शनिवार, 16 नवंबर 2024

तिथियां और मुहूर्त

 नजूमी जी की कलम से -

 जो भी हो उपाय जिंदगी में सिर्फ एक बार किए जाते हैं जैसे कि वीराना शमशान तथा नदी में दबाने वाले कार्य यह सभी के सभी रिक्ता तिथि में किए हुए ही लाभदायक तथा संपूर्ण होते हैं✍️ 

 जो भी घर में किए जाएं जैसे कि हरिवंश पुराण की कथा गायत्री पाठ दुर्गा आराधना सरस्वती आराधना किसी भी प्रकार का पूजा पाठ जो घर के अंदर किया जाए नंदा तिथि सर्वोत्तम है ✍️

 जो भी उपाय शुक्र शनि (पाप ग्रह) से संबंधित तथा क्रूर ग्रह सूर्य मंगल तथा दूषित बुद्ध से संबंधित उपाय ग्रह दोष निवारण भद्रा में सर्वोत्तम फल देते हैं ✍️

 जो भी उपाय शुभ ग्रहों की ताकत में बढ़ोतरी हो जाए ऐसे उपाय के लिए जया तिथि सर्वोत्तम है ✍️

 जो भी सरल उपाय धर्मस्थल इत्यादि में अर्पण पूजा-पाठ गंगा स्नान इत्यादि है यह सब उनके सभी पूर्णा तिथि में सर्वोत्तम है✍️ 

 भद्रा और रिक्ता तिथि सर्वदा ही अशुभ नहीं होते - भद्रा तिथि फैक्ट्री दैत्यकार मशीनरी पत्थर पहाड़ तोड़ने वाली मशीनें लोहा काटने वाली मशीन बड़ी-बड़ी अग्नि कार्य से संबंधित भठियाँ तंदूर पुल निर्माण शस्त्र निर्माण दैत्यकार वाहन जैसे की जेसीबी ट्रेलर इत्यादि कार्य अत्यंत शुभ तथा निर्विघ्न रूप से पूर्ण होते हैं संचालन सही रहता है। 

इसी तरह से रिक्ता तिथि युद्ध, कोर्ट कचहरी, तंत्र से संबंधित उच्चाटन मारण, शास्त्रार्थ, डाका, शत्रु प्रहार, कोई भी ऐसे अशुभ कार्य जो जिंदगी में एक बार ही करना पड़े इस तरह के लिए यह तिथि प्रभावी तथा कार्य की संपूर्णता की उम्मीद की जा सकती है। 

नन्दा तिथियाँ – दोनों पक्षों की 1 , 6 और 11 तिथि अर्थात प्रतिपदा, षष्ठी व एकादशी तिथियाँ नन्दा तिथि कहलाती हैं । 

भद्रा तिथियाँ – दोनों पक्षों की 2, 7, और 12 तिथि अर्थात द्वितीया, सप्तमी व द्वादशी तिथियाँ भद्रा तिथि कहलाती है । 

जया तिथियाँ – दोनों पक्षों की 3 , 8 और 13 तिथि अर्थात तृतीया, अष्टमी व त्रयोदशी तिथियाँ जया तिथि कहलाती है । 

रिक्ता तिथियाँ – दोनों पक्षों की 4 , 9, और 14 तिथि अर्थात चतुर्थी, नवमी व चतुर्दशी तिथियाँ रिक्त तिथियाँ कहलाती है । 

पूर्णा तिथियाँ – दोनों पक्षों की 5, 10 , 15 , तिथि अर्थात पंचमी, दशमी और पूर्णिमा और अमावस पूर्णा तिथि कहलाती हैं ।

कोई भी तिथि शुभ या अशुभ नहीं परंतु कार्यों के हिसाब से सबके अपने-अपने प्रभाव हैं - सिर्फ एक ही लाइन के "रिक्ता तिथि में उपाय नहीं करनी चाहिए"  से भ्रमित ना हो - सभी तिथियां महत्वपूर्ण है

बुधवार, 21 अगस्त 2024

बिस्तर पर पेशाब कर देना

 7 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का बिस्तर पर पेशाब कर देना एक आम बात है ऐसा हमारे साथ भी हुआ है बचपन में हम भी करते थे लेकिन 7 वर्ष की उम्र से ज्यादा उम्र हो जाने पर अगर ऐसी अवस्था हो तो इसमें ब्लैडर कैपेसिटी की समस्या तथा स्वप्न में भ्रम की स्थिति के कारण ऐसा होता है

ज्यादा विस्तार में ना जाकर सिर्फ उपाय तक
सफेद नमक की पांच डलिया, दो सुपारी तथा एक पानी वाला नारियल ( पका हुआ हो लेकिन पूरी तरह से सूखा ना हो) शनिवार के दिन सिर से लेकर पैर तक 5 बार उसारा (वारना) करके बहते हुए पानी में प्रवाहित कर देने से यह समस्या ठीक हो जाती है - 5 शनिवार विधिवत करें। उपाय इजाजत सहित है।
उपाय करने के बाद समस्या का समाधान या फल जैसे भी फलीभूत अनुभव करें दक्षिणा के तौर पर 11 केले मंदिर में तथा एक केला आशीर्वाद स्वरुप बच्चे के हाथ में "नजूमी जी" के नाम से

