शुक्रवार, 15 जून 2012

लों पुराने आयुर्वेदिक टिप्स: इन्हें अपनाएं और पाएं गुणवान संतान


हिन्दू वैदिक मान्यताओं के अनुसार १६ संस्कारों को बहुत जरुरी माना गया है। इन्हीं में से एक बहुत महत्वपूर्ण संस्कार है, पुंसवन संस्कार। पुंसवन का उद्देश्य विकृति रहित, गुणवान संतान की प्राप्ति से है। आयुर्वेद में इस सम्बन्ध में बताये गए कुछ सरल उपाय संतान प्राप्ति में मददगार हो सकते हैं। आयुर्वेद के मनीषियों ने गर्भधारण से सम्बंधित विषयों को बड़ी सहजता से शास्त्रों में उल्लेखित किया है, इसके कुछ पहलु आपके सम्मुख प्रस्तुत है-

- एक महीने तक ब्रह्मचर्य का पालन (अर्थात मन, वचन एवं कर्म से यौन विषयों से एक माह तक दूर रहना) करने वाले पुरुष को उड़द की दाल से बनाई गई खिचड़ी के साथ दूध खाने का निर्देश है, साथ ही मासिक स्राव रुकने से अंतिम दिन (ऋतुकाल) के बाद छठी, आठवीं एवं दसवीं रात को यौन सम्बन्ध बनाने का निर्देश है। परन्तु ऐसा नहीं है कि अयुग्म दिनों में अर्थात पांचवीं, सातवीं एवं नौवीं रात्रि को यौन सम्बन्ध बनाने से संतान की प्राप्ति नहीं होगी।

- ऋतुकाल के बाद की चौथी रात्रि की अपेक्षा,छठी रात्रि एवं छठी की अपेक्षा आठवी रात्रि को यौन सम्बन्ध बनाना संतान प्राप्ति की दृष्टीकोण से अच्छा माना गया है।

- ऋतुकाल के सोलहवें से तीसवें दिन यौन सम्बन्ध बनाना संतान प्राप्ति की दृष्टि से अच्छा नहीं माना गया है।

- आयुर्वेद के मतानुसार ऋतुकाल के सामान्य चार दिनों में से पहले दिन स्त्री से यौन सम्बन्ध बनाना आयु को नष्ट करनेवाला बताया गया है तथा चौथे दिन के बाद यौन सम्बन्ध बनाना संतानोत्पत्ति की दृष्टी से उत्तम माना गया है अर्थात मासिक स्राव के दिनों को छोड़कर ही यौन सम्बन्ध बनाने का निर्देश दिया गया है।

- उत्तम संतान के लिए लक्ष्मणा, वट के नए कोपल, सहदेवा एवं विश्वदेवा में से किसी एक को दूध के साथ पीस कर स्त्री के दाहिने एवं बाएं नासिका छिद्र में डालना चाहिए।

- इस प्रकार गर्भधारण संस्कार में बताये गए नियमों से उत्पन्न संतान बलवान, ओजस्वी व स्वस्थ होती है।

बिना साइड इफैक्ट नींद न आने की परेशानी दूर हो जाएगी

सर्पगन्धा, ये नाम आपने शायद ही सुना हो लेकिन आयुर्वेद में ये बहुत ही उपयोगी जड़ी के रूप में वर्णित है। जैसे कि नाम से ही स्पष्ट हो जाता है, यह सर्प या सांप के काटने पर दवा के नाम पर प्रयोग में आता है। सांप काटने के अलावा इसे बिच्छू काटने के स्थान पर भी लगाने से राहत मिलती है। दो-तीन साल पुराने पौधे की जड़ को उखाड़ कर सूखे स्थान पर रखते है, इससे जो दवा निर्मित होती हैं, उसका उपयोग उच्च रक्तचाप, गर्भाशय की दीवार में संकुचन के उपचार में करते हैं। इसकी पत्ती के रस को निचोड़ कर आंख में दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है। अनिद्रा, हिस्टीरिया और मानसिक तनाव को दूर करने में सर्पगन्धा की जड़ का रस काफी उपयोगी है। इसकी जड़ का चूर्ण पेट के लिए काफी लाभदायक है। इससे पेट के अन्दर की कृमि खत्म हो जाती है।

पहचान- सर्पगन्धा के पौधे की ऊंचाई 6 इंच से 2 फुट तक होती है। इसकी प्रधान मुख्य जड़ प्राय: 20 से. मी. तक लम्बी होती है। जड़ में कोई शाखा नहीं होती है। सर्पगन्धा की पत्ती एक सरल पत्ती का उदाहरण है। इसका तना मोटी छाल से ढका रहता है। इसके फूल गुलाबी या सफेद रंग के होते हैं।

