शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011
छोटे-छोटे टिप्स 1
छोटी-छोटी बाते बडे काम की
अचार फिर से नया हो जायेगा।
२--निम्बू के अचार में नमक के दाने पड जाते हैअचार डालते समय ही थोडी पीसी चीनी भी बुरक दे तो ये दाने नही
पडेगें और अगर पड गये है तो भी थोडी पीसी चीनी बुरक दीजिये अचार नया सा हो जायेगा।
छोटे-छोटे टिप्स
बेकार वस्तुओ का उपयोग
दाग- धब्बे एसे छुडाएं
- चाय, काफ़ी, चाकलेट, कोको का दाग:- जब वस्त्र मे इन का दाग लग जाए तो कपडे पर खौलता पानी डालें, न छुटे तो थोडा सा बोरेक्स इस के उपर डालें। इस से भी न छुटे तो हाईड्रोजन पैराओक्साइड के घोल से छुडाएं। इस प्रकार के दाग सुखने के बाद पक्के हो जाते है इसलिए ताजे दाग पर थोडा सा टैलकम पाऊडर लगा कर सोखें फ़िर गर्म पानी से धोएं।
- आइसक्रीम के दाग:-अगर आइसक्रीम के दाग कपडों मे लग जाए तो अमोनिया का घोल डालें ।
- पान का दाग:-ऎसे दाग कपडो मे लग जाए तो कच्चे दूध मे फ़ूलने के लिए छोड दें दाग छूट जाएगा।
- पेंट तथा वार्निश का दाग:- कैरोसीन के तेल मे दाग वाले वस्त्र को डुबो दें, दाग आसानी से छूट जाएगा।
- रक्त का दाग:-अगर रक्त का दाग कपडों मे लग जाए तो तुरन्त पानी से धो लें। अगर दाग पुराना हो तो स्टार्च का पेस्ट फ़ैलाएं और कुछ देर तक सूखने दें फ़िर भीगो कर ब्रश कर दें, दाग छूट जाएगा।
रसोई मे काम की बातें
- चावलों मे साबुत नमक और राख मिला कर रखने से कीडे नही पड्ते।
- चावलों मे चूने का टुकडा रखने से भी कीडे नही पडते।
- आलू उबालते समय थोडा सा सिरका डाल देने से आलू का रंग सफ़ेद रहता है।
- पकौडे बनाते समय बेसन के साथ खाने का सोडा डाल कर तेल के साथ फ़ैट लें। इस से पकौडे खसता और स्वाधिष्ट बनेगें।
- चावल की खीर बनाते समय शकर के साथ थोडा सा नमक मिलाने से खीर का स्वाद और बढ जाता है।
- गेहूँ का दलिया बनाते समय उस मे थोडा सा तिल मिला दें और पकाने के बाद थोडी सी छोटी इलाइची पिसी हुई डालें। दलिया बहुत स्वादिष्ट हो जाएगा ।
- टमाटर की टोपी पर थोडा सा मोम लगा देने से ट्माटर कई दिनो तक ताजे बने रह्ते हैं।
- चावल की खीर बनाते समय चुटकी भर जावित्री का चूर्ण डालने से खीर बहुत स्वाधिष्ट हो जाता है।
- अगर आप के पास दही जमाने के लिए जामुन नही है तो इधर-उधर न भट्कें। दूध मे एक टुकडा नारियल का डाल दें सुबह आप को दही तैयार मिलेगी।
- अगर आप के दाल सब्जी मे मिर्च ज्यादा पड गयी हो तो घबराइए मत उस मे निंबू निचोड दीजिए मिर्च कम हो जाएगा।
- चने की सब्जी के बघार मे एक चम्म्च दही डाल देने से सब्जी बहुत स्वाधिष्ट हो जाती है
- करेले की कड्वाहट दुर करने के लिए उन्हे चावल की धोवन मे आधे घंटे भिगो दें ।
- अच्छा गाडा दही जमे इस के लिए दही जमाने से पहले उस मे थोडा सा कार्नफ्लोर मिला दें ।
- यदि काँफी बहुत कड्वी हो गई हो तो उस की कड्वाहट कम करने के लिए थोडा सा नमक मिला लें।
- प्याज़ काटने से पहले उन्हे 5 मिनट तक ठंडे पानी मे भिगो कर रख दें, इस से प्याज़ काटते समय आंसू नही निकलेगें ।
