मंगलवार, 27 मार्च 2012

कालीमिर्च का फार्मूला: इससे डेंड्रफ साफ हो जाएगा

बालों में ड्रेंड्रफ एक आम समस्या है। रूसी के कारण अक्सर बाल रूखे और बेजान हो जाते हैं। डेंड्रफ को दूर करने के लिए वर्तमान में बाजार में कई तरह के एंटीडेंड्रफ शैंपू मौजूद हैं। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि ये एंटी डेंड्रफ शैंपू डेंड्रफ को पूरी तरह से नहीं मिटा पाते हैं। इसीलिए जिद्दी ड्रेंड्रफ को जड़ से साफ करने के लिए घरेलू नुस्खे आजमाना चाहिए। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ घरेलु नुस्खों के बारे में..... 

- पिसी हुई मेहंदी एक कप, थोड़ा सा कॉफी पाउडर, 1 चम्मचए दही, 1 चम्मचए नीबू का रस, 1 चम्मचए पिसा कत्था, 1 चम्मच आंवला चूर्ण, 1 चम्मच सूखे पुदीने का चूर्ण। फिर इन सभी को मिलाकर करीब दो घंटे रखें। बालों पर घंटा भर लगाकर धो लें। इसे बाल मुलायम व काले होंगे।

-  काली मिट्टी बालों के बहुत अच्छी मानी जाती है, काली मिट्टी को दो घंटे पहले भिगोकर इससे सिर धोएं, इससे बाल मुलायम होते हैं। 

-  नारियल के तेल में नीबू का रस मिलाकर बालों की जड़ों में लगाने से बालों का असमय पकना और झडऩा रुक जाता है।

- बालों में चमक प्रदान करने के लिए एक अंडे को खूब अच्छी तरह फेंट लें, इसमें एक चम्मच नारियल का तेल, एक चम्मच अरंडी का तेल, एक चम्मच ग्लिसरीन, एक चम्मच सिरका तथा थोड़ा सा शहद मिलाकर बालों को अच्छी तरह लगा लें, दो घंटे बाद कुनकुने पानी से धो लें। बाल इतने चमदार हो जाएंगे जितने किसी भी कंडीशनर से नहीं हो सकते।

- दही में बेसन घोलकर बालों की जड़ों में लगाकर एक घंटे बाद सिर धो लें। इससे बालों की चमक लौट आएगी और बालों की रूसी की समस्या से भी आपको निजात मिलेगी।

- रूसी की शिकायत वाले बालों के लिए दही में कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सिर धोए। यह हफ्ते में दो बार अवश्य करें। इससे जहाँ बालों की रूसी खत्म होगी, वहीं बाल मुलायम, काले, लंबे व घने होंगे जो आपकी सुंदरता में चार चाँद लगाएँगे।

प्रेगनेंसी में ऐसे रहें तो बच्चा होगा सर्वगुण सम्पन्न

आयुर्वेद में मुनियों ने गर्भधारण से सम्बंधित विषयों के संबंध में बहुत विस्तार से बताया है। इसमें बताए गए कुछ आयुर्वेदिक नियमों का पालन अगर कोई प्रेगनेंट लेडी करे तो मान्यता है कि पैदा होने वाली संतान सर्वगुणसम्पन्न होती है-:

- एक महीने तक ब्रह्मचर्य का पालन (अर्थात मन, वचन एवं कर्म से यौन विषयों से एक माह तक दूर रहना) करने वाले पुरुष को उड़द की दाल से बनाई गयी खिचड़ी के साथ दूध खाने का निर्देश है, साथ ही मासिक स्राव रुकने से अंतिम दिन (ऋतुकाल) के बाद जोड़े वाले दिनों में जैसे छठी, आठवीं एवं दसंवीं रात को यौन सम्बन्ध बनाने का निर्देश है, परन्तु ऐसा नहीं है कि अयुग्म दिनों में अर्थात पांचवीं, सातवीं एवं नौवीं रात्रि को यौन सम्बन्ध बनाने से संतान क़ी प्राप्ति नहीं होगी।

- ऋतुकाल के बाद की चौथी रात्रि की अपेक्षा,छठी रात्रि एवं छठी की अपेक्षा आठंवी रात्रि को यौन सम्बन्ध बनाना संतान प्राप्ति की दृष्टीकोण से अच्छा माना गया है।

- ऋतुकाल के सोलहवें से तीसवें दिन यौन सम्बन्ध बनाना संतान प्राप्ति क़ी दृष्टि से अच्छा नहीं माना गया है।

