रविवार, 1 मई 2011

नींबू से निखारिए अपना स्वास्थ्य और सौंदर्य

नींबू क प्रयोग औषधि के रूप में तो होता ही है, साथ ही यह सौंदर्य रक्षा में भी अपनी अहम् भूमिका निभाता है। झाइयों को दूर करना हो या त्वचा की रंगत निखारनी हो या कील मुंहासों से छुटकारा पाना हो या फिर हाथों की कोमलता बरकरार रखनी हो तो नींबू पूरी मुस्तैदी और सजगता के साथ इन सभी कार्यों को सम्पन्न करते हुए आपके कोमल सौंदर्य की रक्षा करता है। सौंदर्य रक्षा के साथ ही नींबू के अन्य अनेक गुणों के विषय में भी यहां जानकारी दी जा रही है।
* चेहरे पर क्रांति लाने के लिए नींबू के रस में मलका मसूर की दाल को पीसकर मिला दें तथा इस तैयार उबटन को दस मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें। दस मिनट बाद हल्के हाथों से रगड़कर छुड़ाएं। इस प्रक्रिया से दस दिनों में ही चेहरा जगमगाने लगेगा।
* अगर चेहरे पर झाइयां अपना आधिपत्य जमा रही हों तो नींबू के रसयुक्त छिलके को चेहरे पर रगड़िये। एक हफ्ते में आपका चेहरा झाइयों से मुक्त हो जाएगा।
* हाथों की कोमलता की रक्षा के लिए दो चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच ग्लिसरीन और एक चम्मच गुलाबजल मिलाकर तैयार कर लें और रोज रात में सोते समय आठ बूंदें लेकर हाथों की मालिश कर लें। हाथ हमेशा नर्म, मुलायम और कोमल बने रहेंगे।
* चेहरे को कीलों और खूटियों से मुक्त करने के लिए नींबू के रस को रूई को सहायता से पूरे चेहरे पर लगायें और पांच मिनट तक वैसे ही लगा रहने दें। फिर गुनगुने पानी से चेहरा धोकर रोयेंदार तौलिये से पोंछ लें। एक हफ्ते के अन्दर कीले और खुटियां चेहरे से गायब हो जाएंगी।
* अगर शरीर की रंगत को निखारना हो तो नहाने वाले पानी में दो नींबूओं का रस और एक चम्मच नमक मिला दें। इस पानी से प्रतिदिन स्ान करें। कुछ ही दिनों में शरीर की रंगत में निखार आ जाता है। एवं दाग-धब्बे भी दूर हो जाते हैं।
* चेहरे पर पड़े दाग-धब्बे मिटाने के लिए रोज सुबह और शाम नियमित रूप से ठंडे पानी में एक नींबू का रस निचोड़कर पियें। कुछ ही दिनों में दाग और धब्बों से चेहरा मुक्त होकर निखर जाता है।
* मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए कच्चे दूध में नींबू का रस निचोड़कर उसे मुंहासों पर लगायें और पन्द्रह मिनट बाद गरम पानी से मुंह धो लें। कुछ दिनों में मुंहासे समाप्त हो जायेंगे और चेहरा फूल-सा खिल उठेगा।
* चेहरे पर चितकबरे दागों को साफ करने के लिए रात में सोते समय नींबू के रस को दागों पर लगाकर सुखा लें और सुबह उठकर गुनगुने पानी से मुंह धो लें। पन्द्रह दिन में ही चितकबरे दाग छूट जायेंगे।
* हाथों की कुहनी का रंग अगर अधिक काला हो रहा हो तो नींबू के रस-भरे छिलके पर नमक मिला कर रगड़िये। कुहनियां दो-चार दिनों में ही साफ हो जायेंगी।
* दांत अगर अधिक पीले हो गये हों तो नमक लगे नींबू के छिलके को दांतों पर रगड़िये। मात्र दो दिनों में ही दांत चमक उठेंगे।
* होंठ अगर फट रहे हों तो दूध की मलाई में नींबू के रस को निचोड़ कर रोज लगाइये! होंठ फटना दूर होकर मुलायम हो जाएंगे।
नींबू के अन्य महत्वपूर्ण उपयोग-
* मकड़ी के काटे हुए स्थान पर नींबू के रस में नीम के पत्तों का रस व बेसन मिलाकर मलने से मकड़ी का वष नहीं चढ़ता है।
* धतूरे के नशे को दूर करने के लिए नींबू के रस में चीनी मिलाकर पीजिए। थोड़ी देर में ही लाभ मालूम होगा।
* नींबू के सूखे छिलकों को सुलगा कर उसका धुआं खटमल युक्त चारपाई, कुर्सी आदि में लगाने से खटमल भाग जाते हैं।
* भांग के नशे से मुक्ति के लिए नींबू चूसने से लाभ मिलता है।
* मधुमक्खी के काटने पर उस स्थान पर रसयुक्त नींबू के छिलके में नमक लगाकर रगड़ने से राहत मिलती है।
* नींबू के छिलकों को सुखाकर पीस लें। इस डस्ट को कीड़े-मकोड़ों के रहने वाले स्थान पर छिड़ने से कीड़े-मकोड़े वहां से भाग जाते हैं।
* आंवले के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाते रहने से बाल लम्बे, घने व काले होते हैं, साथ ही जूं भी मर जाते हैं।
* सरसों तेल में नींबू रस मिलाकर कांख में लगाने से वहां के जूं मर जाते हैं।

