शुक्रवार, 11 मार्च 2011

क्या आप मुंह के छालों से परेशान है...?

आज असंतुलित खान पान की वजह के कारण मुंह में छाले होना, पेट का खराब होना आम समस्या हो गई है। कई तरह की दवाईयां इस्तेमाल करने के बाद भी लोगों के मुह के छाले ठीक नहीं हो पातेहैं।घबराइए नहीं जो छाले किसी भी दवा से ठीक नहीं हो रहे हैं नीचे दिए जा रहे नुस्खों से निश्चित ही ठीक हो जाऐंगे।

1। छोटी हरड़ को बारीक पीसकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाने से मुंह तथा जबान दोनों के छाले ठीक हो जाते हैं।

2. तुलसी की चार पांच पत्तियां रोजना सुबह और शाम को चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पी लें( ऐसा चार पांच दिनों तक करें) ।

3. करीब दो ग्राम सुहागे का पावडर बनाकर थोड़ी सी ग्लिसरीन में मिलाकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाएं छालों में जल्दी फायदा होगा।

विशेष- जिन लोगों को बार-बार छाले होने की शिकायत रहती उन्हें टमाटर जादा खाने चाहिए।

बुधवार, 9 मार्च 2011

कई रोगों के लिए रामबाण है सौंफ

क्या आप जानते हैं सौंफ हमारे शरीर के लिए कितनी लाभ दायक है सौंफ में ऐसे अनेक औषिधीय गुण मौजूद होते हैं जो सभी के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। बड़ा हो या छोटा बच्चा यह हर किसी के स्वास्थ्य के लिए बड़ी लाभ कारी है।
1।दिमाग से सम्बन्धी रोगों के लिए सौंफ बड़ी लाभकारी होती है। इसके निरन्तर उपयोग से आखें कमजोर नहीं होती है और मोतियाबिन्द की शिकायत नहीं होती।
2। उल्टी प्यास जी मिचलाना जलन उदरशूल पित्तविकार मरोड़ आदि में सौफ का सेवन बहुत लाभकारी होता है।
3। रोजना सुबह और शाम दस दस ग्राम सौंफ बिना मीठा मिलाए चबाने से रक्त साफ होता है और त्वचा का रंग भी साफ होने लगता है।
4. हाथ पांव में जलन की शिकायत होने पर सौंफ के बराबर मात्रा में ध्धनिया कूट कर मिश्री मिला लें। खाना खाने के बाद पानी से करीब एक चम्मच रोज लेने से यह शिकायत कुछ ही दिनों में दूर हो जाती है।
5. अगर आपके बच्चे को अक्सर अफरे की शिकायत रहती है या अपच, मरोड़, और दूध पलटने की शिकायत रहती है तो दो चम्मच सौंफ के पावडर को करीब दो सौ ग्राम पानी में अच्छी तरह से उबाल लें और ठण्डा कर शीशी में भर लें। इस पानी को एक एक चम्मच दिन में दो तीन बार पिलाने से ये सारी शिकायतें दूर हो जाती हैं।

क्या आप चिड़चिड़े होते जा रहे हैं...?

आज प्रतिस्पर्धा का युग है। ऐसे में सभी को जरूरत से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है है। शारीरिक और मानसिक श्रम की अधिकता से अधिकांश लोगों का स्वभाव क्रोधी और चिड़चिड़ेपन वाला हो जाता है। किसी का भी छोटी-छोटी बातों में चिड़ जाना यह तो आम बात हो गई है परंतु जो व्यक्ति प्रतिदिन योग करते हैं वे क्रोध से दूर ही रहते हैं। सर्वांगासन के नियमित अभ्यास से हमारा मन शांत रहता है। जिससे क्रोध तथा चिड़चिड़ेपन से निजात मिलती है।

आसन की विधि- समतल भूमि पर आसन बिछाकर शवासन में लेट जाइएं। अपने दोनों हाथों को जांघों की बगल में तथा हथेलियों को जमीन पर रखें। पैरों को घुटनों से मोड़कर ऊपर उठाएं तथा पीठ को कधों तक उठाएं। दोनों हाथ कमर के नीचे रखकर शरीर के उठे हुए भाग को सहारा दीजिए। इस तरह ठुड्डी को छाती से लगाए रखें। अब सांस को रोके नहीं स्वाभाविक रुप से चलने दें। पैर और धड़ को एक सीध में रखें। इस स्थिति में रुकने के बाद, पैरों को जमीन पर वापस लाइएं। पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए घुटनों को माथे के पास लाइए। हाथों को जमीन पर रखते हुए शरीर और पैरों को धीरे -धीरे वापस शवासन में लाएं अब शवासन में शरीर को शिथिल अवस्था में लाइएं। आसन करते समय आंखों को खुला रखें।

