बुधवार, 3 नवंबर 2010

चोट-(INJURY) लगना

चोट-(INJURY)
आज के व्यस्त माहौल में चोट लगना कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि हमारे रोजाना के कामों में सावधानी बरतने के बाद भी चोट लग ही जाती है। बच्चे भी अक्सर खेलते-खेलते अपने आपको चोट पहुंचवा ही लेते हैं।

ग्वार
ग्वार और तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पानी में डालकर पका लें। इसे मोच या चोट वाली जगह पर लगाने से दर्द कुछ ही देद में दूर हो जाता है।
वनहल्दी
वनहल्दी का लेप चोट, मोच एवं सूजन में काफी उपयोगी होता है। वनहल्दी के सिद्ध तेल का प्रयोग भी लेप की तरह ही उपयोगी होता है। इस तेल से रोजाना 3-4 बार मालिश करने से चोट के कारण होने वाला दर्द ठीक हो जाता है।
घी
घी और कपूर को बराबर मात्रा में मिलाकर किसी भी चोट के स्थान पर बांधने से दर्द दूर होता है तथा खून बहना भी बंद हो जाता है।
कुन्दुरू
चोट लगने के कारण सूजन होने पर कुन्दरू और खस-खस के तेल और सफेद मोम को हल्की आग पर पिघलाकर कपड़े से छानकर, तैयार मलहम को रोजाना 2-3 बार लगाने से लाभ होता है।
कुन्दुरू की गोंद, अफीम, धतूरा और अजवायन को एकसाथ मिलाकर मोटे कपड़े पर सूखा लेप चढ़ाकर पट्टी करने से रक्तवाहिनियों के संकुचन के कारण होने वाला दर्द कम हो जाता है।
पान
पान के रस में चूना मिलाकर सूजन वाले भाग पर पट्टी बांधने से दर्द और सूजन में आराम होता है।
पान के पत्ते पर चूना और कत्था लगाकर उसमें थोड़ा सा तम्बाकू डालकर पीस लें फिर गुनगुना करके चोट पर बांधने से दर्द दूर होता हैं और जख्म जल्दी भर जाता है।
पान के पत्तें को चोट लगी हुई जगह पर बांधने से लाभ होता है।
तारपीन
चाकू, छूरी, तलवार आदि से कटे हुए स्थान से खून बह रहा हो तो असली तारपीन के तेल में रूई का फोहा गीला करके कटे हुए स्थान पर रखें। इससे कुछ ही देर में खून बहना बंद हो जाता है।
चीता
चीता या चित्रक मूल से सिद्ध तेल से मालिश करने पर चोट के कारण होने वाला दर्द कम हो जाता है।
आमचूर
अगर नाखून पर चोट लगे तो आमचूर व नमक को पीसकर पानी में मिलाकर लगाने से आराम होता है।
गेंदा
गेंदे का पंचांग का रस निकालकर चोट, मोच, सूजन पर लगाने व मालिश करने से आराम मिलता है।
बकायन
चोट से पीड़ित स्थान पर खून जमकर उत्पन्न हुई सूजन पर बकायन के 10-20 पत्तों को पीसकर पुल्टिश बनाकर बांधने से सूजन के कारण जमा हुआ खून पिघल जाता है।
10 ग्राम बकायन के फल की गिरी को 100 ग्राम खोपरे के तेल में पीसकर गर्म पानी, घी या तेल आदि के कारण होने वाले घावों में लाभ होता है।

मेथी
मेथी के पत्तों को पीसकर लेप करने से चोट या मोच के दर्द में आराम मिलता है।
मेथी के पत्तों की पुल्टिश (पोटली) बांधने से चोट की सूजन मिट जाती है।
मेथी के पत्तों की पुल्टिश बांधने से चोट की सूजन मिट जाती है। यह बालों को सफेद होने से रोकती है। कब्ज हो तो मेथी के पत्तों की सब्जी खाने से आराम मिलता है।

पानी
चोट लगने या जख्म होने पर ठंडे पानी से भीगा हुआ कपड़ा उस स्थान पर बांध दें। इस कपड़े को बांधने के बाद भी हमेशा गीला रखे रहने से जख्म जल्दी ठीक हो जाता है।


हल्दी
गुम चोट लगने पर 1 चम्मच हल्दी को गर्म दूध के साथ पीने से दर्द और सूजन दूर होती है। चोट लगे स्थान पर हल्दी को पानी में गूंथ कर लेप करने से आराम मिलता है। चोट से खून बह रहा हो तो उस स्थान पर हल्दी भर देने से लाभ मिलता है। आंख में चोट लगने पर भी हल्दी का सेवन करना लाभदायक होता है।
2 चम्मच पिसी हुई हल्दी, 4 चम्मच गेहूं का आटा, 1 चम्मच देशी घी, आधा चम्मच सेंधानमक को थोड़े से पानी में मिलाकर हलुआ बना लें। शरीर में चोट लगे स्थान पर इस हलुवे की पट्टी बांधने से आराम मिलता है। आधा किलो उबलते हुए गर्म पानी में आधा चम्मच नमक डालें। फिर पानी को उतारकर जब पानी सेंक करने जैसा हो जायें तो उसमें कपड़ा भिगोकर चोट लगे हुए अंग पर सिंकाई करने से दर्द आदि में आराम मिलता है।
शरीर की कोई सी भी हड्डी टूटने पर हल्दी का रोजाना सेवन करने से लाभ होता है।
1 प्याज को पीसकर हल्दी में मिलाकर कपड़े सें बांध लें। इसे तिल के तेल में रखकर गर्म करें और चोट लगे हुए स्थान पर सेंक करें। कुछ देर सेंकने के बाद पोटली खोलकर दर्द वाले स्थान पर बांधने से आराम मिलता है।
शरीर में कहीं भी चोट लगी हो या सूजन आ गई हो तो 2 भाग पिसी हुई हल्दी और 1 भाग चूने को एकसाथ मिलाकर लेप करने से लाभ होता है।
चोट लगने के कारण सूजन आने पर 10 कली लहसुन और आधा चम्मच हल्दी को एकसाथ पीसकर 1 चम्मच तेल में गर्म करके सूजन वाली जगह पर लेप करके रुई लगाकर पट्टी बांधने से सूजन जल्दी ही दूर हो जाती है।
3 ग्राम पिसी हुई हल्दी को सुबह-शाम दूध से लेने से चोट या सूजन दूर हो जाती है।
शरीर में कटी हुई जगह पर हल्दी के साथ पिसी फिटकरी या घी भर देने से लाभ होता है।
चोट लगने पर 1 चम्मच हल्दी को गर्म दूध में मिलाकर पीने से दर्द और सूजन दूर हो जाती है। चोट लगी जगह पर हल्दी को पानी में मिलाकर उसका लेप लगाएं और अगर चोट ज्यादा गहरी हो तो उसमें हल्दी भर दें इससे चोट जल्दी भर जाती है। आंख में चोट लगने पर भी हल्दी को खाया जा सकता है। घी और आधा चम्मच सेंधानमक को थोड़े से पानी में मिलाकर हलुवा सा बनाकर चोट पर रखकर बांधें। आधा लीटर उबलते हुए गर्म पानी में आधा चम्मच सेंधानमक ड़ाले, फिर हिलाएं इसमें एक चम्मच हल्दी डाले और बर्तन को उतारकर रख दें जब पानी सेंक करने लायक हो जायें तो कपड़ा भिगोकर चोट वाले अंग पर इससे सेंक करे दर्द में आराम मिलेगा।
केला
चोट या रगड़ लगे हुए स्थान पर केले के छिलके को बांध देने से उस स्थान पर सूजन पैदा नहीं होती। पका हुआ केला और गेहूं का आटा पानी में गूंथकर गर्म करके लेप करने से चोट ठीक हो जाती है।

