बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल निशानी है हृदय रोग की। हृदय रोग होने का मतलब है जीवन को खतरा। हमें जानकारी होनी चाहिए कि क्यों बढ़ता है रक्त का कोलेस्ट्रॉल। कैसे पाएं इससे छुटकारा?- कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, हृदय रोग का होना आमतौर पर बंशानुगत रोग है। फिर भी खानपान की गलतियों के कारण किसी को भी हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल का अपना रंग पीला है। हल्का पीला रंग होता है। यह चर्बी व वसा लिये होता है।
- कोलेस्ट्रॉल का होना जरूरी है। किन्तु सामान्य से अधिक हो तो हानिकारक।
- व्यक्ति के भोजन का 30 प्रतिशत तक का भाग कोलेस्ट्रॉल ही है। यह जिगर में बनता है। होता है यह सामान्य से अधिक।
कैसे करें? कोलेस्ट्रॉल कम
व्यायाम-योगासन जिस में प्राणायाम भी हो हल्के व्यायाम, खेलना, तैरना, पैदल चलना, बड़े कदमों से सैर, साइकिल चलाना, कम से कम समय आराम करना, शरीर चलाए रखना।
परहेज- अनाज व तले पदार्थों की जगह अधिक फलों का प्रयोग, फल ऐसे हों जो पेड़ पर ही पके हों। हरी सब्जियां खाना, सैर करना, लेटे नहीं रहना, जिन कारणों से यह रोग होता है, उसे निकाल फेकें।
उपचार-- कोलेस्ट्रॉल कम करने का अर्थ है हृदय रोग का सही उपचार। इसके लिए प्रतिदिन प्रातः अंकुरित अनाज, मुट्ठी भर जरूर खाएं।- अंकुरित दालें भी खानी आरम्भ करें।
- सोयाबीन का तेल अवश्य प्रयोग करें। यह भी उपचार है।
- लहसुन, प्याज, इनके रस उपयोगी हैं- नीम्बू, आंवला जैसे भी ठीक लगे, प्रतिदिन लें।
- शराब या कोई नशा मत करें, बचें।
- ईसबगोल के बीजों का तेल आधा चम्मच दिन में दो बार।
- रात के समय धनिया के दो चम्मच एक गिलास पानी में भिगों दें। प्रातः हिलाकर पी लें। धनिया भी चबाकर निगल जाएं।
- यदि आप अपने रक्त में कोलेस्ट्रॉल की ठीक मात्रा रख सकें। जो सामान्य तक रहे। बढ़े नहीं। ऐसे में यह रोग होगा ही नहीं। इन सब जानकारियों की चर्चा पहले ही अपने चिकित्सक से कर लें तो बेहतर होगा।
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