गुरुवार, 28 अप्रैल 2011
चमत्कारी याददाश्त पाने का सरलतम उपाय
1. सात दाने बादाम के रात को भिगोकर सुबह छिलका उतार कर बारीक पीस लें । इस पेस्ट को करीब 250 ग्राम दूध में डालकर तीन उबाल लगाऐं। इसके बाद इसे नीचे उतार कर एक चम्मच घी और दो चम्मच शक्कर मिलाकर ठंडाकर पीऐं। 15 से 20 दिन तक इस विधि को करने से याददाश्त तेज होती है।
2. भीगे हुए बादाम को काली मिर्च के साथ पीस लें या ऐसे ही खूब चबाचबाकर खाऐं और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें।
3. एक चाय का चम्मच शंखपुष्पी का चूर्ण दूध या मिश्री के साथ रोजाना तीन से चार हफ्ते तक लें ।
विशेष: सिर का दर्द, आंखों की कमजोरी, आंखों से पानी आना, आंखों में दर्द होने जैसे कई रोगों में यह विधि लाभदायक है। आजकल अच्छा खान पान न होने की वजह से याददाश्त का कमजोर होना एक आम समस्या बन गई है।हर आदमी अपनी भूलने की आदत से परेशान है लेकिन अब आपको परेशान हो की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आयुर्वेद में इस बीमारी को दूर करने के सरलतम उपाय बताए हैं।
1. सात दाने बादाम के रात को भिगोकर सुबह छिलका उतार कर बारीक पीस लें । इस पेस्ट को करीब 250 ग्राम दूध में डालकर तीन उबाल लगाऐं। इसके बाद इसे नीचे उतार कर एक चम्मच घी और दो चम्मच शक्कर मिलाकर ठंडाकर पीऐं। 15 से 20 दिन तक इस विधि को करने से याददाश्त तेज होती है।
2. भीगे हुए बादाम को काली मिर्च के साथ पीस लें या ऐसे ही खूब चबाचबाकर खाऐं और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें।
3. एक चाय का चम्मच शंखपुष्पी का चूर्ण दूध या मिश्री के साथ रोजाना तीन से चार हफ्ते तक लें ।
विशेष: सिर का दर्द, आंखों की कमजोरी, आंखों से पानी आना, आंखों में दर्द होने जैसे कई रोगों में यह विधि लाभदायक है
बुधवार, 27 अप्रैल 2011
लो बीपी का अचूक इलाज है- तालीयोग
अच्छी सेहत का मालिक होना करोडों की दौलत से ज्यादा मूल्यवान होता है। तभी तो इंसान बेहतर स्वास्थ्य पाने के लिये तमात तरह की कोशिशें करता है। आप इतना कुछ कर ही रहे हैं तो क्यों न आजमाएं इस बेहद कारगर तालीयोग को, जो पूरी तरह से सुरक्षित और बेहद आसान भी है।
गैस, कब्ज, अपच, मानसिक तनाव, एकाग्रता में कमी, चिड़चिड़ापन से पीडि़त हैं तो दायें हाथ की चार अंगुलियों को बाएं हाथ की हथेलियों पर जोर-से मारना चाहिए और इस अभ्यास को सुबह-शाम कम-से-कम 5 मिनट करना चाहिए। धीरे-धीरे हम इन रोगों से मुक्त हो जाएंगे।
निम्न रक्तचाप यानी लो बीपी के रोगियों को खड़े होकर दोनों हाथों को सामने लाकर ताली बजाते हुए नीचे से ऊपर की ओर गोलाकार घुमाएं और दिशा नीचे से ऊपर की ओर होनी चाहिए। यह निम्न रक्तचाप को सामान्य करने में बहुत ही लाभदायक तरीका है। ताली योग के द्वारा हृदय रोग, कमर दर्द, सरवाइकल जैसे रोग भी दूर होते हैं।
कैसे करें ताली योग दोनों हाथों की दसों अंगुलियों और हथेली को जोर-जोर से मारते हुए एक साथ एक ही जैसी आवाज में ताली योग का अभ्यास करें।
शुरू-शुरू में इसका अभ्यास कम-से-कम 2 मिनट अवश्य करना चाहिए और फि र इसको बढ़ाते हुए लगभग रोज 10 मिनट तक अभ्यास करना चाहिए।
