गुरुवार, 9 फ़रवरी 2012

ब्‍लीच की जलन से पाएं मुक्‍ती

त्‍वचा काली पड़ जाने पर अक्‍सर आपकी ब्‍यूटीशियन आपको ब्‍लीच करवाने की सलाह देती होगी। पर इसके प्रयोग से त्‍वचा में जलन, लाल चकत्‍ते तथा खुजली मचना आम बात है।ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि ब्‍लीच में मौजूद कठोर रसायन त्‍वचा के लिए बिल्‍कुल भी अच्‍छे नहीं होते। चलिए आज बात करते हैं ब्‍लीच की जलन से आखिर मुक्‍ती कैसे पाई जाए। 

ब्‍लीच की जलन को इस तरह कम करें- 

1.जब भी आप ब्‍लीच करवा कर आईं हो तो अपना मुंह ताज़े पानी से धोएं। यह जलन को धीरे धीरे कम कर देगा। और ध्‍यान रखे की उस दिन कभी भी साबुन या लोशन का प्रयोग न करें। 

2.त्‍वचा पर जलन को कम करने के लिए उस पर बर्फ से मसाज करें इससे जलन कम हो जाएगी। आप चाहें तो एलो वेरा जेल को आइस्‍क्‍यूब ट्रे में जमा कर उससे मसाज करें। 

3.कभी भी ब्‍लीच करवाने के बाद सूरज की रौशनी में सीधे नहीं आना चाहिए वरना त्‍वचा मे जलन और खुजली बढ़ सकती है। इससे त्‍वचा और खराब हो सकती है। आपको ठंडे दूध में रुई भिगों कर अपने चेहरे को साफ करना चाहिए इससे राहत मिलती है। 

4.अपने चेहरे को नारियल पानी से धोएं क्‍योंकि यह एक प्राकृतिक ब्‍लीच बर्न उपचार है। इसका पानी चेहरे पर पड़े लाल दाग को तुरंत ठीक करता है। 

5.अगर आपको अपनी त्‍वचा अंदर से साफ और हाइड्रेटे रखनी है तो पर्याप्‍त कद्दू का जूस या फिर खीरे का जूस पीएं। इन उपायों को आज़माने के बाद आपकी त्‍वचा में कोई परेशानी नहीं आएगी। 

घर पर कैसे बनाएं लिप बाल्‍म

अपने होंठों को सर्दियों से बचाने के लिए उन्‍हें प्राकृतिक तरीके से नमी प्रदान करें। इसके लिए आप खुद ही घर पर लिप बाल्‍म तैयार कर सकती हैं। इसके लिए आपको बस मधु मोम यानी की बी वैक्‍स लेने की जरुरत पड़ेगी जो कि मधु मक्‍खी के छत्‍ते में पाई जाती है। यह बाजार में भी आसानी से मिल जाती है। हमेशा फिल्‍टर किए गए मोम का ही इस्‍तमाल करें क्‍योंकि शुद्ध वैक्‍स में गंदगी और पौलेन मिला होता है। 

इस तरह बनाएं लिप बाल्‍म-

जोजोबा लिप बाल्‍म- एक कटोरी में 2 चम्‍मच बी वैक्‍स और 2 ¼ चम्‍मच जोजोबा तेल लें और उन्‍हें गरम कर लें। फिर उसमें 6-7 बूंदे मौसमी यानी ग्रेप फ्रूट का तेल मिलाएं। अब इस गरम तेल को ठंडा होने के लिए एक कंटेनर में रख दें और अपने होंठों पर लगाएं। 
लेमन लिप बाल्‍म- एक चम्‍मच बी वैक्‍स लें और उसे पिघला लें। अब नींबू की कुछ बूंदे और 4 से 5 बूंदे पेट्रोलियम जेली की उस बी वैक्‍स में मिलाएं। अब इन मिश्रण को गरम आंज पर पिघला लें और एक शीशी में पलट कर प्रयोग करें। 

कोकोनट लिप बाल्‍म- इसको बनाने के लिए सबसे पहले 2 चम्‍मच बी वैक्‍स और 2 ¼ चम्‍मच जोजोबा ऑयल लें। अब इसको साथ में मिला कर गर्म कर लें और आंच को बंद कर दें। अब इसमें 6 से 7 बूंदे नारियल तेल की मिला लें। इस मिश्रण को गरम ही एक कंटेनर में पलट लें और ठंडा कर के प्रयोग करें। 

हनी लिप बाल्‍म- इसके लिए आपको 1 चम्‍मच पेट्रोलियम जेली और 1/3 चम्‍मच शहद को एक साथ मिलाने की जरुरत होगी। इनको एक साथ मिला कर आंच पर गरम कर लें और गरम ही एक शीशी में पलट लें। बन गया आपका हनी लिप बाल्‍म प्रयोग करने के लिए।

