मंगलवार, 15 नवंबर 2011

एलर्जी के लिए ये छोटे-छोटे उपाय है रामबाण

एलर्जी एक ऐसा शब्द,जिसका प्रयोग व्यापक रूप से होता आया है, आपने यह भी कहते हुए सुना होगा कि यार मुझे उससे बात करने में एलर्जी होती है। ऐसा ही कुछ हमारे सजीव शरीर में भी होता है, एलर्जी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधकक्षमता के अतिसक्रियता के कारण उत्पन्न होने वाले एक प्रतिक्रिया है ,खासकर तब जब प्रतिक्रिया किसी सामान्य एवं हानिरहित पदार्थ से हो रही हो तो वह पदार्थ एलर्जन कहलाता है। ये प्रतिक्रियाएं एक्वयार्ड,प्रेडिकटेबल एवं तीव्र होती हैं। आयुर्वेद शरीर रूपी क्षेत्र को एलर्जन रूपी बीज के प्रभाव  से  प्रतिरोधक क्षमता को संतुलित करने के  सिद्धांत पर कार्य करता है, अत: हानिरहित औषधियां एलर्जी से बचाव में अत्यंत कारगर सिद्ध होती हैं।
-सर्दी हो या गर्मी सुबह उठते ही नाक बंद हो जाने और लगातार छिंक आने से वे परेशान हैं  और कई आयुर्वेदिक उपचार लेने की बात कह रहे हैं : आप सब केवल नियमित रूप से गिलोय की ताजी डंठलों का रस तथा ताजे आंवलें का रस  निकालकर ,उन्हें नियमित रूप से 2-3 चम्मच की मात्रा में सेवन करें या करायें निश्चित लाभ मिलेगा,साथ ही पंचकर्म चिकित्सक के निर्देशन में नस्य लेना भी  एलर्जी से निजात दिलाने में मददगार होगा ,आप सभी गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद ,आधा चम्मच नींबू का रस को कुछ महीनों तक लगातार लें ,देखें आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में संतुलन आ जाएगा ,और आपको एलर्जी से सम्बंधित परेशानियों में अवश्य ही लाभ मिलेगा।


- शरीर में खुजली और सूजन , घास के खेतों में जानेपर होने वाली समस्या का निदान चाहा है, इसे 'अर्टीकेर्या - कहते हैं ,इसमें दवा खाने तक चकते नहीं बनते और दवा छोडते ही बन जाते हैं। योग की कुंजल क्रिया या कुशल चिकित्सक के निर्देशन में पंचकर्म  का वमन कर्म अत्यंत फायदेमंद होगा ,फिलहाल आप चित्रकादीवटी  एवं आरोग्य वर्धिनीवटी दो-दो गोली सुबह शाम गुनगुने पानी से लें ।

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