शुक्रवार, 3 जून 2011

पौष्टिक आटा



गुरुदेव ने आटा को पौष्टिक बनने के लिए निम्नलिखित composition बताया है:
गेहूं - ५ kg
सोयाबीन - १ kg
मक्का - १ kg
जाऊ - १ kg
इसके अलावा अपने रूचि और पाचन के अनुसार बाजरी भी डाल सकते हैं।

काजू प्रयोग



पैरो की एडियों में दरारे हो, पेट में कृमि हो तो बच्चों को २/३ काजू शहद के साथ अच्छी तरह तरह से चबा चबा कर खाने दे…और बड़े है तो ५/७ काजू…..कृमि,कोढ़, काले मसुडो आदि में आराम होगा |काजू प्रयोग से मन भी मजबूत होता है

गुरुवार, 2 जून 2011

कैसा भी बुखार हो, तुरंत भगाएगा ये दादी मा का नुस्खा

बुखार सेहत से जुड़ी हुई एक आम समस्या है। हर किसी को किसी न किसी कारण से बुखार की शिकायत हो ही जाती है। कभी वायरल फीवर के रूप में तो कभी घातक मलेरिया बनकर  अलग-अलग नामों से यह सभी को अपनी चपेट में ले ही लेता है। फिर बड़ा आदमी हो या कोई बच्चा, इस बीमारी की चपेट में आकर कई परेशानियों से घिर जाते हैं। कई बुखार तो ऐसे हैं जो बहुत दिनों तक आदमी को अपनी चपेट में रखकर उसे पूरी तरह से कमजोर बना देता है। यहां हम एक ऐसा दिलस्प मगर 100 फीसदी अचूक और कारगर उपाय जो किसी भी तरह के बुखार में अपना प्रभाव दिखाकर रहता है। इस प्रयोग में भुने हुए नमक को मरीज को दिया जाता है, जिसका प्रभाव कुछ ही समय में सामने आ जाता है...

प्रयोग विधि:

खाने मे इस्तेमाल आने वाला सादा नमक लेकर उसे तवे पर डालकर धीमी आंच पर सेकें। जब इसका कलर काफी जैसा काला भूरा हो जाए तो उतार कर ठण्डा करें। ठण्डा हो जाने पर एक शीशी में भरकर रखें। जब आपको ये महसूस होने लगे की आपको बुखार आ सकता है तो बुखार आने से पहले एक चाय का चम्मच एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर ले लें। जब आपका बुखार उतर जाए तो एक चम्मच नमक एक बार फिर से लें। ऐसा करने से बुखार पलटकर भी नहीं आएगा।

विशेष:

- हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों को यह प्रयोग नहीं करना चाहिये।

- यह एक पुराना घरेलू नुस्खा है, इसके साथ ही आधुनिक चिकित्सक की सलाह भी अवश्य लें।

- यह प्रयोग एक दम खाली पेट करना चाहिए इसके बाद कुछ खाना नहीं चाहिए और ध्यान रखें कि इस दौरान रोगी  को

  ठण्ड न लगे।

- अगर रोगी को प्यास ज्यादा लगे तो उसे पानी को गर्म कर उसे ठण्डा करके दें।

- इस नुस्खे को अजमाने के बाद रोगी को करीब 48 घंटे तक कुछ खाने को न दें। और उसके बाद उसे दूध, चाय या

  हल्का दलिया बनाकर खिलाऐं।

पौरुष बल बढ़ाने और यौन समस्याएं मिटाने का 1 सरल तरीका


बुधवार, 1 जून 2011

चमत्कारी मिट्टी कर देगी नकसीर की छुट्टी

अक्सर देखा जाता है कि गर्मियां शुरू होते ही कुछ लोगों को नकसीर की प्रॉब्लम होने लगती है। किसी किसी को तो यह समस्या हर साल एक परमानेंट बीमारी की तरह होती जा रही है। लेकिन अब घबराइए नहीं कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों को अपना कर आप पुरानी से पुरानी नकसीर से छुटकारा पा सकते हैं।