अगर आप गंजे हैं तो इससे होगा लाभ

आजकल की भाग दौड भरी जिंदगी, काम का ज्‍यादा प्रेशर और बालों की देखभाल न करना ही पुरुषों में गंजेपन का एक आम कारण बन गया है। ज्‍यादातर यह समस्‍या 25 से 35 साल की उम्र के पुरुषों में देखने को मिल रही है। अक्‍सर पुरुष भूल जाते हैं कि बालों को भी ठीक उसी तरह से केयर की जरुरत पड़ती है जैसा कि शरीर को। अगर आपके बाल बहुत तेजी से गिर रहे हैं तो और आप गंजे हो रहे हैं तो हमारे दिए गए टिप्‍स को जरुर आजमाएं- 

ऐसे करें देखभाल- 

गीलों बालों की देखभाल- ध्‍यान रहे की आपके बाल आपके शरीर की तरह मजबूत नहीं हैं। इसलिए इनकी देखभाल अच्‍छे से करनी चाहिए खासकर की जब यह गीले हों। तौलिए से इसे जोर जोर से नहीं रगडना चाहिए वरना यह और भी ज्‍यादा टूटेगें साथ ही जो नए और छोटे बाल निकल भी रहे होगें उन पर भी असर पडेगा।

प्राकृतिक कंघी- जिस प्राकृतिक कंघी की बात हम कर रहे हैं वह और कुछ नहीं बल्कि आपके अपने हाथ हैं। गीले बलों को झाडने के लिए कडे ब्रश वाली कंघी सही नहीं होती। जब आपके बाल नाजुक अवस्‍था में होते हैं तो यह उन्‍हें खीचं कर नुक्‍सान पहुंचाती है। इसके अलावा यह सिर की त्‍वचा को भी हानि पहुंचाती है। पहले गीले बालों को अपनी उंगलियों से ठीक कर लें और जब यह सूख जाएं तो इस पर कंघी चलानी चाहिए। 

हेयरकट करवाएं- जब भी आपको लगे कि गंजेपन की शुरुआत होने लगी है तो तुरंत ही अपने बालों को छोटा करवा लें। छोटे बालों को गीले होने के बाद सूखने में बिल्‍कुल भी देर नहीं लगती। बालों को छोटा रखने से बिना किसी नुक्‍सान के स्‍टाइलिश लगेगें। 

हेयर ट्रीटमेंट और स्टाइलिंग उत्पादों से बचें- अगर बाल कमजोर हैं तो उन्‍हें स्‍ट्रेट या फिर कर्ली नहीं करवाने चाहिए। इसके अलावा ना तो उस पर जेलय या हेयर कलर करना चाहिए क्‍योंकि इन उत्‍पादों में रसायन मिले होते हैं जो बालों को तुरंत ना खराब कर के धीरे धीरे अपना असार दिखाते हैं। ऐसे प्रोडक्‍ट बालों को दुबारा उगने में बाधा करते हैं। 

हर्बल जैसा कुछ भी नहीं है- अगर आप अपने सिर की किसी अच्‍छे हर्बल तेल से मसाज करेगें तो आपके बाल का झड़ना काफी कम हो जाएगा। आप चाहें तो ऐसे हेयर प्रोड्क्‍ट इस्‍तमाल कर सकते हैं जिसमें मिनॉक्‍सीडिल मिला हुआ हो, यह वैज्ञानिक रूप से बाल के नुकसान को कम करने के लिए सिद्ध किया गया है।

डाइट सोडा: वजन बढाता है या घटाता है?

वजन कम करने के लिए डाइट सोडा एक प्रभावशाली पेय माना जाता है। कई वजन कम करने वालों का यह मानना है कि भोजन के बाद इसका सेवन करने से शरीर की एक्‍स्‍ट्रा कैलोरी बर्न होती। क्‍या यह सच है? क्‍या डाइट सोडा पीने से आपके वजन में सच-मुच कोई कमी आई है या फिर आपका वजन और बढ गया है? चलिए जानते हैं इसके पीछे का राज़। 

1.कार्बोनेटेड ड्रिंक खासतौर पर डाइट सोड़े में कैलोरीज़ पाई जाती हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती हैं। इसको पीने से शरीर पर पहले तो प्रभाव नहीं पडेगा पर धीरे धीरे आप का वजन बढने लगेगा। 

2.इसमें पाई जाने वाली कृत्रिम मिठास शरीर में ब्‍लड शुगर को बढ़ा सकती है। अगर ब्‍लड शुगर बढ गई तो डायबीटीज होने का खतरा बढ़ सकता है। 

