शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

पुरुषों की सारी प्रॉब्लम्स को दूर कर देगा ये आसान तरीका

क्या आप दुर्बलता या कमजोरी से परेशान हैं?आपका वैवाहिक जीवन खुशहाल नहीं है। सारी दवाओं और तेल का उपयोग करने के बाद भी कोई असर नहीं हो रहा है तो योग आपकी मदद कर सकता है। आप रोजाना नीचे लिखा

योगासन करें आपकी सारी समस्या बिना दवा के ही खत्म हो जाएगी।

आसन की विधि-आसन का अभ्यास स्वच्छ व साफ हवादार जगहो पर करें। 

आसन को करने के लिए नीचे दरी या चटाई बिछाकर बैठ जाएं। अब दाएं पैर को घुटने से मोड़कर पीछे की ओर ले जाएं और घुटने व पंजे को जमीन पर टिकाते हुए उस पर नितम्ब (हिप्स) रखकर बैठ जाएं। इसके बाद बाएं पैर को मोड़कर दाईं जांघ पर रखें। इसके बाद पूरे शरीर का भार दाएं पैर व घुटनों पर डालकर संतुलित करें। 

इस आसन की शुरूआती अवस्था में कठिनाई हो तो सहारे के लिए दीवार आदि का सहारे ले सकते हैं। अब अपने दोनों ह़ाथों को कमर पर रखकर जितनी देर सांस को रोक सके रोके और उसके बाद धीरे-धीरे सांस को छोड़े। आसन की इस स्थिति में अपनी दृष्टि को दोनों आंखों के बीच में लगाएं और मन को एकाग्र करें तथा भगवान का चिंतन करें। बाहरी चिंता को अपने मन में न आने दें। आसन की इस स्थिति में कुछ देर रहने के बाद यह क्रिया दूसरे पैर से भी करें।



विशेष- इस आसन को आरम्भ में करना कठिन होता है इसलिए आसन के शुरूआती अभ्यास में दीवार आदि का सहारा लें सकते हैं। इस आसन का प्रतिदिन अभ्यास करने से आसन करने में आसानी होती है। इस आसन में शारीरिक संतुलन बनाना आवश्यक है।



आसन से रोग में लाभ-अच्छे जीवन के लिए तथा स्वस्थ शरीर के लिए यह आसन अधिक लाभकारी है। इसके अभ्यास से गुदा व गुप्तेन्द्रिय के भीतरी अंग पुष्ट होते हैं। इस आसन से वीर्यनलिका पर दबाव पडऩे से अनैच्छिक वीर्यपात नहीं होता तथा स्वप्नदोष भी दूर होता है। प्रमेह तथा कामेंद्रियों का आन्तरिक प्रवाह सक्रिय होता है साथ ही कमजोरी भी दूर होती है।

गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

बादाम के आयुर्वेदिक प्रयोग: सर्दी में इन्हें अपनाकर पाएं तलवार सा तेज दिमाग

उम्र चाहे कोई भी हो भूलने की समस्या आजकल बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब में देखी जा सकती है। खान-पान मौसम के अनुसार न होने के कारण व अत्याधिक काम के बोझ के कारण याद्दाश्त का कमजोर होना एक आम समस्या बन गई है। हर आदमी अपनी भूलने की आदत से परेशान है लेकिन अब आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि बादाम के ये आयुर्वेदिक प्रयोग अपनाकर आप भी इस बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं।

- भीगे हुए बादाम को काली मिर्च के साथ पीस लें या ऐसे ही खूब चबाचबाकर खाएं और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें।

- बादाम की छिलका रहित गिरी 100 ग्राम को गाय दूध 200 ग्राम में अच्छी तरह पीस लें। इसमें 400 ग्राम मिश्री मिलाएं और कलईदार या स्टील के पात्र में धीमी आंच पर गाढ़ा होने तक पकाएं। फिर नीचे उतार कर चौड़े मुंह वाले पात्र में भरकर खूब घोंटे। जब ये श्वेत रंग का तैयार खमीरा खूब गाढ़ा हो जाए तब इसमें चांदी के वर्क तथा दस ग्राम छोटी इलायची का महीन चूर्ण मिला दें। ठण्डा होने पर कांच की बरनी में भर दें। इस प्रकार तैयार खमीरा बादाम की 10 से 30 ग्राम तक मात्रा प्रात: सेवन करते रहे दिमागी कमजोरी दूर हो जाती है।