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

मुलतानी मिट्टी का पैक लगाइए, दमकती त्वचा पाइये

आज महिलाएं अपने सौंदर्य के प्रति अत्यधिक जागरूक हैं। आज का युग है ही सौंदर्य प्रधान युग। फिर हम में से कौन अपने आपको ब्यूटी क्वीन कहलाना पसंद नहीं करेगा। नारी की इसी आवश्यकता को मध्य नजर रखते हुए सौंदर्य प्रसाधनों की कई छोटी बड़ी कम्पनियां खुल गई हैं मगर ये सौंदर्य प्रसाधन इतने महंगे होते हैं कि हम सब इन्हें खरीद नहीं पाते। निराश न होइए। आपके लिए सस्ते, आसानी से उपलब्ध और पाकृतिक प्रसाधन मौजूद हैं। मुलतानी मिट्टी की सहायता से आप अपने रूप को निखार कर आकर्षक बना सकती हैं।
१ मुलतानी मिट्टी का पैक प्राकृतिक एन्टीसेप्टिक है। इसके प्रयोग से आप अपने चेहरे को मुंहासों, दाग, धब्बों व झाइयों से दूर रख सकते हैं। इसका उपयोग त्वचा में कसाव लाता है।
२ मुलतानी मिट्टी में दही मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को 15-20 मिनट तक चेहरे पर लगाए रखें। सूखने पर ठंडे पानी से धो लें। त्वचा साफ स्निग्ध दोनों हो जाएगी।
३ एक चम्मच पिसी हुई मुलतानी मिट्टी में एक चम्मच नींबू का रस, एक छोटा चम्मच बेसन, जरा सी हल्दी मिलाकर पैक तैयार करें। इस पैक के इस्तेमाल से आप मुंहासों से छुटकारा पा सकेंगी।
४ काली त्वचा को निखारने के लिए दो चम्मच मुलतानी मिट्टी में एक चम्मच सरसों का तेल, एक चम्मच मलाई व चुटकी भर हल्दी मिलाएं। इस पेस्ट को नहाने से पूर्व पूरी त्वचा पर लगाएं। हफ्ते में एक दो बार इस पेस्ट का इस्तेमाल करें।
५ मुलतानी मिट्टी का प्रयोग दही, दूध के अतिरिक्त फलों व सब्जियों के रस के साथ भी किया जा सकता है। फलों के रस के साथ इसका प्रयोग करने से त्वचा के बंद रोम कूप खुल जाते हैं।
६ टमाटर के रस में मुलतानी मिट्टी का पेस्ट बनाकर प्रतिदिन चेहरे पर लगाना आपकी त्वचा को गोरा व साफ करता है।
७ यदि आपकी त्वचा तैलीय है तो मुलतानी मिट्टी में गुलाब जल मिला कर लगाएं।
८ चेहरे की झुर्रियों को दूर करने के लिए दो चम्मच मुलतानी मिट्टी, छोटे चम्मच खीरे का रस, दो बादाम की पिसी गिरियां मिलाकर पैक बना लें। इसे चेहरे पर हफ्ते में एक बार अवश्य लगाएं ताकि झुर्रियां दूर होकर त्वचा मुलायम व साफ हो जाए।
९ शुष्क त्वचा के लिए दो चम्मच मुलतानी मिट्टी में बादाम का तेल या शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं। सूखने के पश्चात गुनगुने पानी से धो लें।
१० चेहरे के साथ-साथ आप मुलतानी मिट्टी का प्रयोग अपने बालों के लिए भी कर सकती हैं। इसका प्रयोग बालों को चमकदार, मुलायम व काला बनाता है। दो चम्मच मुलतानी मिट्टी में दही व नींबू की कुछ बूंदें मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं।
११ पैक हमेशा ब्रश या उंगलियों के पोरों से धीरे-धीरे लगाएं। यदि आप पैक का प्रयोग महीने में तीन चार बार करेंगी तो आपकी त्वचा कांतिमय व मुलायम बनी रहेगी।