- कच्चे आमो को नमक के पानी मे रखने से वह जल्दी खराब नही होते।
- हरे कच्चे ट्माटरो को अखबार मे लपेट कर रखने से वह जल्दी पक जाते हैं।
- दूध मे थोडा सा खाने का सोडा डालकर रखने से गर्मी मे दूध फटता नही है।
- सब्जि जल्दी पक जाए और उस की रंगत भी बनी रहे इस के लिए सब्जी पकाते समय उसमे चुटकी भर चीनी डाल दें।
कपडों की सुरक्षा
- बरसात के दिनों मे बिस्तर, कपडे आदि रखने की पेटी या अल्मारी मे फिनाइल की गोलिय़ां रखने से कीडे मकौडे व बदबू से कपडे बचे रह्ते है।
जेवरों की देखबाल
- सोने दे जेवर पर पिसी हल्दी लगा कर मसलने से वे चमकने लगते हैं।
- मोती व चांदी के जेवर रुई मे लपेट कर रखने से काले नही पडते।
व्यर्थ वस्तुओं का उपयोग
- अगर आप थोडे थोडे बचे लिपस्टिक को फैकने जा रहें है तो रुकिए, उन्हे एक कटोरी मे खरोंच कर निकाल लें और ३-४ मिनट गर्म करने के बाद लिपस्टिक को खाली केसों मे डाल कर रख दें। ऐसा करने से आप का बचा हुआ लिपस्टिक फिर से काम आएगा और एक नया शेड भी आप को मिलेगा।
विविध
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अगर आप के हाथ गर्म तेल या किसी अन्य कारण से सेक लग जाता है तो ग्वारपाठे का पत्ता रगड लें जले पर रामबान ओषधि है। आप भी आजमा कर देखें।
गुरुवार, 14 अप्रैल 2011
बहुत गुणकारी है प्याज
प्याज का सेवन यूं तो हर मौसम में सलाद के रूप में अथवा सब्जी बनाने में किया जाता है किन्तु इसका ज्यादा सेवन गर्मियों में ही किया जाता है क्योंकि यह गर्मी के मौसम में लू लगने से बचाती है। इसके अलावा और भी कई अन्य रोगों में प्याज का सेवन लाभकारी है। प्रतिदिन प्याज के सेवन से विभिन्न प्रकार के रोगों में काफी लाभ होता है। वैसे कच्ची प्याज जितनी गुणकारी होती है, सब्जी में डालकर पकाने के बाद यह उतनी गुणकारी नहीं रह पाती क्योंकि सब्जी में पकाते समय इसके अधिकांश पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। प्रस्तुत है विभिन्न रोगों में प्याज के उपयोग :-
* प्याज कब्ज निरोधक है।
* 100 ग्राम प्याज में 50 कैलोरी होती है और एक सामन्य व्यक्ति को एक दिन में करीब 70 कैलोरी की आश्यकता होती है।
* कच्ची प्याज पाचन शक्ति वर्ध्दक, गले को साफ करने वाली, स्मरण शक्ति वर्ध्दक, आंखों के लिय लाभप्रद तथा बुढ़ापे को दूर करने वाली होती है।
* अच्छी तरह से पकी हुई प्याज बलवर्ध्दक तथा हृदय को शक्ति प्रदान करने वाली, त्वचा का रंग निखारने वाली और भूख बढ़ाने वाली होती है।
* बिच्छू के काटे हुए स्थान पर कच्चा प्याज पीसकर लेप करने से जहर कुछ ही देर में उतर जायेगा।
* बच्चों के सिर में जुएं हो जाने पर सिर में प्याज का रस लगाकर कुछ घंटे बाद धो दें। जुएं मर जाएंगी।
* हैजा फैलने पर प्याज का उपयोग बहुत लाभ देता है।
* कच्ची प्याज गर्मी के मौसम में ठंडक प्रदान करती है और लू लगने से भी बचाती है।
* प्याज में सबसे अधिक मात्रा में विटामिन ई होता है।
* प्याज स्त्रियों के बांझपन को भी रोकती है।
