सोमवार, 7 मई 2012

खाना न पचने पर अपनाएं ये छोटे-छोटे घरेलू टिप्स

1- नींबू को काटकर नमक डालकर गर्म करके चूसने पर खाना आसानी से पच जाता है।



2- दही में सिका हुआ जीरा, नमक और कालीमिर्च डाल कर रोज खाने से खाना जल्दी पच जाता है। 



3- दो लौंग पीसकर उबलते हुए आधा कप पानी में डाले फिर ठंडा करके पी जाएं। इसे रोज तीन बार करें। 



4- प्याज काटकर नींबू निचोड़ कर भोजन के साथ खाने से बदहजमी दूर होता है। 



5- तीन ग्राम राई को पीसकर पानी में घोलकर पीने से फायदा मिलता है।



6- खाने के बाद तुलसी और कालीमिर्च चबाने से अपच की समस्या खत्म हो जाती है।



7- खाने के बाद छाछ पीने से भी लाभ होता है।



8- दालचीनी, सौंठ और इलायची थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मिलाकर खाएं अपच की समस्या नहीं होगी।

एक छोटा सा नींबू भी कर सकता है इन बड़ी प्रॉब्लम्स का इलाज!


नींबू को विटामिन ''सी'' का सबसे अच्छा स्त्रोत व स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। विशेषकर पेट से संबंधित समस्याओं के लिए नींबू का प्रयोग अनेक तरीकों से किया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं नींबू के ऐसे ही कुछ प्रयोगों के बारे में जिनसे आप कई छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पा सकते हैं।



नींबू की शिकंजी, चीनी के बजाय सेंधा नमक डालकर पिएं कब्ज दूर हो जाएगी। स्कर्वी रोग में नींबू कारगर है एक भाग नींबू का रस और आठ भाग पानी मिलाकर रोजाना दिन में एक बार लें। नींबू के रस में थोड़ी शकर मिलाकर इसे गर्म कर सिरप जैसा बना लें। फिर इसमें थोड़ा पानी मिलाकर पीएं पित्त के लिए यह अचूक औषधि है। आधे नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर चाटने से तेज खांसी व जुकाम में लाभ होता है।

नींबू से हृदय की असामान्य धड़कन सामान्य हो जाती है।

उच्च रक्तचाप के रोगियों की रक्तवाहिनियों को यह शक्ति देता है। एक नींबू के रस में तीन चम्मच शकर, दो चम्मच पानी घोलकर बालों की जड़ों में लगाकर एक घंटे बाद अच्छे से सिर धोने से रूसी दूर हो जाती है और बाल गिरना बंद हो जाते हैं। बालों में रूसी है तो बालों की जड़ों में नींबू का रस थोड़ी देर के लिए लगाकर छोड़ दें। फिर कुछ देर बाद सिर धो लें। रूसी से छुटकारा मिल जाएगा। शैम्पू करने के बाद थोड़े-से पानी में नींबू का रस मिलाकर बालों पर लगाएं। बाल चमकदार व मुलायम हो जाएंगे।

मोटापे से परेशान हैं तो सुबह हल्के गर्म पानी में नींबू का रस डालकर पीएं। निरंतर प्रयोग से वजन कम हो जाएगा। मलेरिया और हैजा जैसी बीमारियों में भी नींबू पानी बहुत ही फायदेमंद है। काली कोहनियों को साफ करने के लिए नींबू को दो भागों में काटें और उस पर खाने वाला सोडा डालकर कोहनियों पर रगड़ें। मैल साफ हो जाएगा, कोहनियां मुलायम हो जाएंगी।

नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है। नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है। नींबू में पिसी काली मिर्च छिड़क कर जरा सा गर्म करके चूसने से मलेरिया ज्वर में आराम मिलता है। नींबू के बीज को पीसकर लगाने से गंजापन दूर होता है। बहरापन हो तो नींबू के रस में दालचीनी का तेल मिलाकर कान में डालें। आधा कप गाजर के रस में नींबू का रस मिलाकर पीएं,खून की कमी दूर होगी।