दूब
चाकू आदि से शरीर का कोई भाग कटने या चोट लगने से खून बह रहा हो तो दूब को कूटकर उसके रस में कपड़े को भिगोकर उसकी पट्टी बांधने से खून का बहना बंद हो जाता है।
लहसुन
लहसुन की कलियों को नमक के साथ पीसकर उसकी पुिल्टस बांधने से चोट और ऐंठऩ में लाभ होता है।
अन्दरूनी चोट में लहसुन, हल्दी और गुड़ को मिलाकर लेप करने से आराम मिलता है।
प्याज:
1 चम्मच पिसी हुई हल्दी को 2 चम्मच प्याज के रस में मिलाकर इसकी पोटली बांधकर सरसों के गर्म तेल में डुबोकर चोट लगे स्थान पर सेंक करें और फिर इसे चोट वाली जगह लेप करें इसके बाद रुई लगाकर पट्टी बांध दें। 2 चम्मच प्याज के रस और 1 चम्मच शहद को मिलाकर 2 बार रोजाना चाटे। इससे चोट का दर्द व सूजन ठीक हो जाती है।
प्याज को काटकर कपड़े में बांध लें। इसे मोच वाली जगह पर लपेटने से मोच के कारण होने वाली सूजन कम हो जाती है।
खरोंच आने पर प्याज का टुकड़ा काटकर खरोंच वाली जगह पर मलने से लाभ होता है। लेकिन कटी या फटी त्वचा पर प्याज न लगाएं।
नमक
नमक को तवे पर सेंककर गर्म-गर्म ही मोटे कपड़े में बांधकर दर्द वाली जगह को सेंकने से मोच व चोट में आराम मिलता है।
गर्म पानी में नमक घोलकर सेंक करने से चोट ठीक हो जाती है।

अदरक
चोट लगने पर, भारी समान उठाने पर, कुचल जाने पर दर्द होने पर वहां अदरक को पीसकर मोटा लेप करके पट्टी बांध दे। लगभग 2 घण्टे बाद इस पट्टी को हटाकर ऊपर से सरसों का तेल लगाकर सेंक करें। इस तरह एक बार रोजाना लेप करने से दर्द दूर हो जाता है।
एरण्ड
चोट लगने के कारण खून बहने में या घाव होने पर एरण्ड का तेल लगाकर पट्टी बांधने से लाभ होता है।
एरण्ड के पत्ते पर तिल का तेल लगाकर गर्म करके बांधने से चोट के कारण आने वाली सूजन एवं दर्द में लाभ होता है।
10-10 ग्राम एरण्ड के बीज की गिरी और काले तिल को दूध में पीसकर कम गर्म ही मोच पर बांधने से आराम मिलता है।
एरण्ड के कुछ पत्तों को पानी में उबालकर इस पानी को चोट पर लगाने से राहत मिलती है।

कपूर
कपूर को चौगुने तेल में मिलाकर चोट, मोच, ऐंठन आदि में मालिश करने से दर्द दूर होता है।

चन्दन
चोट, मोच के कारण सूजन होने पर चन्दन के तेल का लेप करने से लाभ होता है।

फिटकरी
फिटकरी को कचूर के साथ पीसकर लेप करने से मोच के कारण होने वाला दर्द और सूजन दूर हो जाती है।
आधा ग्राम फिटकरी भूनी को गर्म दूध के साथ सुबह-शाम लेने से गुम चोट में यह बहुत लाभ होता है।
लगभग 4 ग्राम फिटकरी को पीसकर आधा किलो गाय के दूध में मिलाकर पीने से चोट के कारण होने वाला दर्द बंद हो जाता है।
लगभग 10 ग्राम फिटकरी को 40 ग्राम घी में भूनकर रख लें। जब घी जम जायें, तब इस घी में चीनी और मैदा मिलाकर हलुआ बना लें। इस हलुए में 3 दिन तक फिटकरी मिलाकर खाने से चोट लगने के कारण जमा हुआ खून पिघल जाता है।
डेढ़ ग्राम फिटकरी को फांककर उसके ऊपर से दूध पीने से चोट लगने के कारण खून नहीं जमता और इससे होने वाला दर्द दूर हो जाता है।

हरड़
हरड़, आंवला और रसौत को 50-50 ग्राम की मात्रा में कूटकर और छानकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम पानी के साथ लेने से चोट के कारण खून का बहना बंद हो जाता है।
पोदीना
चोट लगने पर अगर खून जम जाए तो पोदीने का रस पीने से जमा हुआ खून पिघल जाता है।
सूखे पोदीने को पीसकर फंकी लेने से चोट आदि के कारण जमा हुआ खून पिघल कर चोट ठीक हो जाती है।
गुड़
चोट लगने के कारण हड्डी टूट जाने पर प्लास्टर लगाकर एक बार की टूटी हड्डी तो जल्द ही ठीक हो जाती है मगर जो हड्डी बार-बार टूटी हो उस में जगह बनने से पानी जमने, सड़ने की संभावना हो सकती है। इसके लिए 1 छोटा चम्मच पिसी हुई हल्दी, 1 चम्मच भर पुराना गुड़ जो कि 1 साल पुराना हो और 2 चम्मच देशी घी को एकसाथ मिलाकर 1 कप पानी में उबालें। जब उबलते-उबलते पानी आधा रह जाये, तब इसे थोड़ा ठंड़ा कर पी जायें। इस प्रयोग को केवल 15 दिन से 6 महीने तक करने से लाभ नज़र आ जाता है।

धनिया
शरीर में खून जमा हो जाने के कारण नील पड़ जाता है। प्राय: गिर-पड़ने, चोट खाने, मार-पीट आदि के कारण ऐसा होता है। ऐसी दशा में 10 ग्राम धनिया, 5 ग्राम हल्दी, 2 पुती लहसुन और ग्वार के पत्ते को एकसाथ मिलाकर सरसों के तेल में अच्छी तरह से पकाना चाहिए। फिर इस तेल को छानकर स्वच्छ शीशी में भर लेना चाहिए। इस तेल में रूई के फाहे को भिगोकर चोट वाले स्थान पर लगाकर पट्टी बांध देनी चाहिए।
यदि शरीर में गुम चोट लगी हो तो सरसों के तेल में पिसा हुआ धनिया डालकर उस तेल में कपड़े के फाहे को भिगोकर चोट वाले स्थान पर धीरे-धीरे सेंक करना चाहिए। चोट वाले स्थान पर धनिये की पोटली भी रखी जा सकती है।
गेहूं
गेहूं की राख, घी और गुड़ को बराबर मात्रा में मिलाकर 1-1 चम्मच सुबह-शाम दिन में 2 बार खाने से चोट का दर्द ठीक हो जाता है।
हड्डी टूटना, चोट, मोच लगने पर गुड़ में गेहूं का हलवा या शीरा बनाकर खायें। 2 चम्मच गेहूं की राख में गु़ड़ और घी मिलाकर रोजाना सुबह-शाम चाटे। इससे दर्द में फायदा होता है और हड्डी जल्दी जुड़ जाती है।