सर्दी जुकाम हो नाक बंद हो तुरंत राहत मिलती है

 गेहूं का आटा 50 ग्रामडालडा 10 ग्राम

चीनी 50 ग्राम( स्वाद अनुसार कम या ज्यादा)
दूध 1 पाव ( ऑप्शनल)
कड़ाही में गेहूं का आटा डालकर हल्का सा भून लें जब आटा सफेद से कलर चेंज करें उसी समय डालडा डाल देना है ( देसी घी या रिफाइन तेल बिल्कुल नहीं सिर्फ डालडा ही इस्तेमाल करना है )- पूरा ब्राउन कलर होने तक भूनना है बस ध्यान रखें आटा जलना नहीं चाहिए।
उसके बाद आटे में पानी डालकर चीनी डालकर पतला सा सूप के जैसा पकाना है, जब अच्छे से पानी पक जाए या तो पतला सा ही गरम-गरम खा ले अगर स्वाद बढ़ाना है तो दूध डालकर फिर से पकाकर सूप के जैसा कर ले। किसी बर्तन में डालकर गर्म गर्म ही चमचे से खाने और खाने के बाद कम से कम आधे घंटे के लिए चादर ओढ़ कर सो जाएं
कैसा भी सर्दी जुकाम हो नाक बंद हो तुरंत राहत मिलती है यह फार्मूला मैंने कई बार आजमाया है बहुत ही कारगर है.

पुराना नजला और सर्दी जुखाम दूर करने के लिए 5 ग्राम दालचीनी, 5 ग्राम छोटी पीपल, 5 ग्राम जायफल, 5 ग्राम लौंग, 5 ग्राम जावित्री इन सभी को अच्छी तरह से पीसकर पाउडर कर लें. एक डिब्बी में भर कर रख दें. अब 5 ग्राम एक गिलास पानी में डालकर उबालें. जब पानी आधा गिलास रह जाए तो छानकर उस पानी में एक चम्मच शहद मिला कर पी लें. उसके बाद कोई भी गर्म कपड़ा लेकर सिर्फ मुंह ढक कर सो जाएं. ऐसा करने से जितना भी सिर में नजला इकट्ठा हुआ है, वह उल्टी के रास्ते से या फिर टॉयलेट के रास्ते से निकल जाएगा। --------------------------------------------------- सर्दियों के दिन में 5 ग्राम तुलसी के पत्ते 5 ग्राम काली मिर्च तथा 5 ग्राम देसी घी इन सभी का एक साथ एक साथ पीसकर लुग्दा बनाकर दूध या गर्म पानी से सर्दी के दिनों में सप्ताह में एक बार ही सेवन करने से पूरे सप्ताह भर वात दोष से लेकर सर्दियों में होने वाले समस्त रोगों की शांति होती है।

जोड़ों के दर्द तथा वात रोग के लिए तम्बाकू का तेल

 एक अरंडी का बीज लेकर छिलका निकाल कर अच्छी तरह से चबाकर 300ml चाय के जैसे गर्म पानी के साथ पहले दिन एक बीज, दूसरे दिन दो बीज इसी प्रकार 7 दिन लगातार एक बीज बढ़ाते हुए खाना है फिर आठवें दिन से 6 बीज नॉर्वे दिन 5 बीज यानी की 7 दिन क्रम अनुसार बढ़ाते हुए खाना है फिर 7 दिन क्रम अनुसार घटाना है। यह नुकसा आजमाइसी है, लगभग बहुत से लोगों को लाभ हुआ है।

अरंडी के बीजों में ओलिक एसिड, रिकिनोइलिक एसिड, लिनोलिक एसिड और अन्य फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, गठिया, जोड़ों के दर्द वात रोग दाद खाज खुजली तथा अगर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में रुकावट हो दूर होती है , कब्ज की हर प्रकार की बीमारी का दुश्मन है। मासिक धर्म संबंधित दोष तथा दर्द दूर होते हैं। परंतु जिन स्त्रियों को अभी और संतान की इच्छा हो ऐसी स्त्रियां लेने से बच्चे मेरे निजी सुझाव के अनुसार यह एक गर्भनिरोधक का कार्य करता है - स्त्रियों के द्वारा सेवन करने से संतान उत्पत्ति बाधा उत्पन्न कर सकता है।

जोड़ों के दर्द तथा वात रोग के लिए तथा चमड़े की बीमारी और बालों में लगे कीड़े या बाल झड़ना संबंधित बीमारियों के लिए बहुत ही उपयोगी आजमायसी तम्बाकू का तेल