- आयुर्वेद मतानुसार ऋतुकाल के सामान्य चार दिनों में से पहले दिन स्त्री से यौन सम्बन्ध बनाना आयु को नष्ट करनेवाला बताया गया है तथा चौथे दिन के बाद यौन सम्बन्ध बनाना संतानोत्पत्ति क़ी दृष्टी से उत्तम माना गया है अर्थात मासिक स्राव के दिनों को छोड़कर ही यौन सम्बन्ध बनाने का निर्देश दिया गया है।

- उत्तम संतान के लिए लक्ष्मणा, वट के नए कोपल, सहदेवा एवं विश्वदेवा में से किसी एक को दूध के साथ पीस कर स्त्री के दाहिने एवं बाएं नासिका क्षिद्र में डालना चाहिए।

- मदिरा के सेवन से आपके होने वाले बच्चे के वज़न पर, सीखने समझने की काबलियत पर, आँखों पर, अंगों पर, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।कैफीन का सेवन गर्भवती महिला में गर्भपात और बच्चे के असामयिक जन्म का खतरा बढ़ा सकता है। गर्भावस्था के दौरान पारा युक्त मछली के सेवन से बचना चाहिए।

- बैंगन, मिर्ची, प्याज, लहसुन, हिंग, बाजरा, गुड़ का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए, खासकर के उनको जिनका किसी न किसी कारण से पहले गर्भपात हो चुका है। मसालेदार मांस का सेवन करने से भी बचना चाहिए, क्योंकि उसमे हानिकारक जीवाणुओं का समावेश हो सकता है।

- इस प्रकार गर्भधारण संस्कार में बताये गए नियमों से उत्पन्न संतान बलवान, ओजस्वी, आरोग्ययुक्त एवं दीर्घायु होना उल्लेखित है

लहसुन की अनोखी क्रीम: ऐसे बनाकर लगाएं तो मुंहासे साफ हो जाएंगें

लहसुन का उपयोग यूं तो भोजन का स्वाद बढ़ाने में किया जाता है, लेकिन यह औषधि के रूप में भी उतना ही फायदेमंद है। लहसुन कुदरती खूबियों से भरपूर है। लेकिन इसे उचित मात्रा में ही लेना चाहिए। लहसुन की तासीर काफी गर्म और खुश्क होती है। लेकिन इसके सही तरीके से सेवन से कई तरह की बीमारियां दूर होती है। 

लहसुन का उपयोग सिर्फ खाकर ही नहीं बल्कि इसे लगाकर भी रोगों को दूर किया जा सकता है। मुंहासे भी एक ऐसी समस्या है जो अधिकतर युवाओं को परेशान करता है। हम आपको बताने जा रहे हैं लहसुन का अनोखा प्रयोग इसे अपनाएं तो मुहांसे साफ हो जाएंगे।

- मुंहासे के लिए लहसुन की दो कलियों  को  और एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर मिला कर क्रीम बना ले इसे मुहांसों पर और चेहरे पर लगाएं। मुहांसे साफ हो जाएंगे।

- दो कलियां लहसुन की पीसकर एक गिलास दूध में उबाल ले व ठंडा करके सुबह शाम कुछ दिन पिए हृदय के रोगों में आराम मिलता है।- लहसुन के नियमित सेवन पेट और भोजन की नली का कैंसर और स्तन कैंसर की सम्भावना को कम कर देताहै।

- नियमित लहसुन खाने से ब्लडप्रेशर नियमित होता है। एसिडिटी और गैस्टिक ट्रबल में इसका प्रयोग फायदेमंद होता है। दिल की बीमारियों के साथ यह तनाव को भी नियंत्रित करती है।

शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2012

जानिए अपर लिप के बालों से कैसे पायें छुटकारा

अप्‍पर लिप के बालों को हटाना काफी दर्दरहित होता है। पर इन्‍हें हटाना भी काफी जरुरी होता है क्‍योंकि इससे चेहरा भद्दा और गंदा लगता है। आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू पायों के बारे में बताएगें जिन्‍हें आपको आज़माने में दिक्‍कत भी नहीं आएगी और दर्द भी नहीं होगा। 

घरेलू उपायों से छुपाएं अप्‍पर लिप के बालों को- 

1.अप्‍पर लिप को हटाने का सबसे सरल उपाय है हेयर रिमूवल क्रीम। इसे अपने होंठों के ऊपर लगाएं और थोड़ी देर बाद गीली रुई से साफ कर लें। 