भांग
भांग का एक पूरा पेड़ पीसकर नए घाव में लगाने से घाव में आराम मिलता है। चोट के दर्द को दूर करने के लिए इसका लेप बहुत ही लाभकारी होता है।

बरगद(बड़)
बड़ का दूध चोट, मोच, सूजन पर मलने और दिन में 2-3 बार लगाने से लाभ होता है।

मंगलवार, 2 नवंबर 2010

बालों का गिरना

बालों का गिरना
चाय
सिर धोने के बाद चाय के पानी (बिना चीनी और दूध का) से सिर धोने से बालों में चमक आती है और बालों का टूटना बन्द हो जाता है।
नींबू
बालों में नींबू के रस से मालिश करके धोने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
एक गिलास पानी में 2 चम्मच चाय डालकर उसे उबाल लें और उसे ठंड़ा होने दें। ठंड़ा होने के बाद उसे छानकर उसमें नीबू निचोड़ लें। बालों को अच्छी तरह साफ लेने के बाद इस पानी से बालों को धोयें। इसके बाद साफ पानी से बालों को धोयें। इस तरह बालों को धोने से बाल चमकदार और मुलायम हो जाते हैं और उनका झड़ना भी कम हो जाता है।
ककड़ी
ककड़ी के रस के इस्तेमाल से बाल घने होते हैं।
चौलाई
चौलाई की सब्जी खाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
कनेर
कनेर की जड़, दन्ती और कड़वी तोरई-इन सभी को पीसकर केले के रस (क्षार) में इस तेल को पका लें। इसे बालों में लगाने से बालों का गिरना बन्द हो जाता है।
दही
बालों को गिरने से रोकने के लिए दही से सिर को धोना चाहिए क्योंकि दही में वे सभी तत्व होते हैं जिसकी स्वस्थ बालों को अधिक आवश्यकता रहती है। दही को बालों की जड़ों में लगाकर बीस मिनट बाद धोने से लाभ मिलता है।
हल्दी
कच्ची हल्दी में चुकन्दर के पत्तों का रस मिलाकर सिर में लगायें। इससे बाल नहीं गिरते और नये बाल भी उग आते हैं। बाल सुन्दर और आकर्षक बन जाते हैं।
भाप
बालों में भाप देने से बाल रेशम की तरह चमकदार और स्वस्थ होते हैं। इससे बालों का झड़ना भी बन्द हो जाता है। भाप देने के लिए सबसे पहले एक भगोने में गर्म पानी लें और एक तौलिये में इसे भिगोकर हल्का सा निचोड़कर बालों में लपेट लें। ठंड़ा होने पर दूसरे तौलिया को इसी तरह भिगोकर लपेटें। इसी तरह 10 मिनट तक भाप दें। जिस दिन बालों में भाप देनी है उससे एक दिन पहले ही सिर में तेल लगा लें।
नीम
सिर के बाल गिरने की शुरुआत ही हुई हो तो इसके लिए आप को नीम और बेर के पत्तों को पानी में उबाल लेना चाहिए। इससे बालों को धोने से बालों का झड़ना कम हो जाता है। इस तरह बाल काले भी होंगे और लंबे भी। इसके प्रयोग से सिर की ``जूं´´ भी मर जाती हैं। सिर धोते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह पानी आंखों में प्रवेश न हो। इसके लिए आंखों को बन्द रखें।
पत्तागोभी
पत्तागोभी के 50 ग्राम पत्तों को रोजाना 1 महीने तक खाने से झड़े हुए बाल फिर से उग आते हैं।
तुलसी
कम उम्र में बाल गिरते हो और बाल सफेद हो गये हो तो इसके लिए तुलसी के पत्ते और आंवले का चूर्ण पानी के साथ मिलाकर सिर में मालिश करें। इसके 10 मिनट बाद सिर को धो लें। इससे बालों का झड़ना कम होता है तथा बाल काले और लंबे भी होते हैं।
राई
राई के हिम या फांट से सिर धोने से बाल गिरना बन्द हो जाते हैं। सिर में फोडे़-फुन्सी, जुएं और खुजली आदि रोग समाप्त हो जाते हैं।
दालचीनी
आलिव ऑयल गर्म करके इसमें एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उसका पेस्ट बना लें, इस पेस्ट को बालों की जड़ों व त्वचा पर स्नान करने से 15 मिनट पहले लगा लें। जिन लोगों के सिर के बाल गिरते हो और जो गंजे हो गये हो उन्हें लाभ होता है।
आम
नरम आम की टहनी के पत्तों को पीसकर लगाने से बाल बड़े और काले होते हैं। इन पत्तों के साथ कच्चे आम के छिलकों को पीसकर तेल मिलाकर धूप में रख दें। इस तेल को लगाने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है और बाल काले हो जाते हैं।
लहसुन
बालों में लहसुन का रस लगाकर सूखने दें। इस तरह 3 बार रोज लहसुन का रस कुछ हफ्ते तक लगाते रहने से सिर पर बाल उग जाते हैं।

बालों को काला करना

बालों को काला करना
सरसों
1 किलो सरसो का तेल, रतनजोत, मेहंदी के पत्ते, जलभांगरा के पत्ते तथा आम की गुठलियों को 100-100 ग्राम की मात्रा लेकर सभी को कूटकर लुगदी बना लें और लुगदी को निचोड़ लें। इस पानी को सरसों के तेल में इतना उबालें कि सारा पानी जल जाए, केवल तेल ही शेष बचे। इसे छानकर इसका तेल रोजाना सिर पर लगायें। इस प्रयोग में सुबह के समय शीर्षासन करना चाहिए और सुबह-शाम 250 ग्राम दूध पीना चाहिए। इससे बाल काले हो जाते हैं।

घी
घी खाने और बालों की जड़ों में घी मालिश करने से बाल काले होते हैं।

दही
10 पिसी हुई कालीमिर्च का चूर्ण और 1 नींबू निचोड़कर आधा कप दही में मिला लें और इसे बालों पर लगाकर 20 मिनट तक लगा रहने दें। इसके बाद सिर को धो लें। इससे बाल काले और मुलायम हो जाते हैं।
100 ग्राम दही में बारीक पिसी हुई 1 ग्राम कालीमिर्च को मिलाकर सप्ताह में एक बार सिर को धोयें और बाद में गुनगुने पानी से सिर को धो लें। इस प्रयोग को करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है तथा बाल काले और सुन्दर हो जाते हैं।