तुरन्त नकसीर बन्द करने के लिए-

1. थोड़ा सा सुहागा पानी में घोलकर नथूनों पर लगाऐं नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी।

2. जिस व्यक्ति को नकसीर चल रही है उसे बिठाकर सिर पर ठण्डे पानी की धार डालते हुए सिर भिगों दें। बाद में थोड़ी पीली मिट्टी को भिगोकर सुंघाने से नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी।

पुरानी नकसीर की बीमारी को हमेशा के लिए बन्द करने के लिए-

करीब 20 ग्राम मुल्तानी मिट्टी को कूट कर रात के समय मिट्टी के बर्तन में करीब एक गिलासपानी में डालकर भिगो दें।  सुबह पानी को निथारकर छान लें। इस साफ पानी को दो तीन दिन पिलाने से वर्षों का पुराना रोग हमेशा के लिए खत्म हो जाता है।

विशेष- बच्चों को इस पानी में मिश्री या बताशा मिलाकर पिलाने से किसी भी तरह की नकसीर हमेशा के लिए बन्द हो जाती है।

नाक में डालो पानी...सर्दीं हो जाएगी छूमंतर

बहुत जल्दी ही बारिश का सुहावना सीजन आने वाला है। बारिश के दिनों में कामकाजी लोगों को न चाहकर भी बारिश के पानी में भीगना ही पड़ता है। जिन लोगों की तासीर गर्म है तथा जो बीमारियों के प्रति ज्यादा मजबूत होते हैं वे तो बारिश के मौसम में सर्दी लगने से बच जाते हैं। लेकिन सभी के साथ ऐसा नहीं है, अधिकांश लोग खाशकर महिलाएं और बच्चे काफी नाजुक प्रकृति के होते हैं। शीत प्रकृति के लोगों को पानी से भीगने या ज्यादा देर पानी के सम्पर्क में रहने से तत्काल सर्दी बैठ जाती है। सर्दी-जुकाम की तकलीफ ऐसी होती है कि इंसान को लगता है कि इससे तो बुखार का आना ज्यादा अच्छा है। आइये चलते हैं एक ऐसे उपाय की ओर जो सर्दी-जुकाम जैसी नामुराद बीमारी को जड़ से मिटा सकता है और वो भी सदा के लिये....

जलनेती: 

यह एक यौगिक क्रिया है, जिसको बगैर किसी अनुभवी मार्गदर्शक के कभी भी नहीं करना चाहिये। इस क्रिया में  नाक के बाएं छेद से पानी डालते हुए शरीर को कुछ इस तरह से रखा जाता है कि सारा का सारा पानी दाहिने नाक की तरफ से निकल जाता है। यही क्रिया दाएं से बाएं भी दोहराई जाती है इस तरह एक चक्र पूरा होता है।

सावधानी: 

किसी अनुभवी मार्गदर्शक की देखरेख में ही इस क्रिया को प्रारंभ करना चाहिये। प्रारंभ में बहुत  कम समय के लिये ही इस क्रिया को प्रारंभ करना चाहिये।

विशेश: 

इस क्रिया के करने से यकीनन पुरानी से पुरानी सर्दी-जुकाम और एलर्जी तक का भी जड़ से से सफाया हो जाता है।

नुस्खे कील-मुहांसे



  • खीरे को गोल सलाद के रूप में काट लों। उसे कद्दूकस कर लें और उसे चेहरे पर मलें। इससे कील-मुहांसे ठीक हो जाते है।
  • काली मिर्च और फिटकरी बराबर मात्रा में ले लें और पीस लें। इस पाउडर में थोड़ा सा पानी मिलाकर चंदन जैसा लेप बना लें और मस्सों पर तीन-चार लगाएं। इस प्रयोग से मस्से जल्दी सूख जाते है और गिर जाते है

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