उपयोग- इसकी जड़ भी बहुत उपयोगी मानी जाती है। जिन लोगों को अनिद्रा की समस्या होती है, उनके लिए तो ये जड़ी वरदान है। यदि इसकी जड़ के चूर्ण का सेवन करना चाहें तो इसकी जड़ को खूब बारीक पीसकर कपड़े से छानकर महीन पावडर बना लें। अनिद्रा दूर कर नींद लाने के लिए इसे 2 ग्राम मात्रा में सोने से घण्टेभर पहले ठण्डे पानी के साथ ले लेना चाहिए।

सावधानी- यही मात्रा मानसिक उत्तेजना व उन्माद को शान्त करने के लिए सेवन योग्य है। इसका अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए और बहुत कमजोर शरीर वाले व्यक्ति को भी इसका सेवन किसी वैद्य से परामर्श करके ही करना चाहिए।

बुधवार, 13 जून 2012

फूड प्‍वाइजनिंग: रोकथाम और इलाज


बरतें यह सावधानियां - 
  • खाना बनाने के पहले और बाद में अपने हाथों को धोएं, खास कर कच्‍चा मांस छूने के बाद।
  • कच्‍ची हरी साग-सब्‍जियों को पकाने से पहले या फिर खाने से पहले जरुर धोएं।
  • भोजन को तब तक पकाएं जब तक उसके विषैले तत्‍व बाहर न निकल जाएं। साथ ही खाने को हमेशा साफ कंटेनर में ही रखें।
  • भोजन करने के तुरंत बाद ही बचा हुआ भोजन फ्रिज में रखें।
  • ऐसे खाना न खाएं जो कई देर से खुले में रखा हुआ हो और उसमें से महक आने लग गई हो। इसके अलावा अगर पैकेट पर डेट एक्‍सपायर हो गई हो तो भी उसे न खाएं।
  • टॉयलेट से आने के बाद अपने हाथों को साबुन से जरुर धोएं। अगर आपके घर पर पालतू जानवर है तो भी उसे छूने के बाद हाथों को धोएं।
  • ट्रैवल के दौरान अपने साथ घर का बना गरम और ताजा खाना ही ले जाएं। ठंडा और कच्‍चा खाना तब न रखें जब तक वह छिलके वाला न हो, जैसे केला।
ध्‍यान देने वाली बातें -
  • हमेशा भरोसेमंद स्‍टोर से ही खाने का सामान खरीदें। हमेशा सड़े-गले और किसी तरह की असामान्यता वाले फलों को लेने से बचना चाहिये। खाना अगर पैकेट वाला है तो हमेशा उसकी एक्‍सपायरी डेट को पढ़ लेना चाहिये।
  • अगर साबुत अनाजों में किसी तरह का कीड़ा या भुकड़ी लगी है, तो तुरंत उसे छोड़ कर आगे बढ़ जाना चाहिये।
  • जमे हुए खाने के सामानों को शौपिंग करने के सबसे आखिर में खरीदना चाहिये जिससे घर पर जाते ही वह आपके फ्रिज में जल्‍द से जल्‍द रखा जा सके।
इलाज -
  • अगर यह समस्‍या हल्‍की है तो इसका समाधान बड़े ही आराम से घर पर खूब सारा पानी पी कर किया जा सकता है।
  • शराब, कैफीन या फिर चीनी से भरे ड्रिंक का सेवन बंद कर दें। इस दौरान एलेक्‍ट्रॉल, ग्‍लूकोज़ या फिर शिकंजी का प्रयोग करें।
  • इससे शरीर से जितना पानी निकला होगा वह इन एनर्जी ड्रिंक से वापस आ जाएगा और आप बेहतर महसूस करने लगेंगे।
  • अगर पेट खराब हो गया हो तो ब्‍लैक टी पिएं और एक पेय तैयार करें जिसमें 1 चम्‍मच मेथी के दाने, पानी और मठ्ठा मिला हो, इसे पीने से जरुर राहत मिलेगी।
कब दिखाएं डॉक्‍टर को?
  • अगर साथ में बुखार भी हो।
  • दस्‍त में खून आ रहा हो।
  • अगर बार-बार उल्‍टी हो रही हो और पानी निकल रहा हो।
  • अगर समस्‍या 3 दिन से ज्‍यादा हो रही हो। अगर समस्‍या सीफूड या मशरूम खाने पर हुई हो।
  • अगर पेचिश की शंका हो, मुंह सूख रहा हो, पेशाब कम हो रही हो, चक्‍कर, थकान या फिर हार्ट रेट बढ गया हो और सांस लेने में परेशानी हो रही हो।