कालीमिर्च
जुकाम में भी बाल सफेद हो जाते हैं। अगर बाल जुकाम के कारण सफेद हो गये हो तो 10 कालीमिर्च रोजाना सुबह-शाम निगल जायें। इससे कफ-विकार (बलगम रोग) खत्म हो जाते हैं और नये बाल उगना शुरू हो जाते हैं। इसका प्रयोग 1 साल से अधिक करें। तिल के तेल में कालीमिर्च को बारीक पीसकर बालों में लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
मुल्तानी मिट्टी
100 ग्राम मुल्तानी मिट्टी 1 कटोरे में लेकर पानी में भिगो दें। जब यह 2 घंटे में फूलकर लुग्दी सी बन जाए तो हाथ से मसलकर गाढ़ा घोल बना लें। ध्यान रहे कि इसमें डालिया न बचने पायें। इस घोल को सूखे बालों में डालकर मुलायम हाथों से धीरे-धीरे बालों में लगायें। इसे लगाने के 5 मिनट बाद सर्दियों में गुनगुना और गर्मियों में ठंड़े पानी से धो लें। अगर बाल ज्यादा गंदे हो तो वैसे ही करें। इस तरह साबुन की जगह मुल्तानी मिट्टी से बालों को सप्ताह में 2 बार धोने से उसमें अच्छी चमक देखने को मिलती है। पहली बार ही धोने से सिर में हल्कापन और शीतलता का अनुभव होता है जैसा कि और शैम्पू में नहीं देखने को मिलता है।

काला तिल
250 ग्राम काला तिल, 250 ग्राम गुड़ दोनों को सही तरह से कूटकर रख लें। इसे रोजाना 50 ग्राम खाने से शरीर में ताकत आती है। इससे पेशाब अधिक नहीं लगती और उम्र से पहले आये सफेद बाल काले होने लगते हैं।
काला तिल, सूखा भृंगराज, सूखा आंवला और मिश्री को बराबर लेकर बनाये गये चूर्ण को रोजाना सुबह 6 ग्राम की मात्रा में खाकर ऊपर से 250 ग्राम दूध का सेवन करें। इसे 1 साल तक लगातार खाने से रूप बदल जाता है।
नोट : इस प्रयोग के समय ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

मेहंदी
50 ग्राम मेहंदी, आधा चम्मच कॉफी और 25 आंवला को दूध में भिगोकर बालों में लगा लें, 1 घण्टे के बाद पानी से सिर धो लें, सप्ताह में 2 बार ऐसा करने से सफेद बाल काले-सुनहरे हो जाते हैं।
6 चम्मच मेहंदी, 4 चम्मच सूखा आंवला, 1 चम्मच कॉफी, चौथाई चम्मच कत्था-इन सबको मिलाकर 1 लोहे के बर्तन में कॉफी के उबले हुए पानी में भिगो लें। दूसरे दिन इनका बालों पर लेप करें। 20 मिनट तक लेप को लगा रहने दें। इसके बाद सिर को धो लें और सिर में आंवले का तेल लगाएं। आंवला बालों के लिए एक प्राकृतिक (कुदरती) देन है। इसे बालों में किसी भी तरीके से लगा सकते हैं और इसका रस पीयें। इससे बालों को लाभ होता है।
मेहंदी के पत्तों का चूर्ण और नील के पत्तों का चूर्ण समान मात्रा में लेप बनाकर लगाने से सफेद बाल प्राकृतिक रूप से काले हो जाते हैं।
मेहंदी, दही, नींबू और चाय की पत्तियों को मिलाकर 2 से 3 घंटे तक बालों में लगाने से बाल घने, मुलायम, काले और लंबे हो जाते हैं।
नीम
नीम के बीजों को भांगरा और विजयसार के रस के साथ कई बार उबालकर उसके बीजों का तेल निकालकर 2-2 बूंदों को नाक से लेने से तथा आहार में केवल दूध और भात को खाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।

विशेष
युवावस्था से ही सुबह-शाम भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठकर 2-3 मिनट तक लकड़ी, सींग और हाथी दांत की कंघी करने से बालों का सफेद होना कम हो जाता है। इससे बालों का जल्दी पकना और गिरना, सिर की खुजली, सिर का पिलपिला होना, चक्कर और सिर की गर्मी नष्ट हो जाती

बेसन का शैम्पू
साबुन की जगह सप्ताह में दो बार बेसन को पानी में सही तरह से घोलकर बालों में लगाएं और इसे 1 घण्टे बाद धो लें। इससे बाल घने और काले होते हैं। इस तरह बालों की गन्दगी साफ हो जाती है, बाल चमकीले और मुलायम हो जाते हैं। सिर की खाज खुजली और फुन्सियां जल्द ही ठीक हो जाती हैं।
नारियल
300 ग्राम नारियल के तेल में कालीमिर्च (मोटी कुटी हुई) 3 ग्राम (लगभग एक चम्मच) डालकर गर्म कर लें। थोड़ा तेज गर्म हो जाने पर साफ कपड़े से छानकर बोतल में भर लें। रात में साने से पहले इसे बालों की जड़ों में अंगुलियों के सिरों से हल्की-हल्की मालिश करें। इससे बाल काले हो जाते हैं।
तुलसी
बराबर मात्रा में तुलसी और हरा धनिया पीसकर आंवले के रस के साथ कुछ दिनों तक लगाएं। बाद में ताजे पानी से बालों को धो लें। इससे बाल काले बनते हैं।

तुरई (तोरी)
तुरई के टुकड़ों को छाया में सुखाकर कूट लें। इसमें नारियल का इतना तेल डालें कि यह पूरी तरह से डूब जाए। इसी प्रकार 4 दिनों तक इसे भिगोयें, फिर उबालें और इसे छानकर बोतल में भरकर रख लें। इस तरह इस तेल को बालों में लगाने और मालिश करने से बाल काले हो जाते हैं।

बालों को हटाना

बालों को हटाना
चिकित्सा :
1. थूहर : थूहर का दूध, बालों को जड़ से उखाड़कर लगाने के बाद दुबारा बाल नहीं उगते हैं।
2. कुसुम्बा : कुसुम्बा के तेल की मालिश करने से अनचाहे बाल थोड़ी ही देर में उड़ जाते हैं।
3. शंख-भस्म (शंख की राख) : 50 ग्राम शंख-भस्म, 10 ग्राम हरताल बिर्कया आदि को लेकर बारीक पीसकर रख लें। इसे आवश्कतानुसार लेकर पानी के साथ मिलाकर सिर पर लेप करने से बाल उड़ जाते हैं।
4. अजवायन : खुरासानी अजवायन और अफीम आधा-आधा ग्राम लेकर सिरके में घोट लें और इसे बालों में लगाने से बाल उड़ जाते हैं।
5. हल्दी : अगर शरीर में कही भी अनचाहे बाल उगें हो तो हल्दी का लेप लगायें।

बालों के रोग

बालों के रोग
तिल :
200 ग्राम तिल और नारियल (गोला) के 5 ग्राम गर्म तेल में कपूर का चूर्ण मिलाकर उसे ठंड़ा कर लें। इसे सुबह-शाम बालों की जड़ों में मालिश करने से बालों के रोगों में लाभ होता है।
बालों के गिरने पर तिल का तेल लगाने से लाभ होता है और यह सिर को भी ठंड़ा रखता है।
लगभग 10-10 ग्राम तिल के फूल, गोखरू और नमक को एक साथ पीसकर मक्खन में मिलाकर बालों की जड़ों में मालिश करें। इससे बालों के सभी रोग मिट जाते हैं।
उड़द की दाल :
200 ग्राम उड़द की दाल, 100 ग्राम आंवला, 50 ग्राम शिकाकाई, 25 ग्राम मेथी को कूटकर छान लें। इस मिश्रण में से 25 ग्राम को खुराक के रूप में 200 ग्राम पानी के साथ एक घंटा भिगोकर रख दें और इसके बाद इसे अच्छी तरह से मिलाकर छानकर बालों को धो लें। इससे बालों के रोगों में लाभ होता है। उड़द की दाल उबालकर पीस लें और इसको रात को सोते समय सिर के गंजेपन की जगह पर लगायें। इसका प्रयोग करने से बाल उग आते हैं।
तेज जैतून
60 ग्राम तेज जैतून में 2 सूखी जौंक को जला लें और इसको ठंड़ा करके छान लें। इस मिश्रण से बने तेल को सिर के गंजे भाग पर मालिश करने से लाभ होता है।
सुहागा
20 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कपूर को 50 ग्राम उबले पानी में मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ धोने से बाल मुलायम तथा काले बनते हैं।
राई
लगभग 10-10 ग्राम राई और बकरी की मेंगनी को एक साथ पीसकर लेप बना लें। इस लेप को बालों में प्रयोग करने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
मक्खन
मक्खन के साथ हल्दी मिलाकर सिर में मालिश करने से बालों को लाभ होता है।

