बुधवार, 28 मार्च 2012

टेस्टी-टेस्टी नुस्खा: कर लीजिए बढ़ते वजन पर कंट्रोल आसानी से

यदि हम आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांतों को माने तो चाह हमारे स्वास्थ्य के लिये बेहद हानिकारक होती है। लेकिन चाय में तमाम खामियों के साथ ही एक बड़ी खूबी भी होती है और वह यह है कि चाय बढ़ते हुए वजन को कंट्रोल करने में बेहद मददगार होती है। यह बात एक हालिया वैज्ञानिक शोध से पता चली है।



शोध से ज्ञात हुआ है कि चाय में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो वजन कम करने में सहायक होते हैं। लेकिन हाल ही में हुई  एक नई रिसर्च के मुताबिक अगर चाय में दूध मिला दिया जाए तो मोटापे से लडऩे वाले तत्व उतने प्रभावकारी नहीं रहते। भारतीय वैज्ञानिक की ओर से की गई रिसर्च के मुताबिक चाय में वसा कम करने के कई तत्व होते हैं, लेकिन दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन वसा कम करने की इसकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है।



चाय में पाए जाने वाले फ्लेविन्स और थिरोबिगिन्स शरीर की चर्बी घटाने और कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक होते हैं। असम की टी रिसर्च एसोसिएशन के रिसर्चरों ने चूहों पर शोध किया और उसमें यह पाया गया कि उच्च वसायुक्त भोजन खाने वाले चूहों का वजन घटाने में फ्लेविन्स और थिरोबिगिन्स जैसे तत्वों ने काफी अहम भूमिका निभाई। लेकिन गाय के दूध में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण इनका प्रभाव कम हो जाता है।

संतरे ही नहीं छिलको का भी लीजिए स्वाद...ये हैं गजब का इलाज


 संतरों का खट्टा-मीठा स्वाद तो सभी को लुभाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ संतरे ही नहीं बल्कि संतरे के छिलके भी हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। संतरे के छिलकों में विटामिन सी मात्रा में मौजूद रहता है। इसी कारण ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। विटामिन सी होने के कारण ही यह त्वचा को जवान रखता है और बालों को झडऩे से रोकता है।

संतरे के छिलके का उपयोग-

- संतरे के छिलके प्राकृतिक रूप से बढ़ते वजन को नियंत्रित करते हैं।

- संतरे के छिलके कैंसर से बचाते हैं।

- संतरों के छिलके पीस कर लेप लगाने से अथवा छिलके रगडऩे से कुछ ही दिनों में मुंहासे मिट जाते हैं।

- संतरे के छिलकों को पानी में पीस कर लेप लगाने से खुजली मिटती है और इसे लगाने से फुंसियों से भी छुटकारा मिलता है।

- संतरे के पिछले को पीस कर इसके पाउडर से बाल मुलायम व चमकदार बनते हैं।

- संतरे के छिलके का पाउडर बनाकर उसमें कुछ बुंदें नींबू के रस की डाले और थोड़ा सा दही डालकर मिलाएं और चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा कोमल और आकर्षक बन जाती है।

- संतरे के छिलकों में पेक्टिन पाया जाता है जिसे प्राकृतिक फाइबर के रूप में भी जाना जाता है। इसकी वजह से आपकी पेट की सारी बीमारियां दूर रहती हैं। यह कब्ज को दूर करता है।

- संतरे में विटामिन ए पाया जाता है। इससे शरीर में रक्त संचार भी दुरुस्त करता है।

- संतरे के छिलको के सेवन से कैल्सियम की कमी जल्द ही पूरी हो जाती है।

एक कप दूध के इस नुस्खे से टांसिल्स की प्रॉब्लम ठीक हो जाएगी

अधिकतर मौसम बदलने पर लोगों में टांसिल्स की समस्या देखने में आती है। इसीलिए मौसम के परिवर्तन पर या दिन के समय घर से बाहर रहने वाले या किसी भी कारणवश तेज धूप और गर्मी में रहने के बाद लोग एकदम ठंडा पानी पी लेने पर टांसिल्स की समस्या हो जाती है। यही कारण है कि तापमान में बार-बार होने वाले बदलाव के कारण लोगों को खानपान का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा ये कुछ घरेलु उपाय हैं जिन्हें अपनाकर भी टांसिल्स की समस्या में राहत मिलती है।

- एक कप दूध में आधा छोटा चम्मच पिसी हल्दी मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है।

- कच्चे पपीते को दूध में मिलाकर गरारे करें। हफ्ता भर करने से यह समस्या दूर हो जायेगी।

-जब खांसी,जुखाम,टांसिल्स एवं, सांस की तकलीफ  हो तब दही का सेवन न करें तो अच्छा होगा।

