गुरुवार, 16 अगस्त 2012

स्‍पा ट्रीटमेंट से लीजिये स्‍वास्‍थ्‍य लाभ

झुर्रियों रहित त्‍वचा- फेमस केरला मसाज जिसको हॉट स्‍टोन मसाज भी बोला जाता है, शरीर की थकान को मिटाने में काफी सहायक होता है। जब यह माथे या चेहरे पर लगाया जाता है, तो वहां पर पडी़ झुर्रियां जो कि स्‍ट्रेस की वजह से होती हैं वह सब गायब हो जाती हैं।
त्‍वचा से तनाव हटाए- शरीर की ही तरह से त्‍वचा पर भी तनाव का असर पड़ता है। तनाव से त्‍वचा बूढी नजर आने लगती है। त्‍वचा पर पडे़ डार्क स्‍पॉट और मुर्झायापन एजिंग की निशानी होती है। लेकिन अगर आप मसाज करवाएंगी तो आपकी स्‍किन की मसल्‍स से तनाव हटेगा और आप जवान दिखने लगेगी।
मोटापा कम करे- ज्‍यादा मोटापा शरीर का लुक बिल्‍कुल खराब कर देता है। लेकिन स्‍पा उपचार से शरीर से चर्बी हटती है वो भी बडी ही प्रभावशाली तरीके से।
स्‍किन से गंदगी निकाले- हम प्रदूषण वाले इलाके में रहते हैं इसलिये इसमें कोई शक की बात नहीं है कि हमारा शरीर इससे प्रभावित रहे बगैर नहीं रह सकता। स्‍पा उपचार के वॉटर ट्रीटमेंट से शरीर की सूजन कम होती है और जहरीले तत्‍व बाहर निकलते हैं।
ब्‍लड सर्कुलेशन बढाए- जकुजी या वर्लपूल बाथ में नहाने से स्‍वास्‍थ्‍य पर अच्‍छा असर पड़ता है। इससे ब्‍लड सर्कुलेशन अच्‍छा हो जाता है जिससे शरीर पर ग्‍लो आता है और इंसान जवान दिखने लगता है।
शरीर को ऑक्‍सीजन मिलता है- ऑक्‍सीजन फेशियल आपको कभी इतनी एनर्जी नहीं दे पाएगा जितना आप स्‍पा ट्रीटमेंट कर के पा सकते हैं। बॉडी स्‍पा ट्रीटमेंट से शरीर के अंदर तक ऑक्‍सीजन जाता है, जिससे त्‍वचा में जान आ जाती है।

मूंगफली में छुपा है सेहत का राज

1. मूंगफली में न्‍यूट्रियन्‍टस, मिनरल, एंटी-ऑक्‍सीडेंट और विटानि जैसे पदार्थ पाए जाते हैं, जो कि स्‍वास्‍थ्‍य के लिये बहुत ही लाभप्रद साबित होता है।
2. इसमें मोनो इनसैचुरेटेड फैटी एसिड पाए जाते हैं जो कि एलडीएल या खराब कोलस्‍ट्रॉल को कम कर के अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल को बढाते हैं।
3. मूंगफली में प्रोटीन, चिकनाई और शर्करा पाई जाती है। एक अंडे के मूल्य के बराबर मूंगफलियों में जितनी प्रोटीन व ऊष्मा होती है, उतनी दूध व अंडे से संयुक्त रूप में भी नहीं होती।
4. इसकी प्रोटीन दूध से मिलती-जुलती है, चिकनाई घी से मिलती है। मूँगफली के खाने से दूध, बादाम और घी की पूर्ति हो जाती है।
5. एक स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों के रक्त में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल अधिक होता है, वे अगर मूंगफली खाएं, तो उनके ब्लड के लिपिड लेवल में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल 10.2 फीसदी कम हो जाता है।
6. अगर आप सर्दी के मौसम में मूंगफली खाएंगे तो आपका शरीर गर्म रहेगा। यह खाँसी में उपयोगी है व फेफड़े को बल देती है।
7. भोजन के बाद यदि 50 या 100 ग्राम मूंगफली प्रतिदिन खाई जाए तो सेहत बनती है, भोजन पचता है, शरीर में खून की कमी पूरी होती है और मोटापा बढ़ता है।
8. इसे भोजन के साथ सब्जी, खीर, खिचड़ी आदि में डालकर नित्य खाना चाहिए। मूंगफली में तेल का अंश होने से यह वायु की बीमारियों को भी नष्ट करती है।
9. मुट्ठी भर भुनी मूंगफलियां निश्चय ही पोषक तत्वों की दृष्टि से लाभकारी हैं। मूंगफली में प्रोटीन, केलोरिज और विटामिन के, इ, तथा बी होते हैं, ये अच्छा पोषण प्रदान करते हैं।
10. मूंगफली पाचन शक्ति को बढ़ाती है, रुचिकर होती है, लेकिन गरम प्रकृति के व्यक्तियों को हानिकारक भी है। मूंगफली ज्यादा खाने से पित्त बढ़ता है अतः सावधानी रखें।

