आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अत्याधिक काम के दबाव के कारण बार-बार भूलना, एकाग्रता से काम न कर पाना या जल्दी दिमागी थकान हो जाना आदि समस्याएं आम हैं। ऐसे में कई बार जरूरी काम भी याद नहीं रह पाते हैं। भूलने की इस आदत के कारण कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है। अगर आप भी कमजोर याददाश्त यानी भूलने की आदत से तंग आ चूके हैं, तो इस ठंड में अपनाइए ये आयुर्वेदिक नुस्खे जो आपको इस परेशानी से जल्द ही निजात दिलवा देंगे।
- बादाम 7 नग रात को पानी में गलाएं। सुबह छिलके उतारकर बारीक पीस कर पेस्ट बनालें। अब एक गिलास दूध गरम करें और उसमें बादाम का पेस्ट घोलें। इसमें 3 चम्मच शहद भी डालें और ग्रहण करें। यह मिश्रण पीने के बाद दो घंटे तक कुछ न लें।
- अखरोट जिसे अंग्रेजी में वालनट कहते हैं स्मरण शक्ति बढाने में सहायक है। नियमित उपयोग हितकर है। 20 ग्राम वालनट और साथ में 10 ग्राम किशमिश लेना चाहिये।
- ब्राह्मी दिमागी शक्ति बढाने की मशहूर जडी-बूटी है। इसका एक चम्मच रस नित्य पीना हितकर है। इसके 7 पत्ते चबाकर खाने से भी वही लाभ मिलता है। ब्राह्मी मे एन्टी ओक्सीडेंट तत्व होते हैं जिससे दिमाग की शक्ति बढऩे लगती है।
- दालचीनी के पाउडर को 10 ग्राम पावडर शहद में मिलाकर चाट लें। कमजोर दिमाग की अच्छी दवा है।अदरक ,जीरा और मिश्री तीनों को पीसकर लेने से कम याददाश्त की स्थिति में लाभ होता है।
- बादाम 7 नग रात को पानी में गलाएं। सुबह छिलके उतारकर बारीक पीस कर पेस्ट बनालें। अब एक गिलास दूध गरम करें और उसमें बादाम का पेस्ट घोलें। इसमें 3 चम्मच शहद भी डालें और ग्रहण करें। यह मिश्रण पीने के बाद दो घंटे तक कुछ न लें।
- अखरोट जिसे अंग्रेजी में वालनट कहते हैं स्मरण शक्ति बढाने में सहायक है। नियमित उपयोग हितकर है। 20 ग्राम वालनट और साथ में 10 ग्राम किशमिश लेना चाहिये।
- ब्राह्मी दिमागी शक्ति बढाने की मशहूर जडी-बूटी है। इसका एक चम्मच रस नित्य पीना हितकर है। इसके 7 पत्ते चबाकर खाने से भी वही लाभ मिलता है। ब्राह्मी मे एन्टी ओक्सीडेंट तत्व होते हैं जिससे दिमाग की शक्ति बढऩे लगती है।
- दालचीनी के पाउडर को 10 ग्राम पावडर शहद में मिलाकर चाट लें। कमजोर दिमाग की अच्छी दवा है।अदरक ,जीरा और मिश्री तीनों को पीसकर लेने से कम याददाश्त की स्थिति में लाभ होता है।
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