चुकन्दर
50-50 ग्राम चुकन्दर और आंवले के रस को 100 ग्राम तिल के तेल में मिलाकर जला लें। थोड़ा तेल रह जाने पर उतारकर ठंड़ा कर लें। इस तेल को बालों पर मालिश करने से बाल काले हो जाते हैं।
चुकन्दर के रस में आंवले को पीसकर सिर पर लगाने से 7 दिनों के अन्दर गंजे सिर में बाल आने शुरू हो जाते हैं।
चुकन्दर और मेंहदी के पत्तों को जल में भिगोकर पीस लें और इसको माथे पर लगातार कुछ महीने तक लगायें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है।
चमेली
चमेली के पत्ते, कनेर, चीता और करंज को पानी के साथ पीस लें, फिर इसकी लुगदी के वजन से 4 गुना मीठा तेल और तेल के वजन से 4 गुना जल और बकरी का दूध लें, इन सबको मिलाकर पका लें। जब थोड़ा तेल ही बाकी रह जाय तब उसे उतारकर छान लें। इस तरह इस तेल को सिर पर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
चमेली के तेल को सिर में लगाने से सिर-दर्द ठीक हो जाता है।
गेहूं
गेहूं के पौधों के हरे पत्तों का रस निकालकर रोजाना सुबह कुछ दिनों तक लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
गेहूं के पौधों का रस 1 कप रोजाना 40 दिन तक पीने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
बन्दगोभी (पत्तागोभी)
बन्दगोभी की सब्जी खाने और इसके भीतर वाला भाग रोजाना खाने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
अनार
अनार के पत्ते को पानी के साथ पीसकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
लहसुन
सिर के बाल उड़ने पर लहसुन को खाने से बाल फिर से उग आते हैं।
धनिया
हरे धनिये का रस सिर के गंजे स्थान पर लगाने से बाल उग आते हैं।
धतूरा
4 किलो सरसों का तेल और धतूरे के पत्तों का रस 16 किलो को एक साथ मिलाकर मन्दी आंच पर पकायें, जब तेल मात्र शेष रह जाए तो इसे बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को बालों में लगाने से सिर की जुंए मर जाती हैं।
धतूरा की पत्तियों के रस को सिर के बालों की जड़ों में लगाने से जुएं व लीखे नष्ट हो जाती हैं। रस में कपूर को मिलाकर लगाने से अधिक प्रभावशाली असर होता है।
मुलहठी
मुलेठी के काढ़े से बाल धोने से बाल बढ़ते हैं।
मुलेठी और तिल को भैंस के दूध में पीसकर सिर पर लेप करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
गुड़हल
गुड़हल के फूलों का रस बालों में रोजाना लगाने से बाल उड़ना बन्द हो जाते हैं।

नीम
नीम के पत्तों को पानी में खूब उबालकर ठंड़ा हो जाने पर इसी पानी से सिर को धोते रहने से बाल मजबूत, काले होते हैं और बालों का गिरना या झड़ना बन्द हो जाता है।
सिर के बाल उड़ जाने पर धब्बे और निशान बन जाते हैं। इसके लिए नीम का तेल प्रयोग में लाने से बाल फिर से उग आते हैं।
नीम का तेल रात को सोने से पहले बालों में लगा लें और सुबह नीम वाले साबुन से सिर को धो लें। कुछ दिनों तक नियमित यह प्रयोग करने से सिर की जुएं और लीखें नष्ट हो जाती हैं।
नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर स्नान करने से अनेक रोगों से मुक्ति मिल जाती है। इससे नहाने से बालों की जुऐं मर जाती हैं।
नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर सिर को धोकर नीम के तेल को रोजाना लगाने से सिर की जुएं और लीखों के कारण होने वाली खुजली बन्द हो जाती है। नीम के बीजों को पीसकर लगाने से भी लाभ होता है।
नीम और बेर के पत्तों को पानी में उबालकर बालों को धोकर बालों को सुखा लें। इसके बाद नीम के तेल को बालों की जड़ों में लगाकर मसलने से बालों का गिरना बन्द हो जाता है।
बरगद
बरगद के पत्तों की 20 ग्राम राख को 100 ग्राम अलसी के तेल में मिलाकर मलते रहने से सिर के बाल उग आते हैं।
बरगद के स्वच्छ कोमल पत्तों के रस में इसके बराबर मात्रा में तेल मिलाकर गर्म कर लें, इस तेल को बालों में लगाने से बालों के सभी रोग दूर होते हैं।
बरगद की जड़, जटा और जटामांसी का चूर्ण 25-25 ग्राम, तिल का तेल 400 ग्राम तथा गिलोय का रस 2 किलो सबको मिलाकर धूप में रख लें, जब पानी सूख जाये तो तेल को छानकर रख लें। इस तेल की मालिश से गंजापन दूर होकर बाल आ जाते हैं और बाल झड़ने बन्द हो जाते हैं।
बरगद की जटा और काले तिल को बराबर लेकर खूब बारीक पीसकर लेप बना लें। इस लेप को सिर पर लगाकर आधा घंटे बाद कंघी से बालों को साफ करें और ऊपर से भांगरे एवं नारियल की गिरी को पीसकर लगायें। इससे बाल कुछ ही दिनों में काले और लंबे हो जाते हैं।
एरण्ड
ऐसे शिशु जिनके सिर पर बाल नहीं उगते हो या बहुत कम हो या ऐसे पुरुष स्त्री जिनकी पलकों व भौहों पर बहुत कम बाल हों तो उन्हें एरण्ड के तेल की मालिश नियमित रूप से सोते समय करना चाहिए। इससे कुछ ही हफ्तों में सुंदर, घने, लंबे और काले बाल पैदा हो जाएंगे।
एरण्ड के गूदे को पीसकर बाल गिर जाने के बाद लगाने से बाल फिर से उग आते हैं।
बेल
बेल को तिल के तेल में पीसकर सिर में लगाने से सिर के गंजेपन में लाभ होता है तथा बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।
नींबू
नींबू के रस में आंवला के फलों को पीसकर बालों में लगाने से रूसी नष्ट होती है और बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
नहाने से पहले सिर में नींबू के रस से अच्छी तरह मालिश करने से बालों का पकना और गिरना दूर हो जाता है। इसके प्रयोग से जुंए भी नष्ट हो जाती हैं।
10 ग्राम नींबू के रस में 10 ग्राम नारियल का पानी मिलाकर बालों में अच्छी तरह से लगायें। इसको लगाने के 40-45 मिनट बाद बालों को पानी से धो लें। कुछ महीनों तक ऐसा करने से बालों का टूटना बन्द हो जाता है तथा बाल लंबे और घने होते हैं।
रात को सोते समय नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर में मालिश करने से लाभ होता है।
मेथी
मेथी के दानों को पानी में पीसकर बालों में सोते समय लेप लगाने से रूसी और खुश्की आदि रोग दूर होते हैं।
4 चम्मच अरण्डी तेल, 4 मसले हुए आलू, 2 चम्मच मेथी पाउडर, 2 चम्मच भृंगराज बूटी का पाउडर और 2 चम्मच शिकाकाई पाडडर का गाढ़ा घोल बनाकर बालों और सिर में लगा लें। एक घंटे तक लगा रहने दें और फिर धोयें।
4 चम्मच मेथी पाउडर, एक नींबू का रस, एक केला मसला हुए लेकर रख लें, फिर इन सबको मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सिर पर लगाकर सूखने के बाद धोने से बाल साफ, मुलायम और चमकदार हो जायेंगे।
मेथी की हरी पत्तियां 70 ग्राम रातभर पानी में पड़ी रखें। प्रात: पानी छानकर निकाल दें और पत्तियों को बिना पानी डालकर पीस लें। इसमें 35 ग्राम दही मिलाकर पेस्ट को बालों पर लेप करें, बालों की जड़ों में लगायें। 20 मिनट बाद धोयें। इस प्राकृतिक कण्डीशनर से बाल मुलायम हो जायेंगें तथा फरास भी निकल जायेगी। मेथी और दही की मात्रा पेस्ट या बालों को कण्डीशनर जैसा बनाने के लिए आवश्यकतानुसार घटा-बढ़ा लें। मेथी के ताजा हरे पत्तों को पीसकर सिर में लगाने से बाल मुलायम होते हैं।
मेथी दाना 1 चम्मच और बेर के 10-15 पत्ते बारीक पीसकर सिर में लगा लें और 1 घण्टे के बाद सिर को धोयें। इससे बाल घुंघराले हो जायेंगे।
4 बड़े चम्मच दही में 3 चम्मच पिसी हुई मेथी दानों को भिगो दें, आधा घंटा भीगने के बाद सिर की त्वचा पर लगाकर आधा घंटा लगायें रखें, फिर बालों धो लें। इससे बाल मुलायम हो जायेंगे।

