सोमवार, 5 दिसंबर 2011

एंटीबायोटिक भी कुछ नहीं लगते खराश मिटाने वाले इन रामबाण उपायों के आगे


गले में खराश की समस्या सामान्य रूप से वाइरस या बैक्टिरिया के संक्रमण के कारण होती है। कभी - कभी एंटिबायोटिक्स लेने पर भी खराश पीछा नहीं छोड़ती है। माना जाता है ऐसा पेट के एसिड में अनैसर्गिक कमी होने का कारण हो सकता है। ऐसे में घरेलु उपचार ही सबसे कारगर होते हैं। अगर लंबे समय से गले की खराश से परेशान हैं तो नीचे लिखे उपाय जरूर अपनाएं।



- 1-2 लहसुन की कलियाँ और 2लोंग ले कर उसका पेस्ट बनाये और उसे 1 कप मधु के साथ मिलाएं। इस घोल का 1 चम्मच सुबह शाम सेवन करें।



- गरम दूध में जरा सा हल्दी पावडर मिला के सोने से पहले सेवन करने पर भी आराम मिलता है।



- एक पूरा प्याज को थोड़े से पानी में उबालें।उसके बाद उसे पीस कर उसमे थोड़ा मक्खन नमक मिला ले और इस पेस्ट का सेवन करें। एक बार में ही आराम मिल जायेगा।



- शहद में अदरक का रस मिलाकर सेवन करें।



- सौंफ  चबाने से भी गले की खराश दूर होती है।



- तुलसी की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है।

सौ प्रतिशत कामयाब नुस्खा: ये कर देगा हाइब्लडप्रेशर और अनिद्रा की छुट्टी


 व्यस्त, तनावग्रस्त और अनियमित दिनचर्या की वजह से स्वास्थ्य को बिगाडऩे वाले अनेक रोग आज बहुतयात में लोगों को परेशान किए हुए है। आमतौर पर देखा जाता है कि जब कोई व्यक्ति ऐसे किसी रोग से पीडि़त हो जाता है, तो अन्य कई बिमारीयां उसे घेर लेती हैं।

आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो इन रोगों पर प्रभावी नियंत्रण करके शरीर को स्वस्थ बनाती है। कुछ ऐसी ही जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार नुस्खा यहां बताया जा रहा है, जो उच्चरक्तचाप, अनिद्रा, मानसिक तनाव, दिल की धड़कनों का बढऩा, शरीर में जलन सी रहना आदि व्याधियों पर बहुत असरकारक  है।

सामग्री- अश्वगंधा, जटामांसी, नागरमोथा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, पुष्कर मूल, तगर, कपूर कचरी और बड़ी इलायची।

बनाने की विधि- इन सबकी बराबर-बराबर मात्रा लेकर कूट-पीसकर कपड़े से छान कर महीन चूर्ण तैयार कर लें। बस तैयार है, अनमोल नुस्खा। इसे साफ -सूखी शीशी में भरकर रख दें। रोग तथा रोगी की स्थिति के अनुसार डेढ़ से 3 ग्राम तक की मात्रा में रात में सोने से पहले पानी से लें। यदि रोग बढ़ा हुआ है, तब दिन में भी एक बार इतनी ही मात्रा में और ले सकते हैं। आयुर्वेदिक पद्धति पर आधारित उक्त नुस्खा भले ही तुरंत असर न दिखाए लेकिन यह रोग की जड़ पर प्रहार कर धीरे-धीरे उसे खत्म कर देता है।

ये है बिना दवाई, जवान रहने का अनोखा और कमाल का आसान तरीका

अगर आप बिना दवाई के हमेशा जवान बनें रहना चाहते है तो आपके लिए सबसे आसान और बिना खर्च का तरीका बताया जा रहा है। इस अनोखे तरीके से आप हमेशा जवान बने रहेंगे। ये आयुर्वेद का खास तरीका है। इसे करने में आपको परेशानी भी नहीं होगी न ही किसी प्रकार का कोई खर्च आपको करना पड़ेगा। इस प्रयोग से आपके चहरे पर हमेशा जवानी की चमक बनी रहेगी।



