल हाथों के लिये तून के तेल से हाथों की मालिश करें, फिर इन्हें दो से पाँच मिनट तक नमक मिले पानी में भिगोकर रखें।

  • सुंदर चेहरे के लिये बदाम, गुलाब के फूल, चिरौंजी और पिसा जायफल रात को दूध में भिगोएँ और सुबह पीसकर मुख पर लगाएँ।

  • नारियल को कसकर निकाले गए ताज़े दूध को चेहरे पर लगाने से त्वचा स्वस्थ व आकर्षक बनती है।

  • बराबर मात्रा में गाजर और खीरे का एक गिलास रस नियमित रूप से लेने पर बाल, नाखून और त्वचा स्वस्थ रहते हैं।

सितंबर २०१०

  • कच्चे दूध में रूई का फाहा भिगोकर चेहरा साफ़ करने से कील मुहाँसे और झाँई दूर होकर त्वचा स्वस्थ बनती है।

  • हल्दी और चंदन का चूर्ण दूध में भिगोकर चेहरे पर लगाने से थकी और मुरझाई त्वचा स्वस्थ होती है।

  • तरबूज़ के रस को चेहरे पर लगाएँ और सूख जाने पर धो दें। इससे दाग धब्बे दूर होते हैं तथा त्वचा साफ़ होकर निखर जाती है।

  • मसूर की दाल और दूध के उबटन में घी मिलाकर शरीर पर लगाने से त्वचा नर्म और चमकदार बन जाती है।

अक्तूबर २०१०

  • छह चम्मच पेट्रोलियम जेली, दो चम्मच ग्लीसरीन और दो चम्मच नीबू के रस को मिलाकर फ्रिज में एक जार में रख दें। सप्ताह में दो बार हाथ पैर में इसकी मालिश करने से रूखी त्वचा को आराम मिलता है।

  • मेथी की पत्तियों का लेप बनाकर चेहरे पर लगाने से कील मुँहासे और झाँई दूर हो जाते हैं।

  • त्वचा का रूखापन दूर करने के लिये जैतून का तेल, दूध और शहद बराबर मात्र में मिलाकर चेहरे पर लगाएँ और २० मिनट बाद गुनगुने पानी से धो दे।

  • चेहरे, हाथों और पैरों पर थोड़ा सा एरंड तैल (कैस्टर ऑयल) लगा कर हल्की मालिश करने से झुर्रियाँ दूर होती हैं।

रसोईघर- से स्वास्थ्य सुझाव--

  • जलन की चिकित्सा चावल से
    कच्चे चावल के ८-१० दाने सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। २१ दिन तक नियमित ऐसा करने से पेट और सीन की जलन में आराम आएगा। तीन माह में यह पूरी तरह ठीक हो जाएगी।
    ४ अप्रैल २०११

  • दाँतों के कष्ट में तिल का उपयोग
    तिल को पानी में ४ घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से मुँह को भरें और १० मिनट बाद उगल दें। चार पाँच बार इसी तरह कुल्ला करे, मुँह के घाव, दाँत में सड़न के कारण होने वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।
    २८ मार्च २०११

  • विष से मुक्ति
    १०-१० ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा ५ ग्राम देसी घी अच्छी तरह मिला लें। इसे खाने से कुत्ते, साँप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता है।
    १४ मार्च २०११

  • स्वस्थ त्वचा का घरेलू नुस्खा
    नमक, हल्दी और मेथी तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, नहाने से पाँच मिनट पहले पानी मिलाकर इनका उबटन बना लें। इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में लगाएँ और ५ मिनट बाद नहा लें। सप्ताह में एक बार प्रयोग करने से घमौरियों, फुंसियों तथा त्वचा की सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही त्वचा मुलायम और चमकदार भी हो जाती है।

    ७ मार्च २०११

  • ल्यूकोरिया से मुक्ति
    ल्यूकोरिया नामक रोग कमजोरी, चिडचिडापन, के साथ चेहरे की चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का एक आसान सा उपाय- एक-एक पका केला सुबह और शाम को पूरे एक छोटे चम्मच देशी घी के साथ खा जाएँ ११-१२ दिनों में आराम दिखाई देगा। इस प्रयोग को २१ दिनों तक जारी रखना चाहिए।

    २८ फरवरी २०११

  • खाँसी में प्याज
    अगर बच्चों या बुजुर्गों को खांसी के साथ कफ ज्यादा गिर रहा हो तो एक चम्मच प्याज के रस को चीनी या गुड मिलाकर चटा दें, दिन में तीन चार बार ऐसा करने पर खाँसी से तुरंत आराम मिलता है।

