मंगलवार, 29 मार्च 2011
हेल्दी रखती हैं नैचरल चीजें
रूल 1
उन्हीं सब्जियों और फलों का इस्तेमाल करें, जो सीजन में हैं। क्या आपने जून के महीने में सेब खाए हैं? इस मौसम में सेब बिना रस वाला और टेस्टलेस होता है। यह याद रखें कि अगर सब्जियां व फल सीजन के बाहर मिल रहे हैं, तो वे आर्टिफिशल तरीके से तैयार किए गए हैं और हेल्थ के लिहाज से अनहेल्दी हैं। इसलिए सीजन के मुताबिक ही फल और सब्जियां खरीदें।
रूल 2
लोकल फल और सब्जियां ही खरीदें। सुपरमार्केट में रखी पैकेट सब्जियां हेल्दी नहीं होती। ये आधी पकी ले ली जाती हैं और फिर इन्हें आर्टिफिशल तरीके से पकाया जाता है। इन्हें ताजा रखने के लिए केमिकल के साथ रखा जाता है, जिससे इनके तत्व खत्म हो जाते हैं। इसलिए सब्जियां हमेशा सब्जी वाले से ताजा ही खरीदें।
रूल 3
नेचर के साथ चलें। वही खाएं, जो आपके रहने की जगह में ज्यादा पाया जाता है। उदाहरण के तौर पर ठंडी जगहों पर रहने वाले एस्कीमोज बहुत सारा फैट खाते हैं, क्योंकि यह उनको सूट करता है। लेकिन अगर हम इतना फैट खाएं, तो यह जानलेवा हो सकता है। भारत में फल, सब्जियां, मसाले और सब्जियां बहुत मिलती हैं, इसलिए हमें इन्हें ही ज्यादा खाना चाहिए।
रूल 4
दिन का पहला आहार नाश्ता पौष्टिक व स्वादिष्ट होगा, तो आप दिनभर एनर्जी से भरपूर रहेंगे। इसके लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं। बस फ्रिज से अपनी पसंद के फूटस चुनें। आजकल के मौसम में पाइनेपल, मैंगो, केला, बेरीज और सेब अच्छे फल हैं। इन्हें अच्छी तरह धोकर एक प्लेट में छोटे-छोटे टुकड़े कर लें और ठंडा करने के लिए फ्रीज में रख दें।
नाश्ते के समय सलाद को फ्रीज से निकालें और उसमें पुदीना और नारियल डालकर ऊपर से फ्रेश दही डाल दें। ठंडा- ठंडा सलाद तैयार। खरबूजा, संतरे, तरबूज का सलाद भी गर्मियों के दिन में मजेदार सलाद हो सकता है। इस मौसम में अपने फ्रीज में खूब मात्रा में खीरा, टमाटर, बंद गोभी और नीबू रखें। इससे आप जब चाहें इस पोषक युक्त आहार का आनंद उठा सकती हैं।
एक कटोरा दलिया या ओटमील में ब्राउन शुगर, कसा खजूर, किशमिश, बादाम और ब्राउन शुगर मिलाएं। यह नाश्ता आपको दिनभर एनर्जी से भरपूर रखेगा और लंच टाइम तक भूख नहीं लगने देगा।
रूल 5
ज्यादा तेल इस्तेमाल न करें। अपने वेज या नॉनवेज खाने पर पहले तेल लगा लें और फिर पैन में पकाएं। इससे बिल्कुल भी एक्स्ट्रा तेल नहीं लगता है। तेल, घी या मक्खन को कम या ज्यादा गर्म न होने दें, यह हानिकारक होता है।
रूल 6
प्योर सामग्री का इस्तेमाल करें। जैसे, धनिया के पूरे बीजों का इस्तेमाल करें, क्योंकि बीजों में सारे तत्व बने रहते हैं। सारे मसालों के बीज रखें और तब ही पीसें, जब जरूरत हो। अगर वह पहले से पीसे हों, तो वह प्रोटीन के साथ-साथ टेस्ट भी खो देते हैं। बाहर से मसालों का पाउडर बिल्कुल न खरीदें। इनमें कलर व मात्रा बढ़ाने के लिए कुछ मिला दिया जाता है।
रूल 7
सही सब्जी, फिश, मीट कुछ भी खाएं। इसे बनाने की सामग्री लें और बनने में पूरा समय दें। इससे खाना टेस्टी बनेगा और आप खाने का पूरी तरह एंजॉय भी कर पाएंगे।
नमक खाते ही उतर जाएगा बुखार
भुना नमक बनाने की विधि- खाने मे इस्तेमाल आने वाला सादा नमक लेकर उसे तवे पर डालकर धीमी आंच पर सेकें। जब इसका कलर कॉफी जैसा काला भूरा हो जाए तो उतार कर ठण्डा करें। ठण्डा हो जाने पर एक शीशी में भरकर रखें।जब आपको ये महसूस होने लगे की आपको बुखार आ सकता है तो बुखार आने से पहले एक चाय का चम्मच एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर ले लें। जब आपका बुखार उतर जाए तो एक चम्मच नमक एक बार फिर से लें। ऐसा करने से आपको बुखार कभी पलट कर नहीं आएगा।
विशेष-हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों को यह वि धि नहीं अपनानी चाहिए।
- यह प्रयोग एक दम खाली पेट करना चाहिए इसके बाद कुछ खाना नहीं चाहिए और ध्यान रखें कि इस दौरान रोगी को ठण्ड न लगे।
- अगर रोगी को प्यास ज्यादा लगे तो उसे पानी को गर्म कर उसे ठण्डा करके दें।
- इस नुस्खे को अजमाने के बाद रोगी को करीब 48 घंटे तक कुछ खाने को न दें। और उसके बाद उसे दूध, चाय या हल्का दलिया बनाकर खिलाऐं।
क्या आप अपने जोड़ो के दर्द से परेशान हैं...?
