मंगलवार, 10 अप्रैल 2012

अमरबेल के खास नुस्खे: दांत और चेहरा दोनों हो जाएंगे चिकने और चमकदार

अमरबेल में कई ऐसे दिव्य गुण पाए जाते हैं जिनसे रोगों का आसानी से घरेलू उपचार किया जा सकता है। ग्रामीण अंचलो में सरलता से पाए जाने वाले इस पौधे की कई विशेषताए हैं। साथ ही कई रोगों के उपचार में भी इसका प्रयोग किया जाता है।

कैसे पहचाने- अमरबेल बिना जड़ का पीले रंग का परजीवी पौधा है। यह पेड़ों के ऊपर अपने आप उग आती है। बिना जड़ के पौधों पर ऊपर की ओर चढ़ता है। इसमें गुच्छों में सफेद फूल लगे होते हैं।

उपयोग-  कैसी भी खुजली हो, अमरबेल पीसकर उस पर लेप करने से खुजली खत्म हो जाती है। 

- पेट फूलने एवं आफरा होने पर इसके बीज जल में उबालकर पीस लें। इसका गाढ़ा लेप पेट पर लगाने से आफरा और उदर की पीड़ा खत्म होती है।

- खून की खराबी होने पर कोमल ताजी फलियों के साथ तुलसी की चार-पांच पत्तियां चबा-चबाकर चूसना चाहिए।

- इसके पत्तों का रस पीने से मूत्र संबंधी विकार दूर होते हैं। 

- अमरबेल के फूलों का गुलकंद बनाकर खाने से याददाश्त में वृद्धि होती है।

- अमरबेल को पानी में उबालकर उससे सूजन वाली जगह की सिकाई करें। कुछ दिनों तक इसका इस्तेमाल करने पर सूजन कम हो जाती है।

- इसके पत्तों का रस में सादा नमक मिलाकर दांतों पर मलने से दांत चमकीले होते हैं।

- अमरबेल की टहनी का दूध चेहरे पर लगाने से गजब का निखार आता है।

- यह प्रयोग करने से महावारी नियमित होती है। 

- अमरबेल के चूर्ण को सोंठ और घी मिलाकर लेप करने से पुराना घाव भरता है या इसके बीजो को पीसकर पुराने घाव पर लेप करें, इससे घाव ठीक हो जाता है।

तेज तर्रार याददाश्त चाहिए??..तो गर्मी में बनाकर खाएं ये स्पेशल टॉनिक

वीक मेमोरी या कमजोर याददाश्त एक ऐसी बीमारी है। जिसमें इंसान कही हुई बात या याद हुई चीज को तुरंत भूल जाता है। भूलने वाले लोगों के लिए यह बहुत अधिक परेशानियों का कारण है, इसके लिए एक आयुर्वेदिक नुस्खा यहां दिया जा रहा है, जो स्मरण शक्ति बढ़ाता है।

- सामग्री- ब्राह्मी, मुलहठी, गिलोय, शंखाहूली सभी 50-50 ग्राम लें।

 निर्माण विधि- सभी द्रव्यों को कूट पीसकर कपड़े से छानकर चूर्ण बना लें। फिर इसमें सोने का अर्क या भस्म 3 ग्राम मिलाकर खरल में घोटाई करें। जिससे स्वर्णभस्म अच्छी तरह मिल जाए, उसके बाद एक बोतल में सुरक्षित रख लें।

सेवन विधि - उम्र के अनुसार इस चूर्ण को आधा ग्राम से दो ग्राम की मात्रा में लेकर घी और शहद (विषम मात्रा में) मिलाकर खाएं, घी कम और शहद ज्यादा मात्रा में लेना चाहिए। कुछ दिनों तक इसके सेवन से स्मरणशक्ति और बुद्धि तीव्र होती है तथा भूलने की आदत से छुटकारा मिल जाता है।

सोमवार, 9 अप्रैल 2012

आसान तरीका: बिना दवा के करें पेट से जुड़ी हर बीमारी का इलाज

 भागदौड़ से भरी जिंदगी के कारण सही समय पर न खाना या असंयमित भोजन से यह समस्या कई लोगों के साथ होती है। इससे निपटने के लिए प्रतिदिन उदर शयनासन करना श्रेष्ठ उपाय है क्योंकि ये आसन पेट से जुड़ी लगभग हर समस्या का बिना दवा के इलाज कर देता है।