    फरवरी २०११

  • पेट साफ रखे अमरूद-
    कब्ज से परेशान हों तो शाम को चार बजे कम से कम २०० ग्राम अमरुद नमक लगाकर खा जाएँ, फायदा अगली सुबह से ही नज़र आने लगेगा। १० दिन लगातार खाने से पुराने कब्ज में लाभ होगा। बाद में जब आवश्यकता महसूस हो तब खाएँ।

    १४ फरवरी २०११

  • बीज पपीते के स्वास्थ्य हमारा
    पके पपीते के बीजों को खूब चबा-चबा कर खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। इन बीजों को सुखा कर पावडर बना कर भी रखा जा सकता है। सप्ताह में एक बार एक चम्मच पावडर पानी से फाँक लेन पर अनेक प्रकार के रोगाणुओं से रक्षा होती है।
    ७ फरवरी २०११

  • मुलेठी पेप्टिक अलसर के लिये-
    मुलेठी के बारे में तो सभी जानते हैं। यह आसानी से बाजार में भी मिल जाती है। पेप्टिक अल्सर में मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है। बस सुबह शाम आधा चाय का चम्मच पानी से निगल जाएँ। यह मुलेठी का चूर्ण आँखों की शक्ति भी बढ़ाता है। आँखों के लिये इसे सुबह आधे चम्मच से थोड़ा सा अधिक पानी के साथ लेना चाहिये।
    ३१ जनवरी २०११

  • भोजन से पहले अदरक-
    भोजन करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर [थोड़ा ज्यादा मात्रा में ] अच्छी तरह से चबा लें। दिन में दो बार इसे अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें, इससे हृदय मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी।
    २४ जनवरी २०११

  • मुहाँसों से मुक्ति-
    जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन तीनो का पावडर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। रोज सोने से पहले २-३ चुटकी भर के पावडर हथेली पर लेकर उसमें इतना पानी मिलाए कि उबटन जैसा बन जाए खूब मिलाएँ और फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाएँ, सुबह उठकर सादे पानी से चेहरा धो लें। १५ दिन तक यह काम करें। इसी के साथ प्रतिदिन २५० ग्राम मूली खाएँ ताकि रक्त शुद्ध हो जाए और अन्दर से त्वचा को स्वस्थ पोषण मिले। १५- २० दिन में मुहाँसों से मुक्त होकर त्वचा निखर जाएगी।
    १७ जनवरी २०११

  • सरसों का तेल केवल पाँच दिन-
    रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी-सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर हो जाएँगी। सर्दियों में नाक बंद हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन मालूम होगा।
    १० जनवरी २०११

  • अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग-
    सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी, खाँसी, जुकाम, बदनदर्द, कमर-दर्द, पेटदर्द, कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। १० साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच २ ग्राम और १० से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी ५ ग्राम लेना चाहिए

बुधवार, 6 अप्रैल 2011

चश्मे से चाहिए आजादी तो आजमाएं ये पांच नुस्खे

आजकल काम या पढ़ाई के कारण जरूरत से ज्यादा आंखों पर बोझ पड़ रहा है। पौष्टिक खाने की कमी के कारण भी अधिकाशंत लोगो की आखे कमजोर होती जा रही हैं ।



अक्सर देखने में आता है कि छोटे-छोटे बच्चों को भी जल्दी ही मोटे नम्बर का चश्मा चढ़ जाता है। अगर आपको भी चश्मा लगा है तो आपका चश्मा उतर सकता है।



नीचे बताए नुस्खों को करीब चालीस दिनों तक प्रयोग में लाएं निश्चित ही आपकी आखें पर लगा चश्मा उतर जाएगा साथ थी आखों की रोशनी भी तेज होगी।



बादाम की गिरी, सौंफ बड़ी और मिश्री तीनों का पावडर बनाकर रोज एक चम्मच एक गिलास दूध के साथ रात को सोते समय लें
पैर के तलवों में सरसों का तेल मालिश करने से आखों की रोशनी तेज होती है।
सुबह उठते ही मुंह में ठण्डा पानी भरकर मुंह फुलाकर आखों में छींटे मारने से आखें की रोशनी बढ़ती है।
त्रिफला के पानी से आखें धोने से आखों की रोशनी तेज होती है।
रोज सुबह नंगे पांव हरी घास पर घूमें

क्या आप दिल के मरीज हैं...?

