गुरुवार, 29 मार्च 2012

इसे सिर्फ सूंघने से ही हो जाएगा सिरदर्द का इलाज

नींबू का अनोखा गुण यह है कि इसकी खट्टी खुशबू खाने से पहले ही मुंह में पानी ला देती है। चांट हो या दाल कोई भी व्यंजन इसके प्रयोग से और भी सुस्वादु हो जाता है। यह फल खट्टा होने के साथ-साथ बेहद गुणकारी भी है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि नींबू के पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं नींबू के पत्तों के कुछ ऐसे ही रामबाण प्रयोगों के बारे में-

कृमि रोग-

10 ग्राम नींबू के पत्तों का रस (अर्क) में 10 ग्राम शहद मिलाकर पीने से 10-15 दिनों में पेट के कीड़े मरकर नष्ट हो जाते हैं। नींबू के बीजों के चूर्ण की फं की लेने से कीड़ों का विनाश होता है।

सिरदर्द या माइग्रेन-

नींबू के पत्तों का रस निकालकर नाक से सूंघे, जिस व्यक्ति को हमेशा सिरदर्द बना रहता है, उसे भी इससे शीघ्र आराम मिलता है।

नाक से खून आना-

ताजे नींबू का रस निकालकर नाक में पिचकारी देने से नाक से खून गिरता हो, तो बंद हो जाएगा।

आंखों का दोस्त है धनिया, ऐसे उपयोग करेंगे तो आंखें स्वस्थ हो जाएंगी

धनिये का उपयोग खाने का स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनिया आपको जाने-अनजाने कई बीमारियों से निजात भी दिलाता है। आइये जानें कि धनिया किन-किन बीमारियों या परेशानियों में मददगार हो सकता है...

आंखों के रोग:

आंखों के लिए धनिया बड़ा गुणकारी होता है। थोड़ा सा धनिया कूट कर पानी में उबाल कर ठंडा कर के, मोटे कपड़े से छान कर शीशी में भर लें। इसकी दो बूंद आंखों में टपकाने से आंखों में जलन, दर्द तथा पानी गिरना जैसी समस्याएं दूर होती हैं। 

नकसीर:



हरा धनिया 20 ग्राम व चुटकी भर कपूर मिला कर पीस लें। सारा रस निचोड़ लें। इस रस की दो बूंद नाक में दोनों तरफ टपकाने से तथा रस को माथे पर लगा कर मलने से खून तुरंत बंद हो जाता है।

गर्भावस्था में जी घबराना:

गर्भ धारण करने के दो-तीन महीने तक गर्भवती महिला को उल्टियां आती है। ऐसे में धनिया का काढ़ा बना कर एक कप काढ़े में एक चम्मच पिसी मिश्री मिला कर पीने से जी घबराना बंद होता है।

पित्ती:

शरीर में पित्ती की तकलीफ  हो तो हरे धनिये के पत्तों का रस, शहद और रोगन गुल तीनों को मिला कर लेप करने से पित्ती की खुजली में तुरंत आराम होता है।

दूध पीने वाले इन बातों को याद रखें...बनेंगे हेल्दी, मिलेगा पूरा कैल्सियम

दूध मनुष्य की अधिकांश पोषण आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। माना जाता है कि दूध में भरपूर मात्रा में कैल्सियम पाया जाता है। हर उम्र के लोगों को विशेषकर औरतों को दूध का सेवन जरूर करना चाहिए। दूध कितना पीया जाए और कब पीया जाए तो लाभ होगा और कब पीएं तो हानि होगी। इन बातों को लेकर संशय हर आम इंसान को होता है। अगर आपको भी ये संशय है तो हम आपको बताते हैं कि कब दूध पीना आपको फायदा पहुंचाएगा और कब नुकसान।



- सुबह खाली पेट दूध नहीं पीना चाहिए। इससे अमाशय की स्थिति ठीक नहीं हो पाती इससे पीने वाले को गैस की समस्या हो सकती है। हां लेकिन जो अच्छी पाचन शक्ति वाले हैं वे नियमित रूप से दूध पी सकते हैं। व्यायाम करने वालों के लिए सुबह दूध पीना नुकसानदायक नहीं होता है।



- नाश्ते के बाद यानी नमकीन या नमक, मिर्च-मसाले से बनी चीजों के साथ या उन्हें ग्रहण करने के बाद दूध नहीं पीना चाहिए। इससे हानि हो सकती है। लेकिन हां चाय व कॉफी, पानी लेने पर किसी तरह का नुकसान नहीं होता। 



- सोते समय दूध पीने के मामले में जरूरी शर्त यह है कि शाम का भोजन किए तीन घंटे हो चुके हों ताकि अमाशय खाली हो चूका हो। सोते समय दूध पीने से लाभ होता है क्योंकि इसे पीने के बाद सो जाने से कोई पदार्थ पेट में नहीं जाता इसलिए दूध आसानी से पच जाता है और गुण करता है।

हाइब्लडप्रेशर की घरेलू आयुर्वेदिक दवा, ऐसे बनाकर खाएंगे तो स्वस्थ हो जाएंगे

हाइब्लडप्रेशर एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी को रोज दवाई खानी पड़ती है। लेकिन अगर इसका आयुर्वेदिक तरीके से इलाज किया जाए तो इसे प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है।आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो इन रोगों पर नियंत्रण करके शरीर को स्वस्थ बनाती है। कुछ ऐसी ही जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार नुस्खा यहां बताया जा रहा है, जो उच्चरक्तचाप, अनिद्रा, मानसिक तनाव, दिल की धड़कनों का बढऩा, शरीर में जलन सी रहना आदि व्याधियों पर बहुत असरकारक  है।