उदर शयनासन की विधि

सामान्यत: इस आसन की दो विधियां हैं। किसी सुविधाजनक स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। पांवों के पंजों को परस्पर मिलाकर रखें। हाथों को कोहनियों से मोड़कर, सिर के पिछले हिस्से में इधर-उधर लगा लें। दो-दो मिनिट तक इस क्रिया को 4-5 बार अवश्य करें। दूसरी स्थिति में पहले की तरह पेट के बल लेट जाएं। पंजों को साथ-साथ मिला लें और दोनों हाथों को भी सिर के इधर-उधर से निकाल कर, पैरों की तरह सीधे तान लें। पैरों के पंजों और हाथों की हथेलियों को जमीन पर स्पर्श कराएं।



आसन के लाभ

इस आसन के नियमित अभ्यास से पेट संबंधी कई छोटी-छोटी बीमारियां तो हमेशा दूर रहती हैं साथ ही कब्ज, एसीडिटी की समस्या कभी नहीं होती। इस आसन से अत्यधिक कार्य के बाद महसूस होने वाली थकान भी समाप्त हो जाती है। यह आसन सभी स्त्री और पुरुषों के लिए लाभदायक है। इससे सिर, छाती और पेट संबंधी विकार नष्ट हो जाते हैं।

चुटकीभर हल्दी का देसी नुस्खा: ये हर तरह के जाइंट पेन को ठीक कर देगा


खान-पान और प्रदूषण के दुष्प्रभाव के कारण आजकल किसी भी उम्र में जोड़ों का दर्द होना एक आम समस्या है। असल में हमारा शरीर इस प्रकृति का ही एक हिस्सा है। इसलिये शरीर से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी हमें प्रकृति की गोद में ही मिल सकता है। आइये हम बताते हैं कि आप कैसे नेचुरल देसी तरीकों से जोड़ों के दर्द  से छुटकारा पा सकते हैं....
- सरसों के तेल में चुटकीभर हल्दी मिलाकर धीमी आंच पर गर्म कर लें। इस तेल के ठंडा होने पर शरीर के सभी जोड़ों पर  इसकी हल्की मसाज करें। सुबह की नर्म धूप में यह प्रयोग करने पर सीघ्र लाभ मिलता है। मसाज के बाद शरीर को तत्काल ढक लें हवा न लगने दें अन्यथा लाभ की बजाय हानि भी हो सकती है।
- अजवाइन को तवे के ऊपर थोड़ी धीमी आंच पर सेंक लें तथा ठंडा होने पर धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएं। लगातार 7 दिनों तक यह प्रयोग किया जाए तो आठवे दिन से  ही जोड़ों के दर्द या कमर दर्द में 100 फीसदी लाभ होता है।
- जहां दर्द होता होता है हो वहां 5 मिनट तक गरम सेंक करें और दो मिनट ठंडा सेंक देने से तत्काल लाभ पहुंचता है।

सिरदर्द को समझे... ये बन सकता है कारण इन जानलेवा बीमारियों का

रिलेक्सेशन न मिलने के कारण या अन्य कई वजहों से अक्सर सिरदर्द हो जाया करता है। ऐसे में ज्यादा पेन किलर खाने पर रिएक्शन का डर बना रहता है। साथ ही सिरदर्द का इस तरह से इलाज करना कई बार बड़ी जानलेवा बीमारियों का कारण बन जाता है। सिर दर्द कई जानलेवा बीमारियों का एक प्रमुख लक्षण है, दर्द होना यह प्रदर्शित करता है कि शरीर में कहीं कोई गड़बड़ी अवश्य है, सिर दर्द में थकान होना भी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है।

किस रोग की संभावना- सिर में अक्सर दर्द रहना हाई ब्लडप्रेशर, ब्रेन ट्यूमर,साइनस या फिर ब्रेन हेमरेज का सूचक भी हो सकता है।

