गुरुवार, 15 सितंबर 2011

बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम से पीछा छुड़ाएं अपनाएं ये रामबाण


बदलते मौसम में सर्दी-जकाम की समस्या होना एक आम बात है। इस मौसम में ये समस्या होना इस बात को दर्शाता है कि आपके शरीर का इम्यून सिस्टम सही ढंग से काम कर रहा है। इसीलिए सर्दी-जुकाम को रोकना तो मुश्किल होता है, सभी को हर मौसम में यह समस्या कभी न कभी जरूर होती है। अगर आप भी बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम के शिकार हो गए हैं तो ये घरेलु नुस्खे अजमाएं।

- सर्दी-जुकाम होने पर गर्म-गर्म चनों को सूंघने से भी दूर हो जाता है।

- काली मिर्च के साथ में थोड़े से बताशा डालकर गर्म-गर्म पीने से जुकाम दूर हो जाता है और मस्तक भी हल्का हो जाता है।

- शहद में अदरक का रस मिलाकर सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है।

- खांसी, जुकाम, सर्दी और सामान्य ज्वर में तुलसी व अदरक की चाय पीने से लाभ होता है।

- जुकाम होने पर गर्म दूध में छुहारा उबालकर इसमें थोड़ी सी इलायची एवं केशर मिलाकर सेवन करने से जुकाम के रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।

- गर्म देसी घी में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर रोटी के साथ सेवन करने से जुकाम ठीक हो जाता है।

- गुड़ और कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर, उबालकर चाय की तरह पीने से भी जुकाम दूर हो जाता है।

- सरसों के तेल को गुनगना करके छाती, पैर के दोनों तलवों और नाक के चारों तरफ  लगाने से भी जुकाम दूर हो जाता है।

- सौंफ  डेढ़ चम्मच की मात्रा में पानी के साथ खाकर ऊपर से गर्म दूध पीने से भी जुकाम होने की संभावना कम रहती है।

अमरूद हो सकता है आपके लिए अमृत जानिए कैसे?

अमरूद बहुत स्वादभरा फल है। अमरूद सिर्फ स्वाद का खजाना ही नहीं है बल्कि गुणों का भी खजाना है। लेकिन अक्सर ये देखा जाता है कि लोग अमरूद की बजाए अन्य फलों के सेवन को अधिक महत्व देते हैं जबकि अमरूद भी अनेक गुणों से भरपुर है। अमरूद में विटामिन ए, बी और सी के साथ पोटैशियम की भी मात्र पायी जाती है, इसलिये ये स्किन के लिये फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन सी भरपुर मात्रा में होता है।

- अमरूद स्किन पर निखार लाता है और स्किन के दाग- धब्बे दूर करता है। न केवल खाने से, बल्कि अगर अमरूद को चेहरे पर लगाया जाये तो भी त्वचा निखरती है।

- अमरूद के कोमल पत्तों का काढ़ा बनाकर काली मिर्च डालकर उसे पीते रहने से बुखार दूर हो जाता है।

- इसके ताजे पत्तों का रस 10 ग्राम तथा पिसी मिश्री 10 ग्राम मिलाकर 21 दिन प्रात: खाली पेट सेवन करने से भूख खुलकर लगती है और शरीर सौंदर्य में भी वृद्धि होती है।अमरूद खाने या अमरूद के पत्तों का रस पिलाने से भाँग का नशा कम हो जाता है।

- ताजे अमरूद के 100 ग्राम बीजरहित टुकड़े लेकर उसे ठंडे पानी में 4 घंटे भीगने दीजिए। इसके बाद अमरूद के टुकड़े निकालकर फेंक दें। इस पानी को मधुमेह के रोगी को पिलाने से लाभ होता है।

- अमरूद के ताजा पत्ते में एक छोटा-सा टुकड़ा कत्था लपेटकर पान की तरह चबाने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।

- सर्दी या पुराना जुकाम होने पर पके हुए अमरूद को इच्छानुसार भरपेट खा कर बिना पानी पीये रात भर बिता देने पर सुबह होते-होते काफी राहत मिलता है।

- कब्ज के रोगी कुछ दिनों तक सलाद में सिर्फ पका अमरूद, मूली, गाजर एवं पुदीने की पत्तियों का ही इस्तेमाल करें तो कब्ज की शिकायत प्राय: दूर हो जाती है।

- अमरूद को चबाकर खाने या भरपूर मात्रा में रस पीने से बहुत लाभ होता है।

बुधवार, 14 सितंबर 2011

ऐसे करें केले का उपयोग यह स्कीन को जवां बनाए रखेगा

त्वचा को खूबसूरत बनाने और झुर्रियों से बचाव के लिए लोग कॉस्मेटिक सर्जरी तक करवाते हैं, लेकिन अब ऐसा प्राकृतिक उपचार भी उपलब्ध है जिससे आप आसानी से झुर्रियों से निजात पा सकते हैं।त्वचा पर झुर्रियां पडऩा आज एक आम समस्या हो गई है, लेकिन चेहरे पर पडऩे वाली झुर्रियों को रोकना इतना मुश्किल भी नहीं।