ये दो काम करें दिमाग हो जाएगा एकदम शार्प


बढ़ते पढ़ाई व काम के बोझ के कारण आजकल भूलने की बीमारी आम हो चली है। उम्र कोई भी हो यह समस्या किसी के भी साथ हो सकती है। इसी कारण लोग अपने कार्यक्षेत्र में अपना सौ-प्रतिशत नहीं दे पाते हैं। इसलिए याददाश्त बढ़ाने के लिए लोग कई तरह की दवाईयां भी खाते हैं। अगर आपके साथ भी बार-बार भूल जाने की समस्या है तो नीचे लिखी दो यौगिक क्रियाओं से आप इससे छुटकारा पा सकते हैं।

विधि- सीधे खड़े होकर इसमें पैर के दोनों पंजे मिलाकर खड़े हो जाएं, सामने देखते हुए एक सीधे रखें हाथ को जंघाओं से सटे हुए हों। ध्यान को मस्तिष्क पर केंद्रित करें। दस बार तेजी से सांस ले और छोड़े।

- दूसरी क्रिया इसमें ध्यान मस्तिष्क पर केंद्रित करें। ठीक उसी प्रकार सांस लें और छोड़े। फिर सांस भरें और ऊपर की तरफ देखें। ललाट, कनपटी, और मस्तिष्क को शिथिल छोड़ें।
लाभ- इस क्रिया सोचने की शक्ति बढ़ जाती है। मन शांत रहता है। आंखों का व्यायाम भी हो जाता है। मस्तिष्क की शक्ति का विकास होता है। सिरदर्द में ठीक हो जाता है। आंखों की रोशनी तेज होती है। यादादश्त बढ़ती है।

सायटिका का भयानक दर्द खत्म हो जाएगा, सिर्फ दो हफ्तों में


सायटिका एक तरह का भयानक दर्द है जिसका मुख्य कारण सायटिक नर्व है, यह वो नर्व है जो रीढ़ के निम्न भाग से निकलकर घुटने के पीछे की ओर से पैर की तरफ जाती है। शरीर को अधिक समय तक एक ही स्थिति में रखने से यह दर्द बढ़ जाता है यह पेन बहुत असहनीय होता है। अक्सर यह समस्या उन लोगों में होती है जो बहुत समय तक बैठ कर काम करते हैं या बहुत अधिक चलते रहने से अत्यधिक साइकिल, मोटर साइकिल अथवा स्कूटर चलाने से सायटिका नर्व पर दबाव पड़ता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अचानक हड्डियों पर जोर पड़ जाने से भी इस प्रकार का दर्द होता है। इस प्रकार का दर्द अकसर 40 से 50 वर्ष की उम्र में होता है और यह बीमारी बरसात या ठंड के मौसम में ज्यादा तकलीफ देती है। अगर आप भी सायटिका पेन से परेशान है तो आइए हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे आयुर्वेदिक प्रयोग जिनसे सायटिका पेन जल्द ही ठीक हो जाएगा।

आयुर्वेदिक प्रयोग- मीठी सुरंजान 20 ग्राम + सनाय 20 ग्राम + सौंफ़ 20 ग्राम + शोधित गंधक 20 ग्राम + मेदा लकड़ी 20 ग्राम + छोटी हरड़ 20 ग्राम + सेंधा नमक 20 ग्राम इन सभी को लेकर मजबूत हाथों से घोंट लें व दिन में तीन बार तीन-तीन ग्राम गर्म जल से लीजिये।

-  लौहभस्म 20 ग्राम + रस सिंदूर 20 ग्राम + विषतिंदुक बटी 10 ग्राम + त्रिकटु चूर्ण 20 ग्राम इन सबको अदरक के रस के साथ घोंट कर 250 मिलीग्राम के वजन की गोलियां बना लीजिये और दो-दो गोली दिन में तीन बार गर्म जल से लीजिये।

- एरण्ड के बीज की पोटली बनाकर उस से सेंक करें। दर्द से जल्द ही राहत मिलेगी।

- 50 पत्ते परिजात या हरसिंगार व 50 पत्ते निर्गुण्डी के पत्ते लाक र एक लीटर पानी में उबालें। जब यह पानी 750 मिली हो जाए तो इसमें एक ग्राम केसर मिलाकर उसे एक बॉटल में भर लें। यह पानी सुबह शाम पौन कप मात्रा में दोनों टाइम पीएं। साथ ही दो-दो गोली वातविध्वंसक वटी की भी लें।
 