आंवला
आंवले का चूर्ण पानी में भिगोकर रात्रि में रख दें। सुबह इस पानी से रोजाना बालों को धोने से उनकी जड़े मजबूत होंगी, उनकी सुंदरता बढ़ेगी और मेंहदी मिलाकर बालों में लगाने से वे काले हो जाते हैं।
सूखा आंवला 30 ग्राम, बहेड़ा 10 ग्राम, आम की गुठली की गिरी 50 ग्राम और लौह चूर्ण 10 ग्राम को रात भर कढ़ाई में भिगोकर रखें। बालों पर इसका नित्य प्रति लेप करने से छोटी आयु में सफेद हुए बाल कुछ ही दिनों में काले पड़ जाते हैं।
आंवला, रीठा और शिकाकाई तीनों का काढ़ा बनाकर सिर को धोने से बाल मुलायम, घने और लंबे होते हैं।
आंवले और आम की गुठली को एक साथ पीसकर सिर में लगाने से जड़ से लंबे, मजबूत और बाल पैदा होते हैं।
दही
आधा कप दही में एक नींबू निचोड़कर मिला लें। इसे बालों पर लगाएं और 20 मिनट तक लगा रहने दें। 20 मिनट के बाद सिर को धोने से बाल मुलायम एवं काले हो जाएंगे।
एक कप दही में नमक मिलाकर बालों में लगाने से सिर की रूसी दूर हो जाती है।
खट्टे दही को बालों की जड़ों में लगाकर थोड़ी देर तक मालिश करने के बाद उसे ठंड़े पानी से धो लें। इससे बालों का झड़ना बन्द हो जाता

अरहर
सिर के धब्बे को खुरदरे कपड़ों से रगड़कर साफ करने के बाद अरहर की दाल पीसकर रोजाना तीन बार इसका प्रयोग करें। इसके दूसरे दिन सरसों का तेल लगाकर धूप में बैठ जाएं और 4 घण्टे बाद फिर से इसे लगायें, इसी तरह कुछ दिनों तक इसका प्रयोग करने से बाल फिर से उग आते हैं।
·
सिर के बालों के चकत्तों को खुरदरे कपड़े से रगड़कर अरहर की दाल पीसकर रोजाना 3 बार लेप करें, दूसरे दिन सरसों का तेल लगाकर धूप में बैठें। 4 घण्टे बाद फिर से लेप करें। इस तरह लगातार कुछ दिनों के प्रयोग से सिर के बाल उग आते हैं।
नमक
1-1 चम्मच पिसा हुआ नमक और कालीमिर्च, 5 चम्मच नारियल का तेल एक साथ मिलाकर बाल उडे़ जगह पर लगाने से वहां बाल फिर से आ जाते हैं।
केला
केले के गूदे को नींबू के रस के साथ पीसकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
शरीफा
शरीफा के बीजों को बकरी के दूध के साथ पीसकर लगाने से उड़े बाल फिर से उग आते हैं।
नारियल :
नारियल का तेल बालों में लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
प्याज
एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच प्याज का रस मिलाकर बालों को धोने से लाभ होता है।
प्याज के रस को शहद में मिलाकर बालों की जड़ों में रोजाना लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
जहां गंजापन हो वहां प्याज का रस रगड़ने से बाल फिर से उग आते हैं।
अदरक :
अदरक और प्याज के रस को सेंधानमक के साथ मिलाकर गंजे सिर पर मालिश करने से गंजेपन से राहत मिलती है।
अदरक के टुकडे़ को गिरे हुए बालों पर धीरे-धीरे स्पर्श करने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
बड़ (बरगद) की दाढ़ी
60 ग्राम सूखी बड़ की दाढ़ी को पीसकर 250 ग्राम नारियल के तेल में 15 दिनों तक भिगोएं, फिर इसे छानकर रात को सिर में मालिश करें। इससे सिर के गंजेपन से छुटकारा मिल जाता है।

बाल सफेद होना-पालित रोग

बाल सफेद होना-पालित रोग
गौ नीला चित्रक
गौ नीला चित्रक के क्षुप को सूंघ लेने और उसकी जड़ को दूध में मिला देने मात्र से दूध काला हो जाने पर इसका प्रयोग करना चाहिए। इससे बाल काले हो जाते हैं।
कनैल
सफेद और लाल कनैल की पत्ती दूध में पीसकर सिर में लगाने से ``पलित रोग´´ से लाभ मिलता है। पीले रंग की फूलवाली कनैल इसके लिए और ज्यादा लाभकारी हैं।
भंगरैया
5-10 ग्राम भंगरैया सुबह-शाम सेवन करने से ``पलित´´ रोग मिट जाता है। भंगरैया के रस का लेप भी कर सकते हैं। इसके प्रयोग के कुछ दिनों तक धैर्य बनाये रखें।
भंगरैया के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) से सिद्ध तेल को सूंघने से बालों को सफेद होना, सिर दर्द और आंखों की रोशनी में लाभ पहुंचता हैं।
नीला चीता (चित्रक)
नीला चित्रक की जड का चूर्ण़ आधे से 2 ग्राम लगातार सेवन करने से बाल जड़ से काले हो जाते हैं।