- टांसिल्स में भी गाजर का रस पीने की सलाह दी जाती है। आराम मिलता है।

- मेथी के चूर्ण तथा काढ़े से स्नायु रोग,बहु-मूत्र ,पथरी,टांसिल्स,में लाभ होता है।

- गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारे करें।

घंटो बैठे रहने के बाद भी मोटे नहीं होना चाहते

अधिकतर लोग बाहर के चटर-पटर खाने और लंबी सिटिंग के चलते ओवरवेट हो जाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसी ही प्राब्लम है तो आप को भी तली हुई चीजों के बजाए। पॉवर फूड लेना चाहिए। पॉवर फूड में वे चीजें आती हैं जिनमें अधिक फेट ना हो और भरपूर एनर्जी भी मिले। फ्रुटस, पापकार्न, और  अखरोट ऐसी ही कुछ चीजे हैं। लेकिन ऑफिस में अगर आप अखरोट खाएंगे तो न सिर्फ आपकी भूख कम होगी बल्कि तनाव भी कम होगा। 

अखरोट में आयरन, कापर, कोबाल्ट, पोटेशियम, सोडियम, फोसफोरस, मैग्निशियम, कैल्शियम और आयोडीन जैसे खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं।इसमें  बहुत से एंटी आक्सीडेंट होते हैं और इसके अतिरिक्त अखरोट में गैर सेचुरेटिड फैटी एसिड, 20 से अधिक अमीनो एसिड तथा विटामिन ए, ई , बी, पी और सी भी पाया जाता है।अखरोट से न केवल तनाव दूर होता है, बल्कि यह कोलेस्ट्राल को कम कर रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है। जिन लोगों में खराब प्रकार का कोलेस्ट्रॉल होता है उनका रक्तचाप अधिक होता है और उन्हें तनाव की भी शिकायत रहती है। 

ऐसे लोग यदि तीन सप्ताह तक खूब अखरोट खाएं तो अखरोट प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।बहुत से शोधों से ऐसा पता चला है कि अखरोट से एल्जाइमर बीमारी का खतरा कम होता है। अखरोट को दिमाग के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है क्योंकि इसमें विटामिन ई अधिक मात्रा में होती है।अखरोट में फाइबर, विटामिन बी, मैल्नीमशियम और एण्टी् आक्सिडेंट्स अधिक मात्रा में होते हैं और यह बालों और त्वचा को स्वस्थ रखता है।

एलोवेरा के आसान प्रयोग : इनसे बाल घने और चेहरा चिकना हो जाएगा

एलोवेरा पौधे को घृतकुमारी, कुमारी, घी-ग्वार भी कहा जाता है। एलोवेरा का जीवन देने वाली यानी संजीवनी आयुर्वेदिक औषधी भी मानी जाती है। घी ग्वार को पेट के लिए अमृत माना गया है। साथ ही स्कीन प्रॉब्लम्स और हेयर प्रॉब्लम्स के लिए भी इसे वरदान माना गया है। एलोवेरा के इन गुणों को तो सभी जानते हैं। लेकिन इसका उपयोग कैसे किया जाए ये बहुत कम लोग जानते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एलोवेरा के ऐसे ही कुछ प्रयोग जिनसे आपका चेहरा चमकने लगेगा और बालों की समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

- एलोवेरा के पत्तों के रस में नारियल के तेल की थोड़ी मात्रा मिलाकर कुहनी, घुटने व एडिय़ों पर कुछ देर लगाकर धोने से इन स्थानों की त्वचा का कालापन दूर होता है।

- सुबह उठकर खाली पेट एलोवेरा की पत्तियों का सेवन करने से पेट में कब्ज की समस्या से निजात मिलती है।

- गुलाबजल में एलोवेरा का रस मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा की खोई नमी लौटती है। 

- एलोवेरा के पल्प में मुलतानी मिट्टी या चंदन पावडर मिलाकर लगाने से त्वचा के कील-मुंहासे आदि मिट जाते हैं। 

- एलोवेरा जेल को सिर्फ आधा लगाने के बाद आप उनको धो सकते हैं। ऐसा आप सिर्फ महीने में दो बार भी करते हें तो आपको इसके परिणाम कुछ ही महीनों में दिखाई देने लगेंगे। 

- तैलीय बालों के लिए ऐलोवेरा विशेष रूप से फायदेमंद है। एलोवेरा जेल से गंजेपन की समस्या को भी दूर किया जा सकता है।

मंगलवार, 27 मार्च 2012

कई तरह के दर्द की एक दवा हैं चुटकी भर हींग के ये...