आसन के लिए सावधानियां - आसन का अभ्यास करते समय धैर्य से काम लें। जल्दबाजी एवं हड़बड़ाहट में आसन न करें। इस आसन का अभ्यास पीठ दर्द, कमर दर्द, नेत्र रोगी और उच्च रक्तचाप के रोगी ने करें।

आसन के लाभ- इस आसन के नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव, निराशा, हताशा एवं चिंताएं आदि रोगों का नाश होता है। इससे आखों का तेज बढ़ता है और चेहरा कांतिमय बनता है। स्त्रियों के स्वास्थ में इस आसन से विशेष लाभ होता है । स्त्रियों की मासिक धर्म संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। सर्वांगासन से शरीर के उन अंगों से रक्त संचरण बढ़ जाता है, जहां रक्त संचार कम होता है चेहरे पर झाइयां नहीं पड़ती हैं।

सम्भालिए अपने दिल को कुछ इस तरह

जिस अंग पर हमारा पूरा शरीर चलता है वह है हमारा दिल। दिल से ही सभी अंगों में रक्त का संचार होता है।दिल के संबंध में छोटी सी असावधानी बड़ी बीमारी को न्यौता दे सकती है। इसलिए इसका ध्यान रखना अतिआवश्यक है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए योगासन की मदद अवश्य लें। इसके लिए हमें शशकासन करना चाहिए इस आसन की पूर्ण अवस्था में हमारी आकृति शशाक अर्थात् खरगोश के समान हो जाता है, इसलिए इसे शशकासन कहते हैं।
शशकासन की विधि- किसी साफ जगह पर चटाई बिछाकर बैठ जाएं। दोनो पैरों को घुटनों से मोड़कर पीछे की ओर नितम्ब (हिप्स) के नीचे रखें और एडिय़ों पर बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर करें। इसके बाद सांस को बाहर छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकते हुए सांस को बाहर निकालें। दोनो हाथों को आगे की ओर फैलाते हुए हथेलियों को जमीन पर टिकाएं। अपने सिर को भी जमीन पर टिकाकर रखें। आसन की इस स्थिति में आने के बाद कुछ समय तक सांस को बाहर छोड़कर और रोककर रखें। फिर सांस लेते हुए शरीर में लचक लाते हुए पहले पेट को, फिर सीने को, फिर सिर को उठाकर सिर व हाथों को सामने की तरफ करके रखें। कुछ समय तक इस स्थिति में रहे और फिर सीधे होकर कुछ समय तक आराम करें और इस आसन को 4-5 बार करें।
शशकासन के लाभ- यह आसन हृदयरोगियों के लिए काफी फायदेमंद है। इस आसन से फेफड़ों में स्वच्छ हवा पहुंचने से फेफड़े स्वस्थ बन जाते हैं। इससे आंते, यकृत आदि भी स्वस्थ होते हैं। इस आसन से नसें-नाडिय़ां स्वस्थ व लचीली होकर सुचारू रूप से कार्य करती है। साइटिका में लाभदायक है। यह आसन कब्ज को दूर करता है तथा सामान्य रूप से कामविकारों को दूर करता है। यह आसन महिलाओं के लिए भी लाभकारी है।

मंगलवार, 8 मार्च 2011

दांतों के दर्द से अब न हों परेशान

आजकल ठीक से देखरेख न करने के कारण लोगों में दांत के दर्द की समस्या आम हो गई है। छोटे छोटे बच्चों को अक्सर दांत में दर्द होने की शिकायत होती है। आयुर्वेद में दांतों में दर्द की समस्या का बहुत आसान उपाय बताया है। आयुर्वेद में एक कहावत है-
नमक महीन लीजिए, अरु सरसों का तेल। नित्य मले रीसन मिटे, छूट जाए सब मैल।
सैंधा नमक को कपड़े से छान लें। नमक को हाथ पर रखकर उसमें सरसों का तेल मिला लें। इस मिश्रण से दातों पर हल्के-हल्के मसाज करें बाद में साफ पानी से कुल्ला कर लें।
इस विधि को अपनाने से आपको दातों की कई समस्याओं से निजात मिल जाएगी। इससे दातों में दांतों में पीलापन नहीं आता, दांत साफ और मजबूत होते हैं, कीड़े नहीं लगते, दर्द, मसूड़ों की सूजन, इनसे खून निकलना बन्द हो जाता है। अन्य टिप्स- रोजाना सोने से पहले थोड़े से पानी में सेंधा नमक मिलाकर कुल्ला करने से दांतों की समस्या खत्म हो जाती है।