सांवलापन जाएगा गर पूरे 30 दिन करें ये 5 काम
1. एक बाल्टी ठण्डे या गुनगुने पानी में दो नींबू का रस मिलाकर गर्मियों में कुछ महीने तक नहाने से त्वचा का रंग निखरने
लगता है (इस विधि को करने से त्वचा से सम्बन्धी कई रोग ठीक हो जाते हैं)।
2. आंवला का मुरब्बा रोज एक नग खाने से दो तीन महीने में ही रंग निखरने लगते है।
3. गाजर का रस आधा गिलास खाली पेट सुबह शाम लेने से एक महीने में रंग निखरने लगता है। रोजाना सुबह शाम खाना खाने के बाद थोड़ी मात्रा में सांफ खाने से खून साफ होने लगता है और त्वचा की रंगत बदलने लगती है। आपकी राय
4. प्रतिदिन खाने के बाद सोंफ का सेवन करें।
5. रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन करें
मंगलवार, 26 अप्रैल 2011
10 दिनो में पाएं नैचुरल ग्लो
दो चम्मच बेसन, हल्दी पावडर, गुलाब जल व शहद मिलाकर लेप बनाएँ। इसे चेहरे व हाथ-पैरों और गर्दन पर लगाएँ व 10 मिनट बाद धो लें। इससे त्वचा निखर जाएगी।
कच्चे दूध में हल्दी डालकर पेस्ट बनाएँ। इसे चेहरे और हाथ-पैरों पर लगाएँ। 10 मिनट बाद धो लें। त्वचा निखर उठेगी।
होठों को सुंदर और मुलायम बनाए रखने के लिए रात को सोते समय दूध की मलाई लगाएं, सुबह ठंडे पानी से धो लें।
आँखों में जलन व काले घेरों को कम करने के लिए रात को सोते समय आँखों पर ठंडे दूध में रुई भिगोकर रखें।
8-10 दिन में एक बार चेहरे को भाप अवश्य दें। इस पानी में पुदीना, तुलसी की पत्ती, नीबू का रस व नमक डालें। भाप लेने के बाद इसी गुनगुने पानी में 5 मिनट के लिए हाथों को रखें। हाथ की त्वचा निखर जाएगी।
सोमवार, 25 अप्रैल 2011
तरबूज बनाता है मजबूत शरीर और दिमाग को
गर्मी आते ही मन कुछ ठंडा खाने को करता है जो मन और दिमाग दोनों को गर्मी से दूर रखे। ऐसे में ठंडा तरबूत या खरबूज मिल जाय तो क्या कहने?
तरबूज अधिकतर देश के सभी भागों में उगाया जाता है। पहले तो उत्तरी भारत में बस गर्मी में ही तरबूज मिलता था। अब तो सारा साल भारत के किसी न किसी कोने से आया हुआ तरबूज खाने को मिलता है। इसका आकार बहुत बड़ा होता है। गूदा लाल और बीज काले या भरे रंग के होते हैं। तरबूज स्वाद में मीठा, ठंडा, प्यास बुझाने वाला शक्ति देने वाला तथा पेशाब की जलन कम करने वाला होता है। तरबूज फल के रूप में अच्छा तो है ही, इसके बीज भी शक्तिवर्ध्दक तथा तासीर में शीतल होते हैं। तरबूज में 90 प्रतिशत जल होता है। तरबूज हमारे दिमाग को मजबूत बनता है।
**आइये देखें इसके और क्या ला हैं :-
* नियमित तरबूज सेवन से कब्ज दूर होती है।
* तरबूज और उसके बीजों की गिरीशरीर को पुष्ट बनाती है। तरबूज खाने के बाद उसके बीजों को धो सुखा कर रख लें जिन्हें बाद में भी खाया जा सकता है।
* तरबूज खाने से प्यास बुझ जाती है।
* नियमित तरबूज खाने से पेशाब खुलकर आता है। पेशाब की जलन भी दूर होती है।
* प्रात: काल तरबूज के गूदे का रस निकालकर उसमें मिश्री मिलाकर पीने से सिरदर्द दूर हो जाता है।
* पुराने सिरदर्द को दूर करने के लिये तरबूज के बीजों की गिरी को पानी के साथ पीसकर लेप तैयार कर नियमित माथे पर लगायें।
* सूखी खांसी में तरबूज खाना लाभप्रद होता है।
