बुधवार, 28 मार्च 2012

इशारे जो समझा देते हैं......पथरी होने वाली है

पेट दर्द या मूत्र में रूकावट को लोग सामान्यत: अधिक गंभीरता से नहीं लेते। लेकिन कई बार-बार होने वाला पेटदर्द किसी बड़ी बीमारी का इशारा भी हो सकता है। पथरी एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी को असहनीय पीड़ा सहन करनी पड़ती है। सामान्यत: पथरी हर उम्र के लोगों में पाई जाती है लेकिन फिर भी यह बीमारी महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक तकलीफ देने वाली होती है।

पथरी के लक्षण- कब्ज या दस्त का लगातार बने रहना , उल्टी जैसा होना बैचेनी, थकान, , तीव्र पेट दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बने रहना। मूत्र संबंधी संक्रमण साथ ही बुखार, कपकपी, पसीना आना, पेशाब  के साथ-साथ दर्द होना ,बार बार और एकदम से पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना, रात में अधिक पेशाब आना, मूत्र में रक्त भी आ सकता है, पेशाब का रंग असामान्य होना।

पथरी से बचने के तरीके- ज्यादा पानी पीएं।

- आहार में प्रोटीन, नाइट्रोजन तथा सोडियम की मात्रा कम हो।

- चाकलेट, सोयाबीन, मूंगफली, पालक आदि का सेवन बहुत ज्यादा न करें।

- आवश्यकता से अधिक कोल्डड्रिंक्स भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।

- विटामिन-सी की भारी मात्रा न ली जाय।

- नारंगी आदि का रस (जूस) लेने से पथरी का खतरा कम होता है।

- हर महीने में पांच दिन एक छोटी चम्मच अजवाइन लेकर उसे पानी से निगल जाएं। 

पथरी के कुछ देसी इलाज-  तुलसी के बीज का हिमजीरा दानेदार शक्कर व दूध के साथ लेने से मूत्र पिंड में फंसी पथरी निकल जाती है।

- एक मूली को खोखला करने के बाद उसमे बीस-बीस ग्राम गाजर शलगम के बीज भर दें, उसके बाद मूली को भून लें,उसके बाद मूली से बीज निकाल कर पीस लें। सुबह पांच या छ: ग्राम पानी के साथ एक माह तक पीते रहे,पथरी और पेशाब वाली बीमारियों में फायदा मिलेगा।

- जीरे को मिश्री की चाशनी बनाकर उसमें या शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है।

- यदि मूत्र पिंड में पथरी हो और पेशाब रुक रुक कर आना चालू हो गया है तो एक गाजर को नित्य खाना चालू कर देना चाहिये।

गिरते बालों का हर्बल इलाज:बनाकर लगाएं ये शैम्पू, कंडिशनिंग भी हो जाएगी

बालों की समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाई जाती है। बाल झडऩे के कई कारण हो सकते हैं जैसे प्रदूषण, हार्मोनल परिवर्तन, अनियमित दिनचर्या व खान-पान, मौसम आदि। अगर आप भी झड़ते बालों से परेशान हैं तो नीचे लिखे हर्बल उपाय जरुर आजमाएं। 

- बालों के झडऩे का एक कारण डेंड्रफ या रूसी की समस्या भी होती है, इसके लिए रात में बालों की जड़ों में भृंगराज या आंवलें के तेल को खूब अच्छी तरह से नियमित गहराई तक लगाएं,अपना तौलिया अलग इस्तेमाल करें,रासायनिक साबुन  को बालों में लगाने से बचें, इसके स्थान पर मेडीकेटेड साबुन या शैम्पू का इस्तेमाल करें, अगर हो सके तो एक बार बालों को उतरवा लें यह आपके लिए निश्चित रूप से फायदेमंद होगा। नियमित रूप से अपने भोजन में प्रोटीन की उचित मात्रा का प्रयोग करें, ताकि हेयर फालिकल्स मजबूत हो सकें ,इस हेतु दूध,अंडे और दालों का उचित मात्रा में प्रयोग आवश्यक है,बालों में अनावश्यक रूप से रासायनिक कास्मेटिक उत्पादों के प्रयोग से बचें,निश्चित रूप से बालों का घनत्व बढ़ जाएगा।

-आरोग्यवर्धिनी वटी दो-दो गोली की मात्रा में सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ लें ,साथ ही अविपत्तिकर चूर्ण एवं सितोपलादि चूर्ण को सम मात्रा में एक से दो चम्मच लें ,यह आपकी पेट से सम्बंधित परेशानियों को दूर करेगा। भृंगराज एवं आंवले लें के ताजे पत्तों को पीस कर बालों की जड़ों में लगायें ,साथ ही नीम,शिकाकाई ,आंवला,कालातिल,रीठा इन सब को साथ मिलाकर एक पेस्ट बना लें, यह आपके लिए एक हर्बल शैम्पू का काम करेगा जो बालों को कंडिशनिंग के साथ ही जड़ों को मजबूत बनाएगा। पेट साफ रखने के लिए केवल त्रिफला के चूर्ण का प्रयोग करें ,यह आपके बालों के जड़ों को भी मजबूती प्रदान करेगा। 