ऐसा एक गिलास जूस आपकी उम्र को कभी ढलने नहीं देगा

आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में हमेशा से ही शहतूत को सेहत के लिये बेहद लाभदायक बताया जाता रहा है। आधुनिक वैज्ञानिक प्रयोगों से भी यही बात साबित और सिद्ध हो रही है। हाल ही में हुई एक शोध में शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि शहतूत में एंटी एज यानी उम्र को रोकने वाला गुण होता है।

अध्ययन में यह पाया गया कि शहतूत बालों के लिये भी बेहद लाभदायक होता है। इसके नियमित सेवन से त्वचा जवां बनी रहती है।परीक्षण के दौरान देखा गया कि शहतूत में दूसरे लाभदायक फलों की तुलना में 79 प्रतिशत ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है।

डेली एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक अध्ययन में पाया गया कि शहतूत के जूस में एंटीऑक्सीडेंट संतरे से दोगुना होता है। इसके अलावा शहतूत में रेजवर्टेरोल पाया जाता है जिसमें स्वास्थ को लाभ पहुंचाने वाला गुण पाया जाता है। रेजवर्टेरोल के बारे में माना जाता है कि यह शरीर में फैले प्रदूषण को साफ  करता है और संक्रमित चीजों को बाहर निकालता है। परीक्षण में पाया गया कि शहतूत में ऐसे गुण पाए जाते हैं जिससे आंखों की गड़बड़ी ठीक हो सकती है। यहां तक कि लंग कैंसर का जोखिम कम हो सकता है और कोलोन और प्रोस्टेट कैंसर से बचा जा सकता है।  

मंगलवार, 12 जून 2012

बालों को लंबा और चमकदार बनाना है तो जरुरी है ये सात चीजें खाना क्योंकि....




बाल लंबे होने के बावजूद एक खास बात जो ब्यूटी निखारती है, वह है बालों की चमक। अगर आप बालों को लंबा और चमकदार बनाना चाहते हैं तो  इसके  सिर्फ अच्छे उत्पादों का इस्तेमाल ही जरूरी नहीं बल्कि बालों की सही देखरेख भी जरूरी है। इसके साथ ही उपयुक्त आहार का सेवन ना किया जाएं तो भी बालों की ग्रोथ रूक जाती हैं। आइए जानें कैसे पायें लंबे बाल।


सामन फिश- भोजन में सामन फिश को शामिल करें। इसमें पर्याप्त मात्रा में ओमेगा 3 व विटामिन बी 12 पाया जाता है। जिससे हेयर फालिकल्स मजबूत होते हैं। अगर ओमेगा ३ और विटामिन बी १२ की कमी हो जाती है तो सिर की त्वचा से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं। साथ ही बाल भी रूखे और बेजान नजर आने लगते हैं।


सेम- सेम में पर्याप्त मात्रा में फाइबर्स पाए जाते हैं। एक कप पके हुए बीन्स में कम से कम 9 से 13 ग्राम फाइबर पाया जाता है। इसमें प्रोटिन पर्याप्त मात्रा में होता है इसलिए ये बालों के विकास में मदद करता है।


साबुत अनाज- साबुत अनाज खाने से भी बाल स्वस्थ होते हैं। साबुत अनाज में विटामिन बी, जिंक व आयरन पाया जाता है। ड्राय फ्रूटस- बादाम, काजू, मुंगफली, अखरोट आदि के पर्याप्त मात्रा में सेवन से ओमेगा ३, खनिज, सेलेनियम व जिंक आदि मिलते हैं जिससे बाल हेल्दी और शाईनी बन जाते हैं।


हरी सब्जियां- ब्रोकली, पालक व अन्य हरी सब्जियों में आयरन, विटामिन्स, कैल्शियम आदि मिलते हैं जो बालों की अच्छी ग्रोथ के लिए बहुत आवश्यक है।अंडे- अंडे में प्रोटिन, विटामिन बी 12, बायोटिन आदि पाए जाते हैं। इसे पकाते समय थोड़े आइल या बटर का उपयोग करें तो ये विटामिन और प्रोटिन बनाने में मदद करता है।


गाजर- हेल्दी स्केल्प और बालों की नेचुरल कंडिशनिंग के लिए गाजर का सेवन बहुत अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है।


लो-फैट डेयरी प्रोडक्टस- लो-फेट डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दही व पनीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। बालों को हेल्दी बनाना है तो इनका सेवन भी बहुत जरुरी है।

Featured post

इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं

महिलाएँ ...इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं।   तो ये है इस फ़ार्मूले का राज... 👇 जन्म वर्ष के केवल आख़री दो अंकों क...