आंवला
आंवले के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर लेप बनाएं। इस लेप को रोजाना सुबह बालों में अच्छी तरह लगा लें।
नोट : इस प्रयोग के दौरान साबुन का प्रयोग न करें। इससे सफेद बाल काले हो जायेंगे।
1 चम्मच आंवले का चूर्ण दो घूंट पानी के साथ सोते समय प्रयोग करें। यह बालों के सफेद होने को दूर करती है, चेहरे की रौनक नष्ट हो जाने पर अच्छा असर करती है और आवाज को मधुर एवं शुद्ध बनाती है।
सूखे आंवले के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर सिर पर लगाने के बाद बालों को अच्छी तरह धो लें। इससे सफेद बाल गिरना बन्द हो जायेंगे। सप्ताह में दो बार नहाने से पहले इसका प्रयोग करें। अपनी आवश्यकतानुसार करीब तीन महीने तक इसका प्रयोग कर सकते हैं।
25 ग्राम सूखे आंवले के यवकूट (मोटा-मोटा कूटकर) कर उसके टुकड़े को 250 ग्राम पानी में रात को भिगो दें। सुबह फूले आंवले को कड़े हाथ से मसलकर सारा जल पतले स्वच्छ कपड़े से छान लें। अब इस छाने हुए पानी को बालों की जड़ों में हल्के-हल्के हाथों से अच्छी तरह से लगाएं और 10-20 मिनट बाद बालों की जड़ को अच्छी तरह धो लें। रूखे बालों को 1 बार और चिकने बालों को सप्ताह में 2 बार यानी सुबह-शाम धोना चाहिए। आवश्यकता हो तो और भी धोया जा सकता है। जिस दिन बाल धोने हो, उसके एक दिन पहले रात में आंवले के तेल को अच्छी तरह से बालों पर मालिश कर लेना चाहिए। इससे बालों का सफेद बन्द हो जाता है और बाल काले होने लगते हैं।
हरे आंवलों को पीसकर साफ कपड़े में निचोड़कर 500 ग्राम रस निकालकर रख बर्तन में रख लें। फिर इस रस में 500 ग्राम साफ किया हुआ काले तिलों का तेल मिला लें और हल्की आग पर गर्म करें। गर्म करते समय जब आंवले का रस भाप बनकर उड़ जाए और केवल तेल ही बाकी रह जाये तब बर्तन को आग से नीचे उतारकर ठंड़ा कर लें। ठंड़ा हो जाने पर इसे फिल्टर बेग (पानी साफ करने की मशीन) की सहायता से छान लें। इसके बाद इस तेल को बोतल में भरकर रोजाना के प्रयोग में ला सकते हैं। इस तेल से बालों की जड़ों में अंगुलियों की पोरों से हल्की मालिश करना चाहिए। इससे बाल लम्बे और काले बनते हैं।
मेथी
मेथी को खाने और इसका तेल लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
नींबू :
दही और नींबू के रस का मिश्रण बनाकर बालों पर अच्छी तरह लगाने से बाल काले और मुलायम हो जाते हैं।
नींबू के रस में सूखे आंवले के बारीक चूर्ण को मिलाकर बालों पर लगातार लेप लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
नीम
नीम के बीजों को भांगरा के रस और असना पेड़ की छाल के काढ़े की अनेक भावना (उबाल) देकर उनका तेल निकाल लेते हैं। इस तेल की 2-2 बूंदों को नाक के द्वारा ले सकते हैं तथा भोजन में दूध और भात (चावल) को खाने से पालित रोग यानी बालों का सफेद होना रोग पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
नीम के बीजों के तेल को 2-2 बूंद नाक से लेने और केवल गाय के दूध का सेवन करने से पलित रोग में लाभ होता है।
इन्द्रायण
इन्द्रायण के बीजों का तेल और नारियल के तेल को एक समान मात्रा में लेकर बालों पर लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
इन्द्रायण की जड़ के 3 से 5 ग्राम चूर्ण को गाय के दूध के साथ सेवन करने से बाल काले हो जाते हैं। परन्तु ध्यान रहे कि पीने में केवल दूध ही पीना चाहिए।
सिर के बाल पूरी तरह से साफ कराके इन्द्रायण के बीजों का तेल लगाने से सिर के बाल काले हो जाते हैं।
नीम का तेल
नीम के तेल को सूंघने से बालों के काले होने में लाभ होता है।
सफेद तिल
सफेद तिल और चित्रक की जड़ पीसकर मट्ठा (मठ्ठा) के साथ मिलाकर पीने से ``पलित´´ रोग (बालों का सफेद होना) मिट जाता है।
गाजर
गाजर का रस प्रतिदिन सेवन करने से बाल सफेद नहीं होते, और जिसके सफेद बाल है वह काले हो जाते हैं।
तिल
तिल का लड्डू बनाकर खाने और सिर पर तिल के तेल के इस्तेमाल से बाल काले हो जाते हैं।
भांगरा (भगरिया)
भगरिया के पत्तों को पीसकर रस निकाल लें और उसे सिर के बालों पर अच्छी तरह लगा लें। इससे सिर के बाल काले होने लगते हैं।
त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) :
त्रिफला का नियमित सेवन करने से बाल काले हो जाते हैं।
गोरखमुण्डी
गोरखमुण्डी के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) को पुष्पागमन से पूर्व काले भांगरे अथवा सामान्य भृंगराज को भी छाया में सुखा लेते हैं। दोनों के बराबर चूर्ण को 2 से 8 ग्राम तक शहद और घी से 40-80 दिनों तक सेवन करने से बालों के सभी रोग दूर हो जाते हैं तथा सफेद बाल काले होना शुरू हो जाते हैं।