शुक्रवार, 10 अगस्त 2012

घर में बनाएं खुजली नाशक तेल

त्वचा पर खुजली चलने, दाद हो जाने, फोड़े-फुंसी हो जाने पर खुजा-खुजाकर हाल बेहाल हो जाता है और लोगों के सामने शर्म भी आती है।

यदि आप कोई क्रीम या दवा लगाना न चाहें या लगाने पर भी आराम न हो तो घर पर ही यह चर्म रोगनाशक तेल बनाकर लगाएं, इससे यह व्याधियां दूर हो जाती हैं।

तेल बनाने की विधि : नीम की छाल, चिरायता, हल्दी, लाल चन्दन, हरड़, बहेड़ा, आंवला और अड़ूसे के पत्ते, सब समान मात्रा में। तिल्ली का तेल आवश्यक मात्रा में। सब आठों द्रव्यों को 5-6 घंटे तक पानी में भिगोकर निकाल लें और पीसकर कल्क बना लें।

पीठी से चार गुनी मात्रा में तिल का तेल और तेल से चार गुनी मात्रा में पानी लेकर मिलाकर एक बड़े बरतन में डाल दें। इसे मंदी आंच पर इतनी देर तक उबालें कि पानी जल जाए सिर्फ तेल बचे। इस तेल को शीशी में भरकर रख लें।

जहां भी खुजली चलती हो, दाद हो वहां या पूरे शरीर पर इस तेल की मलिश करें। यह तेल चमत्कारी प्रभाव करता है। लाभ होने तक यह मालिश जारी रखें, मालिश स्नान से पहले या सोते समय करें और चमत्कार देखें।

चमकदार स्किन के लिए चारोली


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चारोली का उपयोग अधिकतर मिठाई में जैसे हलवा, लड्डू, खीर, पाक आदि में सूखे मेवों के रूप में किया जाता है। इसका शरीर की सुंदरता कायम रखने में भी उपयोग किया जाता है। पेश है कुछ नुस्खे-

चमकती त्वचा - चारोली को गुलाब जल के साथ सिलबट्टे पर महीन पीस कर लेप तैयार कर चेहरे पर लगाएं। लेप जब सूखने लगे तब उसे अच्छी तरह मसलें और बाद में चेहरा धो लें। इससे आपका चेहरा चिकना, सुंदर और चमकदार हो जाएगा। इसे एक सप्ताह तक हर रोज प्रयोग में लाए। बाद में सप्ताह में दो बार लगाते रहें। इससे आपका चेहरा लगेगा हमेशा चमकदार।

मुंहासे - नारंगी और चारोली के छिलकों को दूध के साथ पीस कर इसका लेप तैयार कर लें और चेहरे पर लगाए। इसे अच्छी तरह सूखने दें और फिर खूब मसल कर चेहरे को धो लें। इससे चेहरे के मुंहासे गायब हो जाएंगे। अगर एक हफ्ते तक प्रयोग के बाद भी असर न दिखाई दे तो लाभ होने तक इसका प्रयोग जारी रखें।

गीली खुजली - अगर आप गीली खुजली की बीमारी से पीड़ित हैं तो 10 ग्राम सुहागा पिसा हुआ, 100 ग्राम चारोली, 10 ग्राम गुलाब जल इन तीनों को साथ में पीसकर इसका पतला लेप तैयार करें और खुजली वाले सभी स्थानों पर लगाते रहें। ऐसा करीबन 4-5 दिन करें। इससे खुजली में काफी आराम मिलेगा व आप ठीक हो जाएंगे।

शीत पित्ती - शरीर पर शीत पित्ती के ददोड़े या फुंसियां होने पर दिन में एक बार 20 ग्राम चिरौंजी को खूब चबा कर खाएं। साथ ही दूध में चारोली को पीसकर इसका लेप करें। इससे बहुत फायदा होगा। यह नुस्खा शीत पित्ती में बहुत उपयोगी है।

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