3.यह माना जाता है कि डाइट सोडे में कम कैलोरी होती है पर आपके लिए यह जानना जरुरी है कि कोई भी ड्रिंक जिसमें कृत्रिम स्‍वीटनर मिला होता है वह हर एक ड्रिंक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए खराब और वजन को बढाने वाली होती है। डाइट सोडे में तरह तरह के यानी की सैक्‍रीन, सूकरालोज़ और नीयोटेम नामक शुगर सब्स्टिटूट मिले होते हैं, जो की वजन बढाने का कार्य करते हैं। 

4.मीठे पेय आपकी टेस्‍ट बड को नुक्‍सान पहुंचा सकते हैं। इसको पीने की लत पड़ सकती है और इसकी वजह से आपकी डाइट पर असर पड़ सकता है। 

5.डाइट सोडा पीने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। कई लोग प्‍यास लगने पर पानी न मिलने पर साफ्ट ड्रिंक का उपभोग कर लेते हैं जो डीहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। प्‍यास लगने पर हमेशा पानी ही पीना चाहिए।

अचूक उपाय: न होगा आपरेशन न दर्द आसानी से हो जाएगी डिलेवरी

 मां होने का एहसास हर औरत के लिए बहुत खास होता है। लेकिन डिलेवरी के समय होने वाला दर्द बहुत अधिक होता है अगर ये दर्द कम हो जाए तो मां बनने का दर्द और भी अधिक सुखद हो सकता है। इसीलिए डिलेवरी  से पहले यानी गर्भावस्था के दौरान बद्धकोणासन करें। इस आसन से प्रसव पीड़ा कम होती है। साथ ही यह आसन पुरुष भी कर सकते हैं जिससे शरीर के कई रोग दूर होते हैं।



बद्धकोणासन की विधि-



समतल स्थान पर कंबल या अन्य कोई कपड़ा बिछाकर दोनों पैरों को सामने की ओर करके बैठ जाएं। फिर दोनों घुटनों को मोड़ते हुए पैरों के पास ले आएं और दोनों पैरों के तलवें आपस में मिलाएं। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ लें। पैरों की उंगुलियों को दोनों हाथों से पकड़ लें और रीढ़ को सीधा रखें जैसे तितली आसन में बैठा जाता है। बाजू को सीधा करें और पैरों को ज्यादा से ज्यादा पास लाने का प्रयास करें जिससे आपका शरीर तन जाए।



यह इस आसन की प्रारंभिक स्थिति है। गहरी सांस भरें और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे कमर से आगे इस प्रकार झुकें कि रीढ़ और पीठ की माँसपेशियों में खिंचाव बना रहे। प्रयास करें की आपका सिर जमीन से स्पर्श हो जाए। अगर ये संभव ना हो तो अपनी ठुड्डी को पैरों के अंगूठे से सांस को सामान्य कर लें। अंत में सांस भरते हुए वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं. दो या तीन बार इस आसन का अभ्यास करें।



बद्ध कोणासन की प्रारंभिक स्थिति तितली आसन जैसी ही है। गर्भवती महिलाएं इन दोनो आसनों का अभ्यास योग शिक्षक की सलाह लेकर पहले 6 महीने तक कर सकती है।



गर्भवती महिलाएं विशेष ध्यान रखें कि वे बद्ध कोणासन में आगे की तरफ ना मुड़ें। उन्हें केवल बैठने का अभ्यास ही करना है और रीढ़ को सीधा रखना है ठीक उसी तरह जिस तरह तितली आसन में बैठा जाता है।



इसके अतिरिक्त पद्मासन में बैठकर पर्वतासन का अभ्यास करना भी सरल है। वैसे सभी वर्ग के लोग पर्वतासन का अभ्यास कर सकते हैं।



बद्ध कोणासन के लाभ-



जो बद्ध कोणासन का अभ्यास करते हैं उन्हें किडनी, यूरीनरी ब्लैडर और प्रोस्टेट की समस्या नहीं होती।बद्ध कोणासन श्याटिका के दर्द को दूर करने में सहायक है। जो इस आसन का नियमित अभ्यास करते हैं उन्हें भविष्य में हर्निया की समस्या भी नहीं होती। गर्भवती महिलाएं भी बद्ध कोणासन को नियमित रूप से एक या दो मिनट तक बैठने का अभ्यास कर सकती हैं। गर्भवती महिलाएं सिर्फ बैठने का ही अभ्यास करेंगी, आगे की ओर बिल्कुल नहीं झुकेंगी। इस आसन के अभ्यास से प्रसव के दौरान कम से कम पीड़ा होगी।

काली कोहनियों से परेशान लोगों के लिए ये है रामबाण उपाय

अगर आप अपनी सांवली रंगत से परेशान हैं और कई तरह के क्रीम और दवाओं का उपयोग करने के बाद भी रंगत में कोई फर्क महसूस नहीं हो रहा हों तो घबराइए नहीं कुछ आसान आयुर्वेद नुस्खे ऐसे हैं जिनसे आपका सांवलापन दूर हो सकता है।

