बुधवार, 16 नवंबर 2011

नहीं होगा कोई रोग, मैथी का ये अचूक प्रयोग ठंड में बना देगा आपकी सेहत

ठंड में आने वाली सारी हरे पत्तेदार सब्जियों को स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी माना गया है। अगर बात मेथी की हो तो मेथी तो वो सब्जी है जो खाने के स्वाद को और ज्यादा बड़ा देती है। मसालों, सब्जियों के बघार में,अचार में, पत्तियों की सब्जी और मेथी के पराठे बहुत चाव से खाए जाते हैं। मेथी का दवाई के रूप में उपयोग हजारों सालों से किया जाता रहा है। कमर दर्द, गठिया दर्द, प्रसव के बाद, डाइबिटीज के साथ ही जोड़ों के दर्द, आंखों की कमजोरी, शारीरिक दुर्बलता, मूत्र संबंधी विकार ये सब दूर होते हैं। इसका सेवन हर साल करते रहना चाहिए।

स्त्रियां भी इसका सेवन करके सदैव स्वस्थ रह सकती हैं एवं चिरयौवन प्राप्त कर सकती हैं। हर साल सर्दियों के मौसम में इसे लाग के रूप में खाया जाता है। माना जाता है ठंड में इसका सेवन करने से शरीर स्वस्थ व निरोगी रहता है।

 सामग्री- मेथीदाने- 500 ग्राम, सोंठ का बारीक पाउडर 250 ग्राम, दूध चार लीटर, घी 500 ग्राम, चीनी 1.5 किलो, सोंठ, छोटी पीपलामूल, अजवाइन, जीरा, कलौंजी, सौंफ, धनिया, तेजपत्ता, कचूर, दालचीनी, जायफल और नागरमोथा ये सब 10-10 ग्राम। 

बनाने की विधि- उक्त सभी कूट पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। अब दूध को एक साफ कड़ाई में डालकर आग पर चढ़ाएं। औटाने पर जब दूध आधा रह जाए, तब इसमें मेथी का पिसा चूर्ण तथा सोंठ का पिसा हुआ चूर्ण डाल दें। हिलाते रहें और मावा बना दें। अब घी डालकर इसकी सिकाई करें। गुलाबी रंग का होने तक सेकें । अब इसमें मावा और बाकी की सब पिसी हुई दवाईयां मिलाकर चलाएं। जब कुछ गाढ़ा सा हो जाए, तब नीचे उतार लें तथा या तो जमाकर बर्फी जैसी चक्की काट लें अथवा लगभग 10-10 ग्राम वजन के लड्डू बांध दें।

 

सेवन कैसे करें- इस लड्डू को सुबह के समय 200 ग्राम की मात्रा में खाकर ऊपर से दूध पीएं। इससे सभी तरह के वायु विकार समाप्त होते हैं। शरीर हष्ट-पुष्ट होता है। प्रसव के बाद स्त्रियां इस पाक का सेवन करें। उनका शरीर कांतिमान हो जाता है। जिन व्यक्तियों के जोड़ों में सून दर्द, घुटनों में दर्द, थकान सी महसूस होना, पैरों के तलवों में अत्याधिक पसीना आना, बायंटे आना व गैस संबंधित सभी बीमारियों में फायदा होता है।

मंगलवार, 15 नवंबर 2011

एलर्जी के लिए ये छोटे-छोटे उपाय है रामबाण

एलर्जी एक ऐसा शब्द,जिसका प्रयोग व्यापक रूप से होता आया है, आपने यह भी कहते हुए सुना होगा कि यार मुझे उससे बात करने में एलर्जी होती है। ऐसा ही कुछ हमारे सजीव शरीर में भी होता है, एलर्जी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधकक्षमता के अतिसक्रियता के कारण उत्पन्न होने वाले एक प्रतिक्रिया है ,खासकर तब जब प्रतिक्रिया किसी सामान्य एवं हानिरहित पदार्थ से हो रही हो तो वह पदार्थ एलर्जन कहलाता है। ये प्रतिक्रियाएं एक्वयार्ड,प्रेडिकटेबल एवं तीव्र होती हैं। आयुर्वेद शरीर रूपी क्षेत्र को एलर्जन रूपी बीज के प्रभाव  से  प्रतिरोधक क्षमता को संतुलित करने के  सिद्धांत पर कार्य करता है, अत: हानिरहित औषधियां एलर्जी से बचाव में अत्यंत कारगर सिद्ध होती हैं।
-सर्दी हो या गर्मी सुबह उठते ही नाक बंद हो जाने और लगातार छिंक आने से वे परेशान हैं  और कई आयुर्वेदिक उपचार लेने की बात कह रहे हैं : आप सब केवल नियमित रूप से गिलोय की ताजी डंठलों का रस तथा ताजे आंवलें का रस  निकालकर ,उन्हें नियमित रूप से 2-3 चम्मच की मात्रा में सेवन करें या करायें निश्चित लाभ मिलेगा,साथ ही पंचकर्म चिकित्सक के निर्देशन में नस्य लेना भी  एलर्जी से निजात दिलाने में मददगार होगा ,आप सभी गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद ,आधा चम्मच नींबू का रस को कुछ महीनों तक लगातार लें ,देखें आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में संतुलन आ जाएगा ,और आपको एलर्जी से सम्बंधित परेशानियों में अवश्य ही लाभ मिलेगा।