सामग्री- अश्वगंधा, जटामांसी, नागरमोथा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, पुष्कर मूल, तगर, कपूर कचरी और बड़ी इलायची। 

बनाने की विधि- इन सबकी बराबर-बराबर मात्रा लेकर कूट-पीसकर कपड़े से छान कर महीन चूर्ण तैयार कर लें। बस तैयार है, अनमोल नुस्खा। इसे साफ -सूखी शीशी में भरकर रख दें। रोग तथा रोगी की स्थिति के अनुसार डेढ़ से 3 ग्राम तक की मात्रा में रात में सोने से पहले पानी से लें। यदि रोग बढ़ा हुआ है, तब दिन में भी एक बार इतनी ही मात्रा में और ले सकते हैं। आयुर्वेदिक पद्धति पर आधारित उक्त नुस्खा भले ही तुरंत असर न दिखाए लेकिन यह रोग की जड़ पर प्रहार कर धीरे-धीरे उसे खत्म कर देता है।

मुंहासे आउट करने के लिए करें दही-शहद का ये देसी प्रयोग

यौवन की दहलीज पर खड़े लड़के या लड़की के शरीर में होने वाले हार्मोन्स परिवर्तनों के कारण मुंहासों का होना आम बात है। कई बार हार्मोन्स परिवर्तन इतना असंतुलित रूप से होता है कि अत्यधिक मुंहासों के कारण अच्छे भले चेहरे की रंगत और रौनक बिगड़ जाती है। आइये जानें कुछ ऐसे आसान घरेलू उपायों के बारे में जो मुंहासे और उनसे बने दागों को जड़ से मिटाकर आपके चेहरे को फिर से आकर्षक और खूबसूरत बना सकते हैं- 



छोटे व घरेलू प्रयोग



1. जामुन की गुठली को पानी में घिसकर चेहरे पर लगाने से मुंहासे दूर होते हैं। 



2. दही में कुछ बूंदें शहद की मिलाकर उसे चेहरे पर लेप करना चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में मुंहासे दूर हो जाते हैं।



3. तुलसी व पुदीने की पत्तियों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें तथा थोड़ा-सा नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से भी मुंहासों से निजात मिलती है। 



4. नीम के पेड़ की छाल को घिसकर मुंहासों पर लगाने से भी मुहांसे घटते हैं। 



5. जायफल में गाय का दूध मिलाकर मुंहांसों पर लेप करना चाहिए। 



6. हल्दी, बेसन का उबटन बनाकर चेहरे पर लगाने से भी मुंहासे दूर होते हैं। 



7. नीम की पत्तियों के चूर्ण में मुलतानी मिट्टी और गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बना लें व इसे चेहरे पर लगाएं। 



8. नीम की जड़ को पीसकर मुंहासों पर लगाने से भी वे ठीक हो जाते हैं।



9. काली मिट्टी को घिसकर मुंहासों पर लगाने से भी वे नष्ट हो जाते हैं। 

नाश्ते में बस इसे शामिल कर लें...डायबिटीज और कोलेस्ट्रोल कंट्रोल में रहेंगे

आयुर्वेद में बादाम को कई तरह के गुणों से भरपुर और दिमाग के लिए बहुत लाभदायक माना गया है। लेकिन अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन तथा पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि बादाम खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है साथ ही इंसुलिन को सक्रिय करता है। इससे ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। भारत में इस बीमारी से हैरान-परेशान लोगों की संख्या दिनो-दिन बढ़ती ही जा रही है। आंकड़े तो बताते हैं कि अकेले भारत देश में ही डायबिटीज से ग्रसित लोगों की संख्या 5 करोड़ के स्तर को पार कर चुकी है। 

बादाम डायबिटीज में फायदेमंद है यह बात तो हालिया शोध से पता चली है लेकिन इसके दूसरे कई चमत्कारी गुणों के विषय में तो अधिकांश भारतवासी परिचित हैं ही। कमजोर स्मरण शक्ति, मानसिक तनाव, स्नायुदौर्बल्य, हड्डियों की कमजोरी, बौद्धिक क्षमता की कमी...आदि कई बेहद कठिन समस्याओं में भी बादाम का प्रयोग बहुत ही फायदेमंद है।

बुधवार, 28 मार्च 2012

देसी इलाज : महिलाओं के वो मुश्किल दर्द भरे दिन हो जाएंगे आसान

महिलाओं के लिए मासिक धर्म वो कुछ दिन कठिनाई भरे होते हैं। मासिक धर्म के दिनों में होने वाली परेशानी व दर्द से मुक्ति के लिए घरेलू इलाज भी असरदार होते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं मीठे नीम के पत्ते का एक घरेलू प्रयोग जो उन दर्द भरे दिनों को आसान बना देगा। 

वैसे तो मीठा पत्ता यानी करी पत्ता का उपयोग छोंक में डालकर भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। लेकिन साथ ही ये एक अच्छी औषधी भी है। कठिनाई और दर्द के साथ मासिक धर्म होने पर करी पत्ते का नियमित रूप से सेवन करने पर इस शिकायत से आश्चर्यजनक ढंग से मुक्ति मिल जाती है।

कैसे करें सेवन- इसके लिए मीठे नीम के पत्तों को सुखाकर इनका बारीक पाउडर तैयार कर लें। यह चूर्ण एक चाय चम्मच भर मात्रा में गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। सवेरे और शाम दिन में दो बार यह प्रयोग दोहराएं। कढ़ी, दाल, पुलाव आदि के साथ करी पत्ते का नियमित सेवन बेहद फायदेमंद है।

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