* पेशाब और नियमित मासिक धर्म के लिये भी प्याज का सेवन बहुत गुणकारी रहता है।
* प्याज रक्त को शुध्द करने में विशेष रूप से सहायक है।
मधुमेह में उपयोगी खाद्य पदार्थ
डायबिटीज ही मधुमेह है। यही सुगर का रोग कहलाती है। इसके नाम से भी अब लोग डरने लगे हैं। मगर यह है कि हर तीसरे व्यक्ति को अपनी लपेट में ले लेता है। इसको खाद्य पदार्थों की मदद में काबू में रखें।
* जो पदार्थ खाना बन्द करना जरूरी है, पहले उन्हें जानें मीठा, मिठाई, पेस्ट्री, मीठे पेय, गाजर, चुकन्दर, चाकलेट, आईस्क्रीम, मीठे बिस्कुट, गन्ना, गन्ने का रस गुड़, शक्कर, अनाजों में चावल तथा गेहूं, आलू (उबला हुआ आलू खा सकते हैं। डबल रोटी, बन्द केला, अंगूर, शरीफा, लीची, आम, शराब, कैफीन। मतलब यह कि कोई भी हानिकारक पदार्थ न खाएं जो रोग बढ़ाता हो।
* प्रयत्न करके मोटापा कम करें। वसा कम खाएं। मैथी, जामुन, करेला, लहसुन तथा रेशेदार खाद्य पदार्थ इस रोग को कम करने व ठीक करने वाले हैं।
* शलजम उबालकर खाएं तो चीनी भी निकल जाएगी। इसमें स्टार्च तथा कार्बोहाइड्रेट बहुत कम होते हैं। अत: यह उपयोगी रहता है।
* खमीर में कार्बोहाड्रेट से भी शर्करा कम होती है। यह इंसुलिन पैदा करता है। इसमें फास्फोरस भी काफी रहता है। अत: उपयोगी है।
* कच्चे केले को बतौर सब्जी खा सकते हैं। यह मोटापा नहीं करेगा।
* चूंकि नींबू में विटामिन सी होता है, यह संरक्षण शक्ति बढ़ाता है। यह खून में से विषाक्त तत्व हटा देता है। शरीर साफ करता है।
* चने का सूप तथा चने का आटा इस रोग में शरीर की शर्करा को आत्मसात करने में मदद करते हैं। चने में प्रोटीन की मात्रा तो अधिक रहती है जबकि कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम। अत: चना लाभकर होता है।
* रक्त में मौजूद शर्करा की मात्रा को कम करने में उड़द की दाल बहुत ठीक बैठती है।
* साबुन उड़द को अंकुरित करें। इसको पीस कर दूध निकाले। दूध कहें या रस, इसका सार निकाल लें, यह भी रक्त की शर्करा को कम करने में मदद करती है।
सावधानी-यदि कोई मधुमेह रोग के साथ बात का रोगी है या जिसकी पाचन शक्ति कमजोर है, वह उड़द वाले इस उपचार को न अपनाएं।
* आम के कोमल पत्तों को तोड़कर दिन में तीन बार थोड़े थोड़े चबाएं तो काफी जल्दी लाभ मिलता है।
* जो व्यक्ति शुरू में दी गई सूची के खाद्य पदार्थ नहीं खाए तथा यहां दिए कुछ घरेलू उपचार करें तो व इस रोग को खत्म कर सकते हैं।
* सोयाबीन को विभिन्न तरीकों से ले सकते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट की कमी होती है जबकि प्रोटीन की अधिकता। अत: जरूर सेवन करें।
* सोयाबीन का दही, दूध, बड़ियां नमकीन, आटा, सब्जी के रूप में लें जो कि शुगर को कम कर रोग को शांत कर देता है।
* डायबिटीज के रोग को काबू करने तथा खत्म करने में ककड़ी, खीरा, सलाद के पत्ते, मूली, मूली के पत्ते, पालक आदि का नियमित सेवन करें यह प्रतिरक्षा क्षमता तो बढ़ाएंगे ही, रोग में काफी राहत भी दे पाएंगे।
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