इस अनोखे तरीके में आपको सीत्कार का शब्द करते हुए सांस लेना है। इस अनोखे तरीके में आपको नाक से सांस नहीं लेना है बल्कि मुंह और होठों को गोलाकार बनाना है। जीभ के दाएं और बाएं के दोनों किनारों को इस प्रकार मोडऩा है कि जीभ का आकार गोलाकार हो जाए। इस गोलाकार जीभ को गोल किए गए होठों से मिलाकर इसके कोने को तालू से लगाना है। अब सीत्कार के समान आवाज करते हुए मुंह से सांस लें। फिर सांस रोक के नाक के दोनों छेदों से सांस छोड़ें । बार बार इस क्रिया को दोहराएं। इसे बैठकर या खड़े होकर भी किया जा सकता है। इस तरीके को आयुर्वेद में सीत्कारी प्राणायाम कहा जाता है।



क्या फायदा होता है इससे :इस अनोखे तरीके से आपके चेहरे पर चमक उत्पन्न हो जाती है। दिनभर स्फूर्ति और उत्साह बना रहता है। इसके नियमित अभ्यास से अनेक प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है। नींद न आना, आलस और भूख-प्यास की समस्या खत्म हो जाती है। चेहरे की झुर्रियां समाप्त होकर त्वचा सुंदर बन जाती है। 

रविवार, 4 दिसंबर 2011

सुडौल बॉडी के लिए: इस नुस्खे के आगे अच्छे से अच्छे टॉनिक भी नहीं टिकेंगे





स्नायु दौर्बल्य, नपुसंकत्व,क्षीणशक्तिता, काम के प्रति अरूचि आदि कुछ ऐसी समस्याएं हैं। जिनसे कान्फिडेंस में कमी आती है। साथ ही मन को नैराश्य के भाव घेरने लगता है। लेकिन घबराए नहीं अगर आपके साथ भी शारीरिक बल से जुड़ी या कमजोरी की समस्या हो तो नीचे लिखे आयुर्वेदिक उपाय को जरूर अपनाएं।

सामग्री- वट वृक्ष की जटा का अग्रिम लाल रंग वाला भाग लेकर छाया में सुखाकर पीस लें। इस पिसे हुए चूर्ण की 100 ग्राम मात्रा लेकर उसको खरल में डालकर रोज 10 ग्राम वट का दूध डालकर खरल करते जाएं। इस प्रकार एक माह में 300 ग्राम दुग्ध खरल हो जाएगा। तब नुस्खा श्रेष्ठ फल देगा, यदि इतने दिन तक खरल करना संभव न हो तब 15 दिन तक खरल करना संभव हो तब 15 दिन में 150 ग्राम वट दुग्ध खरल करके 300 मि.ग्राम मात्रावत् गोलियां बनाकर रख लें।

सेवन विधि- एक-एक गोली सुबह शाम दूध, मधु, मक्खन, अथवा मलाई के साथ मिलाकर खाएं। 

गुण व उपयोग- इसके सेवन से शरीर का ढीलापन दूर होता है। शरीर सुडौल व सुगठित बनता है। कमजोरी मिटती है। पौरुष शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा इस  औषधी के नियमित सेवन से गैस्ट्रीक प्रॉब्लम्स भी धीरे-धीरे मिटती जाती है। अच्छे से अच्छे टॉनिक भी इस दवाई के आगे नहीं टिक पाता है।

काम के बोझ की कितनी भी हो थकान चंद मिनटों में हो जाएगी उडऩ-छू

थकान या अनिच्छा एक ऐसी अदृश्य बीमारी है जिसका आज तक कोई हल नहीं मिल पाया है। यहां हम दे रहे हैं स्वचिकित्सा से जुड़ा एक ऐसा प्रयोग जो पूरी तरह से प्राकृतिक है। इस प्रयोग का प्रभाव या असर आप सिर्फ  चंद मिनिटों में ही जान सकते हैं। तो आइये जानते हैं इस आसान प्रयोग को....

 प्रयोग

डेस्क या टेबिल पर कोहनी टिकाकर बैठें, हाथों को सीने के सामने से लाते हुए हथेलियों को गालों के ऊपर से लाते हुए अपनी आंखें बंद करें। यदि आप घर में हैं तो लेटकर भी यह क्रिया दोहरा सकते हैं। ऐसा करते समय अपने घुटनों को मोड़ कर रखें। दोनों हथेलियों को तब तक आपस में  रगड़ें जब तक कि वे गर्म न हो जाएं, फिर उन्हें बंद आंखों के ऊपर रखें। गहरी सांसें भरें, इस तरह कि बंद आंखों के अंधेरे को महसूस कर सकें, थकी आंखों पर हथेलियों की गर्माहट का अनुभव करें।