- शरीर में खुजली और सूजन , घास के खेतों में जानेपर होने वाली समस्या का निदान चाहा है, इसे 'अर्टीकेर्या - कहते हैं ,इसमें दवा खाने तक चकते नहीं बनते और दवा छोडते ही बन जाते हैं। योग की कुंजल क्रिया या कुशल चिकित्सक के निर्देशन में पंचकर्म  का वमन कर्म अत्यंत फायदेमंद होगा ,फिलहाल आप चित्रकादीवटी  एवं आरोग्य वर्धिनीवटी दो-दो गोली सुबह शाम गुनगुने पानी से लें ।

कम्प्यूटर पर कई घंटो तक काम करने के बाद भी कैसे रहें तरोताजा?

आजकल कम्प्यूटर हम सभी की जिंदगी की जरुरत बन गया है। वर्कप्लेस हो या घर हम बिना कम्प्यूटर के अपना काम नहीं कर सकते हैं। यही कारण है कि कम्प्यूटर पर काम करते हुए थकान हो जाने के बावजूद भी हम लगातार कम्प्यूटर पर काम करते रहते हैं। ऐसे में ये भी एक परेशानी है कि हम कम्प्यूटर पर काम को करते हुए भी किस तरह अपने वर्क में 100 प्रतिशत तक दे सकते हैं। अगर आपके साथ भी यही समस्या है कि आप कम्प्यूटर पर बहुत ज्यादा काम के बोझ के कारण होने वाली थकान के चलते ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं तो हम देते हैं आपको कुछ ऐसे टिप्स जिनसे आप कम्प्यूटर पर कई घंटो तक काम करने के बावजूद भी तरोताजा रह सकते हैं।

- बेवजह कम्प्यूटर का इस्तेमाल न करें।

- कम्प्यूटर पर कार्य करते समय कुर्सी सही डिजाइन की होनी चाहिए। 

- कुर्सी में पूरी पीठ हत्थे पर होनी चाहिए। जिससे बैठते समय कमर, पीठ और हाथों को सहारा मिले। 

- की-बोर्ड माउस को 90 कोण पर मुड़ी कोहनी की सीध में रखें, बेहतर होगा की बोर्ड थोड़ा ढलान पर हों।

- जांघे जमीन के समांतर टखने समकोण पर मुड़े हो, आवश्यक होने पर पैरों को फुट रेस्ट सहारा दें। 

- कम्प्यूटर पर कार्य करते समय फोन को कंधों और गर्दन से दबा कर बात न करें।

- देर तक टेलीफोन से बात करने के लिए हेडफोन उपयोग करें।

- कार्य करते समय शरीर ढीला रखें मन शांत रखें।

- की-बोर्ड माउस का उपयोग कम करने के लिए आवाज पहचान कर कार्य करने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

- मॉनीटर की चमक, परावर्तन कम करने के लिए एण्टीग्लेमर कोटिंग या ग्लास लगाएं।

आयुर्वेदिक नुस्खा: ये महिलाओं को सुडौल बनाएगा और कमजोरी मिटाएगा




महिलाएं स्वभाव से बहुत ही भावुक होती है। कहते हैं ममता, प्यार, दया और सेवा ये सभी गुण उनमें जन्म से ही होते हैं। इसीलिए वे शादी के बंधन में बंधने के बाद पराए घर को अपनाकर अपने दिन-रात उनकी सेवा में लगा देती है। ऐसे में अधिकतर महिलाएं अपने ऊपर ध्यान नहीं दे पाती हैं। ध्यान नहीं देने के कारण वे कई बार अपनी बीमारियों को छिपाए रखती हैं। इस तरह अंदर ही अंदर वे कमजोर होती जाती हैं। श्वेत रक्त प्रदर, रक्त प्रदर , मासिक धर्म की अनियमितता, कमजोरी दुबलापन, सिरदर्द, कमरदर्द आदि। ये सभी बीमारियां शरीर को स्वस्थ और सुडौल नहीं रहने देती हैं।  इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसा आयुर्वेदिक नुस्खा जो महिलाओं की हर तरह की कमजोरी को दूर करता है।