-  एक बाल्टी ठण्डे या गुनगुने पानी में दो नींबू का रस मिलाकर गर्मियों में कुछ महीने तक नहाने से त्वचा का रंग निखरने लगता है (इस विधि को करने से त्वचा से सम्बन्धी कई रोग ठीक हो जाते हैं )।

- आंवले का मुरब्बा रोज एक नग खाने से दो तीन महीने में ही रंग निखरने लगते है।

- कोहनियों का कालापन साफ करने के लिए गुलाब जल व ग्लिसरीन में नींबू रस मिलाकर लोशन तैयार करें। इस लोशन को पांच मिनट तक धूप में रखें। फिर कोहनियों पर मलें।

-  गाजर का रस आधा गिलास खाली पेट सुबह शाम लेने से एक महीने में रंग निखरने लगता है।

- दही से सिर धोने से केश मुलायम, घने, काले और चमकदार तथा लंबे होते हैं। 

-  प्रतिदिन खाने के बाद सोंफ का सेवन करें।

-  पेट को हमेशा दुरुस्त रखें, कब्ज न रहने दें।

- दो छोटे चम्मच बेसन में आधी छोटी चम्मच हल्दी मिलाकर खूब फेंटें। फिर इस लेप में दस बूंद गुलाब जल व दस बूंद नींबू मिलाकर खूब फेंटे। स्नान से पूर्व इस लेप को चेहरे पर मलें। आधे घंटे उपरांत चेहरे को धो लें।

-  अधिक से अधिक पानी पीएं।

- चाय-कॉफी जैसे धीमे जहर से यथ संभव दूर रहें।

- हाथ पैर एवं चेहरे का सौंदर्य बढ़ाने में दही सर्वोत्तम है। दो बड़े चम्मच दही लेकर हाथ पैर एवं चेहरे पर मलें। दस मिनट उपरांत धो लें। आपकी त्वचा चिकनी एवं साफ हो जाएगी। यह प्रयोग तीन हफ्ते तक करने से आपकी सुंदरता में गजब का निखार आने लगेगा।

- रोजाना सुबह शाम खाना खाने के बाद थोड़ी मात्रा में सौंफ  खाने से खून साफ  होने लगता है और त्वचा की रंगत बदलने लगती है।

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

अजीनोंमोटो के साइड इफेक्‍ट

सफेद रंग का चमकीला सा दिखने वाला मोनोसोडि़यम ग्‍लूटामेट यानी की अजीनोंमोटो, एक सोडियम साल्‍ट है। अगर आप चाइनीज़ डिश के दीवाने हैं तो यह आपको उसमें जरुर मिल जाएगा क्‍योंकि यह एक मसाले के रुप में उसमें इस्‍तमाल किया जाता है। शायद ही आपको पता हो कि यह खाने का स्‍वाद बढ़ाने वाला मसाला, सेहत के लिए भी बहुत खतरनाक होता है। चलिए जानते हैं कि कैसे- 
साइड इफेक्‍ट- 

1.सिर दर्द, पसीना आना और चक्‍कर आने जैसी खतरनाक बीमारी आपको केवल अजीनोमोटो से हो सकती है। अगर आप इसके आदि हो चुके हैं और खाने में इसको बहुत प्रयोग करते हैं तो यह आपका ब्रेन भी डैमेज कर सकता है। 

2.इसको खाने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। चेहरे की सूजन और त्‍वचा में खिचाव महसूस होना इसके कुछ साइड इफेक्‍ट हो सकते हैं। 

3.इसका ज्‍यादा प्रयोग से धीरे धीरे सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्‍कत और आलस भी पैदा कर सकता है। इससे सर्दी-जुखाम और थकान भी महसूस होती है। इसमें पाये जाने वाले एसिड सामग्रियों की वजह से यह पेट और गले में जलन भी पैदा कर सकता है। 

4.पेट के निचले भाग में दर्द, उल्‍टी आना और डायरिया इसके आम दुष्प्रभावों में से एक हैं। 

5.अजीनोमोटो आपके पैरों की मासपेशियों और घुटनों में दर्द पैदा कर सकता है। यह हड्डियों को कमज़ोर और शरीर दा्रा जितना भी कैल्‍शिम लिया गया हो, उसे कम कर देता है। 

6.ब्‍लड प्रेशर की समस्‍याओं से घिरे लोगों को यह बिल्‍कुल नहीं खाना चाहिए क्‍योंकि इससे अचानक ब्‍लड प्रेशर बढ़ और घट जाता है। 

7.व्‍यक्तियों को इससे माइग्रेन होने की समस्‍या भी हो सकती है। आपके सिर में दर्द पैदा हो रहा है तो उसे तुरंत ही खाना बंद कर दें।

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