- सात बादाम के रात को भिगोकर सुबह छिलका उतार कर बारीक पीस लें । इस पेस्ट को करीब 250 ग्राम दूध में डालकर तीन बार उबाल लें। इसके बाद इसे नीचे उतार कर एक चम्मच घी और दो चम्मच शक्कर मिलाकर ठंडा कर पीएं। 15 से 20 दिन तक इस विधि को करने से याददाश्त तेज होती है।

- एक चाय का चम्मच शंखपुष्पी का चूर्ण दूध या मिश्री के साथ रोजाना तीन से चार हफ्ते तक लें।

बुधवार, 7 दिसंबर 2011

सर्दी में होंठों को गुलाबी बनाएं व मुस्कुराहट को बचाएं इन नुस्खों के साथ

चाहे सर्दी हो या गर्मी किसी किसी के होंठ मौसम के बदलते रुख को सह नहीं पाते और फट जाते हैं। यहां तक की ये अपने निशान भी छोड़ देते हैं। बहुत सी महिलाएं अपने होठो को सुन्दर दिखाने के लिए लिपस्टिक का प्रयोग करती हैं। लेकिन लिपस्टिक के लगातार प्रयोग से अक्सर होठों की प्राकृतिक सुन्दरता खत्म हो जाती है और होठ काले पडऩे लगते हैं। अगर आप अपने होठों के फटने या कालेपन से परेशान हैं तो टेंशन न लें, नीचे दिए जा रहे कुछ आसान घरेलू नुस्खों से आप अपने होठों की सुन्दरता को चार चांद लगा सकते हैं। 
- अगर आपके होठ हमेशा रूखे रहते हैं तो थोड़ी सी मलाई में चुटकी भर हल्दी मिलाकर धीरे धीरे होठो पर मालिश करें होठों को फटने से बचाने के लिए रात में सोते समय सरसों के तेल को गुनगुना कर अपनी नाभि पर लगाएं। 
- अगर आपके होठों पर पपड़ी जम जाती है तो बादाम का तेल रात को सोते समय होंठो पर लगाएं। 
- गुलाब की पंखुडिय़ों को पीसकर उसमें थोड़ी सी ग्लिसरीन मिलाकर। इस मिक्सचर को रोजाना अपने होंठों पर लगाएं होंठों का कालापन जल्दी ही दूर होने लगेगा और लिपस्टिक लगाना बन्द कर दें। 
- दही के मक्खन में केसर मिलाकर होठों पर मलने से आपके होठ हमेशा गुलाबी रहेंगे।

बस दूध पीने के तरीके में इतना सा बदलाव कर पाइए सालों पुरानी कब्ज से छुटकारा

 तनाव, सही डाइट न लेने, खराब रुटीन, नींद पूरी न होने की वजह से अक्सर कब्ज की शिकायत हो जाती है। इससे शरीर में आलस रहता है और पेट व सिर में भी जोरों का दर्द होता है। इसके अलावा, और भी दूसरी बीमारियां शरीर में घर कर जाती हैं। अगर आप भी सालों पुरानी कब्ज की बीमारी से परेशान हैं तो इससे बचने के लिए इस नीचे लिखा नुस्खा जरूर अपनाएं:

 नुस्खा- कब्ज की शिकायत आमतौर पर देखी जाती है। बच्चों से लेकर वृद्ध तक इससे पीडि़त रहते हैं। मार्केट में जो भी कब्ज निवारक मिलते हैं। उनका बार-बार सेवन करना बहुत नुकसान पहुंचाता है। लोग कब्जनाशक चूर्ण खाने की आदत सी बना लेते हैं। रोज चूर्ण खाने वालों की आंते अपनी कार्यक्षमता गवां बैठती हैं। फिर बिना चूर्ण खाए उनका पेट ठीक नहीं रहता। 

जो लोग कब्ज से ज्यादा परेशान रहते हैं, जिन्हें लंबे समय से कब्ज बना रहता है। जो बार-बार कब्ज रहने से दुखी हैं, उनके लिए बादाम का तेल बेहतर रहता है। इससे आंत की कार्यक्षमता बढ़ती है। रात के समय गरम दूध में बादाम तेल की 3 ग्राम मात्रा मिलाकर सेवन करें।  प्रतिदिन तेल की मात्रा थोड़ी-थोड़ी बढ़ाकर 5-6 ग्राम तक ले जाएं। कुछ दिनों तक इसका सेवन करते रहने से बरसों बरस से परेशान कर रहा कब्ज भी खत्म हो जाता है।

मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

छोटी इलायची के बड़े कमाल: हो जाएंगी ये खतरनाक बीमारियां छू-मंतर

खाने के चीजों को सुगंधित बनाने वाली और उनका स्वाद बदलने के  वाली इलाइची का उपयोग हमारे देश में सबसे अधिक किया जाता है। इलायची छोटी और बड़ी दो प्रकार की होती हैं। बड़ी इलायची हल्की रूखी गर्म है। कफ पित्त, रक्तविकार खुजली, श्चास मूत्राशय के रोगों को दूर करती है। लेकिन ज्यादातर छोटी इलायची का उपयोग औषधी के रूप में किया जाता है। प्यास, शमन, पाचन आदि में छोटी इलाइची बहुत उपयोगी है।

इसके दानों को महीन पीस कर से छींके आकर सिर की पीड़ा दूर होती है। केले का अर्जीण दूर करने के लिए एक इलाइची खा लेना काफी है। इसके 20 ग्राम छिलके आधा लीटर पानी में उबाल कर काढ़ा बनाएं। चौथाई जल शेष बचे तब ठंडा कर एक-एक चम्मच विसूचिका के रोगी को पिलाने से आराम मिलता है। नकसीर फूटने पर नाक में से खून गिरता है, इस स्थिति में इलाइची के अर्क की 2-3 बूंदे बताशे में डालकर 2-2 घंटे से खिलाने पर नकसीर ठीक हो जाती है। इलायची के 5 तोला बीज, बादाम और पिस्ता के साथ भिगोकर महीन पीस लें। 

इसे दूध में पकाएं जब गाढ़ा हो जाए तो 3 पाव मिश्री मिलाकर धीमी आंच में पकने दें। जब हलवा जैसा हो जाए तो सेवन करें। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है। स्मरण शक्ति बढ़ती है।ककड़ी के बीज और इलायची के दाने समान मात्रा में मिलाकर  5-10 ग्राम मात्रा लेकर खूब चबाकर खाने या दूध में घोंट छान कर पीने से पथरी व मूत्रदाह में  लाभ होता है।इलायची बीज का चूर्ण और इसबगोल की भूसी समभाग में मिलाएं और आंवले के रस में यह मिश्रण डालकर बैर जैसी गोलियां बना लें। 

एक-एक गोली सुबह-शाम गाय के दूध से लें। इसके सेवन से स्वप्नदोष की समस्या दूर होती है।छोटी इलायची सुगंध से भरपूर होती है, इसलिए इसका इस्तेमाल माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता है।कैफीन से होने वाले दुष्प्रभावों को कम करने में यह छोटी इलायची बड़े काम की चीज होती है। यह शरीर के शुध्दीकरण के लिए इस्तेमाल होने वाला अद्भुत मसाला होती है।यह शरीर में कफ बनने से रोकती है, इसके अलावा यह कफ, वात, पित्त तीनों के दुष्प्रभावों को रोकने में मददगार होती है।शरीर में श्वांस संबंधी रोगों को दूर करने में यह सहायक होती है।

यदि आप अस्थमा या खांसी से परेशान हैं तो थोड़ी सी इलायची का पाउडर शहद के साथ खाएं।छोटी इलायची शरीर में गैस उत्पन्न करने वाले रसायनों के प्रभाव को कम करती है और शरीर में एसिड के स्तर को नियंत्रित करती है।यह मसूड़ों और दांतों संबंधी इंफेक्शन से बचाव करने में भी सहायक होती है।छोटी इलायची से शरीर में होने वाली अशुध्दियों में कमी आती है।यदि आप मूत्र संक्रमण संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो थोड़ी सी छोटी इलायची को आंवला, दही या शहद के साथ मिलाकर खाएं। 

एसीडिटी होने पर कच्चे दूध पानी की लस्सी में इलाइची घोंट पीसकर प्रतिदिन पीने से लाभ होता है। गर्मी से सिर चढऩे,दुखने और भारी होने पर इलायची के दाने पानी में पीस कर माथे पर लेप करने और इसका चूर्ण सूंघने से आराम होता है।इलायची का चूर्ण एक माह तक या इसके तेल की 5 बूँद अनार के शर्बत के साथ पीने से जी घबराने और उल्टियाँ होने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। यह इलाज हैजा में भी लाभकारी है।