नुस्खा- स्वर्ण भस्म या वर्क दस ग्राम, मोती पिष्टी बीस ग्राम, शुद्ध हिंगुल तीस ग्राम, सफेद मिर्च चालीस ग्राम, शुद्ध खर्पर अस्सी ग्राम। गाय के दूध का मक्खन पच्चीस ग्राम थोड़ा सा नींबू का रस पहले स्वर्ण भस्म या वर्क और हिंगुल को मिला कर एक जान कर लें। फिर शेष द्रव्य मिलाकर मक्खन के साथ घुटाई करें। फिर नींबु का रस कपड़े की चार तह करके छान लें और इसमें मिलाकर चिकनापन दूर होने तक घुटाई करनी चाहिए।आठ-दस दिन तक घुटाई करनी होगी। फिर उसकी एक-एक रत्ती की गोलियंा बना लें।

सेवन की विधि-  1 या 2 गोली सुबह शाम एक चम्मच च्यवनप्राश के साथ सेवन करें। इस दवाई का सेवन करने से महिलाओं को प्रदर रोग, शारीरिक क्षीणता, और कमजोरी आदिसे मुक्ति मिलती है और शरीर स्वस्थ और सुडौल बनता है। यह दवाई ''स्वर्ण मालिनी'' वसंत के नाम से बाजार में भी मिलती है। इसके सेवन से शरीर बलशाली होता है। शरीर के सभी अंगों को ताकत मिलती है।

सूखे अदरक के ये अनोखे प्रयोग कर देंगे इन सारे रोगों की छुट्टी

भोजन ठीक तरह से नहीं पचता है,भोजन के ठीक से नहीं पचने के कारण शरीर में कितने ही रोग पैदा हो जाते है,अनियमित खानपान से गैस और कफ दूषित हो जाते हैं। सोंठ कब्ज एवं कफवात नाशक, आमवात नाशक है। उदररोग, वातरोग, बावासीर, आफरा, आदि रोगों का नाश करती है। सोंठ में कफनाशक गुण होने के कारण यह खांसी और कफ रोगों में उपयोगी है।

सोंठ का उपयोग प्राचीनकाल से ही होता आ रहा है। सोंठ एक उष्ण जमीकंद हैं जो अदरक के रूप में जमीन से खोदकर निकाली जाती है और सुखाकर सोंठ बनती है। मनुष्य में जीने की शक्ति और रोगों से लडऩे की प्रतिरोधक क्षमता पैदा करती हैं। यह औषधी उत्तेजक, पाचक और शांतिकारक हैं। इसके सेवन से पाचन क्रिया शुद्ध होती है। सोंठ उष्ण होने से वायु के कुपित होने पर होने वाले रोगों को नष्ट करती है।

आधा सिरदर्द- सोंठ का चंदन की घिसकर लेप करें।

आंखों के रोग- सोंठ नीम के पत्ते या निंबोली पीसकर उसमें थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर गोलियां बना लें। गोली को मामूली गर्म कर आंखों पर बांधने से आंखों की पीड़ा कम होती है।

कमरदर्द- कमरदर्द में सोंठ का चूर्ण आधा चम्मच दो कप पानी में उबालकर आधा कप रह जाए। तब छानकर ठंडाकर उसमें दो चम्मच अरण्डी तेल मिला क रोज रात को पीएं।

उदर रोग- चार ग्राम सोंठ का काढ़ा बनाकर पिलाएं एवं साथ में अजवाइन की बनाकर पिलाएं। साथ में अजवाइन की फक्की लगाने से उदर रोग नष्ट होता है।

खांसी-  सोंठ चूर्ण के साथ मुलहटी का चूर्ण एक चम्मच गुनगुने पानी में लेने पर छाती में जमा कफ बाहर निकलता है और खांसी में आराम मिलता है। 

कब्ज- सोंठ का चूर्ण एक चम्मच गरम पानी को उबालकर पिलाएं। 

मंदाग्रि- सोंठ चूर्ण गुड़ में मिलाकर खाने से पाचन क्रिया बढ़ती है।

प्रसव के बाद- सोंठ एवं सफेद मूसली का चूर्ण, कतीरा गोंद के साथ खाने पर प्रसव की कमजोरी एवं कमर दर्द में कमी आ जाती है। 