नींबू : खट्टा स्वाद-मीठे गुण

नींबू आमतौर पर नींबू, निम्बू, निम्बूक, लेम्ब, तिलम्बूक, लिबू तथा लिमेने जैसे नामों से विभिन्न क्षेत्रों में जाना जाता है। चमकीले कवच वाला यह फल तीव्र गंध वाला, द्विशाखी, ससीमाक्ष पृथकदली तथा कपाटीय मस्पुटक वैज्ञानिक विशेषताएं लिए हुए होता है। यह उष्ण कटिबंधीय तथा शीतोष्ण भागों में पाया जाता है। वैज्ञानिक अनुमनों के अनुसार विश्व भर में इसकी लगभग 1300-1400 प्रजातियां पायी जाती हैं। भारत में पायी जाने वाली प्रमुख प्रजातियां हैं- साइट्रस एसीडा, साइट्रस डिकुमाना, साइट्रस मेडिका (लिमोनिया) साइट्रस लिमिट्टा।
प्रत्येक घर में उपयोग किया जाने वाला यह फल वातनाशक, पाचक तथा पित्त-कफ, संतुलक होता है। घरों में आमतौर पर सिरका, अचार एवं इसका रस उपयोग में लाया जाता है। औषधीय गुण रखने वाला यह फल निम्न उपयोग में आता है-
– दाद में खुजला कर यदि नींबू रस का लेपन करें तो दाद अतिशीघ्र ठीक हो जायेगी।
– बिजौर का जड़ का रस एवं सेंधानमक का मिश्रण का लगभग माह भर सेवन करने से पथरी गलकर निकल जाती है।
– दांत दर्द में नींबू रस एवं लौंग के चूर्ण का मंजन अच्छा फायदा पहुंचाता है।
– चेहरे पर नींबू रस के साथ शक्कर या मलाई के लेपन करने से चेहरे पर चमक आती है एवं दाग मिटते हैं।
– पेचिश की शिकायत के दिनों में नींबू रस का पानी के साथ सेवन लाभप्रद होता है।
– जिन्हें सर्दी होने का डर बना रहता है वे नींबू का रस कुनकुने पानी में ग्रहण कर लाभ उठा सकते हैं।
– उल्टी होने पर नींबू का रस, इलायची तता पानी का सेवन करना फायदे मंद होता है।
– नींबू रस हृदय रोगियों को लाभप्रद औषधि है। नींबू के छिलके का चूर्ण एवं सेंधानमक का मंजन दांत की तमाम बीमारियों में लाभप्रद है। पायरिया रोगियों को नींबू का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए।
– जुकाम होने पर कुनकुने पानी में नींबू का रस व हल्का नमक मिलाकर सेवन करने से जुकाम शीघ्र ठीक हो जाता है।
– कुचला चूर्ण एवं नींबू के सिरके के लेप से दाद पर अतिशीघ्र लाभ होता है।
– दांत साफ करने के लिए नींबू का रस व हींग की मालिश करने से दांत साफ व चमकदार बनते हैं।
– नकसीर होने की दशा में नाक में नींबू का रस टपकाने से निकलता खून तुरन्त बन्द हो जाता है।
– नींबू रस की सहायता से फाड़े गये दूध के सेवन से कैसे भी भी दस्त हों बन्द हो जाते हैं। स्वाद के लिए शक्कर मिला सकते हैं।
– नींबू रस व पानी का सेवन सिर चकराने में अच्छा लाभ पहुंचाता है।