* टखने और गुर्दे के पास की सूजन होने पर तरबूज खाना लाभदायक होता है।
* तरबूज के बीज खाने से बढ़े हुए रक्तचाप पर नियंत्रण होता है।
* गर्मी में हम बाहर निकलते रहते हैं। ऐसे में शरीर को गर्मी लग जाती है। नियमित तरबूज या तरबूज का रस पीने से गर्मी में राहत मिलती है।
* तरबूज खाने या उसका रस पीने से दिमाग को ताकत मिलती है।
* तरबूज के बीजों की गिरी की ठंडाई बनाकर प्रात: नियमित पीने के स्मरण शक्ति बढ़ती है।
* तरबूज का सेवन शरीर में ताकत बढ़ाता है।
* तरबूज खाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसे खाने के बाद 1 घंटे तक पानी न पियें अन्यथा लाभ वेस्थान पर शरीर को हानि पहुंचा सकता है। तरबूज ताजा काट कर खायें। बहुत पहले का कटा तरबूज भी नुकसान पहुंचाता है।
नींद लाने के सरल उपाय
जिन्हें नींद न आने की शिकायत रहती है, उनके मन से ऐसे निराशाजनक विचार निकल जाने चाहिए। तभी नींद लाने के उपाय भी कारगर सिध्द होंगे।
१. छह से सात घंटे की प्रतिदिन नींद पर्याप्त रहती है।
२. आधी रात से पूर्व की दो घंटों की नींद, आधी रात के बाद के चार घंटों नींद के समान समझें।
३. रात साढ़े नौ बजे तक सो जाना एक अच्छी आदत है।
४. अच्छी नींद सोना है तो रात हल्का भोजन करें।
५. सोने से तीन घंटे पूर्व भोजन कर लेना अच्छी बात है।
६. भोजन के बाद तथा सोने से पूर्व 100-200 गज जरूर चलें जिससे भोजन पच जाए।
७. सोने से पूर्व प्राकृतिक क्रियाएं निपटा लें ताकि रात को न उठना पड़े।
८. सोने के समय चिंतामुक्त रहें। मन में कोई फिक्र लेकर बिस्तर पर मत जाएं। चिंता सोने नहीं देगी।
९. आपका कमरा तथा बिस्तर साफ हो। खिड़कियां खुली रखें। तेज रोशनी तथा शोर अपने शयन कक्ष में मत आने दें। इसके लिए सचेत रहें।
१०. रात सोने से पूर्व कोई अश्लील साहित्य मत पढ़े।
११ टीवी पर घटिया, उत्तेजक, भयानक सीरियल न देखें।
१२ सोते समय मन तथा भावनाओं को शुध्द रखें।
१३ भयमुक्त रह कर सोना ही अच्छी नींद लाता है।
१४ सोने से पूर्व हाथ, पांव, मुंह दांत, साफ कर लिया करें।
१५ पांव के तलवों पर तेल की मालिश करना अच्छा रहेगा।
१६ यदि नींद न आने की शिकायत बनी रहती है तो गर्म पानी में नमक डालकर पांव तथा पिंडलियां भिगोकर रखें। फिर हल्की मालिश करें। थकान नहीं रहेगी।
१७ रात को सोने का समय कम मिले तो कुछ कमी दिन में सो कर पूरी करें. गांधी जी ऐसा ही करते थे। चौबीस घंटों में 6 से 7 घंटे तो सोना ही है।
१८ नेपोलियन बोनापार्ट घोड़े की पीठ पर सवारी करते करते नींद ले लेते थे। नींद की कमी पूरी कर लेते थे। अपने अपने कायक्षेत्र को ध्यान में रख नींद पूरी कर लें।
१९ नींद न आने या नींद न लेने का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। इन साधारण उपायों को अपना कर अपनी नींद पूरी करने का प्रयास करें।
गर्मी के मौसम में आपका खान-पान
शीत ऋतु (सर्दी) की अपेक्षा गर्मी के मौसम में पाचक आग्न मंद पड़ जाती है। खान-पान में जरा सी असावधानी होने पर कई भयंकर व्याधियों (बीमारियों) से इंसान घिर जाता है। यदि आहार-विहार मौसम के अनुसार करें तो अपने शरीर और स्वास्थ्य की रक्षा कर सकता है। प्रस्तुत है ग्रीष्म ऋतु में खान-पान कैसा हो इस संबंध में विस्तृत जानकारी।