कुछ नायाब नुस्खे: ये हैं सारी स्कीन प्रॉब्लम्स के निदान आपके लिए

आप शायद जानते हैं, कि हमारे शरीर में देश की ही तरह सुरक्षा की एक पंक्ति होती है ,जो धूल धुंए एवं विभिन्न विकिरणों एवं रसायनों के एक्सपोजर से शरीर को बचाती है। रक्षा की इस अग्रिम पंक्ति का नाम है, त्वचा। इसकी महत्ता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं, कि जब यही त्वचा जलकर नष्ट हो जाती  है, तो हमारा शरीर तमाम संक्रमणों के लिए एक खुला दरबार बन जाता है। 


स्किन पर पिम्पल्स होने की समस्या 
 हम कुछ नायाब नुस्खे बताते हैं। आप इनमें से किसी एक का प्रयोग करें 

1: तुलसी का रस ,पुदीने का रस ,चन्दन का पाउडर एवं गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगायें,तथा 15-20 मिनट बाद चेहरे को धो लें ,पानी पर्याप्त मात्रा में पीएं,रक्त शोधक प्राकृतिक औषधी जैसे खदिर ,नीम ,हल्दी आदि का सेवन करें निश्चित लाभ मिलेगा।

2.हल्दी एक चम्मच एवं नींबू का रस एक चम्मच लेकर पिम्पल्स वाली जगह पर लगायें।

3. हल्दी के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें तथा इसे रात में सोने से पहले प्रभावित हिस्से में लगायें,प्रात:काल इसे धो लें और ऐसा लगातार दो सप्ताह तक करें आपको पिम्पल्स से निजात मिल जाएगी।

4.कच्चा पपीता बीज सहित जूस बनाकर पिमप्ल्स पर लगायें आपको निश्चित लाभ मिलेगा।

5.एक भाग गुलाब जल,एक भाग नींबू का रस मिलाकर पिम्पल्स पर लगायें 20-30 मिनट छोड़ दें ,गुनगुने पानी से चेहरा धो लें यह भी काफी फायदेमंद घरेलु उपचार है।   

- ब्लैक  हेड्स है ,यह चेहरे पर काले धब्बे के रूप में दिखता है, इनमें से कोई एक घरेलु टिप्स 
आपको ब्लैक हेड्स से निजात दिलायेगी :-

1. आप चावल का आंटा,जौ का आंटा दरदरा पीस कर दूध में भिंगोकर हल्के हाथों से चेहरे पर मसाज करें ,इसके अलावा पानी का भाप चेहरे पर लें आपको इस समस्या से छुटकारा मिलेगा।

 2. एक भाग नींबू का रस एवं एक भाग मूंगफली का तेल मिलाकर प्रभावित हिस्से में लगायें, ब्लैक हेड्स को ठीक करने के लिए यह अचूक नुस्खा है।

3. केवल उबले दूध में नींबू का रस मिलाकर भी चेहरे पर लगाने से  ब्लैक हेड्स एवं क्रेक (फटी हुई ) स्किन में लाभ मिलता है।

4.मूली के बीज का पाउडर का पेस्ट बनाकर हल्के हाथों से चेहरे पर लगायें,इससे भी ब्लैक हेड्स निकल  जाते हैं।

- व्हाईट हेड्स का उपचार ये  चंद  घरेलु प्राकृतिक उपाय हैं, जिन्हें आप सब आजमायें :-

1. कच्चे आलू को ग्राईंड कर पिप्म्पल्स,व्हाईट हेड्स या ब्लैक हेड्स पर लगायें और  देखें इसका फायदा।

2.अन्नानास के छिलके का पाउडर भुनकर पेस्ट  बनाएं और  नींबू के रस के साथ मिलाकर चेहरे पर लगायें आपको व्हाईट हेड्स से मुक्ति मिल जाएगी। 

3.सहिजन की फली और पत्तियों  का पेस्ट बनाकर आप यदि चेहरे पर  लगायें तो व्हाईट हेड्स ,ब्लैक हेड्स एवं पिम्पल्स सभी में लाभ मिलता है।