इसे महसूस करते हुए मस्तिष्क को खाली कर लें। गहरी सांसें लें, किसी भी समस्या और तनाव का अनुभव न होने पाए। पांच-दस मिनट तक ऐसा करें। रात्रि में सोने से पहले एक बाल्टी में नमक मिला पानी लें। इस पानी में घुटनों तक पैरों को 15 मिनिटों तक डुबाकर रखें, ऐसा करने से पूरे दिन भर की थकान और नकारात्मक ऊर्जा जादुई रूप से गायब हो जाएगी।

केले खाएं और काबू पाएं इस जानलेवा बीमारी पर


यूं तो हर फल अपने अन्दर कुछ न कुछ प्राकृतिक गुणों को समाये रहता है,आपने कभी बंदरों को हार्टएटेक से मरते हुए सुना होगा ..नहीं कारण है , प्राकृतिक फलों का सेवन ,इन्हीं कन्द मूलों एवं फलों को खाकर हमारे ऋषि -मुनि लम्बी आयु को निरोगी रहकर बिताते थे।

फलों के इन्हें गुणों की पुष्टि आज के वैज्ञानिक भी कर रहे हैं। अब केले को ही ले लीजिये ,भारत के मनीपाल एवं जॉन हापकिंस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन से यह निष्कर्ष निकाला है, कि आप केला खाकर अपने रक्तचाप (ब्लड-प्रेशर ) को दस प्रतिशत तक  नियंत्रित कर सकते हैं।

केला उच्च रक्तचाप में दी जानेवाली दवा एस -इनहीबिटर के रूप में काम करता है। तो आज से ही नाश्ते में लें एक पूरा केला या फिर केले से बनाएं फ्रूट सलाद ,इससे मिलेगा पोटेशियम और विटामिन सी और रक्तचाप भी रहेगा नियंत्रित है न मजे की बात।

कम उम्र में नहीं सताएगी सफेद बालों की टेंशन ये है काले रखने का तरीका

हर इंसान की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है। उसके शरीर में कई तरह के शारीरिक व मानसिक परिवर्तन होते हैं। ऐसे ही उम्र बढऩे के साथ बाल सफेद होना प्रकृति का नियम है, लेकिन कई बार अनुवांशिक कारण या हार्मोनल चैंज के कारण या अन्य कारणों से कम उम्र में ही बाल सफेद हो जाते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से इसे बालों का विकार भी कह सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपके बाल असमय सफेद न हो व लंबे समय तक काले बने रहें तो सिर्फ योग ही एक उपाय है जो आपके बालों को असमय सफेद होने से रोक सकता है। नीचे लिखे आसन को नियमित रूप से कर आप अपने बाल को लंबे समय तक काला बनाए रख सकते हैं।

सर्वांगासन की विधि: किसी सुविधाजनक स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर शवासन में लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को जांघों की बगल में तथा हथेलियों को जमीन पर रखें। पैरों को घुटनों से मोड़कर ऊपर उठाइएं तथा पीठ को कंधों तक उठाइएं। दोनों हाथ कमर के नीचे रखकर शरीर के उठे हुए भाग को सहारा दीजिएं। इस तरह ठुड्डी को छाती से लगाए रखें। अब सांस को रोके नहीं स्वाभाविक रूप से चलने दें।



यथाशक्ति पैर और धड़ को एक सीध में रखें। इस स्थिति में रुकने के बाद, पैरों को जमीन पर वापस ले आएं। पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए घुटनों को माथे के पास ले आएं। हाथों को जमीन रखते हुये शरीर और पैरों को धीरे-धीरे वापस शवासन में आ जाएं। अब शवासन में शरीर को शिथिल अवस्था में आ जाएं। आसन करते समय आंखों को खुला रखें।



सावधानियां - जल्दबाजी एवं हड़बड़ाहट में यह आसन न करें। इस आसन का अभ्यास पीठ दर्द, कमर दर्द, नेत्र रोगी और उच्च रक्तचाप के रोगी ने करें।



लाभ- लम्बी उम्र तक चेहरे पर चमक बनी रहती है। समय से पूर्व बाल सफेद नहीं होते हैं।  इसके नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव, निराशा, हताशा एवं चिंताएं आदि रोगों का नाश होता है। 

Featured post

इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं

महिलाएँ ...इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं।   तो ये है इस फ़ार्मूले का राज... 👇 जन्म वर्ष के केवल आख़री दो अंकों क...