 क्या करें- अगर आपके सिर में अक्सर दर्द रहता है, कि पेनकिलर्स लेने पर ठीक भी हो जाता है, तो इसे नजरअंदाज न करें। अगर दर्द के साथ-साथ उल्टियां भी होती हों तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। इसके अलावा दर्द के साथ आंखों की रोशनी कम होती जाए या चक्कर भी आएं तो यह ब्रेन ट्यूमर होने का इशार हो सकता है।

रविवार, 8 अप्रैल 2012

कमर पतली हो जाएगी और स्कीन चमकने लगेगी इस आसन से

कई बार ज्यादा मोटापा या स्कीन प्राब्लम्स खूबसूरती को छूपा देते हैं। ऐसे में स्कीन पर बहुत अधिक कास्मेटिक यूज करने या वजन घटाने की हानिकारक गोलियां खाने से अच्छा है, रोजाना कुछ देर योगा किया जाए। माना जाता है रोजाना दस मिनट मृगासन करने से कमर पतली और आकर्षक होती है साथ ही चेहरा भी चमकने लगता है।

मृगासन की विधि

किसी स्वच्छ स्थान पर कंबल या अन्य कोई आसन बिछाकर बैठ जाएं। अब घुटनों को मोड़कर पैरों को पीछे करके बैठ जाएं। पेट और छाती को जानुओ पर जमा कर रखें। अब दोनों हाथों को पीछे ले जाएं और कमर के पीछे तानकर सीधे उठाएं। चेहरा जमीन पर नहीं लगना चाहिए। सांस रोककर नितंबों को उठाएं। पूरे शरीर का भार घुटनों पर आना चाहिए। अब नितंबों को टांगों पर रख दें, हाथों को आगे कर सीधे हो जाएं और सांस छोड़कर सामान्य अवस्था में आ जाएं।

मृगासन के लाभ

इस आसन से मधुमेह में लाभ मिलता है साथ ही इससे शरीर की फालतू चर्बी भी कम हो जाती है। इस आसन से पाचन-क्रिया ठीक होती है। गठिया के दर्द में भी लाभ मिलता है। इससे घुटनों को मजबूती मिलती है। जब तक इस आसन का अभ्यास करेंगे कमर दर्द की शिकायत नहीं होती। इससे शरीर में हल्कापन, सुंदरता और त्वचा में चमक आती है।

संतरे के छिलके को ऐसे लगाएं तो मुहांसे मिटेंगे, चेहरा एकदम क्लीन हो जाएगा

युवाअवस्था में कदम रखते ही हार्मोनल चेंजेस के कारण अधिकतर युवक और युवतियों को ब्लेकहेड्स, व्हाइट हेड्स  और पिंपल्स जैसी समस्याएं सताने लगती हैं। मुंहासों की समस्या से निजात पाने के लिए बाजार में कई तरह की दवाईयां और क्रीम उपलब्ध हैं लेकिन बिना चिकित्सकीय निर्देशन के इनके इस्तेमाल से बचना चाहिए। ऐसे में जब चेहरे पर थोड़े बहुत मुहांसे हों तो घरेलू उपाय अपनाना ज्यादा बेहतर होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं नारंगी के छिलकों का ऐसा प्रयोग जिससे आपकी स्कीन क्लीन एंड क्लियर हो जाएगी।

मुहांसों से मुक्ति- नारंगी और चारोली के छिलकों को दूध के साथ पीस कर इसका लेप तैयार कर लें और चेहरे पर लगाए। इसे अच्छी तरह सूखने दें और फिर खूब मसल कर चेहरे को धो लें। इससे चेहरे के मुहांसे गायब हो जाएंगे। अगर एक हफ्ते तक प्रयोग के बाद भी असर न दिखाई दे तो लाभ होने तक इसका प्रयोग जारी रखें।

चमकता चेहरा- चारोली को गुलाब जल के साथ सिलबट्टे पर या मिक्सर में बारीक पीस कर लेप तैयार कर चेहरे पर लगाएं। लेप जब सूखने लगे तब उसे अच्छी तरह मसलें और बाद में चेहरा धो लें। इससे आपका चेहरा चिकना, सुंदर और चमकदार हो जाएगा। इसे एक सप्ताह तक हर रोज प्रयोग में लाए। बाद में सप्ताह में दो बार लगाते रहें। इससे आपका चेहरा लगेगा हमेशा चमकदार व खिला-खिला और हरदम ताजातरीन भी।

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