टेस्टी-टेस्टी नुस्खा: कर लीजिए बढ़ते वजन पर कंट्रोल आसानी से

यदि हम आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांतों को माने तो चाह हमारे स्वास्थ्य के लिये बेहद हानिकारक होती है। लेकिन चाय में तमाम खामियों के साथ ही एक बड़ी खूबी भी होती है और वह यह है कि चाय बढ़ते हुए वजन को कंट्रोल करने में बेहद मददगार होती है। यह बात एक हालिया वैज्ञानिक शोध से पता चली है।



शोध से ज्ञात हुआ है कि चाय में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो वजन कम करने में सहायक होते हैं। लेकिन हाल ही में हुई  एक नई रिसर्च के मुताबिक अगर चाय में दूध मिला दिया जाए तो मोटापे से लडऩे वाले तत्व उतने प्रभावकारी नहीं रहते। भारतीय वैज्ञानिक की ओर से की गई रिसर्च के मुताबिक चाय में वसा कम करने के कई तत्व होते हैं, लेकिन दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन वसा कम करने की इसकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है।



चाय में पाए जाने वाले फ्लेविन्स और थिरोबिगिन्स शरीर की चर्बी घटाने और कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक होते हैं। असम की टी रिसर्च एसोसिएशन के रिसर्चरों ने चूहों पर शोध किया और उसमें यह पाया गया कि उच्च वसायुक्त भोजन खाने वाले चूहों का वजन घटाने में फ्लेविन्स और थिरोबिगिन्स जैसे तत्वों ने काफी अहम भूमिका निभाई। लेकिन गाय के दूध में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण इनका प्रभाव कम हो जाता है।

संतरे ही नहीं छिलको का भी लीजिए स्वाद...ये हैं गजब का इलाज


 संतरों का खट्टा-मीठा स्वाद तो सभी को लुभाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ संतरे ही नहीं बल्कि संतरे के छिलके भी हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। संतरे के छिलकों में विटामिन सी मात्रा में मौजूद रहता है। इसी कारण ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। विटामिन सी होने के कारण ही यह त्वचा को जवान रखता है और बालों को झडऩे से रोकता है।

संतरे के छिलके का उपयोग-

- संतरे के छिलके प्राकृतिक रूप से बढ़ते वजन को नियंत्रित करते हैं।

- संतरे के छिलके कैंसर से बचाते हैं।

- संतरों के छिलके पीस कर लेप लगाने से अथवा छिलके रगडऩे से कुछ ही दिनों में मुंहासे मिट जाते हैं।

- संतरे के छिलकों को पानी में पीस कर लेप लगाने से खुजली मिटती है और इसे लगाने से फुंसियों से भी छुटकारा मिलता है।

- संतरे के पिछले को पीस कर इसके पाउडर से बाल मुलायम व चमकदार बनते हैं।

- संतरे के छिलके का पाउडर बनाकर उसमें कुछ बुंदें नींबू के रस की डाले और थोड़ा सा दही डालकर मिलाएं और चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा कोमल और आकर्षक बन जाती है।

- संतरे के छिलकों में पेक्टिन पाया जाता है जिसे प्राकृतिक फाइबर के रूप में भी जाना जाता है। इसकी वजह से आपकी पेट की सारी बीमारियां दूर रहती हैं। यह कब्ज को दूर करता है।

- संतरे में विटामिन ए पाया जाता है। इससे शरीर में रक्त संचार भी दुरुस्त करता है।

- संतरे के छिलको के सेवन से कैल्सियम की कमी जल्द ही पूरी हो जाती है।

एक कप दूध के इस नुस्खे से टांसिल्स की प्रॉब्लम ठीक हो जाएगी

अधिकतर मौसम बदलने पर लोगों में टांसिल्स की समस्या देखने में आती है। इसीलिए मौसम के परिवर्तन पर या दिन के समय घर से बाहर रहने वाले या किसी भी कारणवश तेज धूप और गर्मी में रहने के बाद लोग एकदम ठंडा पानी पी लेने पर टांसिल्स की समस्या हो जाती है। यही कारण है कि तापमान में बार-बार होने वाले बदलाव के कारण लोगों को खानपान का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा ये कुछ घरेलु उपाय हैं जिन्हें अपनाकर भी टांसिल्स की समस्या में राहत मिलती है।

- एक कप दूध में आधा छोटा चम्मच पिसी हल्दी मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है।