शहद खाएं तो इन बातों का रखें ध्यान वरना ये जहर बन जाएगा

शहद को आयुर्वेद में अमृत माना गया है। रोजाना सही ढंग से शहद लेना सेहत के लिए अच्छा होता है। लेकिन गलत तरीके से शहद का सेवन करने से फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है। इसलिए जब भी शहद का सेवन करें नीचे लिखी बातों को जरूर ध्यान में रखें।



- चाय, कॉफी में शहद का उपयोग नहीं करना चाहिए। शहद का इनके साथ सेवन जहर के समान काम करता है।



- अमरूद, गन्ना, अंगूर, खट्टे फलों के साथ शहद अमृत है।



- इसे आग पर कभी न तपायें।



- मांस, मछली के साथ शहद का सेवन जहर के समान है।



- शहद में पानी या दूध बराबर मात्रा में हानिकारक है।



- चीनी के साथ शहद मिलाना अमृत में विष मिलाने के समान है।



- एक साथ अधिक मात्रा में शहद न लें। ऐसा करना नुकसानदायक होता है। शहद दिन में दो या तीन बार एक चम्मच लें।



- घी, तेल, मक्खन में शहद जहर के समान है।



- शहद खाकर किसी तरह की परेशानी महसूस हो रही हो तो नींबू का सेवन करें।

शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

पपीता का असर....ऐसे करेगी ये पेट और स्कीन की सारी परेशानियों को बेअसर

पपीता एक ऐसा फ्रूट है। जो टेस्टी होने के साथ ही गुणों से भरपूर है। पपीते के नियमित सेवन से शरीर को विटामिन-ए और विटामिन सी की एक निश्चित मात्रा प्राप्त होती है, जो अंधेपन से बचाती है। पीले रंग के पपीते के मुकाबले लाल पपीते में कैरोटिन की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है। इस फल का चिकित्सकीय महत्व भी काफी है, यह सुपाच्य होता है। पेट में गैस बनने से रोकता है। कब्ज का दुश्मन है और स्वास्थ्य व सौंदर्यवर्धक है। पपीते में पाए जाने वाले पपाइन नामक एंजाइम से भोजन पचाने में मदद मिलती है। यह मोटापे का भी दुश्मन हैं।

पेट के रोगों को दूर करने के लिए पपीते का सेवन करना लाभकारी होता है। पपीते के सेवन से पाचनतंत्र ठीक होता है। पपीते का रस अरूचि, अनिद्रा (नींद का न आना), सिर दर्द, कब्ज व आंवदस्त आदि रोगों को ठीक करता है। पपीते का रस सेवन करने से खट्टी डकारें बंद हो जाती है। पपीता पेट रोग, हृदय रोग, आंतों की कमजोरी आदि को दूर करता है। पके या कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाना पेट के लिए लाभकारी होता है।

पपीते के पत्तों के उपयोग से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है और हृदय की धड़कन नियमित होती है। पपीते में विटामिन डी, प्रोटीन, कैल्शियम, लौह तत्व आदि सभी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।पपीता वीर्य को बढ़ाता है, पागलपन को दूर करता है एवं वात दोषों को नष्ट करता है। इसके सेवन से जख्म भरता है और दस्त व पेशाब की रुकावट दूर होती है। कच्चे पपीते का दूध त्वचा रोग के लिए बहुत लाभ करता है। पका पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है, भूख को बढ़ाता, पेशाब अधिक लाता है, मूत्राशय के रोगों को नष्ट करता है, पथरी को लगाता है और मोटापे को दूर करता है। पपीता कफ  के साथ आने वाले खून को रोकता है एवं खूनी बवासीर को ठीक करता है। पपीता त्वचा को ठंडक पहुंचाता है। पपीते के कारण आंखो के नीचे के काले घेरे दूर होते हैं।कच्चे पपीते के गूदे को शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाने से कील-मुंहांसो का अंत होता है।