सोमवार, 14 नवंबर 2011

दादी मां के नुस्खे: इन्हें अपनाएंगे तो नहीं जाना पड़ेगा बार-बार डॉक्टर के पास


आजकल के बदलते वातावरणीय प्रदूषण, खान-पान में मिलावट व शुद्धता की कमी के चलते कई तरह की बीमारियां हो सकती है। अच्छी सेहत सभी चाहते हैं लेकिन छोटी-मोटी समस्याएं हम सभी को हो सकती है। कुछ समस्याएं ऐसी होती है जिनके लिए डॉक्टर के पास भी नहीं जाया जा सकता है। ऐसी ही कुछ समस्याओं के लिए हम आपको बताने जा रहे है कुछ घरेलु नुस्खे -:



- गैस की तकलीफ से तुरंत राहत पाने के लिए लहसुन की 2 कली छीलकर 2 चम्मच शुद्ध घी के साथ चबाकर खाएं फौरन आराम होगा।



- ताजा हरा धनिया मसलकर सूंघने से छींके आना बंद हो जाती हैं।





- प्याज का रस लगाने से मस्सो के छोटे-छोटे टुकड़े होकर जड़ से गिर जाते हैं।





- यदि नींद न आने की शिकायत है, तो रात्रि में सोते समय तलवों पर सरसों का तेल लगाएं।





- प्याज के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से उल्टियां आना तत्काल बंद हो जाती हैं।





- सूखे तेजपान के पत्तों को बारीक पीसकर हर तीसरे दिन एक बार मंजन करने से दांत चमकने लगते हैं।





- हिचकी चलती हो तो 1-2 चम्मच ताजा शुद्ध घी, गरम कर सेवन करें।





- यदि आवाज बैठी हुई है या गले में खराश है, तो सुबह उठते समय और रात को सोते समय छोटी इलायची चबा-चबाकर खाएं तथा गुनगुना पानी पीएं।
खाने मे इस्तेमाल आने वाला सादा नमक लेकर उसे तवे पर डालकर धीमी आंच पर सेकें। जब इसका कलर काफी जैसा काला भूरा हो जाए तो उतार कर ठण्डा करें। ठण्डा हो जाने पर एक शीशी में भरकर रखें। जब आपको ये महसूस होने लगे की आपको बुखार आ सकता है तो बुखार आने से पहले एक चाय का चम्मच एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर ले लें। जब आपका बुखार उतर जाए तो एक चम्मच नमक एक बार फिर से लें। ऐसा करने से बुखार पलटकर भी नहीं आएगा।

 सावधानी- हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों को यह प्रयोग नहीं करना चाहिये।

पेटदर्द से परेशान हैं तो आपके लिए वरदान हैं ये चटपटे नुस्खे

पेट में दर्द होने के अनेक कारण हो सकते हैं। लेकिन अधिकतर पेट दर्द का कारण भोजन न पचना होता है। पेट में किसी भी तरह का दर्द हो बोतल में गर्म पानी भरकर सेंकने से आराम मिलता है। जब तक पेटदर्द शांत न हो जाए तब तक कुछ नहीं खाना चाहिए। 

अपच होने पर पेट भारी होकर फूल जाता है,इससे पेट दर्द और बैचेनी जलन और कभी कभी मितली आने लगती है, खट्टी डकारें आती है,पेट में भारीपन महसूस होता है, पेटदर्द और उल्टी आदि की शिकायतें होती है। पेटदर्द मिटाने के लिए कड़वी दवाईयां ले लेकर आप परेशान हो चूके हैं तो आजमाइए पेट दर्द दूर भगाने वाले कुछ टेस्टी नुस्खे-

 - दो चम्मच मेथी दाना में नमक मिलाकर सुबह-शाम दो बार गर्म पानी से लें।

 -  सौंफ और सेंधा नमक मिलाकर पीसकर दो चम्मच गर्म पानी से लें। 

 -  काली मिर्च, हींग, सौंठ समान मात्रा में पीसकर सुबह शाम गर्म पानी से आधा चम्मच लें।

 -  पिसी लाल मिर्च गुड़ में मिलाकर खाने से पेट दर्द में लाभ होता है।

 -  दो इलायची पीसकर शहद मिलाकर चाटने से लाभ होता है।

 -  अनार के दानों पर काली मिर्च और नमक डाल कर चूसें।

 -  नींबू की फांक पर काला नमक, काली मिर्च व जीरा डालकर गर्म करके चूसें।  

 -  २ ग्राम अजवाइन में एक ग्राम नमक मिलाकर गर्म पानी से लें।

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