- कच्चे पपीते को दूध में मिलाकर गरारे करें। हफ्ता भर करने से यह समस्या दूर हो जायेगी।

-जब खांसी,जुखाम,टांसिल्स एवं, सांस की तकलीफ  हो तब दही का सेवन न करें तो अच्छा होगा।

- टांसिल्स में भी गाजर का रस पीने की सलाह दी जाती है। आराम मिलता है।

- मेथी के चूर्ण तथा काढ़े से स्नायु रोग,बहु-मूत्र ,पथरी,टांसिल्स,में लाभ होता है।

- गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारे करें।

घंटो बैठे रहने के बाद भी मोटे नहीं होना चाहते

अधिकतर लोग बाहर के चटर-पटर खाने और लंबी सिटिंग के चलते ओवरवेट हो जाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसी ही प्राब्लम है तो आप को भी तली हुई चीजों के बजाए। पॉवर फूड लेना चाहिए। पॉवर फूड में वे चीजें आती हैं जिनमें अधिक फेट ना हो और भरपूर एनर्जी भी मिले। फ्रुटस, पापकार्न, और  अखरोट ऐसी ही कुछ चीजे हैं। लेकिन ऑफिस में अगर आप अखरोट खाएंगे तो न सिर्फ आपकी भूख कम होगी बल्कि तनाव भी कम होगा। 

अखरोट में आयरन, कापर, कोबाल्ट, पोटेशियम, सोडियम, फोसफोरस, मैग्निशियम, कैल्शियम और आयोडीन जैसे खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं।इसमें  बहुत से एंटी आक्सीडेंट होते हैं और इसके अतिरिक्त अखरोट में गैर सेचुरेटिड फैटी एसिड, 20 से अधिक अमीनो एसिड तथा विटामिन ए, ई , बी, पी और सी भी पाया जाता है।अखरोट से न केवल तनाव दूर होता है, बल्कि यह कोलेस्ट्राल को कम कर रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है। जिन लोगों में खराब प्रकार का कोलेस्ट्रॉल होता है उनका रक्तचाप अधिक होता है और उन्हें तनाव की भी शिकायत रहती है। 

ऐसे लोग यदि तीन सप्ताह तक खूब अखरोट खाएं तो अखरोट प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।बहुत से शोधों से ऐसा पता चला है कि अखरोट से एल्जाइमर बीमारी का खतरा कम होता है। अखरोट को दिमाग के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है क्योंकि इसमें विटामिन ई अधिक मात्रा में होती है।अखरोट में फाइबर, विटामिन बी, मैल्नीमशियम और एण्टी् आक्सिडेंट्स अधिक मात्रा में होते हैं और यह बालों और त्वचा को स्वस्थ रखता है।

एलोवेरा के आसान प्रयोग : इनसे बाल घने और चेहरा चिकना हो जाएगा

एलोवेरा पौधे को घृतकुमारी, कुमारी, घी-ग्वार भी कहा जाता है। एलोवेरा का जीवन देने वाली यानी संजीवनी आयुर्वेदिक औषधी भी मानी जाती है। घी ग्वार को पेट के लिए अमृत माना गया है। साथ ही स्कीन प्रॉब्लम्स और हेयर प्रॉब्लम्स के लिए भी इसे वरदान माना गया है। एलोवेरा के इन गुणों को तो सभी जानते हैं। लेकिन इसका उपयोग कैसे किया जाए ये बहुत कम लोग जानते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एलोवेरा के ऐसे ही कुछ प्रयोग जिनसे आपका चेहरा चमकने लगेगा और बालों की समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

- एलोवेरा के पत्तों के रस में नारियल के तेल की थोड़ी मात्रा मिलाकर कुहनी, घुटने व एडिय़ों पर कुछ देर लगाकर धोने से इन स्थानों की त्वचा का कालापन दूर होता है।

- सुबह उठकर खाली पेट एलोवेरा की पत्तियों का सेवन करने से पेट में कब्ज की समस्या से निजात मिलती है।

- गुलाबजल में एलोवेरा का रस मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा की खोई नमी लौटती है। 

- एलोवेरा के पल्प में मुलतानी मिट्टी या चंदन पावडर मिलाकर लगाने से त्वचा के कील-मुंहासे आदि मिट जाते हैं। 

- एलोवेरा जेल को सिर्फ आधा लगाने के बाद आप उनको धो सकते हैं। ऐसा आप सिर्फ महीने में दो बार भी करते हें तो आपको इसके परिणाम कुछ ही महीनों में दिखाई देने लगेंगे। 

- तैलीय बालों के लिए ऐलोवेरा विशेष रूप से फायदेमंद है। एलोवेरा जेल से गंजेपन की समस्या को भी दूर किया जा सकता है।

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