इससे बॉडी हो जाएगी चुस्त-दुरुस्त और खून भी बढ़ जाएगा

स्वस्थ जीवन जीने के  लिए सही आहार और विहार दोनों ही जरूरी है। कई बार इन दोनों में ही अनियमितता के कारण जल्दी थकान और खून की कमी जैसी प्रॉब्लम्स सताने लगती है। ऐसे में इन परेशानियों को जल्दी से दूर करने के लिए और शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए आयुर्वेद में कई औषधीय

योग बताए गए है जिनके सेवन से इन प्रॉब्लम्स से छुटकारा पाया जा सकता है। हम बताने जा रहे हैं  आज आपको एक ऐसा ही घरेलू योग जो खून की कमी को दूर करने के साथ ही शरीर को शक्तिशाली भी बनाता है।

विधि- सितोपलादि चूर्ण 50 ग्राम, आमल की रसायन 50 ग्राम, अश्वगंधा सत्व 50 ग्राम, शतावर चूर्ण 10 ग्राम, सिद्धमकर ध्वज 5 ग्राम, लौहभस्म 100 पुटी 10 ग्राम, अष्ट वर्ग चूर्ण 25 ग्राम, शहद 300 ग्राम इस योग को 5 से 10 ग्राम सुबह- शाम चाटकर मीठा दूध पीएं। इसके सेवन से नए खून के निर्माण के साथ ही शक्ति का संचार हो जाता है। शरीर में कायाकल्प हेतु ये योग बहुत अच्छा माना जाता है।

बुधवार, 18 अप्रैल 2012

शादी के बाद भी फिगर मैंटेन रखने के लिए


शादी के बाद भी फिगर मैंटेन रखने के लिए

शादी के बंधन में बंधने के अधिकतर महिलाएं अपने ऊपर ध्यान नहीं दे पाती हैं। ध्यान नहीं देने के कारण वे कई बार अपनी बीमारियों को छिपाए रखती हैं। इस तरह अंदर ही अंदर वे कमजोर होती जाती हैं। श्वेत रक्त प्रदर, रक्त प्रदर , मासिक धर्म की अनियमितता, कमजोरी दुबलापन, सिरदर्द, कमरदर्द आदि। ये सभी बीमारियां शरीर को स्वस्थ और सुडौल नहीं रहने देती हैं।  इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसा आयुर्वेदिक नुस्खा जो महिलाओं की हर तरह की कमजोरी को दूर करता है।साथ ही शरीर को स्वस्थ और सुडौल बनाता है।



नुस्खा- स्वर्ण भस्म या वर्क दस ग्राम, मोती पिष्टी बीस ग्राम, शुद्ध हिंगुल तीस ग्राम, सफेद मिर्च चालीस ग्राम, शुद्ध खर्पर अस्सी ग्राम। गाय के दूध का मक्खन पच्चीस ग्राम थोड़ा सा नींबू का रस पहले स्वर्ण भस्म या वर्क और हिंगुल को मिला कर एक जान कर लें। फिर शेष द्रव्य मिलाकर मक्खन के साथ घुटाई करें। फिर नींबु का रस कपड़े की चार तह करके छान लें और इसमें मिलाकर चिकनापन दूर होने तक घुटाई करनी चाहिए।आठ-दस दिन तक घुटाई करनी होगी। फिर उसकी एक-एक रत्ती की गोलियंा बना लें।



सेवन की विधि-  1 या 2 गोली सुबह शाम एक चम्मच च्यवनप्राश के साथ सेवन करें। इस दवाई का सेवन करने से महिलाओं को प्रदर रोग, शारीरिक क्षीणता, और कमजोरी आदिसे मुक्ति मिलती है और शरीर स्वस्थ और सुडौल बनता है। यह दवाई स्वर्ण मालिनी वसंत के नाम से बाजार में भी मिलती है। इसके सेवन से शरीर बलशाली होता है। शरीर के सभी अंगों को ताकत मिलती है।

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