मसालों का उपयोग भारतीय भोजन में प्राचीन समय से होता आ रहा है। इन मसालों में से ही कई मसाले ऐसे भी है,जो सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाते हैं बल्कि अगर सही तरीके से इनका उपयोग किया जाए तो ये कई बीमारियों को भी दूर करते हैं। ऐसा ही एक मसाला है हींग। हींग वैसे तो कई तरह से उपयोग में लाई जाती है,लेकिन इसे आयुर्वेद में एक बहुत अच्छा दर्द निवारक माना गया है। वैद्यों का मानना है कि हींग को हमेशा भूनकर उपयोग में लाना चाहिए।



- एक कप गर्म पानी में एक चम्मच हींग का पाउडर घोलें। इस घोल में सूती कपड़े को भिगोकर पेट के उस हिस्से की सिकाई करें जहां दर्द हो रहा है। थोड़ी ही देर में दर्द से राहत मिलेगी।



- हींग में जरा सा कपूर मिलाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से दांत दर्द बंद हो जाता है ।



- भुनी हुई हींग, काली मिर्च ,पीपल काला नमक समान मात्रा में लेकर पीस लें। रोजाना चौथाई चम्मच यह चूर्ण गर्म पानी से सेवन करें। गैस और कब्ज की समस्या धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी।



- पांच ग्राम भुनी हुई हींग, चार चम्मच अजवाइन, दस मुनक्का, थोड़ा काला नमक सबको कूट पीसकर चौथाई चममच तीन बार नित्य लेने से ,उल्टी होना ,जी मिचलाना ठीक हो जाता है।



- अदरक की गांठ में छेद करके इसमें जरा सा हींग डालकर काला नमक भर कर ,खाने वाले पान के पत्ते में लपेटकर धागा बांध कर गीली मिटटी का लेप कर दें।इसे आग में डाल कर जला लें ,जल जाने पर पीसकर मूंगफली के दाने के बराबर आकार की गोलियां बना लें। एक एक गोली दिन में चार बार चूसें। जल्द ही आराम मिलेगा।



- पैर फटने पर नीम के तेल में हींग डालकर लगाने से आराम मिलता है।



- थोड़ी सी हींग को गुड में लपेटकर गरम पानी से लें। गैस का पेट दर्द ठीक हो जायेगा।



- दांत दर्द में अफीम और हींग का फाहा रखें तो आराम मिलता है।



- हींग को पानी में घोलकर लेप बनाकर उस पर लगाने से चर्म रोग में आराम मिलता है।

ये हैं कमरदर्द का परमानेंट इलाज

आधुनिक जीवनशैली पर चलने वाला हर एक व्यक्ति आज किसी न किसी शारीरिक या मानसिक बीमारी से ग्रस्त है।  इन सामान्य दिखने वाली बेहद घातक बीमारियों में से ही एक है कमर दर्द। अगर आप कमर दर्द से परेशान हैं तो इससे बचने के लिए आप के सामने प्रस्तुत हैं कुछ रामबाण नुस्खे जो कि बहुत कारगर तो हैं ही साथ ही इनका कोई भी साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। 

कमर दर्द के लिए रामबाण नुस्खे -



1. अजवाइन को तवे के ऊपर थोड़ी धीमी आंच पर सेंक लें तथा ठंडा होने पर धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएं। लगातार 7 दिनों तक यह प्रयोग किया जाए तो आठवे दिन से कमर दर्द में 100 फीसदी लाभ होता है।

2. जहां दर्द होता होता है हो वहाँ 5 मिनट तक गरम सेंक, और दो मिनट ठंडा सेंक देने से तत्काल लाभ पहुंचता है। 

3. सुबह सूर्योदय के समय 2-3 मील लंबी सैर पर जाने वालों को कमर दर्द की शिकायत कभी नहीं होगी।

4. नियमित रूप से चक्रासन करें।

सावधानियां- नीचे लिखी बातों का भी जरुर ध्यान रखें।

- नियमित रूप से पैदल चलें। यह सर्वोत्तम व्यायाम है।

- अधिक समय तक स्टूल या कुर्सी पर झुककर न बैठें।

- शारीरिक श्रम से जी न चुराएँ। शारीरिक श्रम से मांसपेशियां पुष्ट होती हैं।

- एक सी मुद्रा में न तो अधिक देर तक बैठे रहें और न ही खड़े रहें।

- किसी भी सामान को उठाने या रखने में जल्दबाजी न करें।

- भारी सामान को उठाकर रखने की बजाय धकेल कर रखना चाहिए।

- ऊंची एड़ी के जूते-चप्पल के बजाय साधारण जूते-चप्पल पहनें।

- सीढिय़ां चढ़ते-उतरते समय सावधानी बरतें।

- कुर्सी पर बैठते समय पैर सीधे रखें न कि एक पर एक चढ़ाकर।

- अधिक ऊंचा या मोटा तकिया न लगाएं। साधारण तकिए का इस्तेमाल बेहतर होता है।

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