-आपकी स्किन तैलीय  है,आप अधिक तले भूने खान पान से बचें ,आधा चम्मच नींबू का रस तथा खीरे का रस नहाने से आधे घंटे पहले चेहरे पर लगायें यह उपचार आपके लिए फायदेमंद रहेगा। ओईली स्किन के लिए 
मड-क्ले मास्क का प्रयोग  भी उपयुक्त है। नींबू का रस समान भाग पानी के साथ मिलाकर घोल तैयार कर चेहरे पर लगाएं , अब  पहले गुनगुने पानी से फिर ठन्डे पानी से चेहरे को धोएं आपको निश्चित लाभ मिलेगा।
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 चेहरे की त्वचा का टोन कम हो जाना, यानि झुर्रियों से संबंधित है ,ऐसी ही कुछ समस्या  निम्न   सरल उपाय आप आजमायें :-
1. अंडे के पीले  हिस्से (यॉक) को सप्ताह में एक बार चेहरे पर लगायें।

2. शहद ,ओलीव आयल को नित्य चेहरे पर लगाना अत्यंत फायदेमंद रहेगा।

आप पानी और दूध खूब पीयें ,योग एवं प्राणायाम का अभ्यास नित्य करें ,आपकी त्वचा झुर्रियों से मुक्त हो जायेगी ,आप किसी भी प्राकृतिक मॉइस्चराईजर का प्रयोग कर सकते हैं। 

-अपने चेहरे पर आये एक बड़े तिल से निजात पाने का उपाय 
 इस पर हल्दी एवं खाने वाला चूना तिल के ऊपर  लगाकर रात भर छोड़ दें ,संभवत: यह अपने आप ही गिर जाएगा ,मुहांसों के दाग हटाने के लिए ऊपर बताये गए उपायों में से किसी एक का प्रयोग करें।
 
आप प्रोटीन एव विटामिन -ई युक्त आहार का सेवन करें तथा उपरोक्त घरेलु टिप्स में से किसे एक का चयन कर नियमित प्रयोग करें।

1. नींबू एवं संतरे के छिलकों को सुखा लें इनका पाउडर बनाकर गुलाब जल एवं दही के साथ मिलाकर दाग धब्बों वाले हिस्से में लगायें आपको निश्चित ही लाभ मिलेगा।

2. टमाटर के रस को नींबू के रस के साथ मिला लें, इसे एक बोतल में फ्रिज में रख दें ,अब  इसे  नियमित रूप से रुई के फायदे की मदद से दाग वाले हिस्सों में लगायें ,आपके दाग धब्बे धीरे-धीरे गायब हो जायेंगे।

 

सोमवार, 5 दिसंबर 2011

कैसा भी हो दर्द और सूजन ये देहाती नुस्खा है पक्का शर्तिया इलाज

किसी भी प्रकार की भीतरी और बाहरी सूजन को दूर करने, दर्द और गैस को दूर करने के लिए उपयोगी निर्गुण्डों की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है। इसका पौधा सारे भारत मे, विशेषकर गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। आयुर्वेद में कहा गया है-

सिन्दुक: स्मृति दस्तिक कषाय: कटुकोलघु।

केश्योनेत्र हितोहन्ति शूल शोथाम मारुतान्।  

कृमि कुष्टारुचि श्लेष्व्रणन्नीला हितद्विधा।।

सिंदुरवारदलं जन्तुवात श्लेष्म हरं लघु। 

इस तरह के पौधे की गंध तीव्र और अरूचिकर गंध आती है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग सूजन दूर करने में किया जाता है। हर प्रकार की सूजन दूर करने के लिए प्रयोग विधि इस प्रकार है।

 प्रयोग- इसके पत्तों को पानी में उबालें। जब भाप उठने लगे तब बरतन पर जाली रख दें। दो छोटे कपड़े पानी में भिगोकर निचोड़ ले। तह करके एक के बाद एक जाली पर रख कर गर्म करें। सूजन या दर्द के स्थान पर रख कर सेंक करें। चोंट मोंच का दर्द, जोड़ों का दर्द, कमर दर्द और वात प्रकोप के कारण होने वाला दर्द दूर करने के लिए यह उपाय बहुत गुणकारी है। कफ,बुखार व फेफड़ों में सूजन को दूर करने के लिए इसके पत्तों का रस निकालकर 2 बड़े चम्मच मात्रा में, 2  ग्राम पिसी पिप्पली मिलाकर दिन में दो बार सुबह शाम पीएं व पत्तों को गर्म कर पीठ पर या छाती पर बांधने से आराम होता है।

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