अब ऐसे तरीके खोज लिए गए हैं, जिनसे झुर्रियां नहीं पड़ती। कैल्शियम और दूसरे खनिज तत्वों के इस्तेमाल से आप झुर्रियों को दूर करने के साथ-साथ अन्य रोगों को भी दूर कर सकते हैं और  अपनी स्कीन को हमेशा जवां बनाए रख सकते हैं। आजकल ब्युटी पार्लर में फ्रुट फेशियल देने का प्रचलन बढ़ गया है। इसमें मुख्य रूप से केला और पपीता उपयोग किया जाता है। लेकिन आप घर में भी नीचे लिखे तरीके से केले का उपयोग करके अपनी त्वचा को झुर्रियों से बचा सकते हैं।

केले का पेस्ट बनाने के लिए एक पका केला लें। उसमें एक चम्मच शहद मिला लें। मसलकर चेहरे और गर्दन पर तकरीबन 15 मिनट के लिए लगा लें। फिर टिश्यू पेपर से पोंछकर फ्रेश वाटर से धो लें। यही नहीं , केले के गूदे में कुछ बूंदें जैतून के तेल की मिलाकर लगाने से रिंकल्स कम होते हैं।पके केले का गूदा व नारियल का तेल मिलाकर हाथों के स्किन पर मलें तो हाथों पर रिंकल्स नहीं आएंगे। साथ ही केले को खाने में भी उपयोग लाएं क्योंकि केले में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। जिससे यह पाचन क्रिया में मदद करता है। साथ ही केला तनाव को कम करने में भी मदद करता है। केले में ट्राइप्टोफान नामक एमिनो एसिड होता है, जो मूड को रिलैक्स करता है। 

सौन्दर्य निखारने के सबसे असरदार आयुर्वेदिक नुस्खे

अगर आप महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट, शैम्पू, ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करते हुए थक चुकी हैं, फिर भी आपको कोई फायदा नहीं हुआ है तो एक बार मुल्तानी मिट्टी जरूर इस्तेमाल करके देखें। कहा जाता है कि मुल्तानी मिट्टी सौन्दर्य का खजाना है। ये नेचुरल कंडीशनर भी है और ब्लीच भी। ये सौन्दर्य निखारने का सबसे सस्ता और आयुर्वेदिक नुस्खा है।





- आधा चम्मच संतरे का रस लेकर उसमें 4-5 बूंद निंबू का रस, आधा चम्मच मुल्तानी मिट्टी, आधा चम्मच चंदन पाउडर और कुछ बूंदें गुलाब जल की। इन सबको मिलाकर कर थोड़ी देर के लिए फ्रिज में रख दें। इसे लगा कर 15-20 मिनट तक रखें। इसके बाद पानी से इसे धो दें। यह तैलीय त्वचा का सबसे अच्छा उपाय है।

- अगर आपकी त्वचा ड्राई है, तो काजू को रात भर दूध में भिगो दें और सुबह बारीक पीसकर इसमें मुल्तानी मिट्टी और शहद की कुछ बूंदें मिलाकर स्क्रब करें।

- मुहांसों की समस्या से परेशान लोगों के लिए तो मुल्तानी मिट्टी सबसे कारगर इलाज है, क्योंकि मुल्तानी मिट्टी चेहरे का तेल सोख लेती है, जिससे मुहांसे सूख जाते हैं।

- तैलीय त्वचा के लिए मुल्तानी मिप्ती में दही और पुदीने की पत्तियों का पाउडर मिला कर उसे आधे घंटे तक रखा रहने दें, फिर अच्छे से मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सूखने पर हल्के गर्म पानी से धो दें। ये तैलीय त्वचा को चिकनाई रहित रखने का कारगर नुस्खा है

- मुल्तानी मिट्टी को एक कटोरे पानी में भिगो दें। दो घन्टे बाद जब मुल्तानी मिट्टी पूरी तरह घुल जाए तो इस घोल को सूखे बालों में लगा कर हल्के हाथ से बालों को रगड़े। पाँच मिनट तक ऐसा ही करें। अगर सर्दियां हैं तो गुनगुने पानी में और अगर गर्मियाँ हैं तो ठन्डे पानी से सिर को धो लें। अगर बालों मे ज्यादा गंदगी मौजूद है इसलिए यह काम दोबारा न करें। 

