पथरी यानी स्टोन से होने वाला दर्द असहनीय होता है। जब पथरी गुर्दे में हो जाए तो उसके परिणाम और ज्यादा घातक होते हैं। आजकल गुर्दे में पथरी या स्टोन बनना आम समस्या हो गई है। इसमें रोगी को पेट में दर्द होता है। कई बार पेशाब होना रुक जाता है। मूत्र मार्ग में इंफेशन हो जाता है और पानी कम पीने से गुर्दे में पथरी बनने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा होती हैं। इसके साथ ही रोजमर्रा में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ भी हैं, जिनका सेवन पथरी बनने का कारण हो सकता है। पथरी के अधिकतर मरीज 25-45 आयुवर्ग के बीच के हैं. महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह रोग तीन गुना ज्यादा होता है और बच्चे भी इससे प्रभावित हो सकते हैं, इन्हीं के अंशों से पथरी के क्रिस्टल गुर्दे में इक_े होकर जुड़ जाते हैं और स्टोन का रूप धारण करते जाते हैं। धीरे-धीरे इन छोटी पथरियों पर क्रिस्टल जमा होते जाते हैं और पथरी बड़ी पथरी का रूप धारण कर लेती है।
वैसे सामान्यत पथरी का एक कारण कम पानी पीना भी होता है। पथरी मुख्य रूप से दो प्रकार की हो सकती है।
ऑक्जेलेट पथरी
फॉस्फेट पथरी
इसके साथ-साथ अतिरिक्त सिस्टीन और यूरिक एसिड की पथरी भी कभी-कभी होती देखी जाती है, लेकिन ऑक्जेलेट पथरी बनना सामान्य बात हो गई है।
इन चीजों के सेवन से बचें
पथरी बनना रोकने के लिए और जिन लोगों को गुर्दे की पथरी की शिकायत है, वे बीज वाले फल और वे सब्जियाँ जिनमें ऑक्जेलेट क्रिस्टल की मात्रा अधिक हो, उन्हें न खाएँ। हरी सब्जियों विशेषकर पालक, चौलाई में ऑक्जेलेट पत्तियों में सिस्टोलिथ के रूप में विद्यमान रहता है। जिन्हें पथरी रोगों की संभावना रहती है, उन्हें इन सब्जियों का सेवन सावधानी से करना चाहिए।
ऑक्जेलेट पथरी
टमाटर, बैंगन, आँवला, चीकू, काजू, खीरा, पालक आदि का उपयोग कम से कम या न ही करें तो रोगी के लिए बेहतर है।
यूरिक एसिड पथरी
फूलगोभी, कद्दू, मशरूम, बैंगन और अधिक प्रोटीनयुक्त आहार से यूरिक एसिड पथरी के रोगियों को परहेज करना चाहिए।
फॉस्फेट पथरी
फॉस्फेट पथरी के रोगियों को दूध और इससे बने उत्पाद, मछली और मांसाहार से बचना चाहिए।
करेला, नारियल पानी , केला, गाजर का खूब सेवन करके आप पथरी से बच सकते हैं। इसके अलावा रोज तीन से चार लीटर पानी पीएं तो पथरी नहीं होगी।
वैसे सामान्यत पथरी का एक कारण कम पानी पीना भी होता है। पथरी मुख्य रूप से दो प्रकार की हो सकती है।
ऑक्जेलेट पथरी
फॉस्फेट पथरी
इसके साथ-साथ अतिरिक्त सिस्टीन और यूरिक एसिड की पथरी भी कभी-कभी होती देखी जाती है, लेकिन ऑक्जेलेट पथरी बनना सामान्य बात हो गई है।
इन चीजों के सेवन से बचें
पथरी बनना रोकने के लिए और जिन लोगों को गुर्दे की पथरी की शिकायत है, वे बीज वाले फल और वे सब्जियाँ जिनमें ऑक्जेलेट क्रिस्टल की मात्रा अधिक हो, उन्हें न खाएँ। हरी सब्जियों विशेषकर पालक, चौलाई में ऑक्जेलेट पत्तियों में सिस्टोलिथ के रूप में विद्यमान रहता है। जिन्हें पथरी रोगों की संभावना रहती है, उन्हें इन सब्जियों का सेवन सावधानी से करना चाहिए।
ऑक्जेलेट पथरी
टमाटर, बैंगन, आँवला, चीकू, काजू, खीरा, पालक आदि का उपयोग कम से कम या न ही करें तो रोगी के लिए बेहतर है।
यूरिक एसिड पथरी
फूलगोभी, कद्दू, मशरूम, बैंगन और अधिक प्रोटीनयुक्त आहार से यूरिक एसिड पथरी के रोगियों को परहेज करना चाहिए।
फॉस्फेट पथरी
फॉस्फेट पथरी के रोगियों को दूध और इससे बने उत्पाद, मछली और मांसाहार से बचना चाहिए।
करेला, नारियल पानी , केला, गाजर का खूब सेवन करके आप पथरी से बच सकते हैं। इसके अलावा रोज तीन से चार लीटर पानी पीएं तो पथरी नहीं होगी।
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