यदि किसी व्यक्ति को गठिया, साइटिका या रीढ़ की हड्डी या अन्य हड्डी से जुड़ी कोई परेशानी है तो उसके लिए गृद्धासन काफी कारगर उपाय हैं। इसके नियमित अभ्यास से काफी फायदा होता है।
गृद्धासन की विधि
- समतल स्थान पर कंबल आदि बिछाकर जमीन पर सीधा खड़े हो जाएं।
- फिर दाएं पैर को घुटनें से मोड़कर बाएं पैर में रस्सी की तरह लपेटकर खड़े हो जाएं तथा पूरे शरीर का भार एक पैर पर डालें।
- इस तरह दोनों हाथों को भी आपस में इस तरह से लपेटे की अंगूलियां गिद्ध की चोंच की तरह बन जाएं।
- हाथों को मुंह के सामने रखें।
- आसन की इस स्थिति में कुछ देर तक रहें और सामान्य स्थिति में आकर इस क्रिया को दूसरे पैरों से भी करें।
- इसमें घुटनों को हमेशा मुड़े हुए रखें। इस आसन का अभ्यास शुरु में कठिन होता है।
- इस आसन को शुरु में करते समय किसी दूसरे की सहायता ले सकते हैं। बाद में बिना किसी की सहायता से ही करें। इस आसन में शरीर का पूर्ण भार एक पैर पर ही टिका होता है। इसमें शरीर का संतुलन बनाना आवश्यक है।
आसन से रोगों में लाभ
इससे पिण्डलियों की मांसपेशियां विकसित व सख्त बनती है। इस से पैरों व हाथों की हड्डियां मजबूत होती है तथा रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है। यह हाथ-पैरों को विकसित एवं पुष्ट करता है। यह गठिया तथा पुरानी वातरोग, साइटिका पेन को ठीक करता हैं।
सावधानी
यदि आह्यपको किसी तरह की बीमारी है तो किसी योग प्रशिक्षक से परामर्श अवश्य करें।
ये पांच खाने ऐसे हैं जिसमें है सबसे ज्यादा ताकत!
सोमवार, 28 मार्च 2011
हर रोज खाएं 7 अखरोट
अगर आप अपने शरीर में ऑक्सीडेंट्स को कम करना चाहते हैं तो हर रोज 7 अखरोट खाएं।
पेंसिलवेनिया के स्क्रैन्टॉन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता विनसन का कहना है कि अखरोट में मूंगफली, बादाम, पिस्ता और अन्य मेवा से ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं।
इसलिए स्वास्थ्य लाभ के लिए हर रोज करीब सात अखरोट खाने चाहिए। अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स विटामिन ई जितने गुणकारी होते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद प्राकृतिक रसायनों को नष्ट होने से रोककर कैंसर, मधुमेह और दिल की बीमारी से रोकथाम करता है। साथ ही शरीर की त्वचा को निखारने का काम भी करता है।
बिना दूध की चाय कम करता है वजन
वैज्ञानिकों के मुताबिक चाय में वसा कम करने के कई तत्व होते हैं, लेकिन गाय के दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन वसा कम करने की इसकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि ब्रिटेन और भारत में बड़े पैमाने पर चाय के इस्तेमाल के बावजूद इसका सकारात्मक असर लोगों के स्वास्थ्य नहीं होता, क्योंकि वहां के लोग चाय में दूध मिलाकर पीते हैं।
वहीं भारत के असम में जोरहाट स्थित टी रिसर्च एसोसिएशन के वैज्ञानिक देवाजीत बोरथाकुर का कहना है कि चाय जब दूध के साथ ली जाती है, तो यह थीफलेविन्स और थिरोबिगिन्स का प्रभाव कम कर देती है। हमें न तो इनका फायदा मिलता है और न ही दूध के प्रोटीन का और कैल्शियम का फायदा मिलता है।
उधर, जापान के वैज्ञानिक हिरोआकी याजिमा का कहना है कि काली चाय मोटापा कम करने में कारगर हो सकती है।
कैसे बचें गर्मियों में डिहाइड्रेशन से
डिहाइड्रेशन के लक्षण- जबान का सूखना, सांस का असामान्य होना, चिढ़चिढापन, उल्टी आना, सामान्य से कम पेशाब होना।
बचने के उपाय- अगर आपको डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लत हो रही हो तो तुरंत पानी में थोडा सा नमक और शक्कर मिलाकर घोल बनाऐं और पी लें।
- कच्चे दूध की लस्सी बनाकर पीने से भी डिहाइड्रेशन में लाभ होता है।
- छाछ तें नमक डालकर पीने से भी आपको इस समस्या से राहत मिलेगी।
- डिहाइडे्रश होने पर नारियल का पानी पिऐं।
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