ढाई किलो तंबाकू के पत्ते लेकर या तंबाकू लेकर साढ़े 7 लीटर पानी में शाम के समय आधा घंटा पीकर छोड़ दे और सुबह में पानी में अच्छी तरह से तंबाकू के पत्तों को मलकर पानी को निचोड़ लें किसी कपड़े की मदद से तत्पश्चात 1 लीटर तिल का तेल लेकर हल्की-हल्की मीठी आज में तेल और तंबाकू के पानी को पकाएं जब पानी खत्म हो जाए तेल को किसी मिट्टी के बर्तन में या कांच के बर्तन में स्टोर करके रख ले यह तेल गठिया वात चर्मरोग तथा तथा बाल झड़ने जैसे इत्यादि रोगों में बहुत ही लाभदायक है। हालांकि मेरे धर्म रीति अनुसार मैं इसका स्वप्रयोग तो नहीं किया परंतु अन्य को प्रयोग करवाया है

रविवार, 11 अगस्त 2024

धूप और उनके प्रयोग








 

जीवन की दशा और दिशा बदल सकते हैं यह मंत्र

 

पी. ए. बाला

कभी कभी जीवन में बहुत कष्ट बाधा आती है, हम लाख अच्छा कर लेवें, लोग हमसे खुश नही रहते, हमारे कार्य से संतुष्ट नही होते, पीठ पीछे हमारी बुराइयां करते हैं, हमारे कार्यों में बाधा करते हैं । हमारी पूरी ज़िंदगी अपने आपको दूसरे लोगों को मनाने समझाने उनके सामने अपने आपको सही साबित करने में पूरी हो जाती है, हमारे कई शुभ कार्य अनेक लोगों की वजह से अटके पड़े होते हैं, हम ऐसे कार्यक्षेत्र में होते हैं जहाँ हमारी वाणी और व्यक्तित्व ही सब कुछ है , किसी वजह से हम अगर अपना प्रभाव जमाने में नाकाम होते हैं तब सामने वाला हमपर हावी होता है, हमारी अच्छी बातें किसी के सामने नही आ पाती और लोगों में सिर्फ हमारी बुराइयां ही प्रचलित हो जाती है , कई बार ग्रह-गोचर की वजह से भी कई बार ऐसी विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थितियों से उबरने के लिए आज मैं आपको 2 अति तीव्र प्रभावकारी मन्त्र बता रहा हूँ, जो आपकी किसी भी कार्य सिद्धि के लिए सहायक है और लोगों पर अपना प्रभाव व आकर्षण जमाने में बेहद असरकारक है । इन मंत्रों को जप करने का कोई कठोर नियम नही है, यह स्वयं सिद्ध मन्त्र हैं, इसीलिए इनको सिद्ध करने की आवश्यकता नही है, थोड़ी संख्या में जप करने से यह प्रभाव दिखाने लगते हैं । शुरुआती दौर में आप इसे 21 बार प्रति मन्त्र ही प्रतिदिन करते हैं, तब भी यह अपना प्रभाव दिखाने में सक्षम हैं। आप इन्हें अपनी नित्य पूजा में शामिल कीजिये, यह आपको लाभ देंगे । मंत्र इस प्रकार हैं :

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कार्य सिद्धि मन्त्र : 21 बार रोज
ॐ नमो राजा प्रजा मोहिनी मम सर्व कार्यम् कुरू कुरू स्वाहा ।।
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सर्वजन वशी*करण मंत्र : 21 बार रोज
ॐ नमः शक्तिरूपाय सर्वजनम् मे वश्यम् कुरु कुरु स्वाहा ।।

सर्व कार्यसिद्धि तंत्रोक्त उपाय

 


पी. ए. बाला

आज आपको ऐसे सरल तंत्रोक्त यांत्रिक उपाय बता रहा हूँ जो कि सर्व कार्यसिद्धि के लिए है, यह करने में बेहद सरल और सात्विक है। एक सफेद कागज़ पर हरे रंग की स्याही से चित्र में बताया यंत्र बना लीजिए, उसे फोल्ड करके एक मिट्टी की छोटी कलसी (लोटा) में आधा सेंधा नमक भर लेवें, फिर यह यंत्र उसमें रख देवें, उसके ऊपर फिर सेंधा नमक डाल कर पूरा भर देवें , ऊपर मिट्टी के बने ढक्कन से उसका मुँह बन्द करके, काले कपड़े से उसका मुँह बांध देवें , और संध्या समय किसी सुनसान जगह पर गाढ़ देवें , पलट कर आ जाएं , पीछे मुड़ कर न देखें । इस प्रयोग को किसी भी दिन किया जा सकता है । यह यंत्र मैंने हिंदी की गणित में बनाया है, आप चाहें तो आप यह अंग्रेजी गणित में भी बना सकते हैं । यह प्रयोग सभी प्रकार की कामनाओं की सिद्धि अभिलाषा पूर्ण करने में सहायक है , करके देखें अवश्य लाभ मिलेगा ।

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