जिस अंग पर हमारा पूरा शरीर चलता है वह है हमारा दिल। दिल से ही सभी अंगों में रक्त का संचार होता है।दिल के संबंध में छोटी सी असावधानी बड़ी बीमारी को न्यौता दे सकती है। इसलिए इसका ध्यान रखना अति आवश्यक है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए योगासन की मदद अवश्य लें। इसके लिए हमें शशकासन करना चाहिए इस आसन की पूर्ण अवस्था में हमारी आकृति शशाक अर्थात् खरगोश के समान हो जाता है, इसलिए इसे शशकासन कहते हैं।



शशकासन की विधि- किसी साफ जगह पर चटाई बिछाकर बैठ जाएं। दोनो पैरों को घुटनों से मोड़कर पीछे की ओर नितम्ब (हिप्स) के नीचे रखें और एडिय़ों पर बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर करें। इसके बाद सांस को बाहर छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकते हुए सांस को बाहर निकालें। दोनो हाथों को आगे की ओर फैलाते हुए हथेलियों को जमीन पर टिकाएं। अपने सिर को भी जमीन पर टिकाकर रखें। आसन की इस स्थिति में आने के बाद कुछ समय तक सांस को बाहर छोड़कर और रोककर रखें। फिर सांस लेते हुए शरीर में लचक लाते हुए पहले पेट को, फिर सीने को, फिर सिर को उठाकर सिर व हाथों को सामने की तरफ करके रखें। कुछ समय तक इस स्थिति में रहे और फिर सीधे होकर कुछ समय तक आराम करें और इस आसन को 4-5 बार करें।

शशकासन के लाभ- यह आसन हृदयरोगियों के लिए काफी फायदेमंद है। इस आसन से फेफड़ों में स्वच्छ हवा पहुंचने से फेफड़े स्वस्थ बन जाते हैं। इससे आंते, यकृत आदि भी स्वस्थ होते हैं। इस आसन से नसें-नाडिय़ां स्वस्थ व लचीली होकर सुचारू रूप से कार्य करती है। साइटिका में लाभदायक है। यह आसन कब्ज को दूर करता है तथा सामान्य रूप से कामविकारों को दूर करता है। यह आसन महिलाओं के लिए भी लाभकारी है।जिस अंग पर हमारा पूरा शरीर चलता है वह है हमारा दिल। दिल से ही सभी अंगों में रक्त का संचार होता है।दिल के संबंध में छोटी सी असावधानी बड़ी बीमारी को न्यौता दे सकती है। इसलिए इसका ध्यान रखना अतिआवश्यक है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए योगासन की मदद अवश्य लें। इसके लिए हमें शशकासन करना चाहिए इस आसन की पूर्ण अवस्था में हमारी आकृति शशाक अर्थात् खरगोश के समान हो जाता है, इसलिए इसे शशकासन कहते हैं।

झड़ते बालों के लिए ट्राई करें यह घरेलू नुस्खा

बालों के झड़ने की कोई एक वजह नहीं होती। इसे रोकने के लिए आप कुछ घरेलू उपचार ट्राय कर सकते हैं।


सिर में मसाज करना खून के दौरान को बेहतर करता है, जिससे बालों को पोषण मिलता है। मसाज के बाद बालों को गर्म पानी में भिगोकर निचोड़े गए टॉवेल से स्टीम जरूर दें।


हेयर ड्रायर का इस्तेमाल जितना कम से कम हो बेहतर है। क्योंकि हीट बालों को डल और रफ बनाती है, जिससे बाल झड़ने की समस्या आती है। आयरनिंग कम से कम करें। करवाना भी हो तो हीट प्रोटेक्टर जरूर लगवाएं।


बालों की सेहत और विकास के लिए कैस्टर (अरंडी) का तेल बहुत फायदेमंद है। इसे आयोडीन के साथ मिलाकर लगाने से बेहतर नतीजे आप खुद ही देख पाएंगी। बालों पर हल्के गुनगुने तेल से मसाज करना भी फायदा पहुंचाता है।


अगर आप अल्कोहल लेते हैं तो इसकी मात्रा जरूर कम कर दें। क्योंकि यह बालों को रूखा बनाती है। बालों पर ऐसे प्रोडक्ट्स भी इस्तेमाल न करें, जिनमें अल्कोहल होता है। इससे रूखेपन के साथ ही बाल दोमुंहे होने और टूटने की समस्या में बढ़त देखी गई है।

रात को बिस्तर पर जाते वक्त सभी बैंड्स, क्लिप्स निकाल दें। बेहतर यह है कि सैटिन का तकिया इस्तेमाल करें, जिससे बालों को नर्मी मिले। इससे टूटने की समस्या कम होती है।

जड़ों को मजबूत करने के लिए अंडे के सफेद हिस्से और नींबू को मिलाकर ३क् मिनट तक स्कल पर लगाएं और फिर शैंपू कर लें।

नीम की पत्तियां डालकर पानी को उबाल लें और फिर इस पानी से बाल धोएं, इसके अलावा नीम के तेल को नारियल के तेल के साथ मिलाकर भी लगा सकते हैं। हिना लगाना भी बाल झड़ने की समस्या को रोकता है। आंवले और बादाम को रात भर भिगोकर सुबह मिक्सी में पीस लें, फिर पानी में मिक्स करके मलमल के कपड़े से छान लें। फिर इस पानी से सिर धोएं। गीले बालों में कंघा न करें।

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