सोमवार, 7 मार्च 2011

धोखेबाज पार्टनर की पहचान है उसकी आवाज

कहते हैं कि आवाज की तीब्रता कुदरत की देन है। लेकिन शोधकर्ताओं की मानें तो उनका कहना है कि आवाज से धोखेबाज पार्टनर की पहचान की जा सकती है।
कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम के अनुसार महिलाओं की ऊंची आवाज और पुरुषों की धीमी आवाज उन्हें एक-दूसरे को भविष्य में धोखा देने के संकेत हो सकते हैं।
मैकमास्टर यूनिवर्सिटी की साइकॉलजी के असिस्टेंट प्रोफेसर और न्यूरॉलजी के स्पेशलिस्ट डेविड फेइनबर्गन के अनुसार आवाज में उतार-चढ़ाव का सीधा संबंध हॉर्मोन से है।
जिन पुरुषों में टेस्टोट्रोन नामक हॉर्मोन का स्तर ऊंचा होता है, उनकी आवाज धीमी होती है। जिन महिलाओं में एस्ट्रोजेन का स्तर अधिक होता है, उनकी आवाज भी अधिक ऊंची होती है। इन हॉर्मोन को साथियों को धोखा देने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
पति या पत्‍नी के चरित्र का पता लगाना है तो उसकी खूबसूरती से ज्‍यादा उसकी आवाज पर ध्‍यान दें।

रविवार, 6 मार्च 2011

कैसे करें कोलेस्ट्रॉल कन्ट्रोल

बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल निशानी है हृदय रोग की। हृदय रोग होने का मतलब है जीवन को खतरा। हमें जानकारी होनी चाहिए कि क्यों बढ़ता है रक्त का कोलेस्ट्रॉल। कैसे पाएं इससे छुटकारा?- कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, हृदय रोग का होना आमतौर पर बंशानुगत रोग है। फिर भी खानपान की गलतियों के कारण किसी को भी हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल का अपना रंग पीला है। हल्का पीला रंग होता है। यह चर्बी व वसा लिये होता है।
- कोलेस्ट्रॉल का होना जरूरी है। किन्तु सामान्य से अधिक हो तो हानिकारक।
- व्यक्ति के भोजन का 30 प्रतिशत तक का भाग कोलेस्ट्रॉल ही है। यह जिगर में बनता है। होता है यह सामान्य से अधिक।
कैसे करें? कोलेस्ट्रॉल कम
व्यायाम-योगासन जिस में प्राणायाम भी हो हल्के व्यायाम, खेलना, तैरना, पैदल चलना, बड़े कदमों से सैर, साइकिल चलाना, कम से कम समय आराम करना, शरीर चलाए रखना।
परहेज- अनाज व तले पदार्थों की जगह अधिक फलों का प्रयोग, फल ऐसे हों जो पेड़ पर ही पके हों। हरी सब्जियां खाना, सैर करना, लेटे नहीं रहना, जिन कारणों से यह रोग होता है, उसे निकाल फेकें।
उपचार-- कोलेस्ट्रॉल कम करने का अर्थ है हृदय रोग का सही उपचार। इसके लिए प्रतिदिन प्रातः अंकुरित अनाज, मुट्ठी भर जरूर खाएं।- अंकुरित दालें भी खानी आरम्भ करें।
- सोयाबीन का तेल अवश्य प्रयोग करें। यह भी उपचार है।
- लहसुन, प्याज, इनके रस उपयोगी हैं- नीम्बू, आंवला जैसे भी ठीक लगे, प्रतिदिन लें।
- शराब या कोई नशा मत करें, बचें।
- ईसबगोल के बीजों का तेल आधा चम्मच दिन में दो बार।
- रात के समय धनिया के दो चम्मच एक गिलास पानी में भिगों दें। प्रातः हिलाकर पी लें। धनिया भी चबाकर निगल जाएं।
- यदि आप अपने रक्त में कोलेस्ट्रॉल की ठीक मात्रा रख सकें। जो सामान्य तक रहे। बढ़े नहीं। ऐसे में यह रोग होगा ही नहीं। इन सब जानकारियों की चर्चा पहले ही अपने चिकित्सक से कर लें तो बेहतर होगा।

Featured post

इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं

महिलाएँ ...इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं।   तो ये है इस फ़ार्मूले का राज... 👇 जन्म वर्ष के केवल आख़री दो अंकों क...