सांसों की बदबू हमेशा के लिए हो जाएगी छू-मंतर ऐसे

बदबूदार सांसें दिल की बीमारियों तक की वजह बन सकते हैं। लेकिन थोड़ी देखभाल से आप चमकीले दांत और महकती सांसें पा सकते हैं।अगर मसूड़ों से खून आता है। ज्यादा खून आने पर मुंह से दुर्गंध आने लगती है। मसूड़ों में इन्फेक्शन होना,जब यह बिमारी मसूड़ों के साथ-साथ उसके आस पास की हड्डी तक पहुंचती है तो इसे पायरिया कहते हैं। धीरे-धीरे दांत हिलने लगते हैं और जल्दी ही गिरने लगतें हैं। अगर आप भी किसी ऐसी ही समस्या से परेशान हैं तो नीचे लिखे टिप्स जरूर आजमाएं।

- जामुन की लकड़ी की राख को मलने से दांतों से खून निकलना बंद होता है।

 - बेल के 5 तोला शरबत में 5 तोला दूध मिलाकर पीने से मसूड़ों के रोगों में आराम मिलता है।

 - शहद या सरसों के तेल के कुल्ले करने से भी लाभ मिलता है।

 - परवल,नीम,जामुन,आम और चमेली ले पत्तों का काढ़ा बनाकर मुंह में रखने से लाभ मिलता है।

 - दारु हल्दी को पानी में पकाएं जब यह पकते-पकते गाढ़ी हो जाये तब इसमें शहद मिलाकर मुंह में रखने से यदा होता है।

- अगर दर्द मसूड़ों में सूजन की वजह से है तो भी गुनगुने पानी में नमक या डिस्प्रिन डालकर कुल्ला करने से राहत मिल सकती है।

गुरुवार, 8 सितंबर 2011

टांसिल्स से परेशान हैं तो आजमा कर देखें ये देसी तरीके

बढ़ते-घटते टेम्प्रेचर के कारण लोगों को बहुत सी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। अधिकतर मौसम बदलने पर लोगों में टांसिल्स की समस्या देखने में आती है। इसीलिए मौसम के परिवर्तन पर या दिन के समय घर से बाहर रहने वाले या किसी भी कारणवश तेज धूप और गर्मी में रहने के बाद लोग एकदम ठंडा पानी पी लेने पर टांसिल्स की समस्या हो जाती है। यही कारण है कि तापमान में बार-बार होने वाले बदलाव के कारण लोगों को खानपान का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा ये कुछ घरेलु उपाय हैं जिन्हें अपनाकर भी टांसिल्स की समस्या में राहत मिलती है।



- एक प्याला दूध में आधा छोटा चम्मच पिसी हल्दी मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है।

- कच्चे पपीते को दूध में मिलाकर गरारे करें। हफ्ता भर करने से यह समस्या दूर हो जायेगी।



-जब खांसी,जुखाम,टांसिल्स एवं, सांस की तकलीफ  हो तब दही का सेवन न करें तो अच्छा।



- टांसिल्स में भी गाजर का रस पीने की सलाह दी जाती है। आराम मिलता है।



- मेथी के चूर्ण तथा काढ़े से स्नायु रोग,बहु-मूत्र ,पथरी,टांसिल्स,में लाभ होता है।



- गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारे करें।

दांतों के दर्द को उखाड़ फेकेंगे नानी के ये अचूक उपाय

दांत में जीवाणुओं का संक्रमण हो जाने पर अधिकतर लोग दांत के दर्द से परेशान हो जाते हैं। दांतों पर इनके संक्रमण से सिर्फ दांतों में ही दर्द नहीं होता बल्कि मसुड़ों में भी घाव हो जाते हैं। दांतों में केवेटी हो जाने पर कई बार सिर्फ जितनी देर पेन किलर का असर रहता है बस उतनी ही देर दांतों के दर्द में आराम महसूस होता है और फिर दांतों का दर्द सताने लगता है। नीचे लिखे ये कुछ उपाय हैं जिनका उपयोग करके आप दांतों के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।



- पुदीने की सूखी पत्तियां पीडा वाले दांत के चारों ओर  रखें। 10-15 मिनिट की अवधि तक रखें।

- दो ग्राम हींग नींबू के रस में पीसकर पेस्ट जैसा बना ले। इस पेस्ट मंजन करने से दांत का दर्द दूर होता है।

-  नींबू, आंवला, टमाटर ,नारंगी का नियमित उपयोग लाभकारी है।

- मसूढों से अत्यधिक मात्रा में खून जाता हो तो नींबू का ताजा रस पीना  लाभकारी है।

- हरी सब्जियां और  भोजन में अधिक शामिल करें।

- दांत की केविटी में थोडी सी हींग भरदें।

- बर्फ का टुकडा दुखने वाले दांत के ऊपर या पास में रखें। बर्फ उस जगह को सुन्न करके लाभ पहुंचाता है।

- एक छोटा प्याज रोज चबाकर खाने की सलाह दी जाती है। इससे दांत में निवास करने वाले जीवाणु नष्ट होंगे।

- लौंग के तैल में रूई भिगोकर दांत की केविटी में रखने से लाभ होता है।

-नमक मिले गरम पानी के कुल्ले करने से दंतशूल नियंत्रित होता है। दिन में तीन बार कुल्ले करना उचित है।

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