2.दूसरा सरल उपाय है, हल्‍दी पेस्‍ट को लगाना। इस पेस्‍ट को उस स्‍थान पर लगाएं और फिर देखें की बालों का रंग कैसे हल्‍का हो जाता है। यह एक ब्‍लीच के रुप में कार्य करता है। 

3.दही भी एक प्राकृतिक ब्‍लीचिंग एजेंट के रुप में जाना जाता है। दही में पाया जाने वाला एसिड उस स्‍थान के बालों का रंग हल्‍का कर उस स्‍थान को कोमल बना देता है। 

4. हर रात सोने से पहले हल्‍दी और शहद का पेस्‍ट अपने होंठों के ऊपर लगाएं। इससे बालों की ग्रोथ धीरे धीरे कम हो जाएगी। 

5. चुकंदर या गाजर के रस को ताज़ी क्रीम मे मिला कर होंठों के ऊपर मालिश करने से वह स्‍थान गुलाबी हो जाएगा। हर समय चेहरे के बाल निकलवाने से उस स्‍थान पर झुर्रियां पड़ जाती हैं इसलिए कोशिश करें कि घर पर ही बाल निकाल लें।

घर पर कैसे करें बालों को कर्ल

आजकल लड़कियों के लिए रोज नई-नई हेयरस्‍टाइल बनाना मानों जैसे आम बात हो चुकी है। पल में सीधे बाल तो पल में कर्ली। पर क्‍या रोज़ इन हेयरस्‍टाइल को बदलने के चक्‍कर में ब्‍यूटि पार्लर के चक्‍कर लगाना जरुरी है। क्‍या मनपसंद हेयरस्‍टाइल को हम घर में ही नहीं बना सकते। कभी-कभी आपके मन में ऐसे सवाल जरुर उठते होगें। हमने आपको पिछले लेख में बालों को स्‍ट्रेट करने का तरीका बताया था इसलिए आज हम आपको बालों को कर्ली करना भी बताएगें। चलिए जानते हैं कि घर में किस तरह से आप अपने बालों को कर्ली कर सकती हैं। 

बालों को घर में कर्ली करने के टिप्‍स- 

1.अपने बालों को शैम्‍पू करें और उन्‍हें कंघी की मदद से अंदर की ओर ब्‍लो ड्राय करें। अगर कर्ल करने में आपको परेशानी आ रही है तो आप इसके लिए सीरम, बॉबी पिन और हेयर स्‍प्रे भी इस्‍तमाल कर सकती हैं। 

2.आप फोम रोलर खरीद सकती हैं और उससे गीले बालों को ऊपर की ओर मोड़ कर कस के बांध लें। नीचे के बालों के लिए बडे़ रोलर का यूज़ करें और आगे के बालों के लिए छोटे रोलर का यूज़ करें। इसके बाद ब्‍लो ड्राय करें और सावधानी से उन्‍हें निकाल कर क्‍लिप या पिन लगा कर बालों को सेट कर लें। 

3.अगर आपको लचकदार कर्ल बाल चाहिए तो हेयर स्‍ट्रेटनर का इस्‍तमाल करते हुए बालों को वेवी लुक दें। आप इस हेयरस्‍टाइल बिना परेशानी के रोज़ आज़मा सकती हैं। 

4.अगर बाल छोटे हैं तो उन्‍हें ब्‍लो ड्रायर, कंघी और छोटे रोलर की मदद से कर्ल किया जा सकता है। आप चाहें तो पेपर स्‍ट्रिप के इस्‍तमाल से भी यह काम कर सकती हैं। 

5.कोमल बालों के लिए आपको सॉफ्टनर का इस्‍तमाल करना होगा। अमोनिया बेस्‍ड और कठोर शैम्‍पू का प्रयोग बिल्‍कुल न करें अगर आपको अपने कर्ल कोमल और मुलायम बनाने हों तो। 

बालों में मेंहदी के फायदे

बालों की समस्‍या के लिए हिना एक प्राकृतिक उपचार है। सदियों से हमरी दादी-नानी इसके प्रयोग से लाभ उठाती आ रहीं हैं। इसको लगाने के लिए आपको किसी महंगे सलून में जाने की जरुरत नहीं पडे़गी। बल्कि इसको आसानी से घर बैठे ही बालों में लगाया जा सकता है। इसको बालों में लगाने से बाल जड़ से मजबूत बनते हैं और अगर सिर में रुसी है तो वह भी चली जाती है। चालिए जानते हैं इसके और गुणं- 