१. गर्मी के मौसम में खान-पान हल्का व सादा होना चाहिये। भोजन में मौसमी सब्जियों, दूध, दही व मट्ठे को भी सम्मिलित करना चाहिये। ये सभी स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी फायदेमंद होते हैं। पुदीना, प्याज व धनिया की चटनी बनाकर खायें। इससे खाना जहां जल्दी पचेगा, वहीं भूख भी बढ़ेगी।
२. इन दिनों सड़ा-गला, बासी व खुला पदार्थ बिल्कुल नहीं खाना चाहिये। क्योंकि इससे हैजा होने की संभावना अधिक रहती है। तले और मिर्च मसाले युक्त पदार्थों का सेवन अधिक न करें। खाने-पीने की वस्तुएं ढंक कर रखना चाहिये।
३. भूख से अधिक खाकर पेट को भारी न करें बल्कि भूख से एक और कम ही खाये, अन्यथा अधिक भोजन करने से अपच, उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है। दूसरी बात लंबे समय तक भूखा भी न रहे। भोजन के अभाव में शरीर में कमजोरी ही नहीं आती बल्कि वायु प्रकोप भी होती है।
४. इन दिनों बाजारों में अनेक बोतल बंद पेय मिलते हैं, जिसमें अप्राकृतिक सुगंध और केमिकल्स तथा साखरीन का प्रयोग होता है, जो शरीर के लिए हानिकारक होता है। सबसे अच्छा उपाय यही करे कि घर में ही थंडई बनाये। थंडई में दही की लस्सी, कोकम का तेल, शरबत, नींबू, शरबत या शिकंजी बनाकर लें। बलवर्धन के लिये सुगंधित, शर्करा मिश्रित थंड पेय लें। ये सभी गर्मी की परेशानियों से राहत दिलाते हैं।
५. इस मौसम में प्यास बुझाने के लिये मौसमी फल जैसे अंगूर, अन्नस, अनार, आम व नारियल का रस पिये। इसके अतिरिक्त पके तरबूज, इमली, खरबूज, आम व ककड़ी का सेवन करें। आम का पना पीना लाभदायक होता है। लू भी नहीं लगती तथा गर्मी दूर भागती है।
६. भोजन निश्चित समय पर करें। आदत न हो तो डाले। बेसमय किया गया भोजन का शरीर पर (सेहत पर) बुरा प्रभाव पड़ता है।
७. इस मौसम में सत्तु का सेवन करना भी लाभप्रद होता है। प्रतिदिन दोपहर में सत्तु में चीनी व दुध मिलाकर खाये।
८. बर्फ व आइसीम का प्रयोग ज्यादा न करें। बर्फ का पानी ज्यादा पीने से हाजमा ही नहीं बिगड़ता है बल्कि गले में खराश भी होती है। बेहतर तो यही कि घड़े का ठंडा पानी ही पिये। ग्रीष्मऋतु में आइसाीम खाने का सबसे अच्छा समय शाम का है।
९. रात्रि में सोने के पूर्व एक गिलास मीठे दूध में दो चम्मच शुध्द घी मिलाकर अवशय पिये। यह संभव न हो तो एक गिलास ठंडा पानी ही पीये। घर से बाहर जायें तो भी दिन में पानी पीकर ही निकले, लू नहीं लगती।
१०. प्रतिदिन सुबह शौच जाने के पूर्व एक गिलास पानी पिये। इससे कब्ज नहीं होता। नींबू नीचोड़कर भी पी सकते हैं।
११. इन दिनों किसी भी विषय पर ज्यादा न सोचे, गंभीरता से न लें और न ही किसी से झगड़ा करें, अन्यथा मानसिक संतुलन बिगड़ जायेगा, जिसका असर पाचन प्रणाली पर पड़ता है।
१२. सुबह जल्दी उठे, पैदल चलें, हल्का व्यायाम करें। यह स्वास्थ्य के लिये अच्छा होता है। रात में अधिक देर तक न जागें।
१३. सदा प्रसन्न रहें, चिंता न करें, और आशावादी बने।
१४. इन दिनों चाय, काफी का सेवन कम करें।
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