बाल सफेद होना-पालित रोग
गौ नीला चित्रक
गौ नीला चित्रक के क्षुप को सूंघ लेने और उसकी जड़ को दूध में मिला देने मात्र से दूध काला हो जाने पर इसका प्रयोग करना चाहिए। इससे बाल काले हो जाते हैं।
कनैल
सफेद और लाल कनैल की पत्ती दूध में पीसकर सिर में लगाने से ``पलित रोग´´ से लाभ मिलता है। पीले रंग की फूलवाली कनैल इसके लिए और ज्यादा लाभकारी हैं।
भंगरैया
5-10 ग्राम भंगरैया सुबह-शाम सेवन करने से ``पलित´´ रोग मिट जाता है। भंगरैया के रस का लेप भी कर सकते हैं। इसके प्रयोग के कुछ दिनों तक धैर्य बनाये रखें।
भंगरैया के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) से सिद्ध तेल को सूंघने से बालों को सफेद होना, सिर दर्द और आंखों की रोशनी में लाभ पहुंचता हैं।
नीला चीता (चित्रक)
नीला चित्रक की जड का चूर्ण़ आधे से 2 ग्राम लगातार सेवन करने से बाल जड़ से काले हो जाते हैं।
आंवला
आंवले के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर लेप बनाएं। इस लेप को रोजाना सुबह बालों में अच्छी तरह लगा लें।
नोट : इस प्रयोग के दौरान साबुन का प्रयोग न करें। इससे सफेद बाल काले हो जायेंगे।
1 चम्मच आंवले का चूर्ण दो घूंट पानी के साथ सोते समय प्रयोग करें। यह बालों के सफेद होने को दूर करती है, चेहरे की रौनक नष्ट हो जाने पर अच्छा असर करती है और आवाज को मधुर एवं शुद्ध बनाती है।
सूखे आंवले के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर सिर पर लगाने के बाद बालों को अच्छी तरह धो लें। इससे सफेद बाल गिरना बन्द हो जायेंगे। सप्ताह में दो बार नहाने से पहले इसका प्रयोग करें। अपनी आवश्यकतानुसार करीब तीन महीने तक इसका प्रयोग कर सकते हैं।
25 ग्राम सूखे आंवले के यवकूट (मोटा-मोटा कूटकर) कर उसके टुकड़े को 250 ग्राम पानी में रात को भिगो दें। सुबह फूले आंवले को कड़े हाथ से मसलकर सारा जल पतले स्वच्छ कपड़े से छान लें। अब इस छाने हुए पानी को बालों की जड़ों में हल्के-हल्के हाथों से अच्छी तरह से लगाएं और 10-20 मिनट बाद बालों की जड़ को अच्छी तरह धो लें। रूखे बालों को 1 बार और चिकने बालों को सप्ताह में 2 बार यानी सुबह-शाम धोना चाहिए। आवश्यकता हो तो और भी धोया जा सकता है। जिस दिन बाल धोने हो, उसके एक दिन पहले रात में आंवले के तेल को अच्छी तरह से बालों पर मालिश कर लेना चाहिए। इससे बालों का सफेद बन्द हो जाता है और बाल काले होने लगते हैं।
हरे आंवलों को पीसकर साफ कपड़े में निचोड़कर 500 ग्राम रस निकालकर रख बर्तन में रख लें। फिर इस रस में 500 ग्राम साफ किया हुआ काले तिलों का तेल मिला लें और हल्की आग पर गर्म करें। गर्म करते समय जब आंवले का रस भाप बनकर उड़ जाए और केवल तेल ही बाकी रह जाये तब बर्तन को आग से नीचे उतारकर ठंड़ा कर लें। ठंड़ा हो जाने पर इसे फिल्टर बेग (पानी साफ करने की मशीन) की सहायता से छान लें। इसके बाद इस तेल को बोतल में भरकर रोजाना के प्रयोग में ला सकते हैं। इस तेल से बालों की जड़ों में अंगुलियों की पोरों से हल्की मालिश करना चाहिए। इससे बाल लम्बे और काले बनते हैं।
मेथी
मेथी को खाने और इसका तेल लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
नींबू :
दही और नींबू के रस का मिश्रण बनाकर बालों पर अच्छी तरह लगाने से बाल काले और मुलायम हो जाते हैं।
नींबू के रस में सूखे आंवले के बारीक चूर्ण को मिलाकर बालों पर लगातार लेप लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
नीम
नीम के बीजों को भांगरा के रस और असना पेड़ की छाल के काढ़े की अनेक भावना (उबाल) देकर उनका तेल निकाल लेते हैं। इस तेल की 2-2 बूंदों को नाक के द्वारा ले सकते हैं तथा भोजन में दूध और भात (चावल) को खाने से पालित रोग यानी बालों का सफेद होना रोग पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
नीम के बीजों के तेल को 2-2 बूंद नाक से लेने और केवल गाय के दूध का सेवन करने से पलित रोग में लाभ होता है।
इन्द्रायण
इन्द्रायण के बीजों का तेल और नारियल के तेल को एक समान मात्रा में लेकर बालों पर लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
इन्द्रायण की जड़ के 3 से 5 ग्राम चूर्ण को गाय के दूध के साथ सेवन करने से बाल काले हो जाते हैं। परन्तु ध्यान रहे कि पीने में केवल दूध ही पीना चाहिए।
सिर के बाल पूरी तरह से साफ कराके इन्द्रायण के बीजों का तेल लगाने से सिर के बाल काले हो जाते हैं।
नीम का तेल
नीम के तेल को सूंघने से बालों के काले होने में लाभ होता है।
सफेद तिल
सफेद तिल और चित्रक की जड़ पीसकर मट्ठा (मठ्ठा) के साथ मिलाकर पीने से ``पलित´´ रोग (बालों का सफेद होना) मिट जाता है।
गाजर
गाजर का रस प्रतिदिन सेवन करने से बाल सफेद नहीं होते, और जिसके सफेद बाल है वह काले हो जाते हैं।
तिल
तिल का लड्डू बनाकर खाने और सिर पर तिल के तेल के इस्तेमाल से बाल काले हो जाते हैं।
भांगरा (भगरिया)
भगरिया के पत्तों को पीसकर रस निकाल लें और उसे सिर के बालों पर अच्छी तरह लगा लें। इससे सिर के बाल काले होने लगते हैं।
त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) :
त्रिफला का नियमित सेवन करने से बाल काले हो जाते हैं।
गोरखमुण्डी
गोरखमुण्डी के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) को पुष्पागमन से पूर्व काले भांगरे अथवा सामान्य भृंगराज को भी छाया में सुखा लेते हैं। दोनों के बराबर चूर्ण को 2 से 8 ग्राम तक शहद और घी से 40-80 दिनों तक सेवन करने से बालों के सभी रोग दूर हो जाते हैं तथा सफेद बाल काले होना शुरू हो जाते हैं।
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