हिना का चुनाव अपनी जरुरत के हिसाब से करें- 

1.रुसी से मुक्‍ती के लिए- दही में 4 चम्‍मच हिना पाउडर मिलाइये। उसके बाद एक अलग बरतन में चाय की पत्‍तियों को पानी में खौला कर उसका पानी हिना पाउडर में डाल दीजिए। अब इस मिश्रण में नींबू नीचोड कर फ्रिज में पूरी रातभर रहने दीजिए। इसके बाद इस मिश्रण को तेल लगे हुए बालों में लगाइये और एक घंटे बाद बालों को धो लीजिए। 

2. बालों में रंग चढ़ाने के लिए- एक कटोरे में चार चम्‍मच हिना पाउडर डाल कर उसमें कॉफी पाउडर मिलाएं। इसमें पानी मिलाएं और रात भर ऐसे ही रहने दें। सुबह अपने बिना शैंपू लगे हुए बालों पर इसको लगा लें। इसको 1 घंटे तक के लिए अपने सिर पर लगाए रखें और फिर सादे पानी से धो लें। उसी रात अपने बालों पर तेल लगा लें और दूसरे दिन अपने बालों को शैंपू से धो लें। इससे आपके बालों में रंग चढ़ जाएगा और वह खूबसूरत भी लगने लगेगें। 

3. मुलायम सिल्‍की बालों के लिए- दो अंडे तोड़ कर हिना पाउडर में मिलाएं। थोड़ा सा पानी डाल कर इसे पेस्‍ट बना कर तुरंत लगा लें और एक घंटे बाद इसे शैंपू से धो लें। बालों को शैंपू से ही धोना चाहिए वरना अंडे की बदबू आपको पेरशान कर देगी।

प्राकृतिक चिकित्‍सा: स्‍वस्‍थ रहने का विज्ञान

स्‍वास्‍थ्‍य को जीवन की एक बहुत महत्‍वपूर्ण निधी माना जाता है। स्‍वास्‍थ्‍य एंव रोग के विषय में प्राकृतिक चिकित्‍सा के अपने कुछ मौलिक सिद्धांत हैं, जिसके उल्‍लंघन पर तमाम रोग होते हैं। हमारे आस पास यानी की हमारी प्राकृति में ही इतनी अनमोल चीज़े छुपी हुई हैं कि अगर हम उनको अपने सेहत को सुधारने के लिए प्रयोग करेगें तो हम हमेशा ही मुस्‍कुराता हुआ जीवन जीएगें। चलिए जानते हैं कि प्रकृति में ऐसी कौन सी चीजे हैं जिनसे हमें लाभ मिल सकता है। 

1.संतुलित खान-पान: स्‍वस्‍थ रहने के इन तरीको को में से सबसे पहला स्‍थान संतुलित खान पान का है। ताजे फल और हरी पत्‍तेदार सब्जियां व अंकुरित अन्‍न इस दृष्ति से सर्वाधिक उपयुक्‍त है। ये आहार स्‍वास्‍थ्‍य को उन्‍नत करने के साथ साथ रोगों से दूर रखते हैं। 

2.मिट्टी से उपचार: शरीर पर तरह तरह की मिट्टियों का लेप लगाने से लाभ होता है। हमारे शरीर को शीतलता देने के लिए मिट्टी का प्रयोग किया जाता है। यह शरीर के दूषित पदार्थ को घोल कर एंव अवशोषित कर पूरे शरीर से बाहर निकाल देती है। 

3.पानी से उपचार: स्‍वस्‍छ, ताजे एवं शीतल जल से अच्‍छी तरह से स्‍नान करना जल चिकित्‍सा का एक बढियां रुप है। इससे शरीर के सभी रंद्र खुल जाते हैं, यही नहीं शरीर में हल्‍कापन और स्‍फूर्ती भी आती है। 

4.उपवास भी है फायदेमंद: उपवास को प्राचीन समय से स्‍वस्‍थ्‍य रहने का उत्‍तम साधन माना जाता है। उपवास पाचन प्रणाली को विश्राम देने की प्रक्रिया में खर्च होने वाली ऊर्जा, शरीर से बीमारियों को बाहर निकालने में लग जाती है, यही उपवास का उद्देश्‍य भी है। अगर आपको स्‍वस्‍थ्‍य रहना है तो हफ्ते में एक दिन जरुर उपवास करें। 

5.मालिश भी है जरुरी: मालिश भी स्‍वस्‍थ रहने के लिए आवश्‍यक है, इसका प्रयोग अंग प्रत्‍यंगों को पुष्‍ट करने हुए शरीर के रक्‍त संचार को उन्‍नत करने में होता है। मालिश से शरीर निरोगे रहता है और स्‍फूर्ति बनी रहती है।

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