गौमूत्र-स्वास्थ्य के लिए वरदान


गौमूत्र के बारे में कहा जाता है यह कई रोगों की दवा है। दो रोग अन्य चिकित्सा पध्दति से नियंत्रित नहीं होते वह गौमूत्र के सेवन से नियंत्रित हो जाते हैं। मातृ दुग्ध की तरह ही गौमूत्र भी मानव जाति के लिए वरदान हैं।
क्या-क्या होता है गौमूत्र में- गौमूत्र में मानव शरीर के लिए सभी पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर को स्वस्थ रखते हैं तथा शरीर के विभिन्न अंगों को नयी ऊर्जा व ताकत प्रदान करते हैं।
क्या लाभ है सेवनं से- बुध्दि, मुख, आंख, श्वसन तंत्र, कर्ण रोग, त्वचीय रोग, किडनी व मूत्र प्रणाली, हार्मोन्स, विकृति पाचन तंत्र के रोग, आसानी से दूर हो जाते हैं। इसके अलावा

1. गौमूत्र शरीर में व्याप्त विष को निष्कासित करता है।

2. कैंसर, डायविटीज, पथरी जैसे कष्टदायी रोगों का शमन करता है।

3. रक्त में डब्लू.बी.सी. की वृध्दि कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, यदि कोई रोग है तो उससे लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

4. शरीर के लिए नियमित आवश्यक तत्व चांदी, केल्शियम, लोहा, मैगनीज, सोडियम, तांबा, एंजाईज्म, एसिड प्रचुर मात्रआ में प्रदान करता है।

5. गुस्सैल व्यक्तियों द्वारा इसका सेवन करने से मन-मस्तिष्क नियंत्रण में रहता है।

6. इन दिनों मोटापा घटाने के तरह-तरह की रासायनिक दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं जिनसे नुकसान के अलावा कुछ हाथ नहीं लगता। गौमूत्र का सेवन कीजिए तथा बिना किसी अन्य प्रभाव के फायदा उठाइए।

7. दंत रोग में विशेष लाभदायी।

8. हृदय रोगों को यह आसानी से ठीक करता है।

9. कब्ज में इसे अवश्यय लें।
गौमूत्र आजकल बाजारों में गौक्षरण, गौमूत्र, गौ अमृत के नाम से उपलब्ध है। जिसे आप खरीदकर भी सेवन कर सकते हैं।


गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

चमत्कारी याददाश्त पाने का सरलतम उपाय

आजकल अच्छा खान-पान न होने की वजह से याददाश्त का कमजोर होना एक आम समस्या बन गई है।हर आदमी अपनी भूलने की आदत से परेशान है, लेकिन अब आपको परेशान हो की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आयुर्वेद में इस बीमारी को दूर करने के सरलतम उपाय बताए हैं।

1. सात दाने बादाम के रात को भिगोकर सुबह छिलका उतार कर बारीक पीस लें । इस पेस्ट को करीब 250 ग्राम दूध में डालकर तीन उबाल लगाऐं। इसके बाद इसे नीचे उतार कर एक चम्मच घी और दो चम्मच शक्कर मिलाकर ठंडाकर पीऐं। 15 से 20 दिन तक इस विधि को करने से याददाश्त तेज होती है।

2. भीगे हुए बादाम को काली मिर्च के साथ पीस लें या ऐसे ही खूब चबाचबाकर खाऐं और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें।

3. एक चाय का चम्मच शंखपुष्पी का चूर्ण दूध या मिश्री के साथ रोजाना तीन से चार हफ्ते तक लें ।

विशेष: सिर का दर्द, आंखों की कमजोरी, आंखों से पानी आना, आंखों में दर्द होने जैसे कई रोगों में यह विधि लाभदायक है। आजकल अच्छा खान पान न होने की वजह से याददाश्त का कमजोर होना एक आम समस्या बन गई है।हर आदमी अपनी भूलने की आदत से परेशान है लेकिन अब आपको परेशान हो की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आयुर्वेद में इस बीमारी को दूर करने के सरलतम उपाय बताए हैं।

1. सात दाने बादाम के रात को भिगोकर सुबह छिलका उतार कर बारीक पीस लें । इस पेस्ट को करीब 250 ग्राम दूध में डालकर तीन उबाल लगाऐं। इसके बाद इसे नीचे उतार कर एक चम्मच घी और दो चम्मच शक्कर मिलाकर ठंडाकर पीऐं। 15 से 20 दिन तक इस विधि को करने से याददाश्त तेज होती है।

2. भीगे हुए बादाम को काली मिर्च के साथ पीस लें या ऐसे ही खूब चबाचबाकर खाऐं और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें।