बालों का बढ़ना

बालों का बढ़ना
1. अमरबेल : 250 ग्राम अमरबेल को लगभग 3 लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाये तो इसे उतार लें। सुबह इससे बालों को धोयें। इससे बाल लंबे होते हैं।
2. त्रिफला : त्रिफला के 2 से 6 ग्राम चूर्ण में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लौह भस्म मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
3. कलौंजी : 50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें। इस उबले हुए पानी से बालों को धोएं। इससे बाल 1 महीने में ही काफी लंबे हो जाते हैं।
4. नीम : नीम और बेर के पत्तों को पानी के साथ पीसकर सिर पर लगा लें और इसके 2-3 घण्टों के बाद बालों को धो डालें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है और बाल लंबे भी होते हैं।
5. लहसुन : लहसुन का रस निकालकर सिर में लगाने से बाल उग आते हैं।
6. सीताफल : सीताफल के बीज और बेर के बीज के पत्ते बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। ऐसा करने से बाल लंबे हो जाते हैं।
7. आम : 10 ग्राम आम की गिरी को आंवले के रस में पीसकर बालों में लगाना चाहिए। इससे बाल लंबे और घुंघराले हो जाते हैं।
8. शिकाकाई : शिकाकाई और सूखे आंवले को 25-25 ग्राम लेकर थोड़ा-सा कूटकर इसके टुकड़े कर लें। इन टुकड़ों को 500 ग्राम पानी में रात को डालकर भिगो दें। सुबह इस पानी को कपड़े के साथ मसलकर छान लें और इससे सिर की मालिश करें। 10-20 मिनट बाद नहा लें। इस तरह शिकाकाई और आंवलों के पानी से सिर को धोकर और बालों के सूखने पर नारियल का तेल लगाने से बाल लंबे, मुलायम और चमकदार बन जाते हैं। गर्मियों में यह प्रयोग सही रहता है। इससे बाल सफेद नहीं होते अगर बाल सफेद हो भी जाते हैं तो वह काले हो जाते हैं।
9. मूली : आधी से 1 मूली रोजाना दोपहर में खाना-खाने के बाद, कालीमिर्च के साथ नमक लगाकर खाने से बालों का रंग साफ होता है और बाल लंबे भी हो जाते हैं। इसका प्रयोग 3-4 महीने तक लगातार करें। 1 महीने तक इसका सेवन करने से कब्ज, अफारा और अरुचि में आराम मिलता है।
नोट : मूली जिसके लिए फयदेमन्द हो वही इसका प्रयोग कर सकते हैं।
10. आंवला : सूखे आंवले और मेंहदी को समान मात्रा में लेकर शाम को पानी में भिगो दें। प्रात: इससे बालों को धोयें। इसका प्रयोग लगातार कई दिनों तक करने से बाल मुलायम और लंबे हो जायेंगे।
11. ककड़ी : ककड़ी में सिलिकन और सल्फर अधिक मात्रा में होता है जो बालों को बढ़ाते हैं। ककड़ी के रस से बालों को धोने से तथा ककड़ी, गाजर और पालक सबको मिलाकर रस पीने से बाल बढ़ते हैं। यदि यह सब उपलब्ध न हो तो जो भी मिले उसका रस मिलाकर पी लें। इस प्रयोग से नाखून गिरना भी बन्द हो जाता है।
12. रीठा
कपूर कचरी 100 ग्राम, नागरमोथा 100 ग्राम, कपूर तथा रीठे के फल की गिरी 40-40 ग्राम, शिकाकाई 250 ग्राम और आंवले 200 ग्राम की मात्रा में लेकर सभी का चूर्ण तैयार कर लें। इस मिश्रण के 50 ग्राम चूर्ण में पानी मिलाकर लुग्दी (लेप) बनाकर बालों में लगाना चाहिए। इसके पश्चात् बालों को गरम पानी से खूब साफ कर लें। इससे सिर के अन्दर की जूं-लींकें मर जाती हैं और बाल मुलायम हो जाते हैं।
रीठा, आंवला, सिकाकाई तीनों को मिलाने के बाद बाल धोने से बाल सिल्की, चमकदार, रूसी-रहित और घने हो जाते हैं।
13. गुड़हल :
गुड़हल के फूलों के रस को निकालकर सिर में डालने से बाल बढ़ते हैं।
गुड़हल के पत्तों को पीसकर लुग्दी बना लें। इस लुग्दी को नहाने से 2 घंटे पहले बालों की जड़ों में मालिश करके लगायें। फिर नहायें और इसे साफ कर लें। इस प्रयोग को नियमित रूप से करते रहने से न केवल बालों को पोषण मिलेगा, बल्कि सिर में भी ठंड़क का अनुभव होगा।
गुड़हल के पत्ते और फूलों को बराबर की मात्रा में लेकर पीसकर लेप तैयार करें। इस लेप को सोते समय बालों में लगाएं और सुबह धोयें। ऐसा कुछ दिनों तक नियमित रूप से करने से बाल स्वस्थ बने रहते हैं।
गुड़हल के ताजे फूलों के रस में जैतून का तेल बराबर मिलाकर आग पर पकायें, जब जल का अंश उड़ जाये तो इसे शीशी में भरकर रख लें। रोजाना नहाने के बाद इसे बालों की जड़ों में मल-मलकर लगाना चाहिए। इससे बाल चमकीले होकर लंबे हो जाते हैं।
14. शांखपुष्पी : शांखपुष्पी से निर्मित तेल रोज लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
15. भांगरा :
बालों को छोटा करके उस स्थान पर जहां पर बाल न हों भांगरा के पत्तों के रस से मालिश करने से कुछ ही दिनों में अच्छे काले बाल निकलते हैं जिनके बाल टूटते हैं या दो मुंहे हो जाते हैं। उन्हें इस प्रयोग को अवश्य ही करना चाहिए।
त्रिफला के चूर्ण को भांगरा के रस में 3 उबाल देकर अच्छी तरह से सुखाकर खरल यानी पीसकर रख लें। इसे प्रतिदिन सुबह के समय लगभग 2 ग्राम तक सेवन करने से बालों का सफेद होना बन्द जाता है तथा इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
आंवलों का मोटा चूर्ण करके, चीनी के मिट्टी के प्याले में रखकर ऊपर से भांगरा का इतना डाले कि आंवले उसमें डूब जाएं। फिर इसे खरलकर सुखा लेते हैं। इसी प्रकार 7 भावनाएं (उबाल) देकर सुखा लेते हैं। प्रतिदिन 3 ग्राम की मात्रा में ताजे पानी के साथ सेवन से करने से असमय ही बालों का सफेद होना बन्द जाता है। यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने वाला, उम्र को बढ़ाने वाला लाभकारी योग है।
भांगरा, त्रिफला, अनन्तमूल और आम की गुठली का मिश्रण तथा 10 ग्राम मण्डूर कल्क व आधा किलो तेल को एक लीटर पानी के साथ पकायें। जब केवल तेल शेष बचे तो इसे छानकर रख लें। इसके प्रयोग से बालों के सभी प्रकार के रोग मिट जाते हैं।
16. अनन्तमूल : अनन्तमूल की जड़ का चूर्ण 2-2 ग्राम दिन में 3 बार पानी के साथ सेवन करने से सिर का गंजापन दूर होता है।
17. तिल :
तिल के पौधे की जड़ और पत्तों के काढ़े से बालों को धोने से बालों पर काला रंग आने लगता है।
काले तिलों के तेल को शुद्ध करके बालों में लगाने से बाल असमय में सफेद नहीं होते हैं। प्रतिदिन सिर में तिल के तेल की मालिश करने से बाल हमेशा मुलायम, काले और घने रहते हैं।
तिल के फूल और गोक्षुर को बराबर मात्रा में लेकर घी और शहद में पीसकर लेप बना लें। इसे सिर पर लेप करने से गंजापन दूर होता है।
तिल के तेल की मालिश करने के एक घंटे बाद एक तौलिया गर्म पानी में डुबोकर उसे निचोड़कर सिर पर लपेट लें तथा ठण्डा होने पर दोबारा गर्म पानी में डुबोकर निचोड़कर सिर पर लपेट लें। इस प्रकार 5 मिनट लपेटे रखें। फिर ठंड़े पानी से सिर को धो लें। ऐसा करने से बालों की रूसी दूर हो जाती है।

Featured post

इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं

महिलाएँ ...इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं।   तो ये है इस फ़ार्मूले का राज... 👇 जन्म वर्ष के केवल आख़री दो अंकों क...