3. एक चाय का चम्मच शंखपुष्पी का चूर्ण दूध या मिश्री के साथ रोजाना तीन से चार हफ्ते तक लें ।

विशेष: सिर का दर्द, आंखों की कमजोरी, आंखों से पानी आना, आंखों में दर्द होने जैसे कई रोगों में यह विधि लाभदायक है

बुधवार, 27 अप्रैल 2011

लो बीपी का अचूक इलाज है- तालीयोग

ब्लड-प्रेशर की समस्या आज सबसे ज्यादा तेजी से बढऩे वाली समस्या है। कोई लो बीपी से परेशान है तो किसी को हाई बीपी ने अपने चंगुल में जकड़ रखा है। पूरी तरह से फिट व्यक्ति को ढूंढ पाना आज बेहद चुनौती का काम है। हर किसी को किसी न किसी बीमारी ने जकड़ रखा है।

अच्छी सेहत का मालिक होना करोडों की दौलत से ज्यादा मूल्यवान होता है। तभी तो इंसान बेहतर स्वास्थ्य पाने के लिये तमात तरह की कोशिशें करता है। आप इतना कुछ कर ही रहे हैं तो क्यों न आजमाएं इस बेहद कारगर तालीयोग को, जो पूरी तरह से सुरक्षित और बेहद आसान भी है।

गैस, कब्ज, अपच, मानसिक तनाव, एकाग्रता में कमी, चिड़चिड़ापन से पीडि़त हैं तो दायें हाथ की चार अंगुलियों को बाएं हाथ की हथेलियों पर जोर-से मारना चाहिए और इस अभ्यास को सुबह-शाम कम-से-कम 5 मिनट करना चाहिए। धीरे-धीरे हम इन रोगों से मुक्त हो जाएंगे।

निम्न रक्तचाप यानी लो बीपी के रोगियों को खड़े होकर दोनों हाथों को सामने लाकर ताली बजाते हुए नीचे से ऊपर की ओर गोलाकार घुमाएं और दिशा नीचे से ऊपर की ओर होनी चाहिए। यह निम्न रक्तचाप को सामान्य करने में बहुत ही लाभदायक तरीका है। ताली योग के द्वारा हृदय रोग, कमर दर्द, सरवाइकल जैसे रोग भी दूर होते हैं।

कैसे करें ताली योग दोनों हाथों की दसों अंगुलियों और हथेली को जोर-जोर से मारते हुए एक साथ एक ही जैसी आवाज में ताली योग का अभ्यास करें।

शुरू-शुरू में इसका अभ्यास कम-से-कम 2 मिनट अवश्य करना चाहिए और फि र इसको बढ़ाते हुए लगभग रोज 10 मिनट तक अभ्यास करना चाहिए।

सांवलापन जाएगा गर पूरे 30 दिन करें ये 5 काम

प्रकाश, उजाला और निखार हमेशा से ही तारीफ की नजरों से देखे जाते हैं। अक्सर कुछ लोग अपने सांवले रंग से परेशान रहते हैं। सांवला रंग कभी किसी के करियर में रुकावट बनता है तो कभी शादी ब्याह में। ज्यादातर लड़के लड़कियां भी अपने लिए गोरे रंग के हमसफर को प्रीफर करते है। अगर आप अपने सांवले रंग से परेशान हैं तो घबराइये नहीं कुछ आसान आयुर्वेद नुस्खे ऐसे हैं जिनसे आपका सांवलापन दूर हो सकता है।

1. एक बाल्टी ठण्डे या गुनगुने पानी में दो नींबू का रस मिलाकर गर्मियों में कुछ महीने तक नहाने से त्वचा का रंग निखरने

लगता है (इस विधि को करने से त्वचा से सम्बन्धी कई रोग ठीक हो जाते हैं)।

2. आंवला का मुरब्बा रोज एक नग खाने से दो तीन महीने में ही रंग निखरने लगते है।

3. गाजर का रस आधा गिलास खाली पेट सुबह शाम लेने से एक महीने में रंग निखरने लगता है। रोजाना सुबह शाम खाना खाने के बाद थोड़ी मात्रा में सांफ खाने से खून साफ होने लगता है और त्वचा की रंगत बदलने लगती है। आपकी राय

4. प्रतिदिन खाने के बाद